3. एक खाता बनाने के लिए, आपको अपने पहचान दस्तावेजों को अपलोड करना होगा जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, या कोई अन्य विश्वसनीय दस्तावेज शामिल हो सकता है जो राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया हो।
न्यू फंड ऑफर (NFO) क्या है - अर्थ, प्रकार, लाभ, एनएफओ कैसे काम करता है
NFO (न्यू फंड ऑफर) एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा अपने नए लॉन्च किए गए फंड के लिए पहली सब्सक्रिप्शन पेशकश है। NFO की अवधि तब शुरू होती है जब एक फंड बाजार में पेश किया जाता है और लॉन्च किया जाता है, जिससे फर्म को प्रतिभूतियों की खरीद के लिए NFO अवधि के दौरान पूंजी जुटाने की अनुमति मिलती है।
एक NFO IPO के समान है। इन दोनों का उपयोग आगे निवेश और संचालन करने के लिए पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है। NFO आक्रामक विपणन अभियानों के साथ हो सकता है, जो निवेशकों को फंड में यूनिट खरीदने के लिए उत्साहित और प्रेरित करने के लिए बनाया गया है। सार्वजनिक रूप से कारोबार करने के बाद, म्युचुअल फंड में समय के साथ अच्छे रिटर्न देने की क्षमता होती है।
यह कैसे काम करता है?
NFO में, सदस्यता का अवसर केवल सीमित कार्यकाल के लिए उपलब्ध है। निवेशक पूर्वनिर्धारित कार्यकाल के दौरान फंड स्कीम की इकाइयां खरीद सकते हैं और ऑफ़र मूल्य पर NFO की सदस्यता ले सकते हैं। यह आमतौर पर 10 रुपये में तय किया जाता है। एक बार कार्यकाल समाप्त होने के बाद, निवेशक बाजार में फंड के पुन: लॉन्च के बाद एनएवी दरों पर फंड इकाइयां खरीद सकेंगे।
1. ओपन एंडेड फंड:
यह फंड आधिकारिक तौर पर NFO के समाप्त होने के बाद लॉन्च किया गया है। व्यक्ति लॉन्च के बाद किसी भी समय फंड में प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।
2. क्लोज एंडेड फण्ड :
ये फंड NFO अवधि के बाद निवेशकों के प्रवेश या निकास की अनुमति नहीं देते हैं, जब तक कि इसकी समाप्ति / परिपक्वता नहीं होती है। इसकी समय अवधि लॉन्च की तारीख से 3 से 4 साल के बीच होती है। हालांकि, व्यक्ति स्टॉक एक्सचेंज पर इकाइयों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं, लेकिन इन फंडों की बाजार में तरलता नीचे की ओर होती है।
NFO में निवेश के लाभ
लाभ और योग्यता के कारण NFO में निवेश के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इन पर नीचे चर्चा की गई है:
1. लचीलापन:
क्लोज-एंडेड फंड बाजार में निवेश करने के लिए निवेशक को लचीलापन प्रदान करते हैं। भले ही निवेश के लिए समय आदर्श नहीं है और NFO को बाजार के शिखर पर लॉन्च किया गया है, लेकिन फंड मैनेजर बाद में निवेश करने के लिए निवेशकों के फंड का एक हिस्सा रख सकता है।
2. अभिनव निधि में निवेश करने का अवसर:
कई एएमसी आजकल NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें हेजिंग रणनीतियों, व्यापार चक्र-आधारित निवेश, ईएसजी निवेश आदि जैसे फंडिंग योजनाओं में निवेश करने के विचार के साथ आ रहे हैं। NFO के माध्यम से, एक निवेशक को उसी से लाभ उठाने का एक प्रारंभिक अवसर मिल सकता है।
3. लॉक-इन सपोर्ट:
बाजार में समय बिताना कम समय के भीतर वापस करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। कई निवेशक बाजार में बस कुछ साल बिताते हैं और अपने लाभ को क्षीण करते हैं। फिर भी, NFO में लॉक-इन कार्यकाल, बंद-समाप्त वाले निवेशकों को अनुशासनहीन और परेशान निवेश व्यवहार से निवेशकों की मदद करते हैं।
क्या होते हैं NFOs, कैसा देते हैं रिटर्न, क्या मौजूदा हालात में निवेश करना फायदेमंद होगा? समझिए
पांच फंड्स हाउसेस नए फंड ऑफर्स को लॉन्च करने के लिए आवेदन कर चुके हैं.
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMSc) को नए फंड ऑफर्स (NFO) जारी करने की अनुमति दे दी है. उम्मीद . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 29, 2022, 11:58 IST
नई दिल्ली. अगले महीने से म्यूचुअल फंड नए फंड ऑफर्स (NFO) जारी कर सकते हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा पूल खातों का उपयोग पूरी तरह बंद करने तथा नई प्रक्रिया लागू होने की गारंटी मिलने के साथ ही नए फंड ऑफर्स शुरू हो जाएंगे. पूल खातों के बढ़ते प्रचलन को देखने हुए बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउसेज के नए फंड ऑफर्स लॉन्च करने पर 1 जुलाई तक रोक लगा दी थी. पांच फंड्स हाउसेस बैन की डेडलाइन खत्म होने से पहले ही नए फंड ऑफर्स को लॉन्च करने के लिए आवेदन कर चुके हैं.
कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset management company) जब नई स्कीम लॉन्च करती है तो उसे न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) कहते हैं. फंड हाउस अपने प्रॉडक्ट बास्केट को पूरा करने के लिए एनएफओ लॉन्च करते हैं. एनएफओ के खुलने और बंद होने की अवधि होती है. कुछ लोग आईपीओ (IPO) और फंड हाउसेज के एनएफओ को एक समान समझते हैं. यह उनकी गलतफहमी है. दोनों में दिन-रात का अंतर है. कंपनी अपने कारोबार के विस्तार या दूसरी जरूरतों के लिए आईपीओ के जरिए बाजार से पैसे जुटाती हैं. वहीं, फंड हाउस एनएफओ में निवेशकों से पैसे जुटाकर उसे सिक्योरिटी (शेयर, बॉन्ड, गोल्ड आदि) में लगाता है.
न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेश करके कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, जानिए इसके बारे में सबकुछ
New Fund Offer-NFO: न्यू फंड ऑफर (NFO) के बारे में बहुत से लोगों को काफी कम जानकारी होती है. आज की इस रिपोर्ट में हम NFO में कैसे निवेश किया जा सकता है यह जानने की कोशिश करेंगे. बता दें कि म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) पहली बार जब कोई फंड (Fund) म्यूचुअल फंड बाजार में लॉन्च करता है उसे ही न्यू फंड ऑफर (NFO) कहा जाता है. गौरतलब है कि बाजार से पैसा जुटाने के उद्देश्य से न्यू फंड ऑफर लाया जाता है. इसके अलावा निवेशकों को नए फंड में निवेश के लिए भी पेश किया जाता है.
IPO के जैसे ही होता है NFO
न्यू फंड ऑफर (NFO) IPO की तरह मार्केट में लॉन्च किया जाता है. निवेशकों की अर्जी के बाद NFO लॉन्च हो जाता है. NFO NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें और IPO में सिर्फ यह अंतर है कि NFO नेट एसेट वैल्यू पर बेचा जाता है, जबकि IPO में शेयर के प्राइस बैंड होते हैं जिस पर शेयर के लिए बोली लगाई जाती है.
क्या होता है न्यू फंड ऑफर (NFO), कैसे कमा सकते हैं इसके जरिए मोटा मुनाफा
New Fund Offer-NFO: न्यू फंड ऑफर (NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें NFO) के बारे में काफी लोगों को जानकारी का अभाव होता है. आज की इस रिपोर्ट में यह जानने की कोशिश करते हैं एनएफओ में कैसे निवेश किया जा सकता है. बता दें कि म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) पहली बार जब कोई फंड (Fund) म्यूचुअल फंड बाजारा में पेश करता है उसे ही न्यू फंड ऑफर (NFO) कहा जाता है. गौरतलब है कि बाजार से पैसा जुटाने के उद्देश्य से न्यू फंड ऑफर लाया जाता है. इसके अलावा निवेशकों को नए फंड में निवेश के लिए भी पेश किया जाता है.
IPO के जैसे ही होता है NFO
न्यू फंड ऑफर (NFO) IPO की तरह मार्केट में लॉन्च किया जाता है. निवेशकों की अर्जी के बाद NFO लॉन्च हो जाता है. NFO और IPO में सिर्फ यह अंतर है कि NFO नेट एसेट वैल्यू पर बेचा जाता है, जबकि IPO में शेयर के प्राइस बैंड होते हैं जिस पर शेयर के लिए बोली लगाई जाती है. SEBI की सख्ती की वजह से न्यू फंड ऑफर की संख्या में कुछ समय से कमी देखने को मिली है. दरअसल, SEBI एक फंड हाउस के एक ही कैटेगरी में कई फंड्स नहीं चाहता है. ऐसे में ओपन एंडेड फंड के NFO में काफी कमी दर्ज की जा रही है. मौजूदा समय में ज्यादातर NFO क्लोज्ड एंडेड स्कीम्स के लिए आ रहे हैं.
आइए जानें स्कीम के बारे में सबकुछ
म्युचुअल फंड चलाने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियां NFO उतारती हैं ताकि आपके पैसे से वे नया निवेश कर सकें. लोग सब्सक्राइब करेंगे और MF हाउस को पैसा मिलेगा, इसी पैसे से वे खरीदारी करेंगी.
अब ये बात तो समझ आ गई, लेकिन 10 रुपये में यूनिट मिलने का क्या चक्कर है? आमतौर पर किसी भी NFO की कीमत 10 रुपये प्रति यूनिट पर तय की जाती है. फंड मैनेजर बाजार के मौजूदा रुख को देखकर NFO लॉन्च करते हैं.
क्या ये बात कुछ पल्ले नहीं पड़ी?? ऐसे समझिए कि कोविड के चलते इस साल एक पर्यावरण, सोशल और गवर्नेंस (ESG) फंड की जरूरत महसूस की गई बस ताबड़तोड़ ESG फंड्स बाजार में आ गए.
यह फंड अपना अधिकांश हिस्सा एसी कंपनियों के शेयर या बांड में निवेश करते हैं जिनकी निवेश योजनायें पर्यावरण और समुदाय की खास फिक्र करती हैं. इमेज SBI SBI Magnum Equity ESG Fund दरअसल NFO देा तरह के होते हैं. एक ओपन एंडेड फंड्स – जिनमें आप कभी भी पैसा लगा सकते हैं.
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