क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी में मुख्‍य अंतर यह है कि क्रिप्‍टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. यह लीगर टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं है और इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती. न ही किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. जहां क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है, वहीं डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. आप डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.

क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia

Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia : क्रिप्टो करेंसी का नाम तो सभी जानते है लेकिन सवाल भी सबके मन में होता है क्रिप्टो करेंसी क्या होता है और Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है? कैसे काम करती है ऐसे में हम जानकारी लेकर हाजिर है क्रिप्टो करेंसी के बारे में पूरी जानकारी लेकर Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia

इंडिया से लेकर पुरे दुनिया में एक समय था जब वास्तु के बदले वस्तु का लेनदेन किया जाता था समय बदला और कई तरह के मुद्रा चलन में आये और आज के समय में सिक्का और नोट का चलन है लेकिन साथ ही आज के समय में एक और करेंसी बहुत ही तेजी से दुनिया में पैर पसार रहा है वह है क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी ऐसी करेंसी है जो पूरी तरह से डिजिटल करेंसी है इस डिजिटल करेंसी एक वर्चुवल कर्रेसी है जिसे केवल आभास किया जा सकता है इसे आप छू नहीं सकते है आगे जाने क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है

क्रिप्टो करेंसी क्या है विकिपीडिया इन हिंदी

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इस करेंसी को केवल आप आभास कर सकते है लेकिन छू नहीं सकते है. डिजिटल वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है ऐसे में बहुत से देश में आज के समय क्रिप्टो करेंसी को मान्यता दी गई है क्योकि क्रिप्टो करेंसी प्रयोग में लेने वाले देशो की अर्थव्यस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है इसलिए और भी कई देश क्रिप्टो करेंसी को अपने देश में मान्यता देने के बारे में विचार कर रहे है . भारत में क्रिप्टो करेंसी फिलहाल मान्य नहीं है लेकिन आने वाले समय में भारत भी इस करेंसी को अपना सकता है

भारत की करेंसी नोट और सिक्के है जिसे आप अपने पर्स में रखकर कही भी घूम सकते है और इस करेंसी से आप कुछ भी ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीद सकते है वही क्रिप्टो करेंसी एक ऑनलाइन करेंसी है जिसे आप अपने पर्स में नहीं रख सकते लेकिन क्रिप्टो करेंसी से आप कुछ भी ऑनलाइन खरीद जरुर सकते है साथ ही कई तरह के लेनदेन भी कर सकते है

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है? Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है? करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है? की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है?

इस तेज़ी से आगे बढ़ते डिजिटल संसार में पैसों नें भी डिजिटल रूप ले लिया है, इस आभासी डिजिटल मुद्रा को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है। जैसे की “बिट कॉइन”, इसका नाम आपने बहुत बार सुना होगा। आजकल क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा विषय बन गया है जिसके बारे में सुना तो हर किसी ने है लेकिन ये डिजिटल मुद्रा क्या है ? कैसे काम करती है ? इसके लाभ क्या क्या होते हैं ? इस से हम कैसे कमाई कर सकते हैं ? ऐसे सवाल आपके मन में भी आते होंगे।

क्रिप्टो करेंसी क्या है?

तो चलिए आज जानते हैं क्रिप्टो करेंसी के बारे में, क्रिप्टो करेंसी एक आभासी यानी वर्चुवल मुद्रा है जिसे सबसे पहले वर्ष 2009 में लाया गया था और सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिट कॉइन ही थी जो अबतक की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे महंगी कॉइन है।

क्रिप्टो करेंसी के फायदे :

  • क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें धोखाधड़ी के चांस बहुत कम होते है।
  • क्रिप्टो करेंसी decentralized होते है इसलिए यूजर इसका मालिक होता है ना कि बैंक या सरकार
  • इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है किसी भी लेन-देन के लिए, हमें बस smart device जैसे smartphone और internet connection की जरुरत पड़ती है और तुरंत हम online भुकतान कर सकते है।
  • दुसरे payment option के मुकाबले इसमें transaction fees बहुत कम होती है।
  • और सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आज के समय में लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके लाखों रूपये कमा रहे हैं।

अगले ब्लॉग में हम आपको बतायेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में किस तरीके से निवेश करके लाखों रूपये आसानी से कमाए जा सकते हैं।

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Digital Rupee-सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 01, 2022, 18:48 IST
वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में डिजिटल रुपी लाने की घोषणा की थी.
होलसेल सेगमेंट के लिए रुपी पायलट प्रोजेक्ट लॉन्‍च कर दिया गया है.
डिजिटल रुपी को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.

नई दिल्‍ली. भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) पायलट प्रोजेक्ट आज यानि मंगलवार, 1 नवंबर से शुरू हो गया है.भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) मंगलवार को होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्‍ट लॉन्च किया है. आरबीआई की रिटेल सेगमेंट Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है? के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्‍ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.

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