We'd love to hear from you

बुक्स ऑफ ओरिजिनल एंट्री का क्या अर्थ है?

सहवाग की ये बात टीम इंडिया का मैनेजमेंट मान ले तो वर्ल्ड कप आ जाएगा!

टीम इंडिया. दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम्स में से एक होकर भी बड़े ही खराब दौर से गुज़र रही है. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ गंवाने के बाद अब टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ भी हार गई है. और टीम का ऐसा हाल देखकर पूर्व इंडियन प्लेयर्स की चिंता बढ़ने लगी है. दिग्गज़ खिलाड़ी टीम की ऐसी हार पर कॉमेंट कर रहे हैं.

दूसरे वनडे मुकाबले में टीम इंडिया को पांच रन से मिली हार के बाद वीरेंद्र सहवागने टीम परफॉर्मेंस पर ट्वीट कर लिखा.

‘हमारी परफॉर्मेंस क्रिप्टो से भी तेज गिर रही है. झकझोर कर जागने की जरुरत है.’

इनके साथ वेंकटेश प्रसाद ने भी टीम की परफॉर्मेंस पर चिंता जताई है. वेंकटेश प्रसाद ने टीम में बदलाव बताते हुए ट्वीट किया,

Related Articles

‘दुनियाभर के मैदानों में टीम इंडिया बहुत कुछ नया करती दिखती है. लेकिन जब लिमिटिड ओवर्स क्रिकेट खेलने की बात आती है, तब हमारी अप्रोच दशकों पुरानी है. 2015 वर्ल्ड कप में फर्स्ट राउंड से बाहर होने के बाद इंग्लैंड ने मुश्किल फैसले लिए. और इस तरह वो बढ़िया टीम बन गई. इंडिया को भी मुश्किल फैसले लेने होंगे.

और अप्रोच में भारी बदलाव करने होंगे. IPL शुरू होने के बाद से अब तक हमने एक भी T20 वर्ल्ड कप नहीं जीता है. और वनडे में बीते पांच साल बेकार की द्विपक्षीय सीरीज़ जीतने के अलावा खराब रहे हैं. बहुत लम्बे समय से हमने अपनी गलतियों से नहीं सिखा है. और लिमिटिड ओवर क्रिकेट में एक रोमांचक टीम बनने से तो हम बहुत पीछे है.’

दिग्गज़ क्रिकेटर के साथ आइसलैंड क्रिकेट ने भी टीम इंडियाकी इस हार पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा,

#सीरीज़ में हुआ क्या?

अब आपको थोड़ा इस सीरीज़ के बारे में याद दिला देते है. इंडिया, बांग्लादेशके दौरे पर उनके साथ तीन मैच की वनडे और दो मैच की टेस्ट सीरीज़ खेलने पहुंची है. पहले दोनों टीम्स के बीच वनडे सीरीज़ खेली जा रही है. जिसके दो मुकाबले खेले जा चुके है. पहले मैच को इंडियन टीम ने एक विकेट से गंवाया. उसके बाद दूसरे मुकाबले को पांच रन से.

ऐसे में बांग्लादेश ने सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लिया. टीम इंडिया अब 10 दिसंबर को आखिरी वनडे मुकाबला जीतकर वाइटवॉश होने से बचने की कोशिश करेगी.

टीम इंडिया की हार का असली कारण छोड़ा गया कैच ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? या गेंदबाज़ नहीं हैं

आयकर अधिकारी पीछे, चीन से सामान लेकर 16 हजार करोड़ रुपए गंवाए

Income tax officials are behind, lost Rs 16,000 crore by taking goods from China

आयकर अधिकारी पीछे, चीन से सामान लेकर 16 हजार करोड़ रुपए गंवाए : हाल ही में चीन और भारत ने द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़े जारी किए। दोनों आंकड़ों में काफी अंतर था। अब आयकर विभाग के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। आशंका है कि कुछ लोगों ने चीन से सामान आयात कर बिल कम दिखाया और अरबों रुपए की टैक्स चोरी की। सीमा शुल्क विभाग ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में 32 आयातकों को नोटिस जारी किया है। इन लोगों पर अप्रैल 2019 से दिसंबर 2020 के बीच कम बिल दिखाकर 16,000 करोड़ रुपये की कर चोरी का संदेह है। इन लोगों ने चीन से जो सामान आयात किया था, उनमें ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, गैजेट्स और धातु शामिल थे।

व्यापार डेटा विसंगतियां

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने इस साल के पहले नौ महीनों में चीन से 79.16 अरब डॉलर का आयात किया। वहीं चीन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वहां से भारत को 89.99 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। यानी ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? दोनों देशों के आंकड़ों में सीधे तौर पर 10 अरब डॉलर का अंतर था. दोनों देशों के बीच यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। 2019 में भारत ने चीन से 68.35 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि चीन के मुताबिक उसने भारत को 74.92 अरब डॉलर का निर्यात किया। इस तरह दोनों देशों के आंकड़ों में छह अरब डॉलर का अंतर रहा। यह अंतर 2020 में 8 अरब डॉलर और 2021 में 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

हालांकि इंडस्ट्री ने इसे ज्यादा वैल्यू नहीं दी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा कि दोनों देशों के ट्रेड डेटा में अंतर चीन से माल आने और यहां पहुंचने में लगने वाले समय की वजह से हो सकता है। कई बार इसमें दो महीने लग जाते हैं। कई बार भारत ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? आने वाला सामान बीच रास्ते में ही कहीं भेज दिया जाता है। अमेरिकी थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिल में मिसमैच होने की वजह से भारत को 13 अरब डॉलर यानी 90 हजार रुपये का नुकसान हुआ। इस आयात का अधिकांश हिस्सा चीन से जुड़ा था।

कैश अकाउंटिंग: परिभाषा, शर्त, स्टेटमेंट और उदाहरण

अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

रेटिंग: 4.28
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 720