बच्चों को फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल सिखाने के लिए कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध हैं.

ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियां online shiksha ki chunautiyan

ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियां (online shiksha ki chunautiyan) हमारे सामने कई रूपों में आती हैं, वे रूप सकारात्मक भी हो सकते हैं और नकारात्मक भी | ऑनलाइन शिक्षा के लिए नेटवर्क बिजली और डिवाइस की उपलब्धता अनिवार्य होती है, भारत की आबादी का एक बड़ा भाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है. जिसकी सीमित आय है और उसके लिए ऑनलाइन शिक्षण के लिए डिवाइस की व्यवस्था करना आसान नहीं है | ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क एवं बिजली की पर्याप्त एवं उचित उपलब्धता न होना अभी भी ऑनलाइन शिक्षा की राह में बड़ी समस्या है |

इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (आईएमएआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019 के अन्त तक 45.1 करोड़ मासिक सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में चीन के बाद दूसरा स्थान रखता है, लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक भारत में केवल 30% लोगों तक ही इंटरनेट की उपलब्धता हो पाई है. शिक्षा पर नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि 2017 18 तक, 5 से 24 वर्ष की उम्र के सदस्यों वाले सभी घरों में से केवल 8% के पास ही कम्प्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन हैं. नीति आयोग की 2018 की रिपोर्ट कहती है कि भारत के 55,000 गाँवों में मोबाइल नेटवर्क कवरेज नहीं था।

ऑनलाइन शिक्षा की बिन्दुवार चुनौतियां

⇒ पारम्परिक शिक्षा न सिर्फ विद्यार्थियों का ज्ञानार्जन एवं जानकारी प्रदान करती है. बल्कि पारम्परिक कक्षीय पद्धति में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास का भी अवसर उपलब्ध होता है, जोकि ऑनलाइन शिक्षा में सम्भव नहीं होता है।

⇒ घरेलू माहौल में ऑनलाइन शिक्षण/ अध्ययन के दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों की एकाग्रता प्रभावित होती है. सीमित आय के घरों में अक्सर विद्यार्थियों के लिए बाधा मुक्त एवं शान्त वातावरण उपलब्ध होना मुश्किल होता है।

⇒ स्क्रीन पर अधिक समय बिताने के कारण आँखों और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न होने की आशंकाएं सदैव बनी रहती हैं. परम्परागत शिक्षण की भाँति शिक्षक छात्रों की मनोदशा, उनके भावों, उनकी एकाग्रता और अध्ययन में उनकी रुचि का अवलोकन और आकलन नहीं कर पाते।

⇒ इंटरनेटयुक्त डिवाइस उपलब्ध होने के कारण युवावस्था में तकनीकी के दुरुप्रयोग से उनके भटकने की आशंकाएं बनी रहती हैं।

⇒ ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए जिस आधारभूत संरचना एवं सुविधाओं की आवश्यकता होती है. वे अभी शिक्षण संस्थाओं में उपलब्ध नहीं हैं।

⇒ परम्परागत शिक्षण के अभ्यस्त शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण करने के लिए अकस्मात् तैयार होने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण का तन्त्र विकसित नहीं है।

यह सही है कि हथेली में कम्प्यूटर का माउस आते ही सूचनाओं का सारा संसार विद्यार्थियों की मुट्ठी में होता है, लेकिन इसमें से कौनसी सूचनाएं, विषयवस्तु, जानकारी एवं पाठ्य-सामग्री उनके कोर्स से जुड़े होने के साथ-साथ उनके लिए उपयोगी, विश्वसनीय और आधिकारिक है और उसका किस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है ? यह उस विषय का विशेषज्ञ, शिक्षक होने के साथ-साथ कम्प्यूटर एवं सूचना तकनीकी में निपुण व्यक्ति ही बेहतर बता सकता है।

बदले हुए वर्तमान परिदृश्य में शिक्षकों की भूमिका अपने ज्ञान को सिर्फ विषय तक ही सीमित रखने की नहीं रह गई है, बल्कि कम्प्यूटर एवं आधुनिक सूचना तकनीक के प्रयोग में पारंगत होने की भी है, तभी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के साथ कदम मिलाकर चल सकते हैं और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अपनी प्रासंगिकता सिद्ध कर सकते हैं. इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि पारम्परिक शिक्षण को प्रभावी बनाने के साथ-साथ तकनीक के प्रयोग, ई-लर्निंग, ऑनलाइन लर्निंग, शैक्षिक पोर्टल जैसे उपायों को तेजी से बढ़ावा देने के लिए भी गम्भीरता से प्रयास करने होंगे और इस हेतु पारम्परिक शिक्षण और आधुनिक शिक्षण के लिए आधारभूत सुविधाएं, संरचना और प्रशिक्षण आदि पर ध्यान केन्द्रित करना होगा ऑनलाइन निवेश शिक्षा तथा शिक्षा पर बजट बढ़ाना होगा, क्योंकि शिक्षा पर किया जाने वाला व्यय निवेश की तरह होता है, जिसका प्रतिफल भविष्य में अवश्य प्राप्त होता है, जिससे सम्पूर्ण समाज लाभान्वित होता है और राष्ट्र उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होता है।

ऑनलाइन शिक्षा का निष्कर्ष

अतः इसमें सन्देह नहीं है कि नवीन सूचना तकनीक एवं ऑनलाइन तथा ई लर्निंग शिक्षा व्यवस्था हेतु एक वरदान की तरह है, वहीं दूसरी तरफ परम्परागत ऑनलाइन शिक्षा का अपना महत्व है. इसलिए शिक्षा व्यवस्था को न तो पूरी तरह ऑनलाइन शिक्षा पर केन्द्रित किया जा सकता है और न ही केवल पारम्परिक शिक्षा के सहारे रहा जा सकता है, बल्कि बेहतर परिणाम ऑनलाइन शिक्षा तथा पारम्परिक शिक्षा, दोनों के सम्मिश्रण से ही प्राप्त किए जा सकते हैं।

5 साल में 194 एजुकेशन स्टार्टअप्स में 1.8 बिलियन डॉलर का निवेश, ऑनलाइन एजुकेशन का बढ़ा दायरा

एजुकेशन डेस्क. इंक42 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2014 से 2019 के बीच ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े 194 स्टार्टअप्स में कुल 1.8 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। बायजूस, अड्‌डा247, नो पेपर फॉर्म्स और मैरिट नेशन जैसे ई-लर्निंग स्टार्टअप्स की कम अवधि में सफलता यह बताती है कि भारतीय स्टूडेंट्स भी अब शिक्षा के नए तरीकों को अपना रहे हैं। ऑनलाइन लर्निंग के कई तरीके इस समय उपलब्ध हैं, जिनमें गवर्नमेंट, नॉन-गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स द्वारा उपलब्ध कराई जा रही ऑनलाइन एजुकेशन के साथ ही बड़ी संख्या में ऐप भी डेवलप किए जा रहे हैं। यही नहीं, भारत सरकार ने भी अब इस दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं।

मुफ्त में ई-लर्निंग का पाएं लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2020-21 का बजट पेश करते हुए बताया कि देश के टॉप 100 इंस्टीट्यूट्स उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन प्रोग्राम शुरू करेंगे जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हैं। और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है। इसके पहले मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) ने स्वयं पोर्टल की शुरुआत भी है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स विभिन्न विषयों के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। हालांकि लगातार बढ़ती ऑनलाइन एजुकेशन ने इसे बाजार के रूप में भी डेवलप किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ई-लर्निंग का फायदा सिर्फ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो इसके लिए मोटी फीस भर सकते हैं? जवाब है नहीं। ऑनलाइन निवेश शिक्षा ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं, जो मुफ्त में बेहतरीन ऑनलाइन एजुकेशन उपलब्ध करा रहे हैं। आज यहां उन मोबाइल एप्स के बारे में बता रही हैं एजुकेशन एक्सपर्ट निशा वाधवानी, जिनके जरिए स्टूडेंट्स मुफ्त में ई-लर्निंग का लाभ ले सकते हैं।

कोर्सेरा ऐप : इमर्जिंग फील्ड्स से जुड़े कोर्स करने का अवसर
कोर्सेरा ऐप के जरिए दुनिया के टॉप इंस्टीट्यूट्स के ऑनलाइन कोर्स मुफ्त में किए जा सकते हैं। इसका सब्सक्रिप्शन दो तरह से लिया जा सकता है। पहला फ्री और दूसरा पेड। कोर्सेरा ऐप मुख्य रूप से उन फील्ड्स के कोर्सेस पर फोकस करता है, जिनमें कॅरिअर की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वर्तमान में इस ऐप पर सबसे ज्यादा आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और क्लाउड इंजीनियरिंग के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा बिजनेस एनालिटिक्स, ग्राफिक डिजाइन और कम्प्यूटर साइंस जैसे कोर्स भी कोर्सेरा से किए जा सकते हैं।

कोर्सेरा ऐप

गूगल क्लासरूम : स्टूडेंट - टीचर के बीच बढ़ाता है इंटरेक्शन
गूगल का यह ऐप स्टूडेंट्स के साथ टीचर्स के लिए भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। गूगल क्लासरूम के जरिए टीचर्स एक ऑनलाइन क्लासरूम क्रिएट कर सकते हैं। इस क्लासरूम में स्टूडेंट्स जहां टीचर्स को अपनी शंकाओं के बारे में बता सकते हैं। वहीं टीचर्स स्टूडेंट्स की प्रोग्रेस चेक कर सकते हैं। इस सुविधा का उपयोग करने के ऑनलाइन निवेश शिक्षा लिए स्कूल को फ्री गूगल ऐप के लिए रजिस्टर करना होता है।

गूगल क्लासरूम

एलिसन : नेटवर्किंग से लेकर कोरोना वायरस तक पर कोर्स
एलिसन ऐसा एक ऐप है, जिसपर बहुत तेजी से नए ऑनलाइन निवेश शिक्षा कोर्स लॉन्च होते हैं। सभी कोर्स पूरी तरह फ्री हैं। प्ले स्टोर पर एलिसन कोर्सेस के नाम से यह ऐप उपलब्ध है। हाल ही में एलिसन पर कोरोना पर ऑनलाइन निवेश शिक्षा आधारित एक एडवांस लर्निंग कोर्स भी शुरू किया गया है। अब तक दुनिया भर के 14 मिलियन लर्नर्स इस ऐप से जुड़ चुके हैं। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स, इस ऐप से नेटवर्किंग जैसे टेक्निकल कोर्स भी करते हैं। यहां कोर्सेस को कुल 9 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें टेक्नोलॉजी, लैंग्वेज, साइंस, हेल्थ, ह्यूमैनिटीज, बिजनेस, मैथ्स, मार्केटिंग और लाइफस्टाइल शामिल हैं। ऑपरेशन मैनेजमेंट, प्रेजेंटेशन स्किल्स, ह्यूमन रिसोर्स(एचआर) के डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस इस समय एलिसन ऐप के टॉप ट्रेंडिंग कोर्स हैं।

एलिसन

खान एकेडमी : वीडियोज से सुलझाएं मैथ्स की गुत्थियां
अधिकतर स्टूडेंट्स के लिए टेक्स्ट की बजाए विजुअल्स के जरिए किसी कठिन विषय को समझना आसान होता है। नए अंदाज में लर्निंग के लिए पहचानी जाने वाली खान एकेडमी के मोबाइल ऐप पर मैथ्स, साइंस, इकोनॉमिक्स और हिस्ट्री के विभिन्न टॉपिक्स को स्टूडेंट्स वीडियो ट्यूटोरियल्स की मदद से समझ सकते हैं। इस ऐप पर कुल 10,000 वीडियो ट्यूटोरियल्स उपलब्ध हैं। अब तक 30 मिलियन लर्नर्स इस ऐप से जुड़ चुके हैं। यह पूरी तरह मुफ्त है।

खान एकेडमी

ड्युओलिंगो ऐप से गेम्स के जरिए सीखें 30 भाषाएं
लैंग्वेज सीखने जैसे कठिन टास्क को भी ड्युओलिंगो ने आसान बनाया है। इस ऐप के जरिए स्टूडेंट्स इंग्लिश, फ्रेंच, स्पैनिश, मंदारिन और लैटिन जैसी 30 से अधिक भाषाओं को गेम्स के जरिए सीख सकते हैं। लगभग 300 मिलियन लर्नर्स इस ऐप से जुड़ चुके हैं। ड्युओलिंगो ऐप पर भाषा सीखने की पहली स्टेज बेसिक पिक्चर और लेबलिंग गेम पर आधारित होती है। जैसे-जैसे आप लेवल्स को पूरा करते हैं, कई तरह के गेम्स आपके सामने आएंगे, जो आपकी ग्रामर और वोकैब्लरी सुधारने में सहायता करेंगे।

ड्युओलिंगो

फोटोमैथ : एक स्कैन पर सॉल्व करता है मैथ्स की इक्वेशन
प्ले स्टोर से इस ऐप को नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। यह ऐप मैथ्स की बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन या इक्वेशन का जवाब एक स्कैन पर देता है। वहीं सवाल का जवाब किस तरह निकाला जाए, इसके टिप्स भी बताए जाते हैं। इसका उपयोग करते समय सिर्फ यह ध्यान रखना होता है कि स्कैनर के फ्रेम में सिर्फ सवाल ही आए। फोटोमैथ से अब तक दुनिया भर के 100 मिलियन से ज्यादा स्टूडेंट्स जुड़ चुके हैं। हर माह लगभग 123 करोड़ प्रॉब्लम्स फोटोमैथ पर सॉल्व की जाती हैं।

Investment Education: इन 5 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए बच्चे कर सकते हैं अपने इन्वेस्टमेंट एजुकेशन की शुरुआत, सीख सकते हैं निवेश का तरीका, जानिए इनकी खूबियां

आमतौर पर बच्चों और युवा छात्रों के एजुकेशन सिस्टम पाठ्यक्रम में फाइनेंशियल लिटरेसी को शामिल नहीं किया जाता है. हालांकि, बच्चों को फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल सिखाने के लिए कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म हैं.

Investment Education: इन 5 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए बच्चे कर सकते हैं अपने इन्वेस्टमेंट एजुकेशन की शुरुआत, सीख सकते हैं निवेश का तरीका, जानिए इनकी खूबियां

बच्चों को फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल सिखाने के लिए कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध हैं.

Investment Education: फाइनेंशियल मैनेजमेंट (Financial Management) के लिए शुरुआती निवेश को लेकर जागरूकता जरूरी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज और कल की बेहतरी के लिए फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस और फाइनेंशियल प्लानिंग दोनों ही अहम हैं. बच्चों को कम उम्र में ही फाइनेंशियल मैनेजमेंट का पूरा ज्ञान देना आवश्यक है, ताकि वे भविष्य में गलतियां न करें. हर युवा के लिए निवेश करने का तरीका सीखना बहुत जरूरी है. ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं जो सही समय पर फाइनेंशियल मैनेजमेंट नहीं सीख पाते और फिर बाद में गलतियां करते हैं. आमतौर पर बच्चों और युवा छात्रों के एजुकेशन सिस्टम पाठ्यक्रम में फाइनेंशियल लिटरेसी को शामिल नहीं किया जाता है. हालांकि, बच्चों को फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल सिखाने के लिए कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म हैं. ये प्लेटफॉर्म बच्चों को उनकी इन्वेस्टमेंट एजुकेशन शुरू करने में मदद करते हैं.

TradeSmart

यह एक टेक्नोलॉजी-फोकस्ड डिस्काउंट ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म है, जो युवाओं और भारतीयों के लिए निवेश को सरल बनाती है. NSE का एक सदस्य, ट्रेडस्मार्ट इन्वेस्टर्स और ऑनलाइन ट्रेडर्स के लिए कैश, फ्यूचर्स और ऑप्शन्स, करेंसी डेरिवेटिव, कमोडिटी, म्यूचुअल फंड और ETF में ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है. यह प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को IPO, ट्रेडिंग, स्टॉक, निवेश, शेयर बाजार आदि पर इनफॉर्मेटिव ब्लॉग भी उपलब्ध कराता है.

एसआईपी में निवेश कैसे करें?

व्यवस्थितनिवेश योजना यासिप एक निवेश मोड को संदर्भित करता है जहां लोगम्युचुअल फंड में निवेश नियमित अंतराल पर कम मात्रा में। एसआईपी म्यूचुअल फंड की सुंदरता में से एक है जो व्यक्तियों को उनकी सुविधा के अनुसार निवेश करने की अनुमति देता हैम्यूचुअल फंड्स. इसके अलावा, लक्ष्य-आधारित निवेश के रूप में संदर्भित, एसआईपी लोगों को छोटी निवेश राशियों के माध्यम से अपने बड़े सपनों को पूरा करने में मदद करता है। एसआईपी को आम तौर पर के संदर्भ में संदर्भित किया जाता हैइक्विटी फ़ंड लंबे निवेश कार्यकाल के कारण। तो, आइए समझते हैं कि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें, की अवधारणाम्यूचुअल फंड कैलकुलेटर,एसआईपी के लाभ, एसआईपी ऑनलाइन की अवधारणा और कुछ प्रमुखएएमसी जैसे किआईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड,एसबीआई म्यूचुअल फंड, और भी बहुत कुछप्रस्ताव एसआईपी विकल्प।

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एसआईपी म्यूचुअल फंड कैसे शुरू करें?

SIP शुरू करने की प्रक्रिया आसान है। यह या तो ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है। जो लोग निवेश के पेपरलेस मोड में सुविधाजनक महसूस करते हैं, वे एसआईपी शुरू करने का ऑनलाइन तरीका चुन सकते हैं। इसके विपरीत, जो लोग निवेश के ऑनलाइन तरीके से सुविधाजनक नहीं हैं, वे ऑफलाइन मोड के माध्यम से निवेश करना चुन सकते हैं। ऑनलाइन या ऑफलाइन तकनीक के माध्यम से एसआईपी शुरू करने के लिए, लोगों के पास एक पंजीकृत मोबाइल नंबर, पैन नंबर और आधार नंबर होना चाहिए। तो, आइए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तकनीकों के माध्यम से SIP शुरू करने की प्रक्रिया को समझते हैं।

एसआईपी ऑनलाइन शुरू करने के लिए गाइड

लोग एसआईपी में ऑनलाइन मोड के माध्यम से परेशानी मुक्त और कागज रहित तरीके से निवेश कर सकते हैं। लोग म्यूचुअल फंड के माध्यम से ऑनलाइन एसआईपी शुरू कर सकते हैंवितरक या एएमसी के माध्यम से। हालांकि, वितरकों के माध्यम से निवेश करना हमेशा पसंद किया जाता है क्योंकि लोग एक छतरी के नीचे विभिन्न एएमसी की कई योजनाएं पा सकते हैं। इसके अलावा, ये वितरक ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लेते हैं और विभिन्न योजनाओं का गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। इसके अलावा, इनमें से कई वितरक ग्राहकों को अपना केवाईसी करने में मदद करते हैंईकेवाईसी प्रक्रिया। म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन एसआईपी शुरू करने के चरण इस प्रकार हैं।

  • स्टेप 1: वितरक की वेबसाइट पर लॉग इन करके अपनी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।
  • चरण दो: उन योजनाओं का चयन करें जिनमें आप एसआईपी शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
  • चरण 3: एसआईपी विवरण दर्ज करें जैसे कि एसआईपी की अवधि, एसआईपी में निवेश की जाने वाली राशि, एसआईपी की आवृत्ति आदि।
  • चरण 4: भुगतान या तो नेट बैंकिंग या एनईएफटी/आरटीजीएस तरीका।
  • चरण 5: प्राप्त भुगतान की पुष्टि प्राप्त करें और एसआईपी शुरू करें।

इस प्रकार, उपर्युक्त चरणों से, यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन एसआईपी शुरू करना आसान है। अब, आइए एक SIP ऑफ़लाइन में निवेश करने के तरीके के बारे में चरणों पर नज़र डालें।

ऑफलाइन एसआईपी म्यूचुअल फंड कैसे शुरू करें?

ऑफ़लाइन प्रक्रिया के माध्यम से एसआईपी की प्रक्रिया हालांकि आसान है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है। शुरू करनानिवेश म्युचुअल फंड में ऑफलाइन मोड के माध्यम से, लोग किसी भी फंड हाउस के कार्यालय या किसी ब्रोकर के माध्यम से जा सकते हैं। तो, आइए एसआईपी ऑफलाइन शुरू करने के चरणों को समझते हैं।

  • स्टेप 1: एक ऐसी योजना चुनें जो आपकी आवश्यकताओं और निवेश के उद्देश्यों के अनुकूल हो और संबंधित फंड हाउस के कार्यालय में जाएँ।
  • चरण दो: आवेदन पत्र भरें। यहां, आपको अपना नाम, पता, जिस योजना में आप निवेश करने की योजना बना रहे हैं, एसआईपी राशि, एसआईपी की अवधि, और बहुत कुछ जैसे सही विवरण लिखने की आवश्यकता है।
  • चरण 3: केवाईसी संबंधी फॉर्म भरकर केवाईसी औपचारिकताएं पूरी करें।
  • चरण 4: आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा करें और पैसे का भुगतान करें।
  • चरण 5: के लिए पुष्टि प्राप्त करेंरसीद भुगतान की और योजनाओं की इकाइयाँ प्राप्त करें।

इस प्रकार, दिए गए चरणों से, हम कह सकते हैं कि ऑफ़लाइन प्रक्रिया के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करने की प्रक्रिया आसान है। हालांकि, इसके लिए काफी मात्रा में कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर या एसआईपी कैलकुलेटर

म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर को के रूप में भी जाना जाता हैघूंट कैलकुलेटर. लोग इस कैलकुलेटर का उपयोग भविष्य में प्राप्त किए जाने वाले अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी राशि का आकलन करने के लिए करते हैं। एसआईपी कैलकुलेटर के माध्यम से लोग जिन विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने की योजना बनाते हैं उनमें घर खरीदना, वाहन खरीदना, उच्च शिक्षा की योजना बनाना और बहुत कुछ शामिल हैं। म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर यह भी दिखाता है कि कैसेएसआईपी निवेश आभासी वातावरण में समय के साथ बढ़ता है।

SIP में निवेश के लाभ

निवेश के एसआईपी मोड के कई फायदे हैं जिनका उल्लेख इस प्रकार है:

रुपया लागत औसत

यह एसआईपी के महत्वपूर्ण लाभों में से एक है। निवेश के एसआईपी मोड के माध्यम से, लोग विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं। इसलिए, जबमंडी एक अपट्रेंड दिखा रहा है; लोगों को कम यूनिट मिलती है। इसके विपरीत, जब बाजार में गिरावट का अनुभव होता है तो लोगों को योजना की अधिक संख्या में इकाइयाँ मिलती हैं। एक परिणाम के रूप में, म्युचुअल फंड इकाइयों की कीमत समय के साथ औसत हो जाती है। एक परिणाम के रूप में, लोगों को इसके बजाय अधिक इकाइयाँ आवंटित की जा सकती हैं जो कि एकमुश्त निवेश के माध्यम से संभव नहीं है।

कंपाउंडिंग की शक्ति

यह SIP का दूसरा फायदा है। एसआईपी लागू होता हैकंपाउंडिंग जहां ब्याज राशि की गणना मूलधन से अधिक पर की जाती हैउपार्जित ब्याज आज तक। चूंकि यह प्रक्रिया हर बार जारी रहती है; वे मिश्रित होते हैं जो शुरू में निवेश की गई राशि को बढ़ाते हैं।

अनुशासित बचत की आदत

एसआईपी का यह तीसरा लाभ है जहां एसआईपी व्यक्तियों के बीच एक अनुशासित बचत आदत बनाता है। यह है क्योंकि; एसआईपी में लोगों को नियमित अंतराल पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने की आवश्यकता होती है।

सामर्थ्य

वहनीयता भी एसआईपी के लाभों में से एक ऑनलाइन निवेश शिक्षा है। यह है क्योंकि; लोग अपनी पसंद के अनुसार निवेश राशि का निर्धारण कर सकते हैं। कई एसआईपी योजनाएं हैं जो 500 रुपये की निवेश राशि से शुरू होती हैं।

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