क्रिप्टो के दुरुपयोग पर नजरें
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो सकता है। क्रिप्टो को हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसलिए इसे बैन करने या रेगुलेट करने की जरूरत है।

चीन और टेस्ला ने पलटा पासा

बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है?

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Bitcoin Vs Ethereum: क्या आने वाले समय में बिटकॉइन को पीछे छोड़ देगी इथेरियम? विस्तार से जानिए

इस बात में कोई शक नहीं है कि बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)है। हालांकि लोकप्रियता के मामले में इसके बाद जो क्रिप्टोकरेंसी आती है, वो इथेरियम (Ethereum) है। बिटकॉइन और इथेरियम के तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी अंतर है और इसी अतंर की वजह से कइयों का मानना है कि Ethereum आने वाले समय में कीमत और मार्केट कैपिटलाइजेशन दोनों के मामले में बिटकॉइन बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? को पीछे छोड़ सकती है।

20 अक्टूबर 2021 को Bitcoin का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.2 लाख करोड़ रुपये था। वहीं Ethereum का मार्केट कैप 455 अरब डॉलर था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ Ethereum ही इकलौती करेंसी है, जिसके पास Bitcoin के मार्केट कैप बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? से आगे निकलने की क्षमता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

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इथेरियम करेंसी और ETH ब्लॉकचेन एक दूसरे के पूरक हैं और यह नेटवर्क पर ट्रांजैक्शन की लागत को कम करके करेंसी की ग्रोथ में मदद करती है। इस प्रक्रिया में, टोकन की कीमत बढ़ जाती है। आसान शब्दों में कहें तो इथेरियम अपने प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर में पेमेंट्स ट्रांजैक्शन को आसान और सरल बनाती है।

बिटकॉइन बनाम इथेरियम
एक साल पहले 20 अक्टूबर 2020 को बिटकॉइन बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? की कीमत 11,913 डॉलर थी, जो 20 अप्रैल 2021 को बढ़कर बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? 56,483 डॉलर और 20 अक्टूबर 2021 को यह बढ़कर 63,995 डॉलर हो गई है। इस तरह पिछले 6 महीनों में बिटकॉइन की कीमत में 374 प्रतिशत की उछाल आई है, जबकि पिछले एक साल में इसकी कीमत 437 प्रतिशत बढ़ी है।

क्रिप्टोकरेंसी बनाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, जानें क्या है इनमें अंतर और क्या बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? है नफा-नुकसान

भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.

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क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) डिसेंट्रलाइज्ड है और भारत में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. च . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 02, 2021, 13:03 IST

Cryptocurrency News Today: भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर खूब घमासान मचा हुआ है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टो का कारोबार होने के बाद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. सरकार इसे असुरक्षित मानते हुए इसके नियमन को लेकर संसद में बिल बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते चलन को देखते हुए सरकार खुद अपनी डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की कवायद में जुटी हुई है.

आखिर क्यों है क्रिप्टो पर इतना विवाद और क्या है सेंट्रल बैंक बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? डिजिटल करेंसी (CBDC), इन मुद्दों पर विस्तार से बात कर रही हैं फाइनेंशियल एडवाइजर ममता गोदियाल. ममता गोदियाल (Mamta Godiyal) का बैंकिंग सेक्टर में लंबा अनुभव रहा है. अब वह निजी तौर पर पर्सनल फाइनेंस को लेकर लोगों को खासकर महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनसे लंबी चर्चा हुई. बातचीत में उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और भारत सरकार की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में कई पहलुओं पर रोशनी डाली.

Crypto News: प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है?

क्रिप्टो ट्रेड

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी
ऐसी सभी क्रिप्टो करेंसी जिनके ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक हो उन्हें पब्लिक क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में यह पता किया जा सकता है कि यह करेंसी किस किस व्यक्ति के पास से गुजरी है। बिटकॉइन, इथर या टेलर से लेकर तमाम बड़ी क्रिप्टो करेंसी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी
कई क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जिनके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, इन्हें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है, उनका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।

प्राइवेट कॉइन की खासियत

प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी यूजर के वॉलेट का बैलेंस और उसका पता जाहिर नहीं होने देते। इसी विशेषता के चलते इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो सकता है। भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर जो कानून ला रही है उसके तहत प्राइवेट किसको करेंसी को बैन किया जा सकता है।

भविष्य में ये क्रिप्टोकरेंसी हो सकती है नंबर-1, है बिटकॉइन को पछाड़ने का दम?

aajtak.in

बीते कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहुत ज्यादा उथल-पुथल रही है. इस दौरान बिटकॉइन जैसी मजबूत क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में 50% तक की गिरावट देखी गई है. इसके बाद से एक्सपर्ट्स को चिंता सताने लगी है कि क्या बिटकॉइन क्रिप्टो मार्केट की सरताज बनी रहेगी. (All Photos : File/Getty/Reuters)

बिटकॉइन हुआ धराशायी

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हाल के उतार-चढ़ाव के दौरान बिटकॉइन की वैल्यू ने 65,000 डॉलर के ऑल-टाइम हाई लेवल को छुआ, लेकिन ये डिजिटल करेंसी इस लेवल पर ज्यादा देर टिक नहीं सकी. इसकी वैल्यू ने लगभग 50% बिटकॉइन मूल्य अंतर क्या है? का गोता लगाया और ये 30,000 डॉलर प्रति बिटकॉइन रह गई.

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