Updated Tue, 26 Oct 2021 02:24 AM IST
कार्यो में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ करें कार्रवाई
सवाईमाधोपुर. राजीव गांधी जल संचय योजना प्रथम व द्वितीय चरण की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सोमवार को जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में एवं जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना की उपस्थिति में कलक्ट्रेट सभागार में हुई।
बैठक में राजीव गांधी जल संचय योजना के अन्तर्गत आने वाले सभी लाईन विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में योजना में सम्पादित जल संग्रहण कार्यो की समीक्षा की। अभियान के प्रथम चरण के अन्तर्गत सभी विभागों के 1 हजार 789 कार्यो के विरूद्ध 1 हजार 567 कार्य पूर्ण होना बताया गया।
जिला कलक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को शेष रहे कार्यो को शीघ्र पूर्ण करने पर जोर दिया। जलग्रहण, पंचायतीराज से सम्पादित कार्यो के विरूद्ध पूर्णता प्रमाण-पत्र समय पर जारी नहीं करने पर गहरी नाराजगी जताई एवं सहायक अभियन्ता पंचायतीराज पंचायत समिति खण्डार एवं सहायक अभियन्ता जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण पंचायत समिति चौथ का बरवाड़ा के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही राजीव गांधी जल संचय योजना द्वितीय चरण अन्तर्गत समयबद्ध कार्यो की प्लानिंग व विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने को कहा। जिला कलक्टर ने कार्यो के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जीआईएस बेस्ड कार्यो का चयन आधारित तकनीकी से रिच टू बैली अप्रोच को ध्यान में एमएसीडी अभिसरण क्या है एमएसीडी अभिसरण क्या है रखते हुए करने एवं मनरेगा निष्पादन होने योग्य व्यक्तिगत कार्यो को अभिसरण स कराने व राजीव गांधी जल संचय योजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत न्यूनतम 25 प्रतिशत कार्य मनरेगा मद में अभिसरण करके डीपीआर में लेने के निर्देश दिए। बैठक में जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ज्यादा से ज्यादा बड़े संग्रहण ढांचे लेने के निर्देश दिए।
पीएम आवास योजना में रहा छत्तीसगढ़ का बोल-बाला, बेस्ट कम्यूनिटी ओरिएंटेड प्रोजेक्ट्स और बेस्ट परफॉर्मिंग नगर पंचायत श्रेणी में मिले दो अवार्ड
भारत सरकार की ओर से 19 से 21 अक्टूबर 2022 तक आयोजित हो रहे इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव में प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ को यह अवॉर्ड बेस्ट कम्यूनिटी ओरिएंटेड प्रोजेक्ट्स और बेस्ट परफॉर्मिंग नगर पंचायत श्रेणी में मिला है।
PM AWAS YOJNA राज्य सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम आवास) में दो पुरस्कार मिले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना अवार्ड 2021 के अंतर्गत एमएसीडी अभिसरण क्या है यह पुरस्कार गुजरात के राजकोट में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 19 से 21 अक्टूबर 2022 तक आयोजित किया गया था । शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि व कृषक कल्याण, अधोसंरचना समेत हर क्षेत्र में निरंतर विकास की गति आगे बढ़ रही है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर देश में अपना परचम लहराया है। प्रधानमंत्री आवास योजना अवॉर्ड 2021 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य को दो पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। यह पुरस्कार गुजरात के राजकोट में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 19 से 21 अक्टूबर 2022 तक आयोजित हो रहे इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव में प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ को यह अवॉर्ड बेस्ट कम्यूनिटी ओरिएंटेड प्रोजेक्ट्स और बेस्ट परफॉर्मिंग नगर पंचायत श्रेणी में मिला है।
गौतरलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में मोर जमीन-मोर मकान योजना शुरू की गई। इसे प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से जोड़ते हुए नगर पालिक निगम राजनांदगांव के आशा नगर में निवासरत कुष्ठ रोग से ग्रसित परिवारों को अन्य 19 केन्द्र व राज्य प्रवर्तित योजनाओं के साथ अभिसरण करते हुए 61 परिवारों को सर्वसुविधायुक्त पक्का आवास दिया गया। इससे उनके जीवनशैली में सुधार लाया गया। अब वे परिवार भी समाज के साथ खड़े होकर जीवन-यापन कर रहे हैं। इसी तरह नगर पंचायत गंडई एवं अंतागढ़ में भी विशेष वर्ग के हितग्राहियों को भी सर्वसुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराया गया और उनकी जीवनशैली में सुधार लाने का प्रयास किया गया, जिससे अब वे सभी परिवार समाज में सम्मान के साथ जीवन-यापन कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में सामाजिक उत्थान को लेकर हुए इन प्रयासों को सराहते हुए सामाजिक उत्थान परियोजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 'बेस्ट कम्यूनिटी ओरिएंटेड प्रोजेक्ट्स' की श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन का पुरस्कार प्रदान किया गया है। वहीं नगर पंचायत पाटन में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मोर जमीन-मोर मकान योजना अंतर्गत स्वीकृत आवासों के विरुद्ध अधिक संख्या में आवास पूर्ण कर समय से हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने एवं आकर्षक आवास बनाने जैसे उत्कृष्ट कार्य के लिए 'बेस्ट परफॉर्मिंग नगर पंचायत' श्रेणी में पूरे भारत में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं राज्य में जनकल्याणकारी नीतियों के लिए भारत सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ को पिछले पौने चार साल में अनेक पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं।
भारत-फ्रांस के रक्षा मंत्रियों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, रक्षा और रक्षा औद्योगिक सहयोग के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर भी चर्चा की.
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के साथ चौथी भारत-फ्रांस वार्षिक रक्षा वार्ता की। इस दौरान रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और निवेश पर चर्चा हुई। द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, रक्षा और रक्षा औद्योगिक सहयोग के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर भी चर्चा की गई।
मंत्रियों ने वर्तमान में चल रहे सैन्य सहयोग की समीक्षा की, जिसमें हाल के वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने समुद्री सहयोग को मजबूत करने और द्विपक्षीय अभ्यासों के दायरे व सहभागिता को बढ़ाने के साधनों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारत और फ्रांस ने हाल ही में जोधपुर के वायुसेना स्टेशन में सैन्य अभ्यास ‘गरुड़ का सफल संचालन किया। वार्ता के दौरान रक्षा औद्योगिक सहयोग ‘मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो प्रमुख मुद्दों में एक रहा। भविष्य के सहयोग और संभावित सह-उत्पादन के अवसरों पर चर्चा की गई। मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के तकनीकी समूहों को अगले वर्ष की शुरुआत में मिलना चाहिए और प्रमुख सहयोग के विषयों पर विचार करना चाहिए।
मंत्रियों ने कई रणनीतिक और रक्षा मुद्दों पर उनके अभिसरण को मान्यता दी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता साझा की। फ्रांस इंडियन ऑशन कमीशन (आईओसी) और इंडियन स्कैन नेवल सिंपोजियम (आईओएनएस) का वर्तमान अध्यक्ष है और दोनों देश इन मंचों में निकटता से सहयोग करते हैं।
भारत की अपनी यात्रा के अंतर्गत सेबेस्टियन लेकोर्नू ने रविवार को दक्षिणी नौसेना कमान के मुख्यालय की एक दिन की यात्रा की और भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का एमएसीडी अभिसरण क्या है दौरा किया। फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री ने कहा कि वह आईएनएस विक्रांत से बहुत प्रभावित हैं। फ्रांस भारत के सबसे विश्वसनीय रणनीतिक साझेदारों में से एक है और दोनों देश वर्ष 2023 में अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्षों का जश्न मनाने के लिए आशावान हैं।
अफगानिस्तान में अपने कार्यों के परिणाम भुगतेगा पाक.
रोहतक ब्यूरो
Updated Tue, 26 Oct 2021 02:24 AM IST
आईआईएम में आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञों ने कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में अपने कार्यों के परिणाम भुगतेगा। संस्थान ने अफगानिस्तान में हाल ही में एमएसीडी अभिसरण क्या है हुए घटनाक्रम पर ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका के विशेषज्ञ शामिल हुए।
सोमवार को सम्मेलन के पहले चरण में मित्र एमएसीडी अभिसरण क्या है राष्ट्रों की ओर से पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में की गईं गतिविधियों और विकास कार्यों पर चर्चा की गई। इसमें सांसद एमजे अकबर, अफगानिस्तान की पूर्व मंत्री डॉ. नरगिस नेगन, पूर्व उप मंत्री शाह महमूद, अफगानिस्तान व पाकिस्तान अध्ययन के डॉ. मार्विन जी बेनगाम, अफगानिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद, अफगान अध्ययन केंद्र के हनीफ सूफीजादा, नेब्रास्का विश्वविद्यालय ओमाहा के लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन, पूर्व सैन्य सचिव डॉ. शांति मैरिट डिसूजा, अफगानिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल फहीम सयाद और सुरक्षा विशेषज्ञ राहुल भोंसले शामिल हुए। आईआईएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि अमेरिका ने 20 साल पहले आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के मकसद से अफगानिस्तान में प्रवेश किया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद तालिबान सत्ता में आ गया और इसके होने से वैश्विक संकट पैदा हो गया है। अब सवाल है कि क्या पहले बनाईं संस्थाएं, प्रणालियां अब जारी रहेंगी।
एमजे अकबर ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद चीन और पाकिस्तान का अभिसरण हुआ है। कई प्रणालियां शायद अफगानी संस्कृति के लिए नहीं थीं। डॉ. नरगिस नेगन ने कहा कि महिलाओं, नागरिकों, श्रमिकों, मीडिया और सार्वजनिक क्षेत्र की दुर्दशा के बारे में कम खबरें हैं। हनीफ सूफीजादा ने कहा कि नई पीढ़ी के निर्माण में 20 साल की मेहनत बेकार हो गई। ब्रिगेडियर राहुल भोंसले ने अफगानिस्तान की स्थिति को भड़काने में पाकिस्तान की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद अफगानिस्तान में अपने कार्यों के परिणाम भुगतेगा। शाह महमूद मियाखेल ने कहा कि तालिबान को यह महसूस करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान पर सैन्य रूप से कब्जा करना एक बात है, लेकिन शासन करना दूसरी बात है। डॉ. मार्विन ने कहा कि ऐसा लग सकता है कि तालिबान का अधिग्रहण पाकिस्तान की जीत है, लेकिन यह सच्चाई से दूर है।
आईआईएम में आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञों ने एमएसीडी अभिसरण क्या है कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में अपने कार्यों के परिणाम भुगतेगा। संस्थान ने अफगानिस्तान में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका के विशेषज्ञ शामिल हुए।
सोमवार को सम्मेलन के पहले चरण में मित्र राष्ट्रों की ओर से पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में की गईं गतिविधियों और विकास कार्यों पर चर्चा की गई। इसमें सांसद एमजे अकबर, अफगानिस्तान की पूर्व मंत्री डॉ. नरगिस नेगन, पूर्व उप मंत्री शाह महमूद, अफगानिस्तान व पाकिस्तान अध्ययन के डॉ. मार्विन जी बेनगाम, अफगानिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद, अफगान अध्ययन केंद्र के हनीफ सूफीजादा, नेब्रास्का विश्वविद्यालय ओमाहा के लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन, पूर्व सैन्य सचिव डॉ. शांति मैरिट डिसूजा, अफगानिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल फहीम सयाद और सुरक्षा विशेषज्ञ राहुल भोंसले शामिल हुए। आईआईएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि अमेरिका ने 20 साल पहले आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के मकसद से अफगानिस्तान में प्रवेश किया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद तालिबान एमएसीडी अभिसरण क्या है सत्ता में आ गया और इसके होने से वैश्विक संकट पैदा हो गया है। अब सवाल है कि क्या पहले बनाईं संस्थाएं, प्रणालियां अब जारी रहेंगी।
एमजे अकबर ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद चीन और पाकिस्तान का अभिसरण हुआ है। कई प्रणालियां शायद अफगानी संस्कृति के लिए नहीं थीं। डॉ. नरगिस नेगन ने कहा कि महिलाओं, नागरिकों, श्रमिकों, मीडिया और सार्वजनिक क्षेत्र की दुर्दशा के बारे में कम खबरें हैं। हनीफ सूफीजादा ने कहा कि नई पीढ़ी के निर्माण में 20 साल की मेहनत बेकार हो गई। ब्रिगेडियर राहुल भोंसले ने अफगानिस्तान की स्थिति को भड़काने में पाकिस्तान की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद अफगानिस्तान में अपने कार्यों के परिणाम भुगतेगा। शाह महमूद मियाखेल ने कहा कि तालिबान को यह महसूस करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान पर सैन्य रूप से कब्जा करना एक बात है, लेकिन शासन करना दूसरी बात है। डॉ. मार्विन ने कहा कि ऐसा लग सकता है कि तालिबान का अधिग्रहण पाकिस्तान की जीत है, लेकिन यह सच्चाई से दूर है।
Maha Shivratri 2022: महा शिवरात्रि पर मिलेगा भगवान शिव का आशीर्वाद, जानें व्रत की सही विधि
Maha Shivratri 2022: महा शिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी और इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिये किस शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए और व्रत रखने का सही तरीका क्या है. यहां जानें.
Published: February 21, 2022 4:05 PM IST
Maha Shivratri 2022: शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. हालांकि उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. दोनों कैलेंडरों में यह चंद्र मास की नामकरण परंपरा है, जो भिन्न-भिन्न है. हालांकि, उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय दोनों, एक ही दिन महा शिवरात्रि मनाते हैं. इस बार महा शिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी.
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व्रत विधि (Maha Shivratri Vrat Vidhi)
शिवरात्रि व्रत से एक दिन पहले, त्रयोदशी पर भक्तों को केवल एक बार भोजन करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन, सुबह की क्रिया (स्नान) पूरी करने के बाद भक्तों को शिवरात्रि पर पूरे दिन का उपवास रखने और अगले दिन भोजन करने के लिए संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान भक्त उपवास की अवधि पूरा करने के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं.
शिवरात्रि के दिन जातक दो बार स्नान करते हैं. एक बार सुबह और दूसरी बार शाम में शिव पूजन से पहले या मंदिर जाने से पूर्व. शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव पूजा रात्रि में होती है. पूरे दिन और रात उपवास करने के बाद शिव भक्त अगले दिन सूर्योदय होने और चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत खोलते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे भक्तों को ज्यादा लाभ प्राप्त होता है. हालांकि कुछ जगहों पर ऐसी मान्यता है कि चतुर्दशी तिथि समाप्त होने के बाद उपवास खोलना चाहिए. लेकिन वास्तविक मान्यता यही है कि शिव पूजन और पारण (Shiva Puja and Parana) चतुर्दशी तिथि में ही की जाती है.
चार पहर की पूजा :
शिवरात्रि पूजा रात में एक या चार बार की जा सकती है. चार बार शिव पूजा करने के लिए चार प्रहर (प्रहर) प्राप्त करने के लिए पूरी रात की अवधि को चार में विभाजित किया जा सकता है. शिव भक्तों के लिए सभी चार प्रहर अवधियों को सूचीबद्ध कर हम यहां दे रहे हैं.
1. रात्रि प्रहर पूजा : शाम 06:21 से रात्रि 09:27 बजे तक
2. रात्रि प्रहर पूजा : रात्रि 09:27 से रात्रि 12:33 (02 मार्च)
3. रात्रि प्रहर पूजा : रात्रि 12:33 से सुबह 03:39 बजे तक (02 मार्च)
4. रात्रि प्रहर पूजा : सुबह 03:39 बजे से 06:45 बजे तक (02 मार्च)
निशिता काल पूजा का समय (Nishita Kaal Puja Time): 02 मार्च 2022 को सुबह 12:08 से सुबह 12:58 बजे तक
चतुर्दशी तिथि कब शुरू होगी : 01 मार्च 2022 को सुबह 03:16 बजे से
चतुर्दशी तिथि कब समाप्त होगी : 02 मार्च 2022 को सुबह 01:00 बजे तक
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