g) मुकदमेबाजी कम करना और कराधान में निश्चिंतता प्रदान करना।

 arun jaitely

छोटे कारोबारियों को लोन देने में बैंकों की रुचि नहीं

केन्द्र सरकार द्वारा कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई थी। इसका मकसद छोटे व्यापारियों काे बिजनेस के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराना है। योजना के अंतर्गत आवेदक को बगैर किसी गारंटी के बैंक द्वारा लोन दिया जाना है। प्रदेशभर में हजारों आवेदकों ने इसके लिए आवेदन किया, लेकिन बैंकों की हीलाहवाली के चलते उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बैंक अफसर किसी न किसी बहाने से लोगों के छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना आवेदन अस्वीकृत कर रहे हैं। नियमानुसार 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक की राशि लोन के रूप में बैंकों द्वारा दी जानी चाहिए। इसके लिए किसी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद बैंकों द्वारा आवेदकों से बतौर गारंटी एफडी और अन्य दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जब आवेदक दस्तावेज नहीं दे पाता है तो फंड खत्म होने अथवा योजना का लक्ष्य पूरा होने की बात कहकर बैंक अफसर उन्हें लोन नहीं दे रहे हैं।

छोटे व्यापारियों को GST में मिली यह छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना बड़ी छूट, 1 अप्रैल से होगी लागू

वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2019,
  • (अपडेटेड 07 मार्च 2019, 9:58 PM IST)

केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों के लिए GST में रजिस्ट्रेशन से छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना छूट के लिए वार्षिक कारोबार की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने के फैसले को अधिसूचित कर दिया. इसके तहत यह छूट एक अप्रैल से लागू होगी. इससे छोटे और मझोले उद्यमियों को लाभ होगा. इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को एक मुश्त कर (कंपोजीशन) की योजना भी एक अप्रैल से लागू होगी.

साथ ही सेवा प्रदाता और वस्तु एवं सेवा दोनों के आपूर्तिकर्ता जीएसटी की एक मुश्त योजना का विकल्प अपनाने के लिए पात्र हैं और 6 फीसदी की दर से अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से कर दे सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें इनपुट कर का लाभ नहीं मिलेगा.

छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना

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जेटली ने कहा, "वर्तमान मे करीब 33 लाख छोटे कारोबारी इसका लाभ उठाते है जो उन्हें विस्तृत लेखा खाते और ऑडिट कराने के बोझ से मुक्त रखती है। मैं इस योजना के तहत कारोबार की सीमा दो करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव करता हूँ, जो एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) श्रेणी में बड़ी संख्या में करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।"

आयकर विभाग के बयान के अनुसार, इस प्रक्रिया को प्रकल्पित कराधान योजना कहते हैं, जो एमएसएमई मालिकों को सरल खाते बनाए रखने की अनुमति देता है और ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती।

बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए जेटली ने प्रकल्पित कराधान योजना के कई संदर्भों को दोहराया।

इस सरकारी बयान के अनुसार, एमएसएमई क्षेत्र विनिर्माण उत्पादन में 45 फ़ीसदी, देश के कुल निर्यात में 40 फ़ीसदी का योगदान करता है और देशभर में 29 मिलियन से अधिक इकाइयों में 69 मिलियन लोगों को रोजगार देता है।

Union Budget: जेटली की पोटली से छोटे व्यापारी नाखुश

जबलपुर। पूरा देश सोमवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर निहार रहा था। इस उम्मीद के साथ कि उनकी पोटली में कुछ ऐसे उपहार निकलेंगे, जो आमो-खास के साथ देश के विकास को भी गति देंगे। पत्रिका ऑनलाइन के टॉक शो में प्रबुद्धजनों ने माना कि बजट भविष्य की बेहतर संभावनाओं पर आधारित है, लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर अब भी संदेह है। कृषि क्षेत्र व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में सौ फीसदी एफडीआई को भी लोगों ने अलग-अलग नजर से देखा। सर्विस टैक्स में बढ़ोत्तरी को महंगाई का सूत्र माना। यह बात भी स्वीकार की कि सरकार की विकास की कल्पना अच्छी है। कम से कम कृषि पर आधारित महाकौशल और जबलपुर क्षेत्र को लाभ होगा।

कौशल विकास और स्टार्टअप जैसी योजनाएं ठीक हैं। जबलपुर अंचल में दशकों से बीमार पड़ीं दाल मिलों और फूड प्रोसेसिंग इकाईयों को नई ऊर्जा मिलेगी। किसान फिर भी खुश हैं, लेकिन उद्यमियों का मानना है कि उद्योगों से संबंधित कानूनी व प्रसाशनिक जटिलताओं को कम करने के लिए सार्थक पहल नहीं की गई। कहीं ऐसा न हो एफडीआई का सपना परम्परागत व्यवसायों से जुड़े छोटे-छोटे रोजगारियों की जीविका और उनकी नींद छीन ले। हर चीज दायरे में और बेहतर देखरेख में होनी चाहिए।

मोदी सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज

Modi Government scheme for MSME loan in 59 minute will transform indian economy | मोदी सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज

Highlights इस योजना के तहत सरकार छोटे व्यापारियों को 59 मिनट में दे रही है 1 करोड़ का लोन. बैंकों ने अभी तक 37412 करोड़ के लोन बांटे. यह योजना इसी साल 2 नवम्बर को नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच की गई थी.

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार लगातार सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लांच कर रही है. मीडिया में जहां सरकार के यूनिवर्सल बेसिक इनकम की चर्चा जोरों पर है, वहीं एक अन्य योजना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में घोषणा किया था कि छोटे व्यापारियों को सरकार 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ का लोन मुहैया करवाएगी. इसके लिए व्यापारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए यह व्यवस्था की गई है. यह स्कीम 2 नवम्बर को पीएम मोदी द्वारा लांच किया गया था.

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