यमुना मैय्या को गंदा करने का पाप कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल-आदेश गुप्ता

नजफगढ़ नाले के जरिए सीधे सीवर का पानी यमुना मैय्या में जा रहा है-आदेश गुप्ता।

नई दिल्ली, 17 नवम्बर। दिल्ली में यमुना मैया को मैली करने का जो पाप दिल्ली की आम आदमी पार्टी कर रही है, उसको उजागर करने के लिए दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता खुद नजफगढ़ नाले के जंग खा रहे एसटीपी प्लांट पर पहुंच गए। श्री आदेश गुप्ता के आने की ख़बर सुन दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों ने जंग खा रहे एसटीपी प्लांट पर ताला जड़ दिया। हालांकि गंदे नाले और उसपर लगे प्लांट को देखने के लिए दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एक टूटी हुई दिवार फांदकर प्लांट देखने पहुंचे।

श्री आदेश गुप्ता ने वहां कहा कि दिल्ली में आकर यमुना मैया मैली होने का मुख्य कारण ये नजफगढ़ नाला है। जिसको साफ करने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार पिछले 8 कौन से दलाल एसटीपी हैं सालों से घोषणा तो कर रही है, लेकिन इसपर काम नहीं कर रही है। ये जंग खाता हुआ एसटीपी प्लांट इसका गवाह है। उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों को कहा कि दिल्ली में एक बहुत बड़ा इलाका इसकी वजह से बीमार पड़ रहा है। दिल्ली की एकमात्र नदी यमुना का पानी इस तरह की गंदगी की कौन से दलाल एसटीपी हैं वजह से जहरीली हो चुकी है, उसका पानी रिस रिसकर ग्राउंड वाटर में पहुंच रहा है। इसलिए दिल्ली में एक बड़े इलाके में पेट जनित रोग बहुतायत में हो रहे हैं। साथ ही पूरे नजफगढ़ नाले और यमुना नदी के आसपास रहने वाले लोग बदबू और अन्य गैसों की वजह से बीमार पड़ते रहते हैं। घर के फ्रिज, एसी और अन्य उपकरण खराब हो रहे हैं।

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि यहां पहुंचकर ये बात समझी जा सकती है कि इस गंदगी की वजह से इस नाले के आसपास के लोगों का जीवन कितना मुश्किल है।

श्री आदेश गुप्ता ने नजफगढ़ नाले को दिखाते हुए कहा कि ये दिल्ली का सबसे बड़ा नाला है और इसमें पूरी दिल्ली के बहुत सारी कॉलोनियों का सीवेज का पानी सीधा इस नाले के जरिए यमुना नदी में जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने विज्ञापनों में तो 500 करोड़ रुपये खर्च करती हैं, लेकिन एसटीपी प्लांट बनाने में 1 करोड़ रुपये भी नहीं खर्चा करते। कौन से दलाल एसटीपी हैं अगर दिल्ली सरकार ने दिल्ली में गंदा पानी यमुना नदी में ना जाए, इसको रोकने के लिए कोई उपाए किए हैं तो वो बताएं। उन्होंने कहा कि इस 55 किलोमीटर लंबे नजफगढ़ नाले में जो नाले मिल रहे हैं, उनको साफ करने में दिल्ली सरकार पिछले 8 सालों से विफल रही है।

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