मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम द्वारा व्यापार निवेश के लिए लागत लाभ पर दी गई जानकारी

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उपयोगकर्ता मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम द्वारा व्यापार निवेश के लिए लागत लाभ पर दी गई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लागत लाभ, जन-शक्ति संबंधी खर्च लाभ, वित्तीय फायदे आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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आप मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के बारे में जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इम्‍पोरिया की मृगनयनी श्रृंखला एक अनोखा बाजार है जहाँ चंदेरी, माहेश्वरी एवं कोसा तुषार की साड़ियाँ, बने-बनाए कपड़े, अन्य परिधान एवं विभिन्न प्रकार के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है एवं इनकी बिक्री की जाती है। आप साड़ियों, घंटा-धातु, निगमों में निवेश चमड़े से निर्मित वस्तुओं इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप पूरे वर्ष के दौरान मिलने वाले विशेष छूटों.

मध्य प्रदेश के ग्रामीण उद्योग विभाग की वेबसाइट देखें

मध्य प्रदेश सरकार के ग्रामीण उद्योग विभाग का उद्देश्य राज्य की पारंपरिक, गैर पारंपरिक, विरासत, कला और शिल्प का संरक्षण और उनका विकास करना है। आप विभाग की गतिविधियों, परियोजनाओं, नीतियों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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Prayagraj: मार्च तक प्रयागराज नगर निगम जारी करेगा बॉन्ड, निगमों में निवेश वित्तीय मूल्यांकन की तैयारी में जुटे अधिकारी

प्रदेश में लखनऊ नगर निगम की ओर से बॉन्ड लॉच किए जाने के बाद शासन ने अन्य कई नगर निगमों को भी अपने यहां बॉन्ड लॉच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही प्रयागराज नगर निगम भी इसकी तैयारी में जुट गया है।

Prayagraj News : नगर निगम प्रयागराज।

लखनऊ नगर निगम की तर्ज पर प्रयागराज नगर निगम भी अपना बॉन्ड जारी करने की तैयारी में जुट गया है। निगमों में निवेश निगम की ओर से 31 मार्च तक बॉन्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है। इससे इकट्ठा होने वाली धनराशि का उपयोग शहर में विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं में निवेश पर किया जाएगा। बॉन्ड को लांच करने को लेकर तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही हैं।


प्रदेश में लखनऊ नगर निगम की ओर से निगमों में निवेश बॉन्ड लॉच किए जाने के बाद शासन ने अन्य कई नगर निगमों को भी अपने यहां बॉन्ड लॉच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही प्रयागराज नगर निगम भी इसकी तैयारी में जुट गया है। बॉन्ड लॉच करने और उसकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग कराने के पहले नगर निगम को कई तरह की तैयारियां करनी हैं। निगम की ओर से अभी तीन वर्षों की वित्तीय परिस्थितियों के मूल्यांकन की तैयारी है।


निगम के अधिकारियों के मुताबिक इनका मूल्यांकन, तीन वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कराने तथा अन्य जरूरी कार्य पूरा करने के बाद उसे सबसे पहले सदन के सामने रखा जाएगा। यहां बॉन्ड जारी करने के बाद होने वाली आय के निवेश के क्षेत्रों आदि पर चर्चा होगी।

विस्तार

लखनऊ नगर निगम की तर्ज पर प्रयागराज नगर निगम भी अपना बॉन्ड जारी करने की तैयारी में जुट गया है। निगम की ओर से 31 मार्च तक बॉन्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है। इससे इकट्ठा होने वाली धनराशि का उपयोग शहर में विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं में निवेश पर किया जाएगा। बॉन्ड को लांच करने को लेकर तैयारियां तेजी से पूरी की निगमों में निवेश जा रही हैं।


प्रदेश में लखनऊ नगर निगम की ओर से बॉन्ड लॉच किए जाने के बाद शासन ने अन्य कई नगर निगमों को भी अपने यहां बॉन्ड लॉच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही प्रयागराज नगर निगम भी इसकी तैयारी में जुट गया है। बॉन्ड लॉच करने और उसकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग कराने के पहले नगर निगम को कई तरह की तैयारियां करनी हैं। निगम की ओर से अभी तीन वर्षों की वित्तीय परिस्थितियों के मूल्यांकन की तैयारी है।


निगम के अधिकारियों के मुताबिक इनका मूल्यांकन, तीन वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कराने तथा अन्य जरूरी कार्य पूरा करने के बाद उसे सबसे पहले सदन के सामने रखा जाएगा। यहां बॉन्ड जारी करने के बाद होने वाली आय के निवेश के क्षेत्रों आदि निगमों में निवेश पर चर्चा होगी।

BSE पर लिस्ट हुआ लखनऊ नगर निगम बॉन्ड, जानिए निवेश पर कितना मिलेगा फायदा

BSE पर लिस्ट हुआ लखनऊ नगर निगम बॉन्ड

लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) बॉन्ड की लिस्टिंग आज बीएसई पर हो गई है. बॉन्ड की लिस्टिंग के मौके पर यूपी के सीएम योगी . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last निगमों में निवेश Updated : December 02, 2020, 13:54 IST

नई दिल्ली: लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) बॉन्ड की लिस्टिंग आज बीएसई पर हो गई है. बॉन्ड की लिस्टिंग के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. बता दें इस बॉन्ड के जरिए 200 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं. बीएसई (BSE) प्लेटफॉर्म पर यह अब तक का 8वां सबसे शानदार लिस्टिंग वाला नगर निगम बॉन्ड (Lucknow Municipal Corporation Bonds) है. लखनऊ नगर निगम को 21 बोलियां प्राप्त हुई थीं और ये 4.5 गुना सब्सक्राइब हुआ है. आइए आपको बताते हैं कि इस बॉन्ड में निवेश करने का क्या फायदा है-

आपको बता दें इसे 13 नवंबर 2020 को खोला गया था. राज्य सरकार ने लखनऊ समेत 8 शहरों में अमृत (AMRUT) और स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाओं में निगमों में निवेश इस्तेमाल के लिए जुटाएं हैं.

जानिए बॉन्ड के बारे में जरूरी बातें-
>> आपको बता निगमों में निवेश दें इस बॉन्ड की मेच्योरिटी करीब 10 साल की है.
>> इसमें निवेश करने पर निवेशकों को 8.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा.
>> बीएसई बॉन्ड प्लेटफॉर्म पर नगर निगम को 450 करोड़ के लिए 21 बिड मिली जो इश्यू साइज की 4.5 गुना है.
>> यह प्लेटफॉर्म पर अबतक का 8वां सबसे सफल नगर निगम बॉन्ड है.
>> आपको बता दें ये बॉन्ड टैक्सेबल हैं.

कैसी मिली रेटिंग?
आपको बता दें लखनऊ नगर निगम बॉन्ड को रेटिंग एजेंसियों ने अच्छी रेटिंग दी है. इंडिया रेंटिंग्स ने इस बॉन्ड के लिए ‘AA’ रेटिंग दी है. वहीं ब्रिकवर्क ने इसे ‘AA (CE)’ रेटिंग दी है. बता दें इस बॉन्ड के जरिए निवेश जुटाने में भी मदद मिलेगी.

अब तक जारी हो चुके हैं 11 ऐसे बॉन्ड
आपको बता दें अब तक इस तरह के कुल 11 बॉन्ड जारी किए जा चुके हैं, जिसके जरिए 3690 करोड़ रुपए जुटाए हैं. अब इसके पहले अमरावती (2000 करोड़ रुपए), विशाखापत्तनम (80 करोड़ रुपए), अहमदाबाद (200 करोड़ रुपए), सूरत (200 करोड़ रुपए), भोपाल (175 करोड़ रुपए), इंदौर (140 करोड़ रुपए), पुणे (495 करोड़ रुपए), हैदराबाद (200 करोड़ रुपए) नगर निगम बॉन्ड हैं.

क्या होते हैं बॉन्ड?
बॉन्ड एक साख निगमों में निवेश पत्र होता है, जिसके जरिए आम जनता या संस्थाओं से धन जुटाए जाते हैं. इसमें बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम उधार लेती है और निश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी देती है. यह नि​वेशकों के लिए निश्चित आय का एक निवेश साधन होता है. यह एक तरह से कर्ज लेने वाले और देने वाले के बीच समझौता होता है.

क्या होता है म्युनिसिपल बॉन्ड?
आपको बता दें म्युनिसिपल या नगर निगम बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किये जाते हैं. शहर में विकास कामों को जारी रखने के लिए धन की जरूरत इससे पूरी की जाती है. मार्केट रेगुलेटर सेबी के अनुसार सिर्फ वही नगर निगम ऐसे बॉन्ड जारी कर सकते हैं, जिनका नेटवर्थ लगातार 3 वित्त वर्ष तक निगेटिव न रहा हो. पिछले एक साल में उन्होंने कोई लोन डिफाल्ट न किया हो.

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