भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 में कहा गया कि भारत 750 बिलियन यू.एस डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर तक के विदेशी मुद्रा भंडार को लक्षित कर सकता है। दिसंबर 2019 तक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से यू.एस सरकारी बॉन्ड और संस्थागत बॉन्ड के रूप में यू.एस डॉलर के साथ सोने में लगभग 6% विदेशी संचय से बने हैं ।

देश में लगातार बढ़ रहा विदेशी मुद्रा भंडार : नंदकिशोर

पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने विदेशी मुद्रा समय क्या है? कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था हर मोर्चे पर कामयाबी हासिल कर रही है। चाहे औद्योगिक विकास हो, कृषिगत विकास या फिर प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की बात हो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सतत् विकास कर रहा है।

बुधवार को जारी विदेशी मुद्रा समय क्या है? बयान में नंदकिशोर ने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार इजाफा हो रहा है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की समृद्धि का परिचायक है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा। इस सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंचा था।

कोरोना काल में इन पांच कारणों से बढ़ी भारत की विदेशी दौलत, आखिर क्या है इसका राज

India's foreign wealth increased due to 5 reasons in Corona period

नई दिल्ली। दुनिया की किसी भी विदेशी मुद्रा समय क्या है? इकोनॉमी में विदेशी मुद्रा भंडार एक अहम स्थान होता है। इस दौलत से किसी भी देश को विदेशों से सामान मंगाने में काफी आसानी होती है। साथ ही आप अच्छी इकोनॉमी में गिने जाते हैं। अगर बात भारत की करें तो मौजूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार अपने चरम पर है। वो भी तब जब देश कोरोना वायरस के मामले में दूसरे नंबर है। जीडीपी के आंकड़े माइनस विदेशी मुद्रा समय क्या है? में है। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के पास मौजूदा समय में 575 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। जिसमें लगातार दो महीनों से इजाफा हो रहा है, लेकिन इसकी शुरुआत जून से ही शुरू हो गई थी, जब देश के इस भंडार ने 500 अरब डॉलर का आंकड़ा छुआ था। खास बात तो ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष में यह इजाफा 163 बिलियन डॉलर का हो चुका है। सवाल ये है कि आखिर ऐसे कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कोरोना काल में आसमान पर पहुंच गया। आइए आपको भी बताते हैं।

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