Cryptocurrency: क्या क्रिप्टोकरेंसी की कीमत घटकर रह जाएगी जीरो, जानें क्यों कह रहे हैं ऐसा-क्या कारण हैं सामने
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले इंवेस्टर्स को डराना नहीं चाहते पर इस वर्चुअल करेंसी पर हाल में ऐसी बातें सामने आई हैं जो कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं.
By: ABP Live | Updated at : 05 Dec 2022 10:23 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन, एफटीटी, क्रिप्टोमार्केट
Cryptocurrency: टेक्नोलॉजी और कर्ज को एक साथ मिलाना कभी भी समझदारी नहीं कही जा सकती है क्योंकि जब टेक्नोलॉजी काम करती है तो उसका मूल्यांकन बहुत ऊंचा होता है. हालांकि जब टेक्नोलॉजी जब अगले कदम की ओर बढ़ती है तो लोन डिफॉल्ट के मामले भी बढ़ने की संभावना रहती है. एफटीएक्स, एलन मस्क और सॉफ्टबैंक इस सबक को सीख रहे हैं. जी हां- हम ये क्रिप्टोकरेंसी के भ्रम के तोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं.
ट्विटर के उदाहरण को देखें जहां पैसा खोने की गुंजाइश बन गई है
उदाहरण के लिए आप ट्विटर को देख लें जो साल 2019 में मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई, लेकिन अब ये एक अरब डॉलर के कर्ज पेमेंट्स के मामले में फंसी दिखाई दे रही है. वॉल स्ट्रीट इस समय ट्विटर के कर्ज को नजरंदाज नहीं कर सकती है जो डॉलर में 60 सेंट के बराबर हो सकता है. बिना पैसा खोए भी ट्विटर के नए मालिक और सीईओ एलन मस्क ने एंप्लाइज से कह दिया है कि 'दिवालियापन' की आशंका का प्रश्न बाहर नहीं है. हालांकि उन्हें अपनी खुद की कंपनी टेस्ला के हाई वैल्यू शेयर (भले ही गिरावट दिखा रहे हैं) बेचने से लाभ हुआ है. एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर फ्री-स्पीच के सिद्धांतो पर काम करेगा. ट्विटर की गिरावट के चलते विज्ञापनदाता से लेकर इसके कर्मचारी भाग रहे हैं. अगर एलन मस्क डिफॉल्ट करते हैं और ट्विटर से चले जाते हैं तो कंपनी के पास पुराने कोड और बेकार की वस्तुओं के अलावा कुछ नहीं बचेगा.
FTT एक्सचेंज के विवाद से हमने क्या सीखा
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ताजा विवादों में रहा नाम सैम बैंकमैन-फायड का है जिनके एफटीएक्स एक्सचेंज के धराशायी होने की कहानी बेहद चर्चा में रही. निश्चित तौर पर ये कंपनियां गलत तरीके से कस्टमर्स के ऐसेट्स को गैरकानूनी तरीके से यूज करती रहीं. पैसा निकाला गया तो ऐसे कि जैसे बैंक का पूरा साथ हो. हालांकि इस कंपनी का सबसे बड़ा गुनाह ये था कि अपने खुद के एफटीटी टोकन के सामने इन्होंने पैसा निकाला, इसका कंपनी को कोई फायदा नहीं मिला.
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम टूटना शुरू हो चुका है
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम इसी के साथ टूटना शुरू हो चुका है. एफटीएक्स पर ट्रेड इतना बारीक था कि वो कोई भी कीमत तय करने में सक्षम था लेकिन ऐसा हमेशा के लिए नहीं था. एफटीएक्स और Alameda ने उन टोकन के बदले कर्ज लेना शुरू किया जिनके दाम वो खुद तय कर सकते थे और हेरफेर कर सकते थे. हर तरह से एक भ्रम करने वाला ट्रेड जब अपनी असल रंगत में आया तो कंपनी के एंप्लाई, वेंडर वो सभी हैरान रह गए जिनको खुद एफटीटी टोकन में ही सैलरी और पेमेंट मिलता था. जब ये क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं तिलिस्म टूटा तो 10 अरब डॉलर का मार्केट कैप टूटकर 40 लाख डॉलर तक नीचे आ गया है.
एफटीटी के कर्ज में डूबे निवेशक
क्रिप्टोकरेंसी के जानकार होने के बावजूद आप किसी को हमेशा भ्रम में नहीं रख सकते हैं और वास्तविकता आखिरकार भ्रम को पलट ही देती है. केवल भ्रम के बुलबुले में एक पिन चुभाने की देर है. कॉइनडेस्क ने जैसे ही Alameda की बैलेंसशीट लीक की, जो एफटीटी टोकन्स से भरी हुई थी, बिनान्स के सीईओ चैंगपेंग झाओ ने बिकवाली शुरू कर दी. केवल 48 घंटों में एफटीटी के दाम 22 डॉलर प्रति कॉइन से 3 डॉलर प्रति कॉइन तक आ गए हैं. जब अंधेरा छंटा तो Alameda और एफटीटी के ऊपर 8 अरब डॉलर से 15 अरब डॉलर का कर्ज आ चुका था. अब जबकि कंपनी के पास रीपेमेंट के लिए बेहद कम दाम बचे हैं तो इसमें कई साल लग जाएंगे कि किसे क्या मिलने वाला है.
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखकर सबक लें
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखें तो बिनान्स और क्रिप्टो डॉटकॉम के ऊपर 4 फीसदी से लेकर 8 फीसदी तक के पेमेंट मिल रहे हैं पर केवल 0.01 फीसदी का ब्याज मिल पा रहा है. लेकिन क्रिप्टो के ऊपर कोई ब्याज क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं कैसे दे सकता है? इस तरह के कारोबार के बारे में सोचना ही गलत है.
जेनेसिस ग्लोबल कैपिटल ने क्रिप्टोकरेंसी उधार लेने की सुविधा के लिए एक उधार मंच बनाया है लेकिन किसके खिलाफ? क्या केवल हवा-हवाई दावों के खिलाफ..विंकल्वॉस ट्विन्स की लगाई गई जेमिनी जैसी फर्में 8 फीसदी ब्याज दर दे रही थीं जिससे कस्टमर्स को यील्ड मिल सके. लेकिन ये एक अच्छा सवाल है कि किप्टो के ऊपर यील्ड क्यों मिलेगी? क्रिप्टों के जानकारों ने इस बात पर तो काम किया कि ये ऊपर जाएगी तो पैसा बनेगा, लेकिन इस बात पर कोई गौर नहीं किया कि जब ये नीचे जाएगी तो लोगों के पैसे का क्या होगा. क्रिप्टो को एक हॉट फेवरिट डेस्टिनेशन की तरह मानकर जबरदस्त उधार दिया गया था. हालांकि जब तक कि कोई 90 फीसदी नीची कीमत के साथ फंस नहीं गया और बाकी सभी को डिफ़ॉल्ट कर्ज के साथ छोड़ दिया गया ये सिलसिला जारी रहा. अब तो कहा जा रहा है कि शायद ये ही इकलौता तरीका था जिससे क्रिप्टो पर फैला भ्रम खत्म हो सकता था.
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Published at : 05 Dec 2022 10:15 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin Ethereum Crypto Market Cap Crypto Coin FTT Exchange Alameda हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Crypto Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये रिपोर्ट.
Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST
Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.
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राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.
इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.
वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.
भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.
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SBI New Toll Free Number : एसबीआई ने जारी किए दो नए टोल-फ्री नंबर, संडे को भी घर बैठे मिलेंगी 5 तरह की सुविधाएं
SBI Latest Update: बैंक के दोनों टोल-फ्री नंबर्स उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाले हैं, जो पूरे सप्ताह काम में बिजी होने की वजह से बैंक नहीं जा पाते हैं. दोनों टोल-फ्री नंबर रविवार को भी चालू रहेंगे. ग्राहक संडे को फोनकर सुविधा का लाभ ले पाएंगे.
State Bank of India Updates: एसबीआई ने ग्राहकों की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए अब नए बदलाव के रूप में दो नए टोल-फी नंबर जारी किए हैं.
एसबीआई ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अपनी सारी बैंकिंग चिंताओं को गुडबाय कर दीजिए. बैंक के कान्टैक्ट सेंटर के टोल-फ्री नंबर्स 18001234 या फिर 18002100 पर काॅल करें. इसके साथ ही बैंक ने 5 तरह की सुविधाएं इन टोल-फ्री नंबर्स पर उपलब्ध होने की जानकारी भी दी है.
संडे को भी लाभ ले सकेंगे ग्राहक
बैंक के दोनों टोल-फ्री नंबर्स उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाले हैं, जो पूरे सप्ताह काम में बिजी होने की वजह से बैंक नहीं जा पाते हैं. बैंक जहां रविवार को बंद रहता है, वहीं दोनों टोल-फ्री नंबर रविवार को भी चालू रहेंगे. ग्राहक संडे को फोनकर सुविधा का लाभ ले पाएंगे.
बैंक के मुताबिक दोनों टोल-फ्री नंबर्स के जरिए ग्राहक घर बैठे 5 तरह की सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे.
1- अकाउंट बैलेंस और पिछले 5 ट्रांजेक्शंस की जानकारी.
2- एटीएम कार्ड ब्लाॅक कर सकेंगे और नए कार्ड का डिस्पैच स्टैटस जान पाएंगे.
3- चेक बुक मंगाने और उसके डिस्पैच होने की जानकारी पा सकेंगे.
4- टीडीएस की डिटेल्स जानने के साथ ही ई-मेल पर डिपाजिट इंट्रेस्ट सर्टीफिकेट की सुविधा मिलेगी.
5- पुराना एटीएम कार्ड ब्लाक होने के बाद नए एटीएम कार्ड की रिक्वेस्ट जान सकेंगे.
एसबीआई के यह टोल-फ्री नंबर हैं काम के
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार ग्राहकों की सुविधा के लिए पहले से भी कई टोल-फ्री नंबर चल रहे हैं. जबकि, कुछ टोल-फ्री नंबर्स खास सुविधा के लिए भी चल रहे हैं. जैसे- 1800112211,
18004253800 और 080-26599990 नंबर.
अनाधिकृत ऑनलाइन लेनदेन पर यह नंबर डायल करें
1800111109 (टोल-फ्री), 9449112211 (मोबाइल नंबर-टोल-फ्री).
ई-मेल से शिकायत या सुविधा का लाभ लें
ई-मेल- [email protected], [email protected]
Digital Currency Vs Cryptocurrency : क्या होती है डिजिटल करेंसी, यह क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग है?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के डिजिटल करेंसी पेश करने के प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
हाइलाइट्स
- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है।
- जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है।
- इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है।
नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को बड़ा एलान किया। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पेश करेगा। उसने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, आरबीआई (RBI) क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं ने बहुत पहले ही अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का संकेत दे दिया था। दुनिया के कई दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक भी डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी में हैं। क्या आप डिजिटल करेंसी का मतलब जानते हैं? आइए इसका मतलब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलगा है।
क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल (Retail) और होलसेल (Wholesale)। रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सॉवरेन मुद्रा में यानी उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।
दूसरा, फर्क यह है कि डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। बिटकॉइन इसका उदाहरण है। पिछले तीन महीने में बिटकॉइन की कीमत गिरकर आधा से कम रह गई है। तीसरा, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।
SBI New Toll Free Number : एसबीआई ने जारी किए दो नए टोल-फ्री नंबर, संडे को भी घर बैठे मिलेंगी 5 तरह की सुविधाएं
SBI Latest Update: बैंक के दोनों टोल-फ्री नंबर्स उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाले हैं, जो पूरे सप्ताह काम में बिजी होने की वजह से बैंक नहीं जा पाते हैं. दोनों टोल-फ्री नंबर रविवार को भी चालू रहेंगे. ग्राहक संडे को फोनकर सुविधा का लाभ ले पाएंगे.
State Bank of India Updates: एसबीआई ने ग्राहकों की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए अब नए बदलाव के रूप में दो नए टोल-फी नंबर जारी किए हैं.
एसबीआई ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अपनी सारी बैंकिंग चिंताओं को गुडबाय कर दीजिए. बैंक के कान्टैक्ट सेंटर के टोल-फ्री नंबर्स 18001234 या फिर 18002100 पर काॅल करें. इसके साथ ही बैंक ने 5 तरह की सुविधाएं इन टोल-फ्री नंबर्स पर उपलब्ध होने की जानकारी भी दी है.
संडे को भी लाभ ले सकेंगे ग्राहक
बैंक के दोनों टोल-फ्री नंबर्स उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाले हैं, जो पूरे सप्ताह काम में बिजी होने की वजह से बैंक नहीं जा पाते हैं. बैंक जहां रविवार को बंद रहता है, वहीं दोनों टोल-फ्री नंबर रविवार को भी चालू रहेंगे. ग्राहक संडे को फोनकर सुविधा का लाभ ले पाएंगे.
बैंक के मुताबिक दोनों टोल-फ्री नंबर्स के जरिए ग्राहक घर बैठे 5 तरह की सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे.
1- अकाउंट बैलेंस और पिछले 5 ट्रांजेक्शंस की जानकारी.
2- एटीएम कार्ड ब्लाॅक कर सकेंगे और नए कार्ड का डिस्पैच स्टैटस जान पाएंगे.
3- चेक बुक मंगाने और उसके डिस्पैच होने की जानकारी पा सकेंगे.
4- टीडीएस की डिटेल्स जानने के साथ ही ई-मेल पर डिपाजिट इंट्रेस्ट सर्टीफिकेट की सुविधा मिलेगी.
5- पुराना एटीएम कार्ड ब्लाक होने के बाद नए एटीएम कार्ड की रिक्वेस्ट जान सकेंगे.
एसबीआई के यह टोल-फ्री नंबर हैं काम के
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार ग्राहकों की सुविधा के लिए पहले से भी कई टोल-फ्री नंबर चल रहे हैं. जबकि, कुछ टोल-फ्री नंबर्स खास सुविधा के लिए भी चल रहे हैं. जैसे- 1800112211,
18004253800 और 080-26599990 नंबर.
अनाधिकृत ऑनलाइन लेनदेन पर यह नंबर डायल करें
1800111109 (टोल-फ्री), 9449112211 (मोबाइल नंबर-टोल-फ्री).
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