भारत बहुत महत्वाकांक्षी है, सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है: अगस्टे तानो कुआमे, वर्ल्ड बैंक pic.twitter.com/n1bve06e3q — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
World Bank: भारत 10 साल पहले की तुलना में अब ज्यादा मजबूत, वर्ल्ड बैंक ने GDP के पूर्वानुमान को संशोधित कर किया 6.9 फीसदी
Indian Economy: विश्व बैंक ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने उभरते बाजार समकक्षों की तुलना में वैश्विक विपरीत परिस्थितियों को संभालने के लिए बेहतर स्थिति में है.
By: ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 06:37 AM (IST)
विश्व बैंक (फाइल तस्वीर)
World Bank on Indian Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत होने के संकेत मिल रहे हैं. विश्व बैंक (World Bank) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा (Dhruv Sharma) ने मंगलवार (6 दिसंबर) को कहा है कि भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है. पिछले 10 सालों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं.
वर्ल्ड बैंक वित्तीय पूर्वानुमान ने भारत (India) में मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण अपने 2022-23 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.5% से 6.9% कर दिया है. विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने कहा कि इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि दो साल की अवधि के अंत में भारत उसी स्थिति में होगा जैसा हमने पहले भविष्यवाणी की थी.
बेहतर स्थिति में भारत की अर्थव्यवस्था?
विश्व बैंक ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल अपने उभरते बाजार समकक्षों की तुलना में वैश्विक विपरीत परिस्थितियों वित्तीय पूर्वानुमान को संभालने के लिए बेहतर स्थिति में है, बल्कि यह पिछले संकटों की तुलना में तेजी से कोविड-19 महामारी के झटकों से भी उबरी है. विश्व बैंक ने अपने नवीनतम भारत विकास अपडेट में 'नेविगेटिंग द स्टॉर्म' शीर्षक से चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो सितंबर के अंत में वर्ष के लिए अनुमानित 6.5 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है.
भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 वर्षों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं: ध्रुव शर्मा, वरिष्ठ अर्थशास्त्री, वर्ल्ड बैंक pic.twitter.com/qQ6oDVdPr9
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अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के प्रयास जारी
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्टे तानो कोउमे ने कहा कि भारत बहुत महत्वाकांक्षी है. सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है. हालांकि, प्रतिकूल वैश्विक विकास जारी रहने के कारण निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है.
भारत बहुत महत्वाकांक्षी है, सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है: अगस्टे तानो कुआमे, वर्ल्ड बैंक pic.twitter.com/n1bve06e3q
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भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन में सुधार
रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्रोइकोनॉमिक पॉलिसी के दो मुख्य लीवर - राजकोषीय और मौद्रिक नीति ने पिछले साल उभरी चुनौतियों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है. आरबीआई (RBI) ने अपनी उदार मौद्रिक नीति को "नपे-तुले दृष्टिकोण" से वापस ले लिया क्योंकि यह आर्थिक विकास को समर्थन प्रदान करते हुए मुद्रास्फीति को कम करने की जरूरत को संतुलित करता है. अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में बनाए गए कई 'पॉलिसी बफ़र्स' (Policy Buffers) ने बाहरी झटकों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) के लचीलेपन में सुधार किया है.
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Published at : 07 Dec 2022 06:37 AM (IST) Tags: Indian Economy world bank GDP हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
वित्तीय पूर्वानुमान
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उत्तर बिहार में आज बदलेगा मौसम का मिजाज, बारिश को लेकर पूर्वानुमान जारी
मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के जिलों में अब बारिश शुरू हो गई है। तापमान में गिरावट के साथ गर्मी से भी राहत है। किसान अभी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं। अब धान की रोपनी में भी तेजी आने की संभावना है।
समस्तीपुर, जासं। उत्तर बिहार के जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना है। मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व शिवहर में मौसम सामान्य है। हालांकि, समस्तीपुर जिले में सुबह से ही धूप निकली है। आसमान में हल्के बादल भी छाए हुए है। डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डा. ए सत्तार ने बताया कि पूर्वानुमान की अवधि में आसमान में मध्यम बादल छाये रह सकते हैं।
उत्तर बिहार के जिलों में अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 23 से 26 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 12 से 18 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है। वहीं शिवहर जिले में मंगलवार को मौसम सामान्य हैं। हल्की धूप खिली है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। हवा भी बह रही है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में दिन में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना व्यक्त की है। सीतामढ़ी में आसमान में काले बादल छाए हुए हैं। सोमवार शाम कुछ देर के लिए बारिश हुई। उसके बाद से बादल उमड़ घुमड़ रहे हैं। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में वर्षा और वज्रपात की संभावना जताई है।
औसतन 60 फीसदी कम हुई वर्षा
समस्तीपुर में कम वर्षा ने इस बार किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। धान की रोपनी धीमी गति से हो रही है। किसान किसी तरह पंप सेट से पटवन कर रहे हैं, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में अगर जल्द तेज बारिश नहीं हुई तो परेशानी बढ़ वित्तीय पूर्वानुमान सकती है। कृषि विभाग ने इस बार 75,816 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा है। इस बार वर्षा कम होने के कारण अब तक मात्र 30.92 प्रतिशत ही रोपनी हो पाई है। इस स्थिति में कृषि विभाग भी ङ्क्षचतित है। अधिकारियों का कहना है कि अगर रोपनी नहीं हो पाई तो डीजल सब्सिडी पर विभाग विचार करेगा। साथ ही वैकल्पिक खेती को लेकर भी रणनीति तैयार की जा सकती है।
मौसम की मार से किसान हो चुके हैं हताश
समस्तीपुर प्रखंड के नीरपुर गांव निवासी किसान ललन ङ्क्षसह बताते हैं कि इस बार मौसम की बेरुखी ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पटवन कर धान की रोपनी करना संभव नहीं हो पा रहा है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो निश्चित रूप से यह प्रखंड क्षेत्र सुखाड़ की स्थिति में है। कहा कि अगर अब तेज बारिश भी हुई तो धान की रोपनी पिछात होगी। खानपुर निवासी किसान शुभम कुमार ने बताया कि कम वर्षो होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। रोपणी के लिए काफी खर्च बढ़ गया है।
जुलाई में अब तक 130.00 मिलीमीटर हो पाई है बारिश :
मौसम की बेरुखी का सहज इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जून और जुलाई माह वित्तीय पूर्वानुमान में सामान्य वर्षापात की तुलना में काफी कम बारिश हुई। जुलाई में सामान्य वर्षापात 350.80 मिलीमीटर है, जबकि 24 जुलाई तक मात्र 130.00 मिलीमीटर ही बारिश हो पाई है। इस तरह औसतन 60 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
23 हजार 440 हेक्टेयर में हो पाई है धान की खेती
धान के बिचड़े और रोपनी के लक्ष्य के आंकड़ों पर गौर करें तो वह भी काफी पीछे हैं। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 75 हजार 816 हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें अब तक महज 23 हजार 440 हेक्टेयर में ही खेती हो पाई है। यानी जिले में मात्र 30.92 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पाई है। जो भी हो तेज बारिश का नहीं होना किसानों को सर्वाधिक परेशान कर रही है। आलम यह है कि हर कोई आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं।
वित्तीय पूर्वानुमान
प्रश्न 34. वित्तीय प्रबन्ध के कार्य समझाइये।
उत्तर- (I) प्रशासकीय कार्य (Administrative Functions) -
1. वित्तीय नियोजन- यह वित्तीय प्रबन्धक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। व्यवसाय की प्रकृति के आधार पर वित्तीय प्रबन्धक वित्त का नियोजन करता है। इसके अन्तर्गत रोकड़ अन्तर्वाह (Inflow) एवं रोकड़ बहिर्वाह (Cash Outflow) में समन्वय, स्थापित किया जाता है।
2. वित्तीय पूर्वानुमान- वित्तीय प्रबन्ध व्यवसाय की आवश्यकता के अनुरुप वित्त का पूर्वानुमान लगाता है। वित्तीय पूर्वानुमान के द्वारा अति पूँजीकरण एवं अल्प पूँजीकरण की स्थिति को रोका जाता है। ताकि विनियोजित पूँजी पर उचित आय की प्राप्ति हो सके।
3. वित्तीय नियन्त्रण- वित्तीय प्रबन्धक बजटरी नियंत्रण एवं लागत नियन्त्रण के द्वारा उपक्रम में वित्तीय नियन्त्रण करता है। वित्तीय प्रबन्धक प्रत्येक विभाग के द्वारा किये जाने वाले व्यय पर नियन्त्रण रखता है।
(II) क्रियात्मक कार्य (Functional Functions)
1. परामर्श देना- वित्तीय प्रबन्धक के द्वारा शीर्ष प्रबन्धकों को वित्त संबंधी परामर्श देने का कार्य किया जाता है।
2. प्रपत्रों की सुरक्षा- वित्त से संबंधित समस्त प्रपत्रों को सुरक्षित रखने का कार्य वित्तीय प्रबन्धक के द्वारा ही किया जाता है।
3. वित्तीय प्रतिवेदन- वित्त संबंधी विभिन्न प्रतिवेदन शीर्ष प्रबन्धकों को वित्तीय प्रबन्धक के द्वारा ही भेजे जाते हैं।
फिच ने भारत के विकास दर का पूर्वानुमान बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत किया
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी. फिच ने पहले इस तिमाही के लिए जीडीपी में 7.7 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी. फिच ने पहले इस तिमाही . अधिक पढ़ें
- भाषा
- Last Updated : September 21, 2018, 22:01 IST
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को पहले के 7.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया.
फिच रेटिंग्स ने अपनी ‘ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक’ (वैश्विक आर्थिक परिदृश्य) शीर्षक ताजा रपट में वित्तीय स्थिति के तंग होने, तेल आयात बिल बढ़ने और बैंकों के कमजोर बैलेस-शीट को भारत की वृद्धि के रास्ते की चुनौतियों में गिना है.
फिच ने कहा है, '2018 की दूसरी तिमाही (चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही) में उम्मीद से बेहतर परिणाम को देखते हुए हमने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पूर्व के 7.4 प्रतिशत के वृद्धि दर के पूर्वानुमान में संशोधन कर उसे 7.8 फीसदी कर दिया. वैसे चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 2018 की अप्रैल-जून में चरम पर पहुंच चुकी है.'
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी. फिच ने पहले इस तिमाही के लिए जीडीपी में 7.7 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
एशिया के परिप्रेक्ष्य में देखें तो अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा.
वैश्विक वित्तीय पूर्वानुमान रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है, 'विनिमय दर में गिरावट को लेकर केंद्रीय बैंक की अधिक उदारता के बावजूद ब्याज दरों में अनुमान से अधिक इजाफा किया गया है.'
रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में वृद्धि दर के पूर्वानुमान में 0.2 फीसदी की कमी करते हुए उसे 7.3 प्रतिशत पर रखा है.
फिच ने कहा, '2019 की शुरुआत में होने वाले चुनाव को देखते हुए राजकोषीय नीति के वृद्धि दर के लिहाज से अनुकूल रहने की संभावना है. सार्वजनिक क्षेत्र, खास कर सरकारी वित्तीय पूर्वानुमान उद्यमों द्वारा अवसंरचना के क्षेत्र में निवेश बढ़ाए जाने निवेश/जीडीपी अनुपात में गिरावट का रुझान रोकने में मदद मिली है.'
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिका-चीन के ‘व्यापार युद्ध’ से वैश्विक वृद्धि में कमी का खतरा बढ़ गया है.
फिच ने 2019 के लिए चीन के वृद्धि दर में 0.2 प्रतिशत की कमी का पूर्वानुमान जताते हुए उसे 6.1 प्रतिशत पर रखा है.
एजेंसी ने कहा वित्तीय पूर्वानुमान वित्तीय पूर्वानुमान है कि 2018 में वैश्विक वृद्धि दर के 3.3 प्रतिशत रहने के आसार हैं, जबकि 2019 में आर्थिक वृद्धि दर के 3.1 फीसदी रहने की संभावना है.
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री बायन कूल्टन ने कहा, 'व्यापार युद्ध अब एक हकीकत बन चुका है.'
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