MACD indicator

MACD Indicator से जाने मार्किट,शेयर का ट्रेंड।

MACD का फुल फॉर्म हैं Moving Average Convergence Divergence .

MACD टेक्निकल इंडीकेटर्स का ही एक रूप हैं जिसे Gerald Appeal ने 1979 में विकसित किया था।

MACD के साथ काम करने का फायदा यह हैं की इसमें आप छोटा stop loss लगा सकते है।

Table of Contents

1. MACD indicator क्या हैं ?

MACD एक ट्रेंड फोल्लोविंग इंडिकेटर हैं , मतलम यह ट्रेंड के साथ चलने वाला इंडिकेटर हैं। इस वजह से यह इंडिकेटर ट्रेंडिंग बाजार में अच्छी तरह से काम करता हैं।

MACD इंडिकेटर चार्ट पर कुछ इस प्रकार से दिखाई देता हैं।

MACD indicator hindi

MACD indicator

यह इंडिकेटर दो अलग अलग EMA के जोड़ से बनता हैं।

EMA – Exponential Moving Average यह एक प्रकार का moving average हैं।

2.MACD indicator कैसे बनता हैं ?

MACD 4 चीजों से बनता हैं।

MACD indicator-macd line, center line, histogram bars, signal line

1. MACD Line जिसे Fast Line भी कहते हैं, जो की हरे रंग की होती हैं।

2. Signal Line जिसे Slow Line भी कहते हैं, जो की लाल रंग की होती हैं।

3. Zero Line जिसे Base Line या Center Line भी कहते हैं, जो की center में होती हैं।

4.MACD Histogram – Center line के ऊपर निचे जो बार्स होते हैं वह histogram होते हैं। जो की लाल और हरे रंग के होते है।

3. MACD indicator की EMA calculation.

हम EMA lines के calculation को समझ लेते हैं।

1. MACD Line Calculation

MACD Line दो अलग-अलग EMA का अंतर हैं।

इसमें 12 Day EMA और 26 Day EMA लिया जाता हैं।

Signal Line Calculation

इसमें 9 दिनों की MACD Line होती हैं।

Histogram

इसमें MACD Line और Signal Line के अंतर को दिखता हैं।

4. MACD Indicator Setting

अगर आप कोईभी trading software का इस्तेमाल करते हो तो उसमे MACD Indicator की default setting 12,26 और 9 होती हैं।

MACD Indicator Default Setting

MACD Indicator Default Setting

ट्रेडर अपने अनुभव से इसमें बदलाव कर सकता हैं।

5. MACD Indicator कैसे काम करता हैं ?

MACD में मुख्य 2 line होती हैं MACD Line और Signal Line यह दोनों लाइन central लाइन के ऊपर निचे घूमते हुए शेयर बाजार में buying और selling के संकेत देते हैं।

जब MACD और Signal लाइन एक दूसरे को cross करती हैं तो हमें बाजार में buying और selling का संकेत मिलता हैं।

1.Positive और Negative Crossover

इस indicator में 2 प्रकार के crossover होते हैं।

हरी रेखा जब लाल रेखा के ऊपर जाती हैं, तब Positive Crossover याने के bullish Crossover कहते हैं।

MACD - Negative Crossover

हरी रेखा जब लाल रेखा के ऊपर जाती हैं, तब Negative Crossover याने के Bearish Crossover कहते हैं।

2.MACD और Signal Line Crossover

जब MACD संकेतक कैसे काम करता है Line Signal Line के ऊपर होती हैं, तब बाजार Uptrend याने Bullish होता हैं।

जब MACD Line Signal Line के निचे होती हैं, तब बाजार Downtrend याने Bareish होता हैं।

3.Center Line

MACD Positive Cross over- Market Uptrend

जब MACD और Signal यह दोनों लाइन center लाइन के ऊपर होती हैं, तब मार्किट में bullish trend हैं यह माना जाता हैं।

MACD Negative Crossover- Market Downtrend

जब MACD और Signal यह दोनों लाइन center लाइन के निचे होती हैं, तब मार्किट में bearish trend हैं यह माना जाता हैं।

4.Whipsaw

जब MACD और Signal यह दोनों लाइन center लाइन पर होती हैं ,नहीं ऊपर जाती हैं नहीं निचे जाती हैं तब मार्किट में sideways trend हैं यह माना जाता हैं। जिस वजह से हमें Whipsaw का सामना करना पड़ता हैं।

5.संकेतक कैसे काम करता है MACD Histogram

ऊपर दिए गए चित्र में आप को जो हरे और लाल रंग के बार (Volume) नजर आ रहे हैं, उसे हम MACD Histogram कहते हैं।

MACD Histogram ट्रेंड और मूवमेंटम में positive और negative divergence दिखता हैं।

जिससे हमें ट्रेंड जोरदार हैं या कमज़ोर यह पता चलता हैं।

6.निष्कर्ष

आशा हैं की आप MACD indicator क्या हैं, वह कैसे काम करता हैं और उसके उपयोग यह जान पाए हो।

अगर आप को यह जानकारी पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Q.1.MACD कोनसा indicator हैं ?

Ans: MACD एक ट्रेंड फोल्लोविंग इंडिकेटर हैं , मतलम यह ट्रेंड के साथ चलने वाला इंडिकेटर हैं। इस वजह से यह इंडिकेटर ट्रेंडिंग बाजार में अच्छी तरह से काम करता हैं।

Q.2.MACD indicator में कोनसे भाग होते हैं ?

Ans:
1.MACD Line जिसे Fast Line भी कहते हैं, जो की हरे रंग की होती हैं।
2. Signal Line जिसे Slow Line भी कहते हैं, जो की लाल रंग की होती हैं।
3. Zero Line जिसे Base Line या Center Line भी कहते हैं, जो की center में होती हैं।
4.MACD Histogram – Center line के ऊपर निचे जो बार्स होते हैं वह histogram होते हैं। जो की लाल और हरे रंग के होते है।

Q.3.MACD Indicator की Default Setting क्या हैं ?

Ans: MACD Indicator की default setting 12,26 और 9 होती हैं।

Q.4.MACD Histogram से हमें क्या पता चलता हैं ?

Ans: MACD Histogram ट्रेंड और मूवमेंटम में positive और negative divergence दिखता हैं।
जिससे हमें ट्रेंड जोरदार हैं या कमज़ोर यह पता चलता हैं।

मृदा नमी संकेतक यंत्र : ये यंत्र बताएगा कब करनी है फसल की सिंचाई

मृदा नमी संकेतक यंत्र : ये यंत्र बताएगा कब करनी है फसल की सिंचाई

जानें, इस यंत्र की खासियत और कीमत और इस्तेमाल करने का तरीका

खेत में नमी का स्तर जांचना और उस हिसाब से फसल को पानी देना किसान के लिए काफी मुश्किल भरा काम है। किसान कैसे पता करें कि किस फसल को कब पानी की आवश्यकता है और किस फसल की कब-कब सिंचाई की जानी चाहिए। लेकिन किसान की इस समस्या के समाधान के लिए अब एक ऐसा यंत्र तैयार कर लिया गया है जो खेत में नमी की जांच करेगा और बताएगा कि किस फसल को सिंचाई की आवश्यकता है। यह यंत्र आईसीएआर-एसबीआई, कोयंबटूर द्वारा विकसित एवं सोर्स टेक साल्यूशंस कम्पनी बेंगलुरु द्वारा निर्मित किया गया है। यह मिट्टी की नमी जांचने का यह ऐसा सूचक यंत्र है, जिससे खेत की नमी को आसानी से जांचा जा सकता है और यह पता लगाया जा सकता है, कि फसल को सिंचाई की जरूरत है या नहीं। यह यंत्र पानी की बचत में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


मृदा नमी सूचक यंत्र : कैसे काम करता है ये यंत्र

इसमें दो रॉड लगी हुई है , जिन्हें जमीन में गाड़ते ही मिट्टी की नमी का पता इस यंत्र में लगे चार एलईडी से चल जाता है। इसमें नीला रंग पर्याप्त नमी का संकेत देकर सिंचाई नहीं करने का संकेत देता है, जबकि हरा रंग तुरंत सिंचाई नहीं करने का संकेत देता है। नारंगी रंग कम नमी की ओर इशारा कर सिंचाई करने का संकेत देता है, वहीं लाल रंग तुरंत सिंचाई करने की जरूरत को बताता है।


कैसे करें मृदा नमी संकेतक यंत्र का इस्तेमाल

मृदा नमी मापक यंत्र में चार एंटीना जैसे रॉड निकले हुए होते है। किसान इसको खेत की मिट्टी में सीधे धंसा देगा। इसके बाद जैसे थर्मामीटर काम करता है। वैसे ही यह मृदा नमी मापक यंत्र मिट््टी की नमी की जानकारी देगा। मृदा नमी मापक यंत्र की जानकारी के बाद किसान फसलों में पानी देना है या नहीं देना इसका फैसला कर सकते हैं।


मृदा नमी संकेतक यंत्र के निर्देशों को इस तरह समझें किसान

एलईडी लाइट का रंग मिट्टी में नमी की स्थिति अनुमान
नीला पर्याप्त नमी सिंचाई की जरूरत नहीं
हरा पर्याप्त नमी तुरंत सिंचाई की जरूरत नहीं
पीला नमी की कमी सिंचाई कर सकते हैं
लाल बिल्कुल नमी नहीं तुरंत सिंचाई करें

कितनी है मृदा नमी संकेतक यंत्र की कीमत

मृदा नमी संकेतक यंत्र की कीमत अधिकतम कीमत 1650 रुपए है। बता दें कि इस मृदा नमी संकेतक को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में जल संरक्षण के लिए नई तकनीक के सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान और नवाचार के लिए पहला पुरस्कार मिला चुका है।


कहां से मिलेगा ये यंत्र

कहा से मिलेगा मृदा नमी संकेतक यंत्र के संंबंध पूरी जानकारी के लिए कोयंबटूर, तामिलनाडू को गन्ना प्रजनन संस्थान व उससे संबंधित करनाल, हरियाणा स्थित क्षेत्रीय गन्ना प्रजनन केंद्र से सीधे फोन पर संपर्क कर सकते हैं।


पता और फोन नंबर

  • आईसीएआर- शुगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट कोयम्बटूर - 641007 फोन : 0422-2472621
  • डॉ. बक्शी राम, निदेशक, भारतीय, कृषि अनुसंधान परिषद, गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर, तामिलनाडू — 641007, फोन नंबर — 0422—2472986
  • डॉ. कुलक्षेष्ठ, विभागाध्यक्ष, क्षेत्रीय गन्ना प्रजनन केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, करनाल, हरियाणा
    फोन नंबर — 0184—226556,2268096

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति , पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Cost Inflation Index: यह कैसे काम करता है और कैसे टैक्स बचाने में मददगार है

Cost Inflation Index: यह कैसे काम करता है और कैसे टैक्स बचाने में मददगार है

डीएनए हिंदी: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 14 जून को लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में सीआईआई अब बढ़कर 331 हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 317 था, जो सालाना आधार पर उपभोक्ता वस्तुओं और संपत्ति की कीमतों में 4.42% की वृद्धि है. लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) वार्षिक आधार पर वस्तुओं और संपत्तियों की औसत कीमतों में बदलाव के बारे में जानकारी देता है. सीआईआई मूल्य का उपयोग परिसंपत्ति के अधिग्रहण की मुद्रास्फीति-समायोजित लागत का पता लगाने के लिए किया जाता है. यही कारण है कि सीआईआई टैक्स प्लानिंग में बहुत महत्वपूर्ण है. यह पूंजीगत लाभ के निर्धारण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है.

CII कैसे काम करता है?

कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (सीआईआई) के जरिए यह तय किया जाता है कि किसी प्रॉपर्टी या एसेट की बिक्री पर हुए प्रॉफिट पर आपको कितना कैपिटल गेन टैक्स देना होगा.

लागत मुद्रास्फीति सूचकांक का इस्तेमाल कैसे किया संकेतक कैसे काम करता है जाता है?

सीआईआई का इस्तेमाल रियल एस्टेट (real estate), गोल्ड ज्वैलरी (gold jewelry), डेट म्यूचुअल फंड (debt mutual funds) आदि सहित निवेश और संपत्ति के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) की गणना के लिए किया जाता है. सीआईआई के मूल्य के साथ, आप किसी संपत्ति की बिक्री पर वास्तविक लाभ जान सकते हैं. CII का उपयोग किसी परिसंपत्ति की मुद्रास्फीति-समायोजित लागत मूल्य की गणना करने के लिए किया जाता है. लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ या हानि (Long-term capital gains) की गणना मुद्रास्फीति-समायोजित मूल्य का उपयोग करके की जाती है.

हालांकि, CII का इस्तेमाल इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड पर लाभ के लिए नहीं किया जा सकता है. दरअसल इसपर बिना किसी इंडेक्सेशन लाभ के 10% की दर से कर लगाया जाता है.

जब आप कोई पूंजीगत संपत्ति या संपत्ति बेचते हैं, तो आपको पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना पड़ता है. यह कर बिक्री मूल्य और खरीद मूल्य के बीच के अंतर पर लगाया जाता है. संपत्ति का मूल्य समय के साथ बढ़ता है. इस वजह से इसकी बिक्री भी अधिक कीमत पर की जाती है.

इससे बिक्री मूल्य और लागत मूल्य के बीच का अंतर बढ़ जाता है. लेकिन, जैसे-जैसे संपत्ति का मूल्य समय के साथ बढ़ता है, वैसे ही मुद्रास्फीति के कारण पैसे का मूल्य भी बढ़ता रहता है. CII कृत्रिम रूप से आपकी संपत्ति या संपत्ति के लागत मूल्य को बढ़ा देता है. इससे बिक्री मूल्य और लागत मूल्य के बीच का अंतर कम हो जाता है. यह पूंजीगत लाभ कर को भी कम करता है. यही कारण है कि टैक्स प्लानिंग के लिए सीआईआई बहुत महत्वपूर्ण है.

अधिग्रहण की Index Cost

आयकर विभाग निर्धारिती को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स की गणना के लिए अधिग्रहण की अनुक्रमित लागत को ध्यान में रखने की अनुमति देता है. उदाहरण के लिए, आपको किसी संपत्ति के हस्तांतरण पर हुए लाभ पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना होगा. अगर कोई व्यक्ति इसे खरीद के दो साल पहले बेचता संकेतक कैसे काम करता है है, तो इससे होने वाले लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) माना जाता है.
STCG को व्यक्ति की आय में जोड़ा जाता है. फिर उस पर व्यक्ति के टैक्स-स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है. यदि कोई व्यक्ति संपत्ति को दो साल से अधिक समय तक रखने के बाद बेचता है, तो उसके द्वारा किए गए लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाता है. इस पर इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स लगता है. किसी संपत्ति के LTCG की गणना करने के लिए, संपत्ति के अधिग्रहण की अनुक्रमित लागत की गणना करनी होती है.


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Alligator Indicator in Hindi

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए कई तरह के टेक्निकल इंडिकेटर प्रदान किए जाते है तो आपको मार्केट के ट्रेंड और अलग-अलग मार्केट मूवमेंट का संकेत देते है । आज इस लेख में ऐसे ही एक इंडिकेटर alligator indicator in hindi में विस्तार में बात करेंगे।

एलीगेटर का नाम सुनकर आपके दिमाग में जानवर की पिक्चर बन रही होगी लेकिन उसे जानवर के मुँह, जबड़े की तरह का आकर जब शेयर मार्केट चार्ट में बनता है तो वह आपको आने वाले ट्रेंड और प्राइस की जानकारी प्रदान करता है ।

एलीगेटर इंडिकेटर

एलीगेटर इंडिकेटर को पहली बार “बिल एम. विलियम्स” द्वारा 1995 में अपनी पुस्तक “ट्रेडिंग चाओस” में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। इस बुक में विलियम्स ने ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग की दुनिया को विस्तृत रूप से समझाया है।

बिल विलियम्स ने एलीगेटर इंडिकेटर के अलावा, Accelerator/Decelerator Oscillator, Awesome Oscillator, Fractals Indicator, Gator oscillator जैसे इंडियकटर्स को दुनिया के सामने पेश किया था।

एलीगेटर इंडिकेटर का परिचय

अपनी सर्च से विलियम्स ने पाया की मार्केट में ट्रेंड सिर्फ 20% से 30% समय के लिए ही होता है और 70% से 80% के लिए मार्केट sideways यानी चोप्पी रहती है। इसीलिए उन्होंने एलीगेटर इंडिकेटर को प्रस्तुत किया जो आपको यह समझने में मदद करता है की बाज़ार ट्रेंड की स्थिति है या sideways, जिससे आप टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis in hindi) कर ट्रेड करने की सही पोजीशन ले सकते है। इसका नाम एलीगेटर भी इसलिए रखा गया क्योंकि एक घड़ियाल काफी समय संकेतक कैसे काम करता है तक शांत रहता है और भूख लगने पर मुँह खोलता है।

ये तो पता चल गया की ये इंडिकेटर आपको आने वाले ट्रेंड की जानकारी देता है लेकिन ये किस तरह से बनता और इसको कैलकुलेट कैसे किया जाता है । एलीगेटर इंडिकेटर में तीन मूविंग रेखाएं होती है, जिन्हें जबड़ा, दांत और होंठ कहा जाता है।

  • जबड़ा: ये 13-पीरियड मूविंग एवरेज के डेटा से बनाया गया है और चार्ट पर ब्लू लाइन का प्रयोग करके दर्शाया जाता है।
  • दांत: रेड लाइन से ये आपको 8-पीरियड के मूविंग एवरेज की जानकारी प्रदान करता है।
  • होंठ: 5-पीरियड का मूविंग एवरेज जो ग्रीन लाइन से दिखाया जाता है।

ये तीनो लाइन आपको मार्केट के बारे में काफी जानकारी देता है और अक्सर ट्रेडर को एक सही प्राइस में ट्रेड करने में लाभदायक होता है ।

एलिगेटर इंडिकेटर का उपयोग कैसे करते है

एक जानवर के भाँती इस इंडिकेटर में तीन तरह के संकेत होते है जिससे स्लीपिंग, जागृत और भूखा इंडिकेटर का नाम दिया गया है । अब इसका तातपर्य क्या है उसके बारे में नीचे दिया गया है:

स्लीपिंग एलीगेटर

स्लीपिंग एलीगेटर का मतलब होता है की एलिगेटर अभी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है। जब एलीगेटर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता तब लाल , हरी और नीली रेखाएं एक दूसरे के बिल्कुल पास होती है या आपस में जुडी होती है तो उस समय मार्केट में अपट्रेंड और डाउनट्रेंड का अभाव होता है। इस तरह की स्थिति को चोप्पी मार्केट भी कहा जाता है।

जागृत एलीगेटर

जागृत एलिगेटर का मतलब है की एलीगेटर अब उठ गया है और अब कोई प्रतिक्रिया करेगा इसीलिए जब लाल और नीली मूविंग रेखाएं एक ही दिशा में बढ़ती है और हरी मूविंग रेखा उनके बीच से होकर गुजरती है तो इससे यह पता चलता है की मार्केट में अब ट्रेंड बनने वाला है। यह ट्रेंड ऊपर की ओर भी जा सकता है और नीचे की तरफ भी जा सकता है।

भूखा एलीगेटर

भूखे एलिगेटर का मतलब है की एलिगेटर को भूख लगी है और अब शिकार करने के लिए अपना मुँह खोलेगा। ऐसी स्थिति में हरी रेखा , लाल रेखा के ऊपर मूव होती है और लाल रेखा नीली रेखा के ऊपर होती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू हो जाता है।

लेकिन जब इन रेखाओं का क्रम उल्टा हो जाता है तो मार्केट में डाउनट्रेंड शुरू हो जाता है।

एलिगेटर इंडिकेटर से शेयरों को खरीदना और बेचना

एलीगेटर इंडिकेटर से निवेशक मार्केट में शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए संकेत की सहायता लेते है।

शेयर कब ख़रीदे : जब एलीगेटर जागता है तो शिकार के लिए अपना मुँह खोलता है। जब एलीगेटर अपना मुँह खोलता है तो चार्ट में सभी रेखाएं अलग-अलग हो जाती है।

जब हरी लाइन, लाल रेखा के ऊपर और लाल रेखा नीली मूविंग एवरेज से ऊपर आती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू होने लगता है। जिसका मतलब है की आप अभी शेयर को खरीद सकते है।

शेयर कब बेचे : जब एलीगेटर इंडिकेटर में हरी रेखा ,लाल रेखा और नीली रेखा के नीचे होती है तो उस समय आपको अपने शेयरों को बेच देना चाहिए। क्योंकि उस समय मार्केट sideways की स्थिति में चली जाती है।

शेयर कब होल्ड करे: जब तीनो रेखाएं एक दूसरे के काफी नज़दीक होती है तो उस समय किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहिए और अगर आपने स्टॉक ख़रीदा हुआ है तो इस समय उसे बेचने का निर्णय नहीं लेना चाहिए ।

निष्कर्ष

आशा करते है की यह लेख आपको (alligator indicator in hindi) एलिगेटर इंडिकेटर को में समझने में आपकी मदद करेगा। एलीगेटर इंडिक्टर क्योंकि कम समय वाले चार्ट में एक सही संकेत नहीं देता है इसलिए इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए लाभदायक नहीं होता है । तो अगर आप स्विंग या पोसिशनल ट्रेड करना चाह रहे है तो इस इंडिकेटर का इस्तेमाल कर मार्केट में एक सही निर्णय ले सकते है।

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