यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

क्या है SIP के जरिए Mutual Fund में निवेश का सही तरीका? कैसे बनें स्मार्ट इन्वेस्टर

Mutual Fund में SIP या दूसरे तरीकों से निवेश का मतलब यही है कि बुरे वक्त में निवेश जारी रखा जा सके। स्मार्ट इन्वेस्टर इस बात का अनुमान नहीं लगाते कि मार्केट किस दिशा में जा रहे हैं। वो निवेश का सही जरिया तलाश लेते हैं।

धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। कंपनी की बुनियादी बातों पर ध्यान देने वाले उनके लाभ, वृद्धि, मूल्यांकन जैसी बातों को अच्छी तरह से जानते हैं। यह सब जानना-समझना ही कई साल के निवेश में सही नतीजे देता है। यह बातें किसी एक दिन का नंबर तय नहीं करतीं। स्क्रीन पर नजर आने वाले नंबर मौजूदा दामों पर होने वाली सप्लाई और डिमांड के आधार पर तय होते हैं।

डिमांड ज्यादा होने पर दाम तब तक ऊपर जाते हैं जब तक दोनों एक ही स्तर पर नहीं आ जाते। यही माइक्रो-इकोनमिक्स की सबसे बुनियादी बात है। शेयर मार्केट एक शानदार प्रयोगशाला है जिसमें इसी का अध्ययन होता है।

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शेयर मार्केट में बदलाव अचानक क्यों होते हैं

असल अर्थव्यवस्था में सप्लाई-डिमांड और धन की सप्लाई में मायने रखने वाला बदलाव कई महीनों या वर्षों में आता है। शेयर मार्केट में यह कुछ ही दिनों, घंटों या मिनटों और सेकेंडों में हो जाता है। बुनियादी कारकों के आधार पर चलने वाले निवेशक जिन बातों पर भरोसा करते हैं वो केंद्र में बनी रहती हैं, मगर शार्ट-टर्म के बदलावों का चक्र अलग होता है।

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आखिर इन शार्ट-टर्म बदलावों को क्या ड्राइव करता है? कभी आप टीवी पर कोई बिजनेस चैनल खोलें या किसी न्यूज वेबसाइट को देखें तो पाएंगे कि हाल ही के किसी आकंड़े या घटना का कारण बताया जाएगा। इसमें, तेल के दाम, ब्याज दर, राजनीतिक घटनाएं या कुछ भी हो सकता है।

बाजार कैसे अपनी दिशा बदलता है

असल में ज्यादातर को इन बदलावों के कारण और तर्क पता नहीं होते। सच तो ये है कि इनका पता नहीं लगाया जा सकता। जो कारण आपको मीडिया और सोशल मीडिया से पता चलते हैं, वो घटना के बाद की ईजाद होते हैं। जो स्टाक में निवेश करते हैं उनके पास दूसरी कई तरह की जानकारियों पर आधारित विश्लेषण होते हैं, जो इससे भी विस्तृत होते हैं। आप कैसे अनुमान लगाएंगे कि मार्केट ऊंचाई पर हैं या नीचे।

अनुमान पर आधारित आंकड़े या मान्यताओं पर बने नियमों को यह कह कर प्रमोट किया जाता है कि मार्केट इतना ऊंचा है कि वो अब जल्द ही गिरने वाला है या फिर इतने नीचे है कि अब बढ़ना शुरू हो जाएगा। मिसाल के तौर पर- रिकार्ड हाई वैल्युएशन, इक्विटी में बड़ी संख्या में नए निवेशकों का आना, इक्विटी मार्केट में वाल्यूम का ज्यादा होना और इसी तरह की दूसरी स्थितियां मार्केट के शीर्ष पर होने के संकेत माने जाते हैं। मार्केट का नीचे होना इन सब बातों का उलटा होना होता है। आपको क्या लगता है कि ये संकेत काम आते हैं। काम आने से मतलब है कि इन संकेतों से आप जान सकें कि मार्केट अपनी दिशा बदलेगा।

एसआईपी से मार्केट क्रैश की चिंता नहीं

सच तो ये है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। जैसे टीवी एंकर हर रोज के बदलावों के कारण बताते हैं, वैसे ही ये भी बाद में दिए गए स्पष्टीकरण हैं। हालांकि अपवाद हमेशा ही होते हैं। सही होगा, अगर आप मार्केट की चाल को लेकर अपने (या दूसरों के) विश्वास के आधार पर कभी निवेश न करें।

निवेशकों को अपना निवेश, भविष्य के अनुमान पर न करके इन्वेस्टमेंट की क्वालिटी पर, और उस दाम पर करना चाहिए, जो सही आंतरिक कारकों पर आधारित हो। म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए समस्या से निबटना और भी आसान है। उन्हें दो या तीन इक्विटी फंड चुनने चाहिए, जिनका लंबे अर्से का अच्छा रिकार्ड हो। उन्हें अपना निवेश एसआइपी के जरिये किस्तों में करना चाहिए और मार्केट क्रैश की चिंता नहीं करनी चाहिए।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 23, 2021 16:06 IST

दिवाली पर कीजिए. - India TV Hindi

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। इसी हफ्ते सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।

यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैं;क की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)

म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।

म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?

आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।

कैसे खुलवाएं खाता

पहले करवाएं केवाइसी

म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।

कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड

केवाईसी सत्यापन क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।

सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर

सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?

म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्‍यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।

अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?

छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।

Mutual Fund SIP : रोज 1233 रुपए का निवेश आपको 12 साल में बना देगा करोड़पति, जानि‍ए कैसे

अगर आपको 10 से 12 सालों में एक करोड़ से ज्‍यादा फंड एकत्र करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको म्‍यूचुअल फंड की ओर जाना होगा। जिसमें आप हर महीने एसआईपी कर 10 से 12 सालों में एक करोड़ रुपए से ज्‍यादा फंड जमा कर सकते हैं।

Mutual Fund SIP : रोज 1233 रुपए का निवेश आपको 12 साल में बना देगा करोड़पति, जानि‍ए कैसे

अगर आपने सपने में बड़ी लॉटरी लगते देखा है तो इसका मतलब है कि असल जिंदगी में आपकी कोई विश पूरी होने वाली है।

कोरोना काल में हर किसी को अपने भविष्‍य की चिंता है। अपने भविष्‍य को सुरक्षि‍त करने के लिए निवेशक कई योजनाओं में निवेश कर रहे हैं। लेकिन अगर आपको 10 से 12 सालों में एक करोड़ से ज्‍यादा फंड एकत्र करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको म्‍यूचुअल फंड की ओर जाना होगा। जिसमें आप हर महीने एसआईपी कर 10 से 12 सालों में एक करोड़ रुपए से ज्‍यादा फंड जमा कर सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कैसे।

अगर 10 से 12 लासों में आप 1 करोड़ रुपए का फंड जमा करना चाहते हैं तो आपको प्रति माह कितना निवेश करना जरूरी है। ताकि आपको मैच्‍योरिटी के बाद एक टैक्‍स रुपया मिल सके। इसके लिए क्‍या आपको हाई रिस्‍क इंवेस्‍टमेंट करने की जरुरत है। क्‍या आपने मिड कैप, स्मॉल कैप, लार्ज कैप, सेक्टोरल और थीमिक फंड, डायवर्सिफाइड फंड आदि में निवेश किया है।

इन क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए सभी सवालों का जवाब है। जानकारों की मानें तो 10 वर्षों में 1 करोड़ का फंड बनाने के लिए और पोस्‍ट टैक्‍स रिटर्न के लिए 10 फीसदी का ब्‍याज के साथ रिटर्न लेने के लिए आपको 50 हजार रुपए प्रति माह का निवेश करना होगा। अगर आप इसे 12 साल में एक करोड रुपए का फंड जमा करने के लिए आपको हर महीने 37,000 रुपए प्रति का निवेश करना होगा।

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यानी आप हर रोज 1233 रुपए का निवेश करके अपने टारगेट तक पहुंच सकते हैं। इस टारगेट को प्राप्त करने के लिए इक्विटी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश करने की आपकी योजना सही है। इसके लिए आपको कुछ फंडों पर विचार कर सकते हैं, जिन्होंने इस टारगेट का ध्यान रखने के लिए विभिन्न मार्केट सर्किल में बेहतर रिटर्न दिया है।

इन फंड में कितना दिया रिटर्न : – एचडीएफसी / आईसीआईसीआई / एसबीआई निफ्टी इंडेक्स फंड ने 20 फीसदी का रिटर्न दिया है।
– पराग पारिख फ्लेक्सीकैप फंड ने 20 फीसदी का रिटर्न दिया है।
– यूटीआई फ्लेक्सीकैप फंड ने 15 फीसदी का रिटर्न दिया है।
– मिराए एसेट लार्ज कैप फंड ने 15 फीसदी का रिटर्न दिया है।
– केनरा रोबेको इमर्जिंग इक्विटीज फंड ने 15 फीसदी का रिटर्न दिया है।
– डीएसपी मिड कैप/ एक्सिस मिड कैप ने 15 फीसदी का रिटर्न दिया है।

जानकारों की मानें तो आमतौर पर लांग टर्म टारगेट के लिए डी-रिस्किंग स्‍ट्रैटिजी का पालन करना बेहतर होता है, जहां आप अपने टारगेट से एक साल पहले हर महीने जमा राशि को धीरे-धीरे निकालना शुरू करते हैं। यह आपके सभी फंडों में एक व्यवस्थित निकासी योजना यानी एसडब्ल्यूपी करके किया जा सकता है। आप भी नौवें वर्ष के अंत तक निवेश करने की योजना बना सकते हैं और दसवें वर्ष के पहले महीने से एसडब्ल्यूपी शुरू कर सकते हैं।

यदि आप इस स्‍ट्रैटिजी की योजना बनाते हैं, तो आपको 9 साल के लिए हर महीने 56, 000 रुपए की एसआईपी करनी होगी। अगर आप 12 साल में टारगेट तय करते हैं तो आप 11 साल के लिए 41,000 रुपए की एसआईपी कर सकते हैं और फिर बारहवें साल के पहले महीने रुपया निकाल सकते हैं।

म्यूचुअल क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए फंड (Mutual Fund) में SIP के जरिए शुरू करें निवेश, लॉन्ग टर्म में होगा बड़ा फायदा

Mutual Fund SIP

Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं (Global Economy) में भारी गिरावट का माहौल है. ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की वजह से शेयर बाजार (Share Market) में भी भारी उठापटक देखने को मिल रही है. जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में उठापटक का फायदा निवेशकों को उठाना चाहिए और इसके लिए निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश शुरू कर देना चाहिए. जानकारों के मुताबिक निवेशकों को म्यूचुअल फंड (MF) में SIP के जरिए निवेश करने से लॉन्ग टर्म में काफी बड़ा फायदा हो सकता है.

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए SIP अच्छा ऑप्शन
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने के लिए SIP को सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. SIP के जरिए निश्चित रकम को तय समय के अंतराल में निवेश किया जाता है. SIP म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करने का सबसे बढ़िया तरीका है, इसके जरिए निवेशकों में बचत की आदत पड़ती है. SIP से लॉन्ग टर्म में अच्छा खासा फंड बनाया जा सकता है.

सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश से कई फायदे
सिप (SIP) में पैसा बैंक से हर माह सीधे बैंक से चला जाता है. इसके अलावा हर महीने SIP के लिए कई तारीखों में किसी को भी चुनने का मौका मिलता है. निवेशक सिप अमाउंट में कभी भी कमी या बढ़ोत्‍तरी कर सकता है. अगर निवेशक को पैसों की जरूरत हो क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए तो बीच में कुछ पैसा निकाल भी सकता है. ऐसा करने से सिप पर फर्क नहीं पड़ता है और वह चलती रहती है. यही नहीं SIP को कितने भी समय के लिए किया जा सकता है. SIP में कंपनियां न्‍यूनतम 500 रुपए या 1 हजार रुपए से शुरू कर सकते हैं, लेकिन अधिकतम की कोई सीमा नहीं है. निवेशक को जब भी जरूरत हो स्‍टेटमेंट ले सकता हैं. यह स्‍टेटमेंट उसी दिन तक का अपडेट भी होता है.

निवेशक अपने निवेश की वैल्‍यू रोज जान सकता है. सभी म्‍युचुअल फंड (Mutual Funds) कंपनियां अपनी हर योजना की नैट आसेट वैल्‍यू (NAV) रोज रोज घोषित करती हैं. निवेशक चाहे तो म्‍युचुअल फंड (Mutual Fund) स्‍कीम्‍स में डिविडेंड (Mutual Fund Dividend) के विकल्प का भी चुनाव कर सकते हैं.

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूजनेशनटीवीडॉटकॉम की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का newsnationtv.com से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

Mutual Fund kya hai kaise kam karta hai

दरसल इसमे निवेशक के समुह मिलकर स्टाॅक या अन्य किसी सिक्युरिटीज मे निवेश करते है| म्यूचुवल फंड मे एक फंड प्रबंधक होतो है जो की फंड को किसमे निवेश करना है यह निर्धारित करता है| उनमे होनेवाले लाभ और हानी की जानकारी रखता है| होनेवाले लाभ और हानी को निवेशको मे बाटता है|

स्टाॅक मार्केट मे जानकारी नहीं होनेवालो को या उसमे निवेश करने की इच्छा रखनेवालो को म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन जरिया है|

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दरसल म्यूचूवल फंड चलानेवाला फंड मॅनेजर एक प्रोफेशनल, एक्स्पर्ट और अनुभवी पर्सन होतो है| इसमे निवेशको को इस बात की चिंता करने की जरुरत नहीं पडती की शेअर खरिदना है या बेचना है, म्यूचुवल फंड मे यह सब चिंता फंड मॅनेजर की होती है|

फंड कंपनी को चलाने के लिये फंड मॅनेजर के निचे एक टिम भी काम करती है जो की फंड मे बदलाव करने पर रिसर्च करती रहती है|

म्युचूवल फंड मे निवेश करने के क्या फायदे है ?

आपको अगर स्टाॅक मार्केट की जानकारी नहीं है तो आप इन-डायरेक्टली म्यूचुवल फंड की मदत से स्टाॅक मार्केट मे निवेश कर सकते हैं|

जादातर लोग अपने पैसे बॅक एफडी मे निवेश करते है| बॅक मे निवेश करने से आपको जादा से जादा ५ से ६% रिटर्न मिलता है पर अगर आप म्यूचुवल फंड मे निवेश करते है तो कम से कम बॅक से तो अच्छे रिटर्न्स आपको मिलेंगे ही मिलेंगे|

अगर आप डायरेक्टली स्टाॅक मार्केट मे निवेश करते है तो आपको हर एक स्टाॅक किंमत पर नजर रखनी होती है कब कौनसा स्टाॅक बेचना है कब क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए कौनसा स्टाॅक खरिदना है यह आपको देखना पडता है और अगर आपको शेअर मार्केट (स्टाॅक मार्केट) की अच्छे से जानकारी नहीं है तो आप आपका सारा पैसा गवा सकते हैं |

शेअर मार्केट की जगह आप म्यूचुवल फंड मे निवेश करते है तो आपको यह सब नहीं देखना पडता वो सब फंड मॅनेजर को देखना पडता है आपको सिर्फ एक अच्छे फंड मॅनेजर और उस फंड कंपनी की रेटिंग देखके उस फंड मे इनवेस्ट कर करना होता है|

म्यूचुवल फंड के प्रकार ?

१. इक्विटी फंड:

इसमे कंंपनी सब निवेशको के पैसै इकठ्ठा करके इक्विटी शेअरो मे लगा देती ही| यह फंड हाईली रिस्की माना जाता है|

२. डेब्ट फंड:

३. बैलेंन्स फंड:

इसमे फंंड कंपनी निवेशको का पैसा इक्विटी और डेब्ट दोनो मे इनवेस्ट करती है|

४. गिल्ट फंड:

यह फंड सबसे सुरक्षित माना जाता है| इसका सारा पैसा कंपनी सरकारी योजनांचा मे लगा देती है| इसमे सरकार का बॅकअप भी रहने के कारण यह फंड सबसे जादा सुरक्षित और अच्छा माना जाता है|

मै कौन से म्यूचवल फंड मे निवेश करु?

भारत मे बहुत सारे म्यूचवल फंड मौजुद है| आप म्यूचूवल फंड की पिछले सब रेकाॅर्ड यांनी कितनी साल में कितना निचे या उपर गया है यह देखके भी निवेश कर सकते हैं|

आप अलग अलग म्यूचुवल फंड संस्था द्वारा दि गई रेटींग के आधार पर आप किसी अच्छे म्यूचुवल फंड मे निवेश कर सकते हैं| पर जादातर रेटिंग बदलती रहती है| आप फंड मॅनेजर को कौन चला रहा है उसे कितना अनुभव है इसके आधार पर भी म्यूचुवल फंड मे निवेश कर सकते हैं | या आप अपने पसंद अनुसार किसी फंड मे निवेश कर सकते हैं जैसे आपको ऑटो सेक्टर जानकारी जादा है तो आप ऑटो सेक्टर के किसी फंड मे इनवेस्ट कर सकते है|

आपको फार्मा सेक्टर का भविष्य आगे जाके अच्छा लग रहा है तो आप फार्मा सेक्टर के किसी फंड मे आप अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं| किसी को सोने और चांदी की समज जादा हो तो वह किसी असेट्स म्यूचुवल फंड मे अपना पैसे इनवेस्ट कर सकते हैं| आपके हिसाब से आप किसी भी म्यूचुवल फंड मे अपना पैसा लगा सकते हैं|

म्युच्यूवल फंड क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए मे इनवेस्ट करने के लिये सुरुवात कहा से करे ?

म्यूचुवल फंड के कई सारे संस्था से आप सिधे संपर्क करके आप अपना अकाऊंट निकाल सकते हैं| अगर आपको ऑनलाईन प्रक्रिया की थोडी बहोत भी जानकारी है तो आप म्युच्यूवल फंड कंपनी मे घर बैठे ही रजिस्टर करके इनवेस्ट कर सकते हैं|

म्यूचुवल फंड मे इनवेस्ट करने के लिये बेहतरीन ऐप्स कौनसी है?

निचे दिये गये लिंक से आप क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए किसी भी एक ऐप मे रजिस्टर ( आधार ऑनलाईन केवायसी) करके आप म्यूचुवल फंड मे इनवेस्टमेंट चालु कर सकते हैं|

क्या आपने अभी तक म्यूचुवल फंड मे इनवेस्टमेंट करना चालु नहीं किया तो जल्द से जल्द उपर दिये गये लिंक कि मदत से अपना अकाऊंट खोल दिजीए और इनवेस्ट चालु कर दिजीए|

Mutual Fund सिप में कितना रिटर्न मिलता है?

ऐसी कोई फिक्स वैल्यू नहीं होती अलग-अलग में 56 के अलग-अलग रिटर्न्स होते हैं और डिपेंड करता है निकल पड़े कौन सा है इक्विटी है डेट है या और कोई है लेकिन मोटा मोटी पकड़े तो बैंक डिपॉजिट से ज्यादा ही मीटर फंड के रिटर्न होते हैं और अगर आप हाइब्रिड फंड में इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आपकी रिस्क का कम हो जाती है

वैसे देखा जाए तो Bank के रिटर्न 6 से 8% के ऊपर नहीं होते, मुचल फंड की बात करें तो ज्यादातर यह बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा ही होता है.

एसआईपी में कैसे निवेश करें?

इसके लिए आपको एक फिक्स रुपये हर महीने के किसी एक दिन निश्चित करनी होती है उस दिन आप उतने अमाउंट की राशी आपके अकांउट से आपके निर्धारित किए हुए दिन को कट जाती है अगर किसी महीने आपको रुपए का भुगतान नहीं करना तो आप उसे स्किप भी कर सकते हैं.

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