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बिटकॉइन

अगर आप बिटकॉइन के बारे में नहीं जानते तो बता दें ये एक डिजिटल करेंसी है, जिसे डिजिटल वॉलेट में रख सकते हैं. इतना ही नही 2022 में आप बिटकॉइन देकर कुछ भी खरीद सकते हैं.

बिटकॉइन का मालिक

एसा माना जाता है की बिटकॉइन को सातोशी नकामोतो और उसके कुछ साथियों ने मिल कर बनाया था. लेकिन इसका मतलब ये नहीं की सातोशी नकामोतो इसका मालिक है. क्योंकि बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है, इसी लिए जिसके पास जितना बिटकॉइन है वही उतने बिटकॉइन का मालिक है

बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना साल्वाडोर, क्या भारत में भी मिलेगी मंजूरी?

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे.

By: एबीपी न्यूज़ वेब डेस्क | Updated at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST)

Edited By: Abhishekkum

नई दिल्ली:और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है पूरी दुनिया में ये बहस चल रही है कि क्या बिटकॉइन को मंजूरी देनी चाहिए? क्या बिटक्वॉइन का इस्तेमाल आपकी किसी करेंसी की तरह हो सकता है? यानी अभी किसी भी सामान को खरीदने के लिए आप रुपये में पेमेंट करते हैं तो क्या आने वाले भविष्य में ये पेमेंट बिटकॉइन में हो सकती है? भारत में तो पता नहीं, लेकिन सेंट्रल अमेरिका के देश अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपना लिया है.

बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश है अल साल्वाडोर

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे. जून में अल और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है साल्वाडोर ने एक कानून पारित किया था, जिसमें बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकारने की बात कही थी.

करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब क्या है?

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किसी भी करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब ये है कि वो देश उस करेंसी को मान्यता देता है. यानी उस करेंसी के माध्यम से कोई भी सामान खरीद सकते हैं. साल 2016 में 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो तब उन्होंने भी लीगल टेंडर शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि 500 और हजार के नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. इसी तरह से अल साल्वाडोर में बिटकॉइन लीगल टेंडर हो गया है.

अल साल्वाडोर के बारे में जानकारियां

अल साल्वाडोर की अपनी कोई करेंसी नहीं है. वहां के लोग अमेरिकी डॉलर में ही लेन देन करते हैं. यहां की 25 प्रतिशत जनसंख्या अमेरिका में गुजर बसर करती है. ये लोग हर साल अपने देश में करीब 6 अरब डॉलर भेजते हैं. जिस पर कई तरह के टैक्स और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है लगते हैं.

अब बिटकॉइन अपनाने के बाद अल साल्वाडोर को उम्मीद है कि वो हर साल इस टैक्स के 400 मिलियन डॉलर की फीस बचा पाएंगे. लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. पूरे देश में जनमत सर्वेक्षण हो रहे हैं और इसमें 70 प्रतिशत लोग बिटकॉइन को लीगल टेंडर देने को गलत बता रहे हैं. बिटकॉइन के उपयोग के साथ जुड़े जोखिमों को लेकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ भी लगातार अल साल्वाडोर को चेतावनी दे रहा है.

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Published at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST) Tags: India Cryptocurrency Bitcoin currency el salvador हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है?

और अक्सर देखा गया है कि लोग गूगल पर अक्सर यह सर्च करते हैं कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है। दोस्तों अगर आप हमारे इस लेख को पढ़ रहे हैं तो आज के बाद आप कभी भी गूगल पर यह सर्च नहीं करेंगे कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है या बिटकॉइन का मालिक कौन है।

Bitcoin kaun se desh ki mudra hai

क्योंकि यहां पर हमने आपको काफी अच्छे से बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी दी है तो चलिए जानते हैं बिटकॉइन के बारे में।

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है बल्कि बिटकॉइन एक स्वतंत्र डिजिटल करेंसी है और साथ ही बिटकॉइन के ऊपर किसी भी देश या किसी व्यक्ति का संपूर्ण अधिकार नहीं है, Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसे ना तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है पर बिटकॉइन को एक जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन के माध्यम से भेजा जा सकता है।

यहां हम आपकी जानकारी के लिए बता दें वैसे तो बिटकॉइन जापान देश के एक नागरिक द्वारा बनाया गया है पर बिटकॉइन को आज हर देश का निवासी इस्तेमाल कर सकता है और बिटकॉइन के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में बिना किसी कागज कार्रवाई के पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है।

आज किसी भी देश का व्यक्ति बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीद सकता है और बेच सकता है। हम उम्मीद करते हैं अब आपको पता चल गया होगा कि बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है।

Bitcoin kis country ka hai

Cryptocurrency mein nivesh kaise kare: क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें जानने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था, पर आज इनके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है कि सतोशी नाकामोतो कौन है और कहां है,

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शुरुआत में जब बिटकॉइन बनाया गया था उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 10 पैसे से लेकर 50 पैसे के अंदर आती थी, पर आज बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए को छू चुकी है जिसे आज किसी आम व्यक्ति के लिए खरीदना काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।

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FAQ’s: आपके सवालों के जवाब

Q1: बिटकॉइन का निर्माण किसने किया है?

Ans: बिटकॉइन का निर्माण जापान के एक निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) नामक व्यक्ति ने किया है।

Q2: बिटकॉइन का निर्माण किस वर्ष हुआ था?

Ans: बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था।

Q3: 1 बिटकॉइन में कितने जीरो होते हैं?

Ans: 1 बिटकॉइन में और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है 8 जीरो होते हैं।

Q4: भारत में क्रिप्टो कैसे खरीद सकते हैं?

Ans: अगर आप भारतीय हैं और भारत मैं क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहते हैं तो आप wazirx एक्सचेंज का इस्तेमाल करके P2P के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।

Q5: कौन सी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाना चाहिए?

Ans: आपको उन्हीं क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाना चाहिए जिनका फ्यूचर अच्छा हो, जिनके प्रोजेक्ट में कुछ दम हो, साथ ही और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है जिनका सपोर्ट सिस्टम सबसे बेहतर हो, तथा जो अपने रोडमैप को फॉलो करके काम कर रहे हो, आपको ऐसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहिए।

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Conclusion: आखरी शब्द

हमें उम्मीद है इस लेख के अंदर आपको जो जानकारी दी गई है वह आपको पसंद आई होगी। आज के इस लेख में हमने आपको “बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है” की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

इस लेख से संबंधित अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आपकी राय ही हमें आगे और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है इसलिए यहां कमेंट जरूर करें।

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Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना

अल सल्वाडोर में बिटकॉइन को लीगल करेंसी मान लिए जाने के बाद वहां इस पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा. वहां की सरकार ने क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर्स को स्थायी तौर पर रहने की छूट देने का एलान भी किया है.

Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना

As a nation, we can’t afford to have a scenario where this category of investment exists unregulated.

Bitcoin Declared Legal Currency in El Salvador : अल सल्वाडोर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था. अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है. अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई.

अब कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा

राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.

The #BitcoinLaw has been approved by a supermajority in the Salvadoran Congress.

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कई निवेशकों ने किया फैसले का स्वागत

इस कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलिकन वैली के एंजेल इनवेस्टर बालाजी श्रीनिवास ने कहा कि यह अद्भुत फैसला है. अब उन सभी इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी के तौर पर इसमें सक्षम हैं. हाल में दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी में काफी तेजी देखी गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में निवेशकों के बीच इसने काफी दिलचस्पी पैदा की है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के आरबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

Which Countries Using Cryptocurrency: भारत समेत इन देशों में आज भी चल रही हैं बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी, जानिए कौन-कौन से देश लगा चुके हैं बैन!

Which Countries Using Cryptocurrency: चीन ने क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) से जुड़ी ट्रांजेक्शन को अवैध करार देते हुए बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरंसी पर बैन (China ban cryptocurrency) लगा दिया है। वहीं दूसरी ओर भारत में अभी भी क्रिप्टोकरंसी (Bitcoin in india) बैन नहीं है। भारत सरकार कई सालों से इस पर बैन लगाने की कोशिशें कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही।

which countries using cryptocurrency like bitcoin and which countries imposed ban on it

Which Countries Using Cryptocurrency: भारत समेत इन देशों में आज भी चल रही हैं बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी, जानिए कौन-कौन से देश लगा चुके हैं बैन!

भारत में बिटकॉइन पर नहीं लग पा रहा बैन!

बिटकॉइन का इस्तेमाल करने वाले देशों की लिस्ट में पहला नाम आता है भारत का। हालांकि, यहां की सरकार लगातार इसे बैन करने की कोशिशें कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। अप्रैल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाया ता, लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इसके उलट फैसला दे दिया। मई 2021 में रिजर्व बैंक ने बैंकों को क्रिप्टोकंरसी का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। हालांकि, सरकार का बिटकॉइन पर कोई कंट्रोल नहीं है यानी वह इसमें निवेश करने वालों के हितों की रक्षा नहीं कर सकती है। यही वजह है कि सरकार इसे बैन करने की कोशिशें कर रही है। कोई कंट्रोल ना होने की वजह से यहां बिटकॉइन पर कोई टैक्स भी नहीं लगता।

इन देशों में भी चलता है बिटकॉइन

  • अमेरिका में भी बिटकॉइन चलता है। वहां पर डिश नेटवर्क, माइक्रोसॉफ्ट, सबवे और ओवरस्टॉक जैसी कंपनियां बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करती हैं।
  • अमेरिका की तरह ही कनाडा में बी बिटकॉइन का खूब इस्तेमाल होता है। कनाडा रेवेन्यू एजेंसी तो बिटकॉइन को एक कमोडिटी की तरह देखती है और इसके हुई कमाई को बिजनस इनकम माना जाता है। उस पर टैक्स भी लिया जाता है।
  • अगला नाम है ऑस्ट्रेलिया का, जहां पर बिटकॉइन अभी भी इस्तेमाल होता है। ऑस्ट्रेलिया में इसे ना तो विदेशी मुद्रा की तरह देखा जाता है ना ही पैसों की तरह देखते हैं। इसे असेट की तरह देखा जाता है और कैपिटल गेन टैक्स भी लगाया जाता है।
  • इनके अलावा फिनलैंड, बेल्जियम, बुल्गारिया और अल सल्वाडोर जैसे देशों में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाता है।

ये देश लगा चुके हैं बिटकॉइन पर बैन

  • बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाने वाले देशों में चीन भी शामिल हो गया है।
  • रूस में बिटकॉइन पर पहले से ही बैन है और वहां बिटकॉइन में भुगतान करना अवैध है।
  • वियतनाम ने भी बिटकॉइन पर बैन लगाया हुआ है।
  • इसका अलावा बोलिविया, कोलंबिया और एक्वाडोर जैसे देशों ने भी बिटकॉइन और बाकी क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाया हुआ है।

आखिर क्यों बिटकॉइन है खतरनाक

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले सालों में कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 फीसदी गिर गया। 2013 में अप्रैल महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से अधिक गिरी थी। 233 डॉलर तक जा पहुंचा बिटकॉइन अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ गया। कई देशों में बिटकॉइन पर अभी भी ट्रेडिंग होती है, लेकिन इसमें निवेश करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। बिटकॉइन की सबसे खराब बात ये है कि इसका अधिकतर इस्तेमाल हैकिंग, ड्रग्स सप्लाई और हथियारों के अवैध खरीद-फरोख्त जैसे कामों में होता है, जो गैरकानूनी है।

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