Trading Account का काम होता है शेयर खरीदना और बेचना। लेकिन Demat Account का काम होता है जो होल्डिंग में खरीदा गया शेयर उसको स्टोर करना।

शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा

शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा

अक्सर बहुत सारे शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है। अगर (Broker भाग जाए तो) Upstox, Zerodha, Groww, Paytm Money भाग जाए या बंद हो जाए तो Demat Account में पड़े आपका शेयर का क्या होगा।

लोग अपना पैसा शेयर मार्केट इस ट्रेडिंग ब्रोकर क्या हैं? कारण लगाते है कि आने वाले समय में उसको अच्छा मुनाफा कमाई। लेकिन जब आपका Stock Broker जहा पर आप Trading & Demat Account खोला है, भाग जाता है या बंद हो जाता हैं तो ऐसे में आपका शेयर का क्या होगा। आज हम इस पोस्ट की माध्यम से जानेंगे शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा।

आपको सबसे पहले जानना बहुत जरूरी है Demat और Trading Account होता क्या है

Demat और Trading Account दोनों अलग अलग अकाउंट होता हैं। जब आप किसी Stock Broker के पास Demat & Trading Account खोलते है तो आपको एक ही डॉक्यूमेंट से दोनों अकाउंट खोल देते हैं।

Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा:-

आपको पता चल ही गया होगा आपने जो भी शेयर खरीदा वो स्टॉक ब्रोकर के पास नहीं होता Stock Depository (NSDL, CDSL) के पास जाता हैं। अगर आपका Stock Broker भाग जाए तो आपको बिल्कुल चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। आपका शेयर सही सलामत Stock Depository के पास हैं।

शेयर कैसे अपने पास लाए:-

जब आपका स्टॉक ब्रोकर भाग जाता है तब आपको एक नया Demat Account खोलना है उसके बाद आप Stock Depository के पास एक एप्लीकेशन भेजेंगे। आपके पास Pard Card और DP id होना चाहिए. आप Pan card और DP id के आधार पर DIS Slip भरने के बाद आप Stock Depository भेजेंगे पुराने अकाउंट से नए Demat Account में शेयर को ट्रांसफर करने के लिए। इस एप्लीकेशन देने के बाद आपका शेयर नए Demat Account में आ जायेगा. उसके बाद आप जब साहे शेयर बेच सकते हैं

Trading बैलेंस का क्या होगा:-

Demat और Trading Account खोलने से पहले ध्यान रखे:-

बड़े ब्रोकर को ही सुने:-

आपको ऐसे ब्रोकर के साथ Demat Account बिल्कुल नहीं खुलाना चाहिए जिसका ग्राहक कम हो ऐसे ब्रोकर कभी भी बंद हो सकता हैं। जिसका नाम और काम अच्छा है आपको एसी ब्रोकर के साथ अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं।

Demat Account खोलने के लिए भरोसेमंद Broker Upstox पर अकाउंट खोल सकते हैं। Open Account here

रजिस्टर ब्रोकर है या नहीं:-

Demate Account खोलने के लिए आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए SEBI के साथ ब्रोकर का रजिस्टर हुआ है या नहीं। आपको Broker का रजिस्टर नंबर जरुर देखना चाहिए।

किसी भी Broker के साथ जुड़ने से पहले आपको जागृत होना बहुत जरुरी है। आपको पता होना चाहिए शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा। कैसे अपना पैसा निकाल सकते हैं।

SEBI के इस नए रूल से महंगी हो जाएगी शेयर ट्रेडिंग, यहां समझें इस ट्रेडिंग ब्रोकर क्या हैं? नियम का मतलब

SEBI के एक नियम में ब्रोकरेज कॉस्ट बढ़ जाएगी। यह नियम 7 अक्टूबर (शुक्रवार) से लागू हो गया है। इस नियम में यह कहा गया है कि ब्रोकर (Brokers) को अपने क्लाइंट्स के ट्रे़डिंग अकाउंट्स को हर महीने या हर तिमाही के पहले शुक्रवार को स्कॉवयर-ऑफ करना होगा। यह क्लाइंट्स की तरफ से चुने गए ऑप्शन (मासिक या तिमाही) पर निर्भर करेगा। आइए इस नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

आपके लिए इस नियम का मतलब यह है कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में जो भी बैलेंस (इस्तेमाल नहीं किया गया) होगा, उसे ब्रोकर आपकी तरफ से चुने गए दिन को आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा। ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) का अनुमान है कि यह पैसा 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस ट्रेडिंग ब्रोकर क्या हैं? कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान ट्रेडिंग ब्रोकर क्या हैं? में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

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स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

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