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नई क्रिप्टोकरेंसी

इस पृष्ठ पर, आप नवीनतम डिजिटल मुद्राओं के नाम, उनके सिंबल और वे कब जोड़ी गयी थीं, सब जान सकते हैं! शुरुआत में किसी सिक्के का मार्केट कैप और प्रचलित आपूर्ति के आंकड़े प्राप्त करने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आंकड़े जैसे ही हमारे पास पहुँचते हैं हम इस पृष्ठ को अपडेट कर देंगे।

आपको प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी की वर्तमान कीमत, और पिछले 24 घंटों के ट्रेडिंग वॉल्यूम की नवीनतम जानकारी मिलेगी।

नए DeFi टोकन

बेशक, क्रिप्टो बाजार में सबसे बड़े विकास क्षेत्रों में से एक विकेंद्रीकृत वित्त का क्षेत्र रहा है। इसे DeFi के नाम से जाना जाता है, उद्योग में मौजूद बहुत से टोकन शासन से संबंधित हैं और मालिकों को नेटवर्क में प्रस्तावित सुधारों पर वोट देने का अधिकार देते हैं। बाकियों का उपयोग स्टेकिंग पुरस्कार प्रदान करने के लिए किया जाता है।

नई क्रिप्टो संपत्तियों का आकलन करते समय, प्रैयोजना की टोकनोमिक्स के बारे में जितना हो सके उतना जानना और अपनी खुद की तफतीश करना बहुत ज़रूरी है। श्वेत पत्र, जो सामान्य रूप से स्टार्ट अप की वेबसाइट पर होते हैं, अक्सर आपको इस पर दिशा प्रदान करते हैं — ये बताते हैं कि डिजिटल परिसंपत्ति में कौनसी अनूठी विशेषताएँ है, उसके उपयोग के मामले क्या हैं और इसके भविष्य के लिए योजित राह क्या है। यह भी ध्यान में रखें कि कुछ क्रिप्टो सिक्के अपने शुरुआती दिनों में बहुत बढ़ते हैं, और अचानक कुछ दिनों बाद क्रैश हो जाते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी के शुरुआती दिनों में, प्रारम्भिक सिक्का पेशकश (ICO) नए टोकनों को बाजार में लाने का एक लोकप्रिय तरीका था। हालांकि इसमें ऑल्टकोइन्स की बिक्री की जाती थी, ये उन्हें परियोजना में कोई स्वामित्व नहीं देते थे। आजकल, सेक्योरिटी टोकन पेशकश और इनिशियल एक्सचेंज ओफरिंग ICO के मुक़ाबले काफी ज़्यादा खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र सामान्य हैं।

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नयी क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें

मुख्य एक्सचेंजों जैसे बाइनेंस या कोइनबेस पर नवीनतम डिजिटल मुद्राएँ तुरंत दिखाई नहीं देती हैं — और उनके सूचीबद्ध होने में थोड़ा समय लग सकता है। परिणामस्वरूप, हो सकता है खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र नयी क्रिप्टोकरेंसी को फ़िएट मुद्राओं से जोड़ने वाले व्यापारिक जोड़े उपलब्ध नहीं हों। इन नवेली परियोजनाओं के लिए छोटे प्लेटफार्मों पर सूचीबद्ध होना आम हैं, जहां व्यापार जोड़े उन्हें टेथर जैसे स्टेबलकोइन्स और बिटकोइन एवं एथेरियम से लिंक करते हैं।

याद रखें: एक परियोजना की सफलता इस पर निर्भर करती है कि क्रिप्टो समुदाय उसे कितना अपनाता है। सोशल मीडिया पर ख्याति — और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण, ट्रेडिंग वॉल्यूम — आपको इस बात का संकेत दे सकती है कि किसी परियोजना में कितना कर्षण है।

बाजार में हजारों क्रिप्टोकरेंसी आने के साथ, ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग नए और रोमांचक तरीकों से किया जा रहा है। रुझान लगातार उभर रहे हैं, और जागरूकता और स्वीकरण में वृद्धि हो रही है। केन्द्रीय बैंक उत्साह के साथ डिजिटल मुद्राओं पर विचार कर रहे हैं — और फेसबुक जैसी निजी कंपनियाँ लिब्रा जैसी स्टेबलकोइन परियोजनाएं शुरू कर रही हैं — आने वाले महीनों और सालो में बाजार में और भी कई क्रिप्टोकरेंसी देखने की उम्मीद है।

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार ने तैयार किया ‘कन्सल्टेशन पेपर’, जल्द किया जाएगा पेश

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Crypto Consultation Paper in India: क्रिप्टोकरेंसी की ओर दुनिया भर के लोगों का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में भी लोग तेज़ी से क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में उतर रहे हैं। भारत सरकार खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र पहले से ही क्रिप्टोकरेंसियों से होने वाली आय पर 30% का टैक्स और 1% टीडीएस लगा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी कहीं न कहीं देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार के स्पष्ट रेग्युलेशन व दिशानिर्देशों की कमी नज़र आती रही है।

पर इसको लेकर अब एक और बड़ी अपडेट सामने आई है। आस में हुआ ये कि भारत सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने सोमवार को अपने एक बयान में बताया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लकर ‘कन्सल्टेशन पेपर’ (परामर्श पत्र) लगभग तैयार कर लिया है, और जल्द इसको पेश किया जा सकता है।

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आर्थिक मामलों के सचिव, अजय सेठ ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा,

“सरकार ने इस ‘कन्सल्टेशन पेपर’ को तैयार करने के लिए काफी विचार-विमर्श किया है।”

दिलचस्प यह है कि रूप से आर्थिक मामलों के सचिव ने यह भी बताया कि इस ‘कन्सल्टेशन पेपर’ को तैयार करने के लिए घरेलू हितधारकों के साथ ही साथ आईएमएफ (IMF), विश्व बैंक जैसे संगठनों से भी परामर्श किया गया है।

उन्होंने उम्मीद जताई है की जल्द ही इस ‘कन्सल्टेशन पेपर’ को अंतिम रूप प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक वैश्विक सहमति बनाने की जरूरत है।

माना ये जा रहा है कि भारत सरकार ये तमाम कोशिशें भारतीय निवेशकों के निवेश को सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से कर रही है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई दिशानिर्देशों को जारी करने से पहले विश्व के तमाम अन्य देशों द्वारा इस तकनीक पर उठाए गए कदमों, सवालों और, चिंताओ को परखा जा सके।

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लेकिन इतना ज़रूर रहा है कि अजय सेठ ने सरकार के पुराने रूख को ही दोहराते हुए बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की मंशा का ज़िक्र कुछ समय पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। (पूरा बयान पढ़ें!)

पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का जिक्र करते हुए कहा था,

“सभी लोकतांत्रिक देशों को ये अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि ये नई डिजिटल करेंसी किसी भी तरीक़े से गलत हाथों में न जानें पाए। ये चीज़ हमारे युवाओं को बर्बाद भी कर सकती है।”

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साफ तौर पर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समय समय पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से लेकर आरबीआई (RBI) तक अपनी राय सार्वजनिक रूप से पेश करते रहे हैं।

कुछ ही समय पहले RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को देश की ‘वित्‍तीय स्थिरता’ के लिए खतरा तक बता डाला था।

याद दिला दें वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया था, वहीं दूसरी ओर यह भी कहा गया था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) साल 2023 की शुरुआत तक देश की आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च करता नज़र आएगा।

इस बीच अब आर्थिक मामलों के सचिव द्वारा यह कहना कि सरकार जल्द से जल्द क्रिप्टो पर ‘कन्सल्टेशन पेपर’ (परामर्श पत्र) पेश कर सकती है, शायद इस बात का भी इशारा है कि भारत सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठा सकती है।

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में क्यों आ रही लगातार गिरावट, जानें क्या है इसका अमेरिका से कनेक्शन

Cryptocurrency US Connection: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इसका बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है। क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।

यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।

सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटक्वाइन निचले स्तर पर
दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन के दाम इस महीने अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से लगातार गिर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने इसका कारोबार लगातार नीचे की ओर जा रहा है। आंकड़ों को देखें तो जहां बिटक्वाइन आज 45,000 डॉलर के स्तर तक नीचे आ गया है। शुक्रवार को बिटक्वाइन का दाम इस महीने के निचले स्तर तक पहुंच गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, बीते 50 दिनों के उतार-चढ़ाव पर अगर नजर डालें तो बिटक्वाइन में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई है।

दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के दाम भी हो रहे कम
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी शुक्रवार को तीन हफ्ते में अपने सबसे निचले स्तर पर 4,014 डॉलर को छू गई। इसके साथ ही आल्टक्वाइन, बियान्से क्वाइन, पोल्काडॉट, डॉजक्वाइन और शीबा इनु में भी इस महीने गिरावट का जो दौर शुरू हुआ, वो अभी भी जारी है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि जब ट्रेड वॉल्यूम कम होता है, तो कुछ बड़े प्लेयर बाजार को अपनी पसंद के हिसाब से दिशा दे सकते हैं। वहीं जब बियर हावी होता है, तो रिटेल प्लेयर बाजार को और नीचे लाते हुए कवर के लिए दौड़ पड़ते हैं।

डिजिटल करेंसी में आगे भी गिरावट रहने की उम्मीद
क्रिप्टोकरेंसी में आ रही लगातार गिरावट पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री का दबाव काफी स्थिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इसमें गिरावट जारी रहेगी, जब तक टोकन को 53,000 डॉलर के करीब सपोर्ट नहीं मिल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि ग्लोबल मार्केट हाल के दिनों में सावधान रहा है, जिसकी वजह आर्थिक ग्रोथ, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं हैं।

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।

यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।

सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटक्वाइन निचले स्तर पर
दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन के दाम इस महीने अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से लगातार गिर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने इसका कारोबार लगातार नीचे की ओर जा रहा है। आंकड़ों को देखें तो जहां बिटक्वाइन आज 45,000 डॉलर के स्तर तक नीचे आ गया है। शुक्रवार को बिटक्वाइन का दाम इस महीने के निचले स्तर तक पहुंच गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, बीते 50 दिनों के उतार-चढ़ाव पर अगर नजर डालें तो बिटक्वाइन में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई है।

दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के दाम भी हो रहे कम
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी शुक्रवार को तीन हफ्ते में अपने सबसे निचले स्तर पर 4,014 डॉलर को छू गई। इसके साथ ही आल्टक्वाइन, बियान्से क्वाइन, पोल्काडॉट, डॉजक्वाइन और शीबा इनु में भी इस महीने गिरावट का जो दौर शुरू हुआ, वो अभी भी जारी है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि जब ट्रेड वॉल्यूम कम होता है, तो कुछ बड़े प्लेयर बाजार को अपनी पसंद के हिसाब से दिशा दे सकते हैं। वहीं जब बियर हावी होता है, तो रिटेल प्लेयर बाजार को और नीचे लाते हुए कवर के लिए दौड़ पड़ते हैं।


डिजिटल करेंसी में आगे भी गिरावट रहने की उम्मीद
क्रिप्टोकरेंसी में आ रही लगातार गिरावट पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री का दबाव काफी स्थिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इसमें गिरावट जारी रहेगी, जब तक टोकन को 53,000 डॉलर के करीब सपोर्ट खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र नहीं मिल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि ग्लोबल मार्केट हाल के दिनों में सावधान रहा है, जिसकी वजह आर्थिक ग्रोथ, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं हैं।

RBI ने 4 शहरों में लॉन्च किया Digital Rupee, जानें कैसे खरीदें और इस्तेमाल करें इस डिजिटल करेंसी को

RBI ने कहा कि यूजर्स सेलेक्टेड बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये के साथ खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र लेनदेन करने में सक्षम होंगे.

Digital Rupee

Digital Rupee

gnttv.com

  • नई दिल्ली ,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • (Updated 02 दिसंबर 2022, 11:09 AM IST)

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग

4 शहरों में लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 4 शहरों में डिजिटल रुपी पायलट लॉन्च किया है. डिजिटल करेंसी का उद्देश्य धीरे-धीरे पेपर मनी को खत्म करना है. यह क्रिप्टोक्यूरेंसी या ब्लॉकचेन तकनीक से नहीं जुड़ा है.

डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया या डिजिटल मुद्रा वर्चुअल मनी है जो फिजिकल मनी के समान उद्देश्य को पूरा करेगा. डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है: 1 डिजिटल रुपया 1 रुपये नकद के बराबर है. क्रिप्टो एक अस्थिर बाजार है और बाजार के अनुसार इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है. डिजिटल रुपये का मूल्य कभी नहीं बदलता है और कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग होता है.

इन शहरों में लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया
भारत के केंद्रीय बैंक ने मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों में डिजिटल रुपये का पायलट शुरू किया है. शुरुआती टेस्टिंग के लिए, RBI ने चार बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक के साथ भागीदारी की.

एक बार परीक्षण प्रक्रिया शुरू होने के बाद, आरबीआई चार और बैंकों में साझेदारी का विस्तार करेगा - खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक. आने वाले दिनों में सेवा का विस्तार और शहरों में भी किया जाएगा. दूसरे चरण में जिन शहरों को डिजिटल रुपये की सुविधा मिलेगी उनमें शामिल हैं - अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला.

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग
डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरेंसी दो अलग-अलग चीजें हैं और किसी भी तरह से एक दूसरे से जुड़ी नहीं हैं. क्रिप्टो ब्लॉकचेन पर आधारित है, डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा नहीं है. नया लॉन्च किया गया डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है, और इसे लॉन्च करने के पीछे का उद्देश्य बाजार से नकदी के पैसे को खत्म करना है.

एक अन्य पहलू जहां क्रिप्टो और डिजिटल रुपया मेल नहीं खाते हैं, वह मूल्य कारक है. क्रिप्टोक्यूरेंसी रिस्क वाला बाजार है और इसका मूल्य बाजार की स्थितियों के आधार पर बदलता है. पर डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा नहीं है. इसका मूल्य नकद धन की तरह ही रहता है.

फर्क सिर्फ इतना है कि, जैसा कि नाम से पता चलता है, डिजिटल रुपया पेपर मनी का एक "डिजिटल" प्रारूप है. दिलचस्प बात यह है कि डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है, बस डिजिटल रुपये को संभालना कहीं ज्यादा आसान और सस्ता है.

डिजिटल रुपया कैसे खरीदें
शुरुआती टेस्टिंग के लिए, आरबीआई ने यूजर्स को डिजिटल रुपया जारी करने के लिए चार बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी की है. वर्तमान में, आरबीआई पायलट का परीक्षण मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में कर रहा है.

डिजिटल रुपया खरीदने के लिए, लोगों को चार नामित बैंकों में से किसी एक के आधिकारिक ऐप खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र या वेबसाइट पर जाना होगा. अभी के लिए, आरबीआई ने डिजिटल रुपये खरीदने की सटीक प्रक्रिया साझा नहीं की है, लेकिन यह बताया है कि ग्राहक मर्चेंट लॉकेशन्स पर प्रदर्शित क्यूआर कोड का उपयोग करके डिजिटल रुपये के साथ भुगतान करने में सक्षम होंगे और पैसा बैंक वॉलेट से काट लिया जाएगा.

Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति हैं- जिनका उपयोग आप निवेश के रूप में और यहां तक ​​कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए भी कर सकते हैं। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। लेकिन यहां पर ये ध्यान देने वाली बात है कि, क्रिप्टोकरेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप एक बिटकॉइन नहीं उठा सकते हैं और इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। और भारतीय रुपये के विपरीत, कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को बनाए रखता है।

इसके अलावा, क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रत्येक सिक्के में प्रोग्राम या कोड की एक अनूठी लाइन होती है। इसका मतलब है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पहचानना आसान हो जाता है।

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यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार जैसे केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, ये कंप्यूटर की एक श्रृंखला में चलते हैं। यह बिना किसी बिचौलिए के वेब पर पीयर-टू-पीयर से एक्सचेंज किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी का विकेंद्रीकरण किया जाता है – जिसका मतलब है कि कोई भी सरकार या बैंक यह प्रबंधित नहीं करता है कि वे कैसे बने हैं, उनका मूल्य क्या है, या उनका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। सभी क्रिप्टो लेनदेन क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित हैं खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र – जिसका अर्थ है कि यह केवल बेचने वाले और खरीदने वाले को इसकी सामग्री देखने की अनुमति होती है।

आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे स्टोर कर सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन ‘वॉलेट’ में स्टोर किया जा सकता है, जिसे आपकी ‘private key’ के यूज से एक्सेस किया जा सकता है। अगर इसे समझा जाए तो एक सुपर-सुरक्षित पासवर्ड के बिना क्रिप्टो को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता।

किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है?
बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कॉइनमार्केट कैप के अनुसार, वर्तमान में 6,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है। बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं। ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं। इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं।

सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा। इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रूख क्या है?

फिलहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई कानून नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अवैध है। इस बीच, भारत को अभी तक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन को प्रस्तुत करना बाकी है, जो “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के शुभारंभ के लिए नियामक ढांचा तैयार करेगा, इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन हितधारकों के साथ चर्चा के चलते इसे टाल दिया गया। आपको बता दें अब तक, केवल कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी तौर पर स्वीकार किया है और यह सूची काफी छोटी है।

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