विकास पर बात करते हुए, श्री शैलेश सी मेहता, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, डीएफपीसीएल ने कहा, “एडीबी के साथ यह वित्तीय सहयोग हमारे विशेष उर्वरक व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करेगा जिसमें अनुसंधान एवं विकास और जमीनी किसान प्रशिक्षण पहल शामिल हैं। हम भारतीय खेती की उपज और गुणवत्ता मानकों को वैश्विक मानकों तक बढ़ाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।”
समय (मेटाडेटा) - विकिपीडिया - Time (metadata)
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स्रोत खोजें: "समय" मेटाडेटा – समाचार · धन का सामयिक मूल्य समाचार पत्र · पुस्तकें · पंडित · JSTOR ( दिसंबर 2009 ) (इस टेम्पलेट संदेश को कैसे और कब निकालना है, यह जानें)
कुछ के तहत मेटाडाटा मानक, समय एक है प्रतिनिधित्व शब्द में दिन के समय को निर्दिष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है आईएसओ 8601 समय प्रारूप।
ध्यान दें कि समय के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए तिथि और समय प्रतिनिधित्व शब्द जिसका आवश्यकता है दोनों आपूर्ति करने की तारीख और समय।
पृष्ठ : वैशाली की नगरवधू.djvu/५
अपने जीवन के पूर्वाह्न में—सन् 1909 में, जब भाग्य रुपयों से भरी थैलियां मेरे हाथों में पकड़ाना चाहता था—मैंने कलम पकड़ी। इस बात को आज 40 वर्ष बीत रहे हैं। इस बीच मैंने छोटी- बड़ी लगभग 84 पुस्तकें विविध विषयों पर लिखीं, अथच दस हज़ार से अधिक पृष्ठ विविध सामयिक पत्रिकाओं में लिखे। इस साहित्य-साधना से मैंने पाया कुछ भी नहीं, खोया बहुत-कुछ, कहना चाहिए, सब कुछ–धन, वैभव, धन का सामयिक मूल्य आराम और शान्ति। इतना ही नहीं, यौवन और सम्मान भी। इतना मूल्य चुकाकर निरन्तर चालीस वर्षों की अर्जित अपनी सम्पूर्ण साहित्य-सम्पदा को मैं आज प्रसन्नता से रद्द करता हूं; और यह घोषणा करता हूं—कि आज मैं अपनी यह पहली कृति विनयांजलि-सहित आपको भेंट कर रहा हूं।
यह सत्य है कि यह उपन्यास है। परन्तु इससे अधिक सत्य यह है कि यह एक गम्भीर रहस्यपूर्ण संकेत है, जो उस काले पर्दे के प्रति है, जिसकी ओट में आर्यों के धर्म, साहित्य, राजसत्ता और संस्कृति की पराजय और मिश्रित जातियों की प्रगतिशील संस्कृति की विजय सहस्राब्दियों से छिपी हुई है, जिसे सम्भवतः किसी इतिहासकार ने आंख उघाड़कर देखा नहीं है।
एशियन डेवलपमेंट बैंक ने स्मार्टकेम टेक्नोलॉजीज को कृषि क्षमता पहल के लिए धन दिया
01 नवम्बर 2022, पुणे: एशियन डेवलपमेंट बैंक ने स्मार्टकेम टेक्नोलॉजीज को कृषि क्षमता पहल के लिए धन दिया – एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने घोषणा की है कि वह दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएफपीसीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्मार्टकेम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एसटीएल) की कृषि दक्षता पहल को 30 मिलियन डॉलर की ऋण सुविधा के माध्यम से 5 वर्षों की अवधि के लिए धन देगा। यह एडीबी का पहला कृषि व्यवसाय “ब्लू लोन” है, और भारत में कृषि व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े सभी संस्थानों में इस तरह का ये पहला ब्लू लोन है। ऋण का उपयोग पूंजीगत व्यय के साथ-साथ उन्नत दक्षता वाले विशेष उर्वरकों के अनुसंधान और विकास के लि ए किया जाएगा।
एसटीएल को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के समर्थन के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुना गया था क्योंकि यह उन्नत तकनीकी क्षमता और संतोषजनक वित्तीय प्रदर्शन के साथ उन्नत दक्षता विशेष उर्वरक (ईईएसएफ) सेगमेंट में अग्रणी है .
Gayatri Pariwar is a living model of a futuristic society, being guided by principles of human unity and equality.
It's a modern adoption of the age old wisdom of Vedic Rishis, who practiced and propagated the philosophy of Vasudhaiva Kutumbakam.
Founded by saint, reformer, writer, philosopher, spiritual guide and visionary Yug Rishi Pandit Shriram Sharma Acharya this mission has emerged as a mass movement for Transformation of Era.
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प्रति एकड़ 35 कुंतल तक उपज संभव
उन्नत खेती के जरिए किसान प्रति एकड़ करीब 35-40 कुंतल धान की उपज ले सकते हैं। शर्त यह है कि इसके लिए किसान समय से बेहन डालें और रोपाई करें। कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार उन्नतशील प्रजातियों का चयन, संतुलित उर्वरकों का धन का सामयिक मूल्य प्रयोग और फसल का रोगों व कीटों से समय से नियंत्रण भी जरूरी है।
उप निदेशक कृषि जयप्रकाश के अनुसार समय से रोपाई के लिए हर हाल में जून के पहले हफ्ते तक धान की बेहन डाल दें। तीन-चार हफ्ते बाद इसकी रोपाई करें।
जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय सिंह के अनुसार बेहतर उपज के लिए प्रमुख उन्नत प्रजातियां हैं प्रो.एग्रो की 6111 जो करीब चार महीने में तैयार हो जाती हैं। इनकी औसत उपज 36-38 कुंतल प्रति एकड़ है। पी.एच.बी.-71 व प्रो.एग्रो-6201 की औसत उपज करीब 34 से 36 कुंतल है। पंत शंकर-1,नरेंद्र-2,प्रो.एग्रो-6444,पी.आर.एच.-10,के.आर.एच.-2 की औसत उपज करीब 26-28 कुंतल एकड़ है। सांभा व विश्वनाथ प्रजातियां करीब 120 दिन में तैयार हो जाती हैं। इनकी भी औसत उपज करीब 35 कुंतल है। एराइज-6444 सबसे अधिक उत्पादन वाली प्रजाति है। इसकी औसत उपज करीब 40 कुंतल है। डीआरएच-775, यूएस-312, पीएच-71, आदि कुछ अन्य उन्नत प्रजातियां हैं।
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