स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड संगठित बिक्री - Rs 26642.02 करोड़ है, 10.09 % ऊपर, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 24199.51 करोड़ से, और -1.35 % नीचे पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 27007.02 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs -445.52 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
5 Share market important tips in hindi 2022
आज कल Share market topic बहुत ही उभर कर आगे बढ़ रहा हैं, क्योंकि आज हर युवा के पास मोबाईल फोन हैं जिससे शेयर कब खरीदे और कब बेचे? वो share market में आसानी सेे निवेश कर सकता हैं। तो इसलिए आज हम जानेंगे share market कि कुछ important tips के बारे में वो भी हिन्दी भाषा में तो चलो शूरू करते हैं।
महंगाई के इस दौर में कौन पैसे कमाना नहीं चाहता। हर कोई अपनी इनकम बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत कर रहा हैं, पर अफ़सोस काफ़ी लोग पैसे कमाने के इस सफ़र में नाकामियाब हों जाते हैं, और नाजाने क्यों, जाने अनजाने जल्दी पैसे कमाने के शेयर कब खरीदे और कब बेचे? चक्रो में ग़लत स्कीमों में फस जाते हैं, और अपनी कमाई हुई पूंजी को खो बैठते हैं, इन्हीं परेशानियों को ध्यान मे रखकर, आज में आपके सामने एक आर्टिकल लेकर आया हूं ‘5 Share market important tips in hindi 2022’
Share market, Stock market या शेयर बाजार सब एक ही बाजार के अलग अलग नाम हैं।
विशेषज्ञों कि माने तो, संयुक्त राष्ट्र में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग share market में निवेश करते हैं, जबकि भारत में ये आंकड़ा अभी 5 प्रतिशत से भी कम है जिसका कारण हैं बाजार के प्रति गलत धारणाएं।
लेकिन अभी धीरे धीरे हमारे देश में भी लोग शेयर बाजार कि और आकर्षित हो रहे हैं और लगातार सीख रहे हैं, जिससे ये अनुमान लगाया जा सकता हैं कि आने वाले सालों में भारत में निवेश के कई स्तर बढ़ने वाले हैं, और यदि आज से हि आपने अपने जीवन में निवेश करना शुरु कर दिया, तो आने वाले सालों में आपके पैसे कई गुना भी हो सकते हैं, ये एक सुनहरा अवसर हैं, शेयर बाजार में निवेश शूरू करने का इस बात को हल्के में कभी ना ले।
आज कल लोग अपना ध्यान निवेश कि और ज्यादातर दे रहे हैं, क्योंकि आज के युवा को ये पता हैं कि यदि अपने आप को और अपने परिवार को महंगाई कि इस मार से बचाना शेयर कब खरीदे और कब बेचे? है, तो जीवन में निवेश बहुत जरूरी हैं। कहते हैं कि आपके जीवन में आपने कमाई गई कूल पूंजी शेयर कब खरीदे और कब बेचे? में, आपके निवेशों से हुई कमाई लगभग 40 प्रतिशत होनी हि चाहिए।
इन्ही सब धारणाओं को ध्यान में रखकर आज कल शेयर कब खरीदे और कब बेचे? लोग निवेश कि और अग्रसर हो रहे हैं। और अपने पैसों को इन्वेस्ट यानी बढ़ाने के लिए Stock market जैसे विकल्प चुन रहे हैं जो कि उचित है।
तो आज हम जानेंगे कि यदि कोई व्यक्ति अभी अपने जीवन में शेयर बाजार में निवेश शूरू करना चाहता हैं, तो उसे किन किन महत्वूर्ण बातों को ध्यान में रखना होगा। और कैसे धीरे धीरे इस सफ़र मे आगे बढ़ना होगा।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर कब खरीदे और कब बेचे? शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश शेयर कब खरीदे और कब बेचे? करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता शेयर कब खरीदे और कब बेचे? है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती शेयर कब खरीदे और कब बेचे? लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर शेयर कब खरीदे और कब बेचे? को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट शेयर कब खरीदे और कब बेचे? कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
काम की बात : कितना जरूरी है शेयर को सही मौके पर बेच देना? क्या है बेचने का सही समय
शेयर बाजार में सही समय पर स्टॉक्स को बेच देना भी अच्छे रिटर्न के लिए जरूरी है.
शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए जितना जरूरी एक अच्छे स्टॉक में निवेश करना है उतना ही जरूरी सही समय आने पर उसे बेच दे . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 24, 2022, 11:51 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार में निवेश करने के तीन चरण हैं. पहला एक अच्छा शेयर चुनना, दूसरा उसे खरीदना और तीसरा उसे सही समय पर बेचना. हालांकि, तीसरे हिस्से पर नए निवेशक उतना ध्यान नहीं देते और नतीजतन उन्हें बड़े घाटे का सामना करना पड़ता है.
शेयर बेचने का क्या सही समय होता है और निवेशक घाटा लेने के बाद भी भी शेयर क्यों नहीं बेच रहे होते आज इस लेख आपको इसी के बारे में बताएंगे.
शेयर बेचने का सही समय
इसके लिए कोई एक फिक्स टाइम या परिस्थिति नहीं है. बल्कि कई ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जहां आपको मार्केट समझते हुए शेयरों को निकाल देना होता है. मिंट में मगध कैपिटल के सीईओ विपुल प्रसाद लिखते हैं कि ऐसी 5 परिस्थितियां हैं जहां निवेशकों को स्टॉक्स बेच देनी चाहिए. पहली, स्टॉक अपनी उस कीमत को पार कर चुका है जहां के बाद अब वह ओवरवैल्यु हो रहा है. यानी शेयर अपनी सही वैल्यु प्राप्त कर चुका है. अगर आप फिर भी शेयर में निवेशित रहते हैं तो आपको गिरावट झेलनी पड़ सकती है. दूसरी परिस्थिति है जहां आपको पता चल जाएगा कि आपने इंपल्स में आकर या गलत अनुमान के आधार पर शेयर खरीद लिए. निवेशक कई बार खुद को चुनौती देने के लिए जानबूझ कर भी ऐसा करते हैं.
अन्य तीन परिस्थितियां
तीसरी स्थिति शेयर कब खरीदे और कब बेचे? है कंपनी के शीर्ष में हो रहा बदलाव या कोई अधिग्रहण. जिस कंपनी के शेयर आपके पास हैं और उसके शीर्ष में कोई बड़ा बदलाव हो रहा है या कंपनी किसी बिजनेस बाहर निकल रही है या कोई अधिग्रहण कर रही है ऐसी स्थिति में शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. चौथा, आपके शेयर खरीदने के बाद मार्केट सेंटीमेंट में कुछ बदलाव. अगर सेबी ने कुछ नियामकीय बदलाव किए हैं जिसका प्रतिकूल प्रभाव उस कंपनी पर पड़ रहा है जिसके शेयर आपको पास हैं तब भी यह स्टॉक बेचने वाली स्थिति है. पांचवी स्थिति, जब आपको कोई और अच्छा शेयर नजर आए जिसके लिए आपको फंड की जरूरत है. ऐसे में भी आपको मौजूदा शेयर, जहां से आपको औसत या नेगेटिव रिटर्न मिल रहा है, बेच देना चाहिए.
निवेशक क्यों नहीं बेचते शेयर
विपुल प्रसाद के अनुसार, इसका सबसे बड़ा एक कारण होता है अभिमान. निवेशक घाटा नहीं उठाना चाहते इसलिए वह शेयर नहीं बेचते. निवेशक यह भूल जाते हैं कि शेयर को खरीदना, होल्ड करना और बेचना केवल भविष्य को ध्यान में रखकर करना चाहिए. शेयरों की खरीद कीमत और बिक्री कीमत दोनों को अलग-अलग रखकर ही देखना चाहिए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 462