मान गया कि कोई कंपनी XYZ के शेयर सुबह 9:15 पर ₹101 प्रति शेयर पर खुलती है। आपने Intraday Trading के जरिए एक ही दिन में शेयर खरीदने एवं बेचने का फैसला किया है। आपने 10 शेयर खरीदे। जिसकी कीमत 10×101 = 1010₹ होती है, लेकिन day trading के दौरान XYZ कंपनी के शेयरों में उछाल आता है। और किसी भी अंतराल पर उस कंपनी के शेयर की कीमत ₹120 तक पहुंच जाते हैं। तो , आप मुनाफे के साथ इसे बेच सकते हैं। इस संदर्भ में आपको 10×120 = 1200₹ मिलते हैं आपका लाभ 1200₹-1010₹=₹190 होता है।
Share market में Intraday trading क्या होता है?
अगर आप शेयर बाजार पर अपने शेयर को buy या sell करते रहते हैं। तो, आप में से बहुत सारे लोगों ने Intraday ट्रेडिंग के बारे में तो जरूर सुना होगा। आपने से बहुत सारे लोग Intraday trading के बारे में जानकारी भी रखते होंगे।
लेकिन, आज का हमारा यह पोस्ट उन सारे लोगों के लिए है जो intraday ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते हैं।या उन्हें शेयर मार्केट के बारे में इतनी अधिक जानकारी नहीं है। वास्तव में Intraday trading का अर्थ शेयर मार्केट में एक ही दिन में शेयर खरीद करके उसे बेचना होता है।
आज के हमारे इस पोस्ट में हम आप लोगों को Intraday trading क्या होती है? इसके कौन-कौन से जोखिम हो सकते हैं? इनके बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
Intraday Trading क्या होता है? – What is Intraday Trading in Hindi
Intraday Trading का अर्थ एक ही दिन के भीतर शेयर या स्टॉक खरीद-फरोख्त करना यानी कि share को खरीद करके बेचना शामिल होता है।
Intraday trading में निवेशक एक ही दिन के भीतर में stock या share खरीदते हैं। उसके बाद Stock Exchange बंद होने से पहले उसे बेचनी होती है। इस तरह की trading को Intraday ट्रेडिंग कहा जाता है।
संक्षेप में समझे तो जिस दिन आपने day trading के लिए stock या शेयर खरीदते हो, तो आपको वह शेयर उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले square off यानी कि बेचना होता है। साधारण दिनों में day trading सुबह 9:15 से शुरू हो करके शाम में 3:30 बजे तक किया जा सकता है।
Intraday trading करने का मुख्य उद्देश्य, किसी भी तरह के स्टॉक किया शेयर में निवेश करना नहीं होता है। बल्कि, डे ट्रेडिंग के दौरान शेयर खरीद करके Stock Exchange के index पर होने वाले तेजी और मंदी से मुनाफा कमाना होता है। क्योंकि शेयर मार्केट दिन भर के अंतराल में कई बार ऊपर और नीचे चढ़ता एवं उतरता है। इसमें आप सुबह शेयर खरीद करके शाम तक उसे बेच सकते हैं। इस तरह से आप Intraday Trading के जरिए मुनाफा कमा सकते हो। हमसे एक उदाहरण के जरिए समझाना चाहते हैं।
निष्कर्ष
आज के हमारे इस पोस्ट से आपने यह सीखा कि share market पर Intraday Trading क्या होती है? Intraday Trading पर आपको कौन-कौन से जोखिम उठाने पड़ सकते हैं? इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कौन-कौन सी चीजों की जरूरत पड़ सकती है।Intraday trading आप किस तरह से कर सकते हैं? इसके बारे में हमने आप सभी को जानकारी दी है। उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे द्वारा दी गई है जानकारी पसंद आई होगी, अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ, रिश्तेदारों के साथ, और कलीग्स के साथ social media पर शेयर भी कर सकते हैं। इससे संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल है तो आप ही से कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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intraday trading : जानिए इंट्रा डे ट्रेडिंग क्या है
इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading), इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (Same day ) में की जाने वाली खरीद और बिक्री (share purchase & Sale), एक शेयर (Share ) को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है।
इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) की खास बातें :
1- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा।
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3- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है।
4- आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है, जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है।
5- शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होने पर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेजी के साथ होता है और नये निवेशक इसमें अक्सर करके फंस जाते हैं।
Author : Nitin Bansal
Disclaimer : यह केवल लेखक के विचार हैं । किसी भी नुकसान या फायदे के लिए लेखक या Aavaz.in उत्तरदायी नहीं होगा ।
निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी: इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर जानें, कैसे लगेगा आयकर
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
विस्तार
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?
- 16 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)
लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.
निवेश करना क्यों है जरुरी?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.
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