सवाल: किडनी से संबंधित बीमारी में कौन-कौन से लक्षण शरीर में दिख सकते हैं?
जवाब: पैरों में सूजन, आंखों के नीचे सूजन, सांस फूलना, भूख में कमी, उल्टी, कमजोरी, रात में बार-बार यूरिन आना, ब्लड प्रेशर बढ़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
BS6 डीजल इंजन वाली कारें: DPF की समस्या से कैसे बचें?
जब बीएस 6 उत्सर्जन मानदंड लागू हुए, तो कई निर्माताओं ने मानदंडों को पूरा करने के लिए DPF या डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर वाले डीजल इंजन लॉन्च किए। जबकि ये फिल्टर कार उत्सर्जन को साफ करते हैं, उन्होंने डीजल वाहनों को बंद कर दिया है। हम यह पता लगाते हैं कि समस्या का कारण क्या है और इससे कैसे बचा जाए?
डीजल, जैसा कि आप जानते हैं, व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सबसे अधिक ऊर्जा-सघन हाइड्रोकार्बन कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? ईंधन है। इसका मतलब यह है कि जब इसे हवा के साथ मिलाया जाता है और प्रज्वलित किया जाता है, तो यह उपलब्ध ऑक्सीजन अणुओं के साथ मिलकर पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और बहुत अधिक ऊर्जा छोड़ता है। यह सिद्धांत रूप में है, हालांकि, और एक भौतिक इंजन के अंदर, कभी भी पूर्ण दहन नहीं होता है।
क्या गलत हो सकता हैं?
इंजन पर भार अलग-अलग होता है और कभी-कभी कम ऑक्सीजन युक्त हवा होती है जैसे कि जब टर्बो कम आरपीएम पर अधिक हवा में धक्का नहीं दे रहा हो, जैसे कि भीड़-भाड़ वाले समय में ड्राइविंग के दौरान, या उच्च ऊंचाई पर ड्राइविंग करते समय जहां हवा कम घनी हो। योजक, त्वरक, दहन कक्ष के अंदर मौजूद इंजन तेल आदि कालिख सहित अन्य उपोत्पादों का एक गुच्छा बनाते हैं।
यह कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? कालिख हानिकारक है, और तेजी से कड़े उत्सर्जन मानदंड, जैसे कि Bharat Stage 6, यह निर्देश देते हैं कि इन कणों को वातावरण में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव को कम करने के लिए इनसे निपटा जाना चाहिए। एक उपाय यह है कि इन छोटे कणों को एक सूक्ष्म छलनी के माध्यम से निकास प्रणाली के साथ इन-लाइन ले जाकर कैप्चर किया जाए। भारी इंजन भार के तहत निकास गैसों से अत्यधिक गर्मी इन्हें जलाने में मदद करेगी।
मैं इससे छुटकारा कैसे पाऊं?
इस चलनी को DPF का डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर कहा जाता है। अधिकांश आधुनिक डीजल से चलने वाली कारों में यह प्रणाली होती है। कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? यदि आप नियमित रूप से राजमार्ग पर ड्राइव करते हैं, तो आपको शायद यह भी पता नहीं होगा कि आपकी कार में एक है, क्योंकि DPF को स्वयं को साफ करने के लिए आवश्यक शर्तें पूरी होने की संभावना से अधिक हैं। जो लोग केवल छोटी यात्रा करते हैं, इंजन को बंद करते हैं, या अधिक ऊंचाई पर ड्राइव करते हैं, उनके लिए DPF अपनी उपस्थिति का एहसास कराता है। MID पर एक इंजन चेक लाइट या एक समर्पित टेलटेल के रूप में एक त्रुटि कोड दिखाई देता है, और वाहन एक लंग-होम मोड में प्रवेश करता है या शुरू करने से इनकार भी कर सकता है। यह इंजन और निकास भागों को नुकसान से बचाने के लिए है।
लेकिन, आप इससे भी बच सकते हैं!
रोकथाम इलाज से बेहतर कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? है, यहां भी लागू होता है। इसका ख्याल रखने के दो तरीके हैं। पहला और सबसे आम तरीका है लंबी हाईवे ड्राइव पर जाना। लगातार भारी इंजन लोड, 20min-30min के लिए उच्च-आरपीएम, आम तौर पर निकास गैसों को एकत्रित कालिख को जलाने और DPF को साफ करने के लिए पर्याप्त गर्म करने के लिए पर्याप्त होते हैं। उल्टा, कुछ मजेदार समय।
एक और तरीका आधुनिक कारों में बनाया गया है। कुछ कारें निकास को गर्म करने और उसमें अतिरिक्त ईंधन डालने के लिए निष्क्रिय गति को निष्क्रिय रूप से बढ़ा देंगी। अन्य संकेत देते हैं कि DPF को पुन: उत्पन्न करने की आवश्यकता है और कार को पार्क करते समय एक प्रक्रिया का पालन करने की कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? आवश्यकता है ताकि वह इसे स्वयं कर सके। यह उन मालिकों के लिए सबसे अच्छा है जो शहर की सीमा के अंदर रहते हैं और नियमित रूप से राजमार्ग पर नहीं चढ़ सकते हैं।
मिनरल वॉटर घर पर बनाने के 5 स्टेप्स-How to prepare mineral water at home
मिनरल वॉटर बनाने का पहला स्टेप है नल के पानी को फिल्टर करना। इस काम के लिए आप अपना रेगुलर वॉटर प्यूरीफायर का प्रयोग कर सकते हैं।
- एक जार में एक से दो लीटर पानी डाल लें।
- अब इस पानी को वॉटर फिल्टर में डाल दें।
- अब पानी को पूरी तरह फिल्टर होने दें।
- जब यह पानी फिल्टर हो जाए तो इसे किसी खुले बर्तन में रख दें।
- यह बर्तन बिल्कुल साफ और किसी भी खुश्बू से रहित होना चाहिए।
बेकिंग सोडा एड करें
- मिनरल वॉटर बनाने के लिए अगला स्टेप है प्यूरिफाइड वॉटर में बेकिंग सोडा एड करना।
- एक लीटर पानी में 1/8 चम्मच बेकिंग सोडा डाल दें। अगर पानी दो लीटर हो तो एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा लें।
- बेकिंग सोडा एड करने से पानी में सोडियम एड होता है। जिससे अपाचन, कब्ज, पेट फूलना, सीने में जलन होना और अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से निवारण मिलता है।
सेंधा नमक एड करें
बेकिंग सोडा डालने के बाद साफ पानी में 1/8 चम्मच सेंधा नमक इस एक लीटर पानी में डालें। यह एक किटाणु नाशक की तरह काम करता है और शरीर को बैक्टेरियल हमले से बचाता है। पहले से ही फिल्टर हुए पानी की शुद्धता को यह साल्ट और अधिक बढ़ा देता है।
अब साफ किए पानी में पोटेशियम बायकार्बोनेट एड कर दें। इसे एड करने से हमारा ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। हृदय की सेहत के लिए भी यह मिनरल काफी आवश्यक होता है। यह हार्ट अटैक के रिस्क को काफी कम कर देता है। इसलिए पानी को मिनरल वॉटर बनाने के लिए उसमें पोटेशियम बायकार्बोनेट एड करना काफी जरूरी होता है।
किडनी की बीमारी: समय पर इलाज से खराब किडनी भी रिवर्स हो सकती है, जानिए एक्सपर्ट की राय
देश में लाखों लोगों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। हर साल लगभग 2.2 लाख नए लोग डायलिसिस के लिए जुड़ रहे हैं। यह वह स्टेज है जब किडनी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसे मेडिकल भाषा में एंड स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) कहते हैं।
कमर के ऊपर स्पाइन के दोनों तरफ मटर के दाने के समान स्थित इन अंगों का मुख्य काम शरीर में पहुंचने वाले साॅल्ट और अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना है, ताकि शरीर का मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहे। दैनिक भास्कर के 25 अगस्त के अंक में किडनी डिसीज से जुड़ा लेख प्रकाशित किया गया था। पाठकों ने बड़ी संख्या में इससे जुड़े सवाल पूछे हैं। इन प्रश्नों के जवाब दे रहे हैं किडनी डिसीज स्पेशलिस्ट डाॅ. राजेश बहरानी।
Kidney Health: किडनी फेल होने से पहले शरीर देने लगता है ऐसे संकेत, एक्सपर्ट से जानिए कैसे रखें गुर्दे का ख्याल
किडनी (Chronic kidney disease) से जुड़ी बीमारियों को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है (Image: Freepik)
मानव शरीर में दो किडनी यानी गुर्दे होते हैं जिनका मुख्य काम यूरिया, क्रिएटिनिन, ऐसिड्स जैसे खराब तत्वों को रक्त से फिल्टर करना यानी निकालना और पेशाब बनाना होता है। किडनी ही हमारे शरीर में पानी का संतुलन बरकरार रखती है और कई ऐसे हॉर्मोन्स का उत्पादन व नियंत्रण करती है जो ब्लड प्रेशर, हड्डियों का स्वास्थ्य और हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आवश्यक होते हैं।
किडनी फंक्शन में खराबी होने पर शरीर में दिखते हैं ये 10 संकेत
कमज़ोरी या जल्दी थकना: दुनियाभर में यह किडनी से जुड़ी बीमारियों का लक्षण है। जैसे-जैसे रीनल डिस्फंक्शन यानी किडनी में खराबी बढ़ती है यह लक्षण भी अधिक गंभीर हो जाता है। इसकी मुख्य वजह ब्लड में टॉक्सिन्स व अशुद्धियों का जमा होना है।
Delhi Acid Attack: तीनों आरोपी चढ़े हत्थे, Flipkart से खरीदा था तेजाब, केजरीवाल बोले- ये बर्दाश्त से बाहर
Jyotiraditya Scindia: अमित शाह संग यूं दिखे ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता बोले- टाइगर जिंदा है? लोग भी ले रहे मजे
Pune में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विरोध प्रदर्शन में गया BJP सांसद, सिक्किम में भी भाजपा अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
Gadar 2: 20 साल बाद फिर होगी सनी देओल की पाकिस्तान से जंग, 200 सैनिकों के रोल के लिए चुने गए इस शहर के लड़के
किडनी की बीमारी: समय पर इलाज से खराब किडनी भी रिवर्स हो सकती है, जानिए एक्सपर्ट की राय
देश में लाखों लोगों को डायलिसिस कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? की जरूरत पड़ती है। हर साल लगभग 2.2 लाख नए लोग डायलिसिस के लिए जुड़ रहे हैं। यह वह स्टेज है जब किडनी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसे मेडिकल भाषा में एंड स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) कहते हैं।
कमर के ऊपर स्पाइन के दोनों तरफ मटर के दाने के समान स्थित इन अंगों का मुख्य काम शरीर में पहुंचने वाले साॅल्ट और अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना है, ताकि शरीर का मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहे। दैनिक भास्कर के 25 अगस्त के अंक में किडनी डिसीज से जुड़ा लेख प्रकाशित किया गया था। पाठकों ने बड़ी संख्या में इससे जुड़े कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते? सवाल पूछे हैं। इन प्रश्नों के जवाब दे रहे हैं किडनी डिसीज स्पेशलिस्ट डाॅ. राजेश बहरानी।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 730