मुद्रास्फीति (inflation) में वृद्धि से डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत दर में भी उल्लेखनीय गिरावट आई. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने बाजार में हस्तक्षेप किया. इससे कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर से ज्यादा की कमी आई है. आरबीआई ने रुपये को थामने के लिए दूसरे कदम भी उठाए. इसमें रुपये में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना तथा विदेशों में रह रहे भारतीयों को बैंकों में जमा के लिये प्रोत्साहित करना शामिल है. केंद्रीय बैंक पायलट आधार पर डिजिटल रुपया (digital rupee) जारी कर और अपने प्रयासों से बैंकों के बही-खाते को मजबूत करने में सफल रहने से चर्चा में रहा. आरबीआई ने पायलट आधार पर थोक और खुदरा दोनों उपयोग के लिये केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी की. इसके साथ इस साल बैंकों की वित्तीय सेहत भी बेहतर हुई हैं. बैंकों में फंसे कर्ज में उल्लेखनीय कमी आई है. यह आरबीआई (RBI) के पिछले पांच-छह साल से उठाये जा रहे कदमों का नतीजा हो सकता है.

देश की खबरें | मुंबई में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी के मामले में छह गिरफ्तार

देश की खबरें | मुंबई में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी के मामले में छह गिरफ्तार

मुंबई, 27 दिसंबर गोरेगांव के पश्चिमी उपनगर में एक आलीशान इमारत में कथित तौर पर फर्जी कॉल सेंटर संचालत कर लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी में मंगलवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार रात एस वी रोड पर डीएलएच पार्क स्थित एक कार्यालय पर छापा मारा।

उन्होंने कहा कि आरोपी कथित तौर पर ‘वन 721 ग्लोबल सर्विस लिमिटेड’ नाम से एक कॉल सेंटर चला रहे थे और मॉरीशस तथा खाड़ी के देशों में लोगों से संपर्क कर उन्हें जिंस व्यापार (कमोडिटी ट्रेडिंग) में निवेश करने के लिए कहते थे।

Year Ender 2022: पूरे साल इन वजहों से सुर्खियों में रहा RBI, महंगाई से करना पड़ा दो-दो हाथ, जानें कितना सफल रहा केंद्रीय बैंक

Year Ender 2022: 12 अक्टूबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर रही. इसके साथ, यह पहली बार हुआ हुआ जब खुदरा मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने छह प्रतिशत की उच्चतम सीमा से ऊपर रही.

Year Ender 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिये यह साल मिला-जुला रहा. आरबीआई जहां एक तरफ पहली बार टारगेट के मुताबिक महंगाई (inflation target) को काबू में नहीं रख पाया, वहीं पायलट आधार पर डिजिटल रुपया जारी कर और अपनी कोशिशों से बैंकों के बही-खातों को मजबूत करने में सफल रहने से सुर्खियों में रहा. भाषा के मुताबिक, अब जब मुद्रास्फीति तय लक्ष्य के दायरे में आ रही है, ऐसे में नए साल में अब जोर आर्थिक वृद्धि को गति देने पर हो सकता है. खासकर मई, 2022 के बाद से नीतिगत दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि को देखते हुए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि पर विशेष ध्यान दिये जाने की उम्मीद है.

retail inflation लगातार नौवें महीने उच्चतम सीमा से ऊपर

खबर के विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत मुताबिक, नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि पर विपरीत असर पड़ सकता है. 12 अक्टूबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर रही. इसके साथ, यह पहली बार हुआ हुआ जब खुदरा मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने छह प्रतिशत की उच्चतम सीमा से ऊपर रही. इसकी वजह से तय व्यवस्था के मुताबिक, आरबीआई (RBI) को लेटर लिखकर सरकार को यह बताना पड़ा कि आखिर वह महंगाई (inflation target) को लक्ष्य के मुताबिक काबू में क्यों रख सका. साथ यह भी बताना पड़ा कि आखिर मुद्रास्फीति कब चार प्रतिशत पर आ सकती है.

आरबीआई (reserve Bank of India) को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत यानी दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. बढ़ती महंगाई का एक प्रमुख कारण इस साल फरवरी में रूस का यूक्रेन पर हमला रहा. इससे जिंसों खासकर कच्चे तेल के दाम पर असर पड़ा. हालांकि, महंगाई के मामले में भारत की स्थिति दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर है और यह राहत की बात रही. कई देशों में महंगाई दर 40-40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई. बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने अचानक से बैठक कर इस साल चार मई को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. इससे पहले, लंबे समय तक रेपो दर को यथावत रखा गया था.

तीन बार Repo Rate में 0.50-0.50% की बढ़ोतरी

कई विशेषज्ञों ने कहा कि आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए कदम उठाने में देरी की. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इससे इनकार किया और कहा कि उसने समय रहते पहल की है. उसके बाद लगातार तीन बार रेपो दर में 0.50-0.50 और दिसंबर में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की गई. आरबीआई ने दिसंबर में रेपो दर 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर यह भी संकेत दिया कि नीतिगत दर में वृद्धि की गति अब धीमी होगी. खुदरा मुद्रास्फीति (retail विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत inflation) नरम पड़कर नवंबर में 5.8 प्रतिशत पर आ गई है. इसको देखते हुए कई विश्लेषकों ने कहा है कि आने वाले समय में नीतिगत दर में वृद्धि थमेगी. एमपीसी की बैठक के ताजा ब्योरे से भी इस बात की पुष्टि होती है. इसका एक कारण आर्थिक वृद्धि को गति देना भी है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.

Mumbai : लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी करने वाले 6 गिरफ्तार

by Mahesh Kumar Shiva

Mumbai News

Mumbai गोरेगांव के पश्चिमी उपनगर में एक आलीशान इमारत में कथित तौर पर फर्जी कॉल सेंटर संचालत कर लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी में मंगलवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

Mumbai News

एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार रात एस वी रोड पर डीएलएच पार्क स्थित एक कार्यालय विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत पर छापा मारा।

उन्होंने कहा कि आरोपी कथित तौर पर ‘वन 721 ग्लोबल सर्विस लिमिटेड’ नाम से एक कॉल सेंटर चला रहे थे और मॉरीशस तथा खाड़ी के देशों में लोगों से संपर्क कर उन्हें जिंस व्यापार (कमोडिटी ट्रेडिंग) में निवेश करने के लिए कहते थे।

अधिकारी ने कहा कि आरोपी विदेशी मुद्रा शेयरों, मुद्रा और जिंस व्यापार में विशेषज्ञ बनकर लोगों को सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से न्योता देता था तथा उन्हें लालच देकर व्यापार शुरू करने के लिए अपने खाते में 200 अमेरिकी डॉलर जमा कराता था।

उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि आरोपियों ने लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी की है। छापे में छह लैपटॉप और अन्य सामग्री जब्त की गई।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जांच-1 कृष्णकांत उपाध्याय ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 420 (धोखाधड़ी) अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गुड बाय 2022 : क्रिप्टोकरंसीज रॉक, डिजिटल रुपया व्यापारियों-कॉर्पोरेट क्षेत्र को राहत…

क्रिप्टोक्यूरेंसी खिलाड़ियों के लिए 2022 एक कठिन वर्ष साबित हुआ है। क्रिप्टो मुद्राओं की कीमतों में गिरावट के अलावा, वर्ष में कई क्रिप्टो एक्सचेंजों का परिसमापन भी देखा गया। प्रमुख क्रिप्टो बिटकॉइन की विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत कीमत, जो नवंबर 2021 में $69,000 पर पहुंच गई थी, 2022 के मध्य में 70 प्रतिशत से अधिक गिरकर लगभग 15,725 डॉलर हो गई। बिटकॉइन के पीछे अन्य क्रिप्टो मुद्राओं की कीमतें भी गिर गईं। विख्यात निवेशक मार्क मोबियस ने बिटकॉइन की संपत्ति को एक जोखिम भरी संपत्ति कहा और यहां तक ​​​​कि यह भी घोषित किया कि उसके पास प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के लिए $ 10,000 का कम लक्ष्य है। क्रिप्टो एक्सचेंज FTX क्रैश के बाद डिजिटल एसेट का मार्केट कैप तेजी से गिर गया, एक ट्रिलियन डॉलर से नीचे फिसल गया। इसके अलावा, एक प्रकार की क्रिप्टोकरंसी टेरा यूएसडी और हेज फंड थ्री एरो कैपिटल भी साल के दौरान कमजोर हुए।

रेटिंग: 4.75
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 79