बांग्लादेश के आगे आने का सबसे बड़ा कारण ये है कि इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर चिंताजनक स्तर पर आ गया है. ऐसे में बांग्लादेश को भारत के साथ रुपये में कारोबार करना फायदेमंद नजर आएगा. बांग्लादेश की ही तर्ज पर डॉलर की तंगी से परेशान कई देश भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हो जाएंगे.

Explained: आ गई RBI की वर्चुअल ट्रेडिंग करेंसियां करेंसी, 1 नवंबर से चलेगा Digital RUPEE, नोटों की तरह होगा, बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट

RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा.

डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा ट्रेडिंग करेंसियां है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. (Photo: Zeebiz)

Digital Rupee: आखिरकार अपनी डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी Digital RUPEE की शुरुआत हो गई है. 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. डिजिटल रूपी की शुरुआत होने के साथ ही हमें भी यह समझना जरूरी है कि ये क्या है और कैसे काम करेगा? Digital Rupee अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा. लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा. ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. प्रिंट भी नहीं होगा. बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा. जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है. सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी. इसमें निवेश भी आसान होगा. अच्छी बात ये है कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगा. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.

कब तक आएगा ट्रेडिंग करेंसियां डिजिटल Rupee?

रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज यानि सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे की रकम के तौर पर होगा. रिजर्व बैंक ने ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर रिटेल ट्रांजैक्शन के लिए भी इसको इस्तेमाल लाया जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.

कैसे काम करेगा Digital Rupee?

डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना ट्रेडिंग करेंसियां बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी. वहीं, दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा. CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कह सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपी की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी. जिस तरह क्रिप्टो में करेंसी का भाव घटता-बढ़ता है, डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी.

फीचर आर्टिकल: कॉइन स्विच के साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग उतनी ही आसान है जितना अपना फेवरेट फूड ऑर्डर करना

बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी को लेकर तमाम तरह की बहस और तर्क-वितर्क के बावजूद भारत की जनता ने सुरक्षा जुड़े तमाम संदेह दरकिनार करते हुए न केवल क्रिप्टो करेंसी को अपनाया है, बल्कि दुनिया में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने वाली सबसे बड़ी आबादी भारत की ही है। भारत में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग को आसान, सुलभ और सुरक्षित बनाने में बहुत बड़ा हाथ देश के तेजी से बढ़ते क्रिप्टो ऐप कॉइन स्विच कुबेर का है। भारत के सबसे सरल क्रिप्टो ऐप कॉइन स्विच कुबेर के साथ 1.2 करोड़ का विशाल निवेशक वर्ग जुड़ चुका है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

कोई बैंक या मध्यस्थ नहीं, आप हैं अपनी संपत्ति के खुद मालिक
क्रिप्टो करेंसी एक डीसेंट्रलाइज डिजिटल एसेट है। यानी रुपए या डॉलर या किसी और मुद्रा की तरह इसके मूल्य को रिजर्व बैंक या फेडरल रिज़र्व जैसी सेंट्रल अथॉरिटी नियंत्रित नहीं करती, बल्कि अपनी संपत्ति के आप खुद मालिक होते हैं।

2047 से पहले रुपया बनेगा Global Currency, सरकार ने शुरू की तैयारी

2047 से पहले रुपया बनेगा Global Currency!

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 सितंबर 2022, 8:13 AM IST)

वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रुपये में करने के लिए विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया था. इन बदलावों के असर से सभी तरह के पेमेंट (Payment), बिलिंग (Billing) और आयात-निर्यात (Emport-Export) में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है. इस बारे में डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी DGFT ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. ये सुनने में भले ही तकनीकी तौर पर थोड़ा पेचीदा नजर आए, लेकिन सरल भाषा में कहें, तो ये रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया की तरफ सरकार का पहला और बड़ा कदम है.

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इस बारे में भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों यानी वित्त, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बीच बैठक भी हो चुकी है. इस बैठक में रुपये को ग्लोबल करेंसी (Global Currency) के तौर पर स्थापित करने पर गहन चर्चा हुई है. यहां बता दें फिलहाल, दुनिया भर में होने वाले कुल व्यापार में से 40 फीसदी से ज्यादा कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.

चीन भी कर चुका है असफल प्रयास
चीन (China) ने भी युआन (Yuan) के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सकी. लेकिन चीन की असफलता से भारत को घबराने की कतई जरूरत नहीं है. क्योंकि चीन अपनी करेंसी के मूल्य को घटाने-बढ़ाने के लिए कृत्रिम तरीके अपनाता है. ऐसे में Yuan के अंतरराष्ट्रीयकरण का प्रयास असफल हो चुका है. भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए अब कई देश आगे आ सकते हैं. इनमें ब्राजील, मैक्सिको, श्रीलंका और बांग्लादेश शामिल हैं.

Trading App: ट्रेडिंग एप से 100 करोड़ ठगे चीन के दो नागरिक गिरफ्तार, विदेश करेंसी बरामद

सांकेतिक तस्वीर।

नोएडा एसटीएफ और नॉलेज पार्क थाना ट्रेडिंग करेंसियां पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ट्रेडिंग मोबाइल एप (गूरो मीडिया एप) से भारतीय नागरिकों से 100 करोड़ ठगने के आरोप में चीन के दो नागरिकों को सन हेवन होटल से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान फेंग चेंजिन और हुआंग कुआन के रूप में हुई है। आरोपी पूर्व में गिरफ्तार किए गए चीन के नागरिकों और मददगार रवि नटवरलाल के साथी हैं। हुआंग ग्रेनो की एक कंपनी का कर्मचारी भी है।

आरोपियों ने यू-ट्यूब और सोशल मीडिया का सहारा लेकर चेन सिस्टम से देश के हजारों लोगों को मुनाफे का लालच देकर ठगा और रकम क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेज दी। मामले में चीन और भारत के कुल 12 आरोपियों पर केस दर्ज कर विदेशी करेंसी और ठगी में इस्तेमाल सामान बरामद किया गया है।

विस्तार

नोएडा एसटीएफ और नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ट्रेडिंग मोबाइल एप (गूरो मीडिया एप) से भारतीय नागरिकों से 100 करोड़ ठगने के आरोप में चीन के दो नागरिकों को सन हेवन होटल से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान फेंग चेंजिन और हुआंग कुआन के रूप में हुई है। आरोपी पूर्व में गिरफ्तार किए गए चीन के नागरिकों और मददगार रवि नटवरलाल के साथी हैं। हुआंग ग्रेनो की एक कंपनी का कर्मचारी भी है।

आरोपियों ने यू-ट्यूब और सोशल मीडिया का सहारा लेकर चेन सिस्टम से देश के हजारों लोगों को मुनाफे का लालच देकर ठगा और रकम क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेज दी। मामले में चीन और भारत के कुल 12 आरोपियों पर केस दर्ज कर विदेशी करेंसी और ठगी में इस्तेमाल सामान बरामद किया गया है।

जिला पुलिस और एसटीएफ को लगातार साइबर क्राइम पोर्टल पर गूरो एप से ठगने की शिकायतें मिल रहीं थीं। शिकायतकर्ता दिल्ली निवासी रामदीप, सोनीपत ट्रेडिंग करेंसियां ट्रेडिंग करेंसियां निवासी प्रदीप और कोयंबटूर के श्रवंका कुमार से बात कर आरोपियों के मोबाइल नंबर आदि लेकर जांच की गई तो आरोपियों की लोकेशन ग्रेटर नोएडा में मिली। नॉलेज पार्क पुलिस और एसटीएफ की टीम ने ट्रेडिंग करेंसियां शनिवार शाम नॉलेज पार्क स्थित होटल में पहुंचकर कार्रवाई की और मौके से ट्रेडिंग एप से ठगी करने संबंधित सामान बरामद किया।

डीमैट अकाउंट बनाकर करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर करते थे ठगी, ग्राहकों को ऐसे फंसाता था गैंग

Noida News: नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट ट्रेडिंग करेंसियां अकाउंट खुलवा कर लोगों से ठगी किया करता था.

अगर आप ऑनलाइन ऐप के जरिए ट्रेडिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट अकाउंट खुलवा कर लोगों से ठगी किया करता था.

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के रहने वाले जीएसटी के रिटायर्ड कमिश्नर अशोक कुमार ने नोएडा साइबर क्राइम थाना सेक्टर-36 में मुकदमा दर्ज करवाया था कि उनके साथ करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख की ठगी हुई है.

साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू किया तो इस गैंग का खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस ने मध्यप्रदेश जाकर छापेमारी की, ट्रेडिंग करेंसियां जिसमें एक आरोपी शोयब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी मूलरूप से मध्यप्रदेश का रहने वाला है.

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