अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले कमजोर संकेत, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, रिलायंस-पेटीएम जैसे दिग्गज शेयरों में भारी गिरावट आदि कई फैक्टर की वजह से बाजार की गिरावट लगातार बढ़ती गई.विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट
Paytm के शेयरों में तबाही से सहमे निवेशक, क्यों आई गिरावट ?
भारतीय शेयर बाजार में आज यानी सोमवार को भारी गिरावट देखी जा रही है. सुबह बाजार में कारोबार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बाजार गिरने लगा. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंक टूट गया. ऐसा लगता है कि बाजार पर मंदडियों की पकड़ मजबूत हो रही है. पेटीएम की खराब हालत ने भी बाजार पर गहरा असर डाला है.
सुबह बीएसई सेंसेक्स 74 अंक की तेजी के साथ 59,710.48 पर खुला था. लेकिन खुलने के तत्काल बाद ही इसमें गिरावट शुरू हो गई और बाद में यह गिरावट बढ़ती ही गई. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंकों की भारी गिरावट के साथ 58,011.92 तक पहुंच गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 32 अंक की तेजी के साथ पर खुला. दोपहर 12.10 बजे के आसपास निफ्टी 335 अंकों की गिरावट के साथ 17429 पर पहुंच गया. निफ्टी भी 400 अंकों से ज्यादा की गिरावट में है.
एक डॉलर की कीमत 80 रुपए के करीब: कमजोर होते रुपए पर संसद में सवाल, केंद्र ने कहा- 2014 से रुपए की कीमत 25% गिरी
लोकसभा में इससे जुड़े एक प्रश्न के लिखित जबाव में केंद्र सरकार ने माना कि बीते 8 साल में (दिसंबर 2014 के बाद) डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमतों में 16.08 रुपए (25.39%) विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट की गिरावट आई है। जनवरी 2022 से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले डोमेस्टिक करेंसी में लगभग 7.5% की गिरावट आई है। जनवरी में रुपया 73.50 के करीब था।
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपए के टूटने के कारण बताए। उन्होंने कहा, 'रूस-यूक्रेन जंग जैसे ग्लोबल फैक्टर, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशन्स का कड़ा होना, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के कमजोर होने के प्रमुख कारण हैं।' उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरो जैसी करेंसी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की तुलना में ज्यादा कमजोर हुई हैं और इसलिए, भारतीय रुपया 2022 में इन करेंसीज के मुकाबले मजबूत हुआ विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट है।'
55 प्रतिशत से ज्यादा जन धन खाते महिलाओं के नाम
देश में 44 करोड़ जन धन खाते हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत से अधिक (24.42 करोड़) विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट अकाउंट महिलाओं के नाम हैं। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री भागवत किशन कराड ने लोकसभा में दी। सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले जाने संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पहली अप्रैल, 2018 से 31 अक्टूबर, 2021 तक 1,42,73,910 खाते खोले गए। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाते खोले गए।
144 केंद्रीय परियोजनाओं की लागत 14,960 रुपये बढ़ी
इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 144 केंद्रीय परियोजनाएं समय से पूरी होती नहीं दिख रही हैं। खास बात यह है कि समय से पूरा नहीं होने के चलते इनकी लागत 14,960.02 करोड़ रुपये बढ़ गई है। सांख्यिकी मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में बताया कि इन परियोजनाओं की शुरुआती लागत 1,67,493.82 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 1,82,453.84 करोड़ रुपये हो गई है।
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने का इरादा नहीं
वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार का हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का फैसला काउंसिल करती है और यह एक संवैधानिक संस्था है। वर्तमान समय में उसकी तरफ से इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई है।
इस साल सितंबर तक देशभर में एटीएम की संख्या 2.13 लाख से ज्यादा थी। 47 प्रतिशत से ज्यादा एटीएम ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाकों में थे। वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने यह जानकारी लोकसभा में दी।
Foreign Currency Reserve: लगातार तीसरे सप्ताह घटा अपना विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए क्यों हुआ ऐसा
फॉरेन करेंसी असेट भी घटे
बीते 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन करेंसी असेट (Foreign Currency Asset) का घटना है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट है। आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट मुद्रा आस्तियां (FCA) 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर दागे सवाल, कहा- बताइए 'असली पप्पू कौन है?'
Highlights सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल। क्या यह एक स्वस्थ आर्थिक वातावरण का संकेत है? भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट कुल संख्या 12.5 लाख से अधिक हो गई विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आई गिरावट है।
नई दिल्ली: अपने बयान के चलते सुर्खियों में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार की कई नीतियों पर सवाल खड़े किए। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने इकोनॉमिक आंकड़े गिनाते हुए कहा कि 'सरकार हमें 10 महीने झूठ दिखाती है। आंकड़े बताते हैं कि असली पप्पू कौन है?'
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