Issuance of Concept Note on Central Bank Digital Currencyhttps://t.co/JmEkN7rPyA — ReserveBankOfIndia (@RBI) October 7, 2022

E-Rupee पर आया बड़ा अपडेट, जल्द लॉन्च की तैयारी में RBI, बताया पूरा प्लान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल (Yogesh Dayal) ने बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे साझा करता रहेगा. बैंक की ओर से CBDC के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.

आरबीआई जल्द लॉन्च करेगा डिजिटल रुपया

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2022, 6:46 PM IST)

आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी ( RBI Digital Currency) जल्द हकीकत बनने वाली है. ई-रुपये को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बड़ा अपडेट दिया गया है. बैंक ने एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने E-Rupee के पायलट लॉन्च की बात कही है. यह कॉन्सेप्ट नोट लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके.

पायलट लॉन्च जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें की बनाई गई योजना
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को ई-रुपया की लॉन्चिंग (E-Rupee Launching) को लेकर तैयार किए जा रहे प्लान के बारे में बताया गया. बैंक की ओर से जो जानकारी साझा की गई है, उसके मुताबिक ई-रुपया को पायलट लॉन्च (Pilot Launch) करने की योजना बनाई जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट में इसका उपयोग खास स्थितियों के लिए ही किया जा सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वह जल्द विशेष उपयोग के लिए E-Rupee को पायलट आधार पर लॉन्च करेगा.

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समय-समय पर मिलेगी नई जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे साझा करता रहेगा. रिजर्व बैंक की ओर से लोगों के बीच सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.

जेब में Cash रखने की जरूरत नहीं
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. इसे आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा. गौरतलब है कि इस साल पेश किए गए बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि RBI इसी वित्त वर्ष में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल करेंसी CBDC को पेश करेगा.

E-Rupee पर आया बड़ा अपडेट, जल्द लॉन्च की तैयारी में RBI, बताया पूरा प्लान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल (Yogesh Dayal) ने बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे साझा करता रहेगा. बैंक की ओर से CBDC के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.

आरबीआई जल्द लॉन्च करेगा डिजिटल रुपया

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  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2022, 6:46 PM IST)

आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी ( RBI Digital Currency) जल्द हकीकत बनने वाली है. ई-रुपये को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बड़ा अपडेट दिया गया है. बैंक ने एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने E-Rupee के पायलट लॉन्च की बात कही है. यह कॉन्सेप्ट नोट लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके.

पायलट लॉन्च की बनाई गई योजना
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को ई-रुपया की लॉन्चिंग (E-Rupee Launching) को लेकर तैयार किए जा रहे प्लान के बारे में बताया गया. बैंक की ओर से जो जानकारी साझा की गई है, उसके मुताबिक ई-रुपया को पायलट लॉन्च (Pilot Launch) करने की योजना बनाई जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट में इसका उपयोग खास स्थितियों के लिए ही किया जा सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वह जल्द विशेष उपयोग के लिए E-Rupee को पायलट आधार पर लॉन्च करेगा.

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समय-समय पर मिलेगी नई जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे साझा करता रहेगा. रिजर्व बैंक की ओर से लोगों के बीच सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.

जेब में Cash रखने की जरूरत नहीं
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. इसे आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा. गौरतलब है कि इस साल पेश किए गए बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि RBI इसी वित्त वर्ष में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल करेंसी CBDC को पेश करेगा.

बिटकॉइन ने बनाया रिकॉर्ड, निवेश से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान

वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन फिर चर्चा में है. बीते शुक्रवार को एक बिटकॉइन की कीमत 5800 डॉलर के पार चली गई है.

बिटकॉइन ने बनाया रिकॉर्ड, निवेश से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान

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एंजेल ब्रोकिंग के प्रमुख अनुज गुप्ता (कमोडिटी एवं करेंसी) का कहना है कि वैश्विक राजनीतिक तनाव बढ़ने से बिटकॉइन की कीमत पर दिखने लगा है. इससे निवेशक बिटकॉइन को सुरक्षित निवेश के तौर पर भी देखने लगे है. ईरान और उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका के तल्ख होते रिश्ते से बिटकॉइन में हालिया तेजी आई है. लेकिन निवेशकों को सलाह है कि जब भी बिटकॉइन में मुनाफा मिले मुनाफा वसूली कर लें. ज्यादा लंबे समय का लक्ष्य न रखें.

अमेरिकी निवेश बैंक जेपी मॉर्गन चेज के सीईो जैमी डिमॉन ने बिटकॉइन के बारे में यह तक बोल दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड है और इसमें निवेश करना बेवफूकी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की डायरेक्टर ने भी बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई है.

वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इसमें निवेश मुनाफा भरा है. Coindesk के मुताबिक बिटकॉइन का मार्केट कैप करीब 93 अरब डॉलर है. ऐसे में इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है.

निवेश से पहले जानें ये 5 जरूरी बातें

1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है. जनवरी से अब तक बिटकॉइन की कीमतें 6 गुना चढ़ी हैं. जनवरी में एक बिटकॉइन की कीमत 1000 डॉलर से भी कम थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 5800 डॉलर के करीब है

2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.

3- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं

बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.

4- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.

सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.

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5- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.

क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है. यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बडी बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल खूब कर रही हैं.

ऐसे चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें

महीना - कीमत (डॉलर में) - कीमत (रुपये में)

खुशशबरी: भारत की पहली डिजिटल करेंसी Digital Rupee आज से शुरू, जानिए कैसे करेगी काम

डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है

Sachin Chaturvedi

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: November 01, 2022 12:30 IST

Digital Rupee - India TV Hindi

Photo:FILE Digital Rupee

Digital Rupee: लंबे इंतजार के बाद अब मंगलवार 1 नवंबर को भारत की पहली डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल मुद्रा - ‘डिजिटल रुपया’ (Digital Rupee) का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर से शुरू कर दिया है।

इस दौरान ग्राहक इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए कर सकते हैं। RBI ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा।’’

ये बैंक होंगे शामिल

पायलट परीक्षण में भाग लेने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC Bank, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC की पहचान की गई है। RBI ने यह भी कहा कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल हैं। इसकी शुरुआत एक महीने के भीतर करने की योजना है।

डिजिटल करेंसी क्या है??

डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।

डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है

1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।

2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।

3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट: इथेरियम, पोलकाडाट और युनिस्वैप की कीमतें 6% तक गिरीं, सबसे कम रिटर्न बिटकॉइन का

सोना का विकल्प बनने जा रही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आज भारी गिरावट आई है। इसकी तीन करेंसी पोलकाडाट, युनिस्वैप और इथेरियम की कीमतें 6-6% गिरी हैं। साथ ही पिछले 1 साल में रिटर्न के मामले में बिटकॉइन फिसड्‌डी साबित हुआ है। यानी सबसे कम रिटर्न इसी का रहा है, जबकि यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

अमेरिकी रेगुलेटर की वजह से आई गिरावट

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी रेगुलेटर का मामला रहा है। रेगुलेटर ने बिटकॉइन ETF की मंजूरी में देरी कर दी है। इससे क्रिप्टो के निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया है। टॉप 10 डिजिटल करेंसी की कीमतों में गिरावट दिखी है। अमेरिकी रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि बिटकॉइन ETF की लिस्टिंग के लिए जनता से कमेंट मंगाया जाएगा और फिर फैसला होगा। हालांकि इससे पहले भी कई बार रेगुलेटर ने इसकी मंजूरी में देरी की है।

UK के भी रेगुलेटर को है चिंता

अमेरिकी रेगुलेटर की तरह ही UK के भी रेगुलेटर फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी ने कहा कि ज्यादा लोग अब क्रिप्टो के मुख्य निवेश के रूप में एक असेट जैसा देख रहे हैं। जबकि यह एक गैंबल है क्योंकि बिटकॉइन और इस तरह की क्रिप्टो करेंसी लेने वालों की संख्या ब्रिटेन में इस साल बढ़कर 23 लाख हो गई है। रेगुलेटर ने अलग से निवेशकों को चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर यह अनरेगुलेटेड यानी रेगुलेट नहीं की जाने वाली क्रिप्टो असेट्स है। यह मई में अपनी कीमतों से अब तक 40-50% टूट चुकी है।

बिटकॉइन की कीमत 2.32% गिरी

आज बिटकॉइन की कीमतें 2.32% टूट कर 28 लाख रुपए पर पहुंच गई हैं। एक साल में इसका रिटर्न 283% रहा है। इथेरियम की कीमत 3.65% टूट कर 1.73 लाख रुपए पर आ गई है। इसका रिटर्न 1,040% एक साल में रहा है। बिनांस कॉइन 1% टूट कर 26 हजार रुपए पर कारोबार कर रही है। 1 साल में रिटर्न 2,165% रहा है। पोलकाडाट 5.58% टूट कर 1,599 रुपए पर आ गई है। इसका रिटर्न 604% रहा है। यूनिस्वैप में 4.51% की कमी आज आई है।

कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए

आज के भाव पर देखें तो दुनिया की क्रिप्टो करेंसी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए है। इसमें बिटकॉइन का अकेले मार्केट कैप 50.57 लाख करोड़ रुपए है। यानी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप से 3.5 गुना ज्यादा है। रिलायंस का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर इथेरियम है। इसका मार्केट कैप 23.46 लाख करोड़ रुपए है। कारडानो और बिनांस कॉइन का मार्केट कैप 4 लाख करोड रुपए से ज्यादा है।

भारत की बात करें तो यहां पर 12-14 क्रिप्टो के एक्सचेंज हैं जो कारोबार करते हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में रोजाना का टर्नओवर 1,000-1500 करोड़ रुपए का है। हालांकि यह शेयर बाजार में रोजाना के 2 लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर की तुलना में 1% से भी कम है।

देश में 1.20 करोड़ निवेशक

देश में क्रिप्टो करेंसी में 1 से 1.20 करोड़ निवेशक हैं। हालांकि भारतीय बाजार में 7 करोड़ निवेशक हैं। उसकी तुलना में यह काफी कम है। क्रिप्टो में आप 24 घंटे सातों दिन कारोबार कर सकते हैं। हाल के दिनों में जब से टेस्ला के एलन मस्क ने इसे पेमेंट के रूप में नहीं लेने की बात कही है, तब से इसकी कीमतें 40 से 50% तक गिर गई हैं। क्रिप्टो में ज्यादातर वही निवेशक हैं जो युवा हैं और जो सोशल मीडिया से ज्ञान पाते हैं और प्रभावित होते हैं।

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