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Stock Market Knowledge In Hindi | स्टॉक और शेयर मार्केट में क्या अंतर है?

ज्यादातर लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि Stock Market और Share Market मैं क्या अंतर होता है। आइए जानते हैं स्टॉक मार्केट शेयर मार्केट से कैसे अलग है। भले ही आप इन शब्दों को एक साथ प्रयोग कर सकते हैं लेकिन इसका कंबीनेशन किया जाए तो यह अलग अलग है आइए हम समझते हैं शेयर मार्केट क्या है और स्टॉक मार्केट क्या है।

स्टॉक मार्केट (Stock Market) उसे कहते हैं जहां पर कई सारी कंपनीयों के शेयरों का स्टॉक होता है Stock Market कहते हैं। और शेयर मार्केट उसे कहते हैं जहां पर कंपनीयाँ अपना शेयर जारी करती हो उसे शेयर मार्केट कैसे हैं। कंपनी के लाखों-करोड़ों शेयरों को स्टॉक के रूप में देखा जाता है। भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज हैं जिनका नाम

शेयर बाजार एक ऐसा मार्केट है। जहां पर BSE या NSE भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों के शेयर ( खरीदे और बेचें ) जाते हैं। शेयर मार्केटिंग के द्वारा एक आम निवेशक किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकता है। और बेच भी सकता है।

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है? Stock Market Knowledge.

एक बार प्राइमरी शेयर (IPO) मैं नये शेयर बेचे जाने के बाद, कोई भी व्यक्ति अपना शेयर किसी भी वक्त बेच सकता है। लेकिन शेयर बेचने के बाद तुरंत पैसा अपने अकाउंट में नहीं आता है। कुछ पेमेंट उसी टाइम रिलीज कर दिया जाता है और कुछ पेमेंट अगले दिन रिलीज किया जाता है। यह ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर मान के चलिए सभी शेयर एक साथ बेच दिए जाएं तो उसको कौन खरीदेगा। अगर उन्हीं शेयरों को थोड़ा-थोड़ा बेचा जाएगा तो कुछ खरीदने वाले भी थोड़े थोड़े खरीदेंगे कुछ इस प्रकार शेयर मार्केट काम करता है।

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इस प्रकार ( Stock Market) इधर से उधर होते रहते हैं। स्टॉप इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? दो प्रकार के होते हैं जिनका नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दूसरा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तो आप समझ ही गए होंगे इस प्रकार के होते हैं।

स्टॉक मार्केट ट्रेंडिंग कैसे करता है?

जब कई सारे शेयरों को एक साथ रखा जाता है तो उनकी कीमतों में इजाफा होता है तो कुछ इस प्रकार शेयर मार्केट ट्रेंडिंग करते हैं। स्टॉक मार्केट Treding कितने प्रकार के होते हैं।

स्टॉक मार्केट ट्रेंडिंग आम तौर पर तीन प्रकार के होते हैं।

Intra-day Treding

इंट्राडे ट्रेंडिंग कुछ इस प्रकार के होते हैं की शेयर उसी दिन खरीदा जाता है और आपको उसी दिन बेचना होता है चाहे आप को घाटा हो और चाहे आपको मुनाफा हो। अगर आप सोच रहे होंगे कि हम उसको बेचेंगे ही नहीं फिर भी हम आपको बता दें कि वह शेयर मार्केट बंद होगा उसी टाइम का रेट दिया जाएगा चाहे आप को घाटा या मुनाफा हो। इंट्रा डे ट्रेडिंग कुछ इस प्रकार काम करता हैं।

मुझे लगता है कि आप अच्छे से समझ ही गए होंगे।

Scalper Treding

स्केलपर ट्रेडिंग यह एक प्रकार का ट्रेडिंग है लेकिन इसको हर कोई नहीं जानता। इसमें कुछ ही मिनटों में शेयरों को खरीदा जाता है और बेच भी दिया जाता है। यह शेयर मुश्किल से 10 से 15 मिनट तक ट्रेडिंग की जाती है उसके बाद इनको बेच दिया जाता है।

यह ट्रेडिंग को बड़े-बड़े दिग्गज लोग करते हैं। बड़े-बड़े लोगों को इसी प्रकार का शेयर खरीदना या बेचना पसंद करते हैं। और उन्हें चंद मिनटों में काफी मुनाफा होता है और उनको चंद मिनटों में घाटा भी हो जाता है।

Swing Treding

इस प्रकार की ट्रेडिंग में उन निवेशकों के लिए आच्छा माना जाता है । जो लम्बे समय तक ट्रेडिंग करना चाहते हैं । कम कीमत पर शेयर खरीद लिए जाते हैं और जब आपको मुनाफा लगता है तब उसको बेच दिए जा सकते हैं।

मैं आशा करता हूं आपको यह तीनों प्रकार की ट्रेडिंग समझ में आ ही गई होंगी।

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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का सही समय कौन सा होता हैं?

हमारे कुछ यूजर पूछते हैं कि सर स्टॉक मार्केट में ट्रेनिंग करने का सही समय कौन सा होता है। तो आज मैं उनको बता ही देता हूं। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का सही समय उसे माना जाता है जब शेयर घाटे में चल रहे हो तो उस समय खरीद लें और जब शेयर की कीमत बढ़ जाए उस समय शेयर को बेच दें। यही स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का सही समय होता है।

तो दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको Stock Market Knowledge अच्छे से जान पाए होंगे। तो दोस्तों आप मुझे नहीं जानते हैं तो मैं आपका Rinku Rathor हूँ । मैं आपके लिए कुछ इस प्रकार की नॉलेज देता रहता हूं। यह Knowledge आपको पसंद आई हो तो शेयर इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? जरूर करें।

इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

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स्कैनिंग ब्रेकआउट स्ट्रैटेजीज 3 - गैप अप और ओपनिंग रेंज

गैप और ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट
ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट न केवल एक प्रसिद्ध बल्कि विशेष रूप से 5-10-15 मिनट के चार्ट का उपयोग करनेवाले इंट्रा डे ट्रेडर्स के लिए सिद्ध किए हुए परिणामों वाली एक बढ़िया स्ट्रैटेजी है। इसे गैप ओपनिंग के साथ कम्बाइन करें और अपनी सफलता की संभावना बढ़ाएँ।

ट्रेडिंग की यह स्टाइल आपके लिए बढ़िया है यदि-

· आप एंट्री और एग्जिट के निर्णय जल्दी ले सकते हैं।

· फ्यूचर्स ट्रेड इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? करते हैं और

· अपने अकाउंट के रिस्क मैनेजमेंट के लिए बहुत दृढ़ हैं।

इसके उपयोग को समझने के लिए, इस स्कैन को निफ्टी 200 और निफ्टी फ्यूचर्स पर चलाएं और परिणाम देखें।

जैसा कि आप देख सकते हैं स्टॉक्स और फ्यूचर्स में परिणाम अलग अलग हो सकते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे-

· स्टॉक्स की तुलना में फ्यूचर्स पर प्रीमियम/डिस्काउंट

· शुरुआती ट्रेडों में सप्लाई/डिमांड का मेल ना खाना

सबसे अच्छा चयन वो स्टॉक्स हैं जो दोनों सूचियों में हों। हालांकि, ट्रेडिंग का निर्णय लेने से पहले स्कैन परिणामों के चार्ट का विश्लेषण करना हमेशा बेहतर होता है।

ओपनिंग रेंज को परिभाषित करना

यह मार्केट खुलने के बाद दिए गए समय का उच्च और निम्न है। सामान्य तौर से यह समय ट्रेडिंग के पहले 15 मिनट होते हैं। कुछ ट्रेडर्स 30 मीन या 1 घंटे जैसे बड़े टाइम फ्रेम का भी उपयोग इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? करते हैं।

गैप अप/ डाउन को परिभाषित करना

ज़ी चार्ट दिखाता है कि आज सुबह प्राइज़ में 0.55 की कमी आई है, यानी कल की क्लोजिंग प्राइज़ (340.50) और आज सुबह की ओपनिंग प्राइज़ (339.55) के बीच का अंतर।

एक आवश्यक कंडीशन जो पूरी हुई वह है कि आज का ओपन कल के लो (340.00) से कम है।

गैप अप ओपनिंग के मामले में, आज का ओपन कल के उच्च से अधिक होना चाहिए।

ब्रेकआउट

नीचे दिए गए ZEEL चार्ट में, गैप डाउन के बाद, ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट (ओआरबी) सुबह 9.45 बजे हुआ है। 336.10 के नीचे स्टॉक ब्रेकडाउन होता है, 334.90 के निचले स्तर पर जाता है और 335.80 पर बंद होता है। वॉल्यूम अच्छी है।

आप इस ट्रेड को अगले कैंडल ओपन में 335.65 पर लेंगे, जो दिन के उच्च स्तर पर,341.40 पर बंद होगा। व्यापार पर जोखिम 5.75 रुपये है। मैं अपने जोखिम को 1x से 1.5x के लाभ को लक्षित करता हूं जो होगा 6-9 रुपये की सीमा में। एक बार जब मैं 1x लक्ष्य को पार कर जाता है, तो मैं अपने लाभ को सख्त स्टॉप्स से बचाऊंगा। यदि आप एक से अधिक ट्रेड कर रहे हैं, तो आप आंशिक लाभ बुक कर सकते हैं और बड़े लाभ के लिए धीरे धीरे स्टॉप पर जा सकते हैं। मैं वह फैसला आप पर छोड़ता हूं।

10.20 बजे 326.10 का निचला स्तर बाहर निकलने के लिए एक अच्छा स्तर था। सुबह 11.55 बजे एक और अवसर था जब निम्न 325.25 था जो उच्च वॉल्यूम पर एक दोजी दर्शा रहा है, यह दोनों संभावित रिवर्सल के सिग्नल हो सकते हैं।

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महत्वपूर्ण:

जब आप इन ब्रेकआउट ट्रेड्स लेते हैं तो आपको कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

· ब्रेकआउट ट्रेड हमेशा गैप की दिशा में लें। यदि स्टॉक ने गैप अप किया है,तो एक लंबा ट्रेड करें,जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के ऊपर ब्रेक करता है।

· यदि स्टॉक गैप डाउन करता है, छोटा ट्रेड लें, जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के नीचे ब्रेक करता है।

· यदि आप एक काउंटर ट्रेंड ट्रेड लेना पसंद करते हैं, तो आप एक पुलबैक के दौरान गलत जगह पहुँचने का रिस्क उठाते हैं। इस रिस्क को कम करने के लिए, पोजीशन में प्रवेश करने से पहले, ब्रेकआउट को पहले होने और फिर विफल होने की पुष्टि करने की प्रतीक्षा करें।हम इस पर भविष्य के आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।

· ब्रेकआउट के समय पर पर्याप्त मात्रा होना सुनिश्चित करें। हालांकि, बहुत बड़ी मात्रा खत्म होने का सिग्नल इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? देती है और कम मात्रा बेपरवाही का और दोनों को ही पसंद नहीं किए जाते।

· दिन में जितना जल्दी ब्रेक आउट हो उतना बेहतर। यदि ब्रेक आउट दिन में बाद में हो तो सावधानी से चलें क्योंकि मात्रा कम हो सकती है।

· इस स्ट्रैटेजी को ट्रेड करते समय हमेशा एक कड़े स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करें। आदर्श स्टॉप लॉस एक बुलिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का कम से कम न्यूनतम या एक बियरिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का उच्च होना चाहिए। कुछ व्यापारी बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस में अंतराल या अंतर के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय अंतर, सीमा के आकार और व्यापार के लिए इनाम अनुपात के लिए मेरे जोखिम पर निर्भर करेगा। कुछ ट्रेडर्स बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस की गैप या गैप इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय गैप, रेंज के साइज़ और ट्रेड के मेरे रिस्क से रिवार्ड के रेशो पर निर्भर करता है।

· यदि गैप्स और ओपनिंज रेंज बहुत बड़ी है तो ट्रेड लेने से बचें। इसका मतलब यह होगा कि आप ट्रेड में जितना कमा सकते हैं उससे अधिक जोखिम उठा रहे हैं। यह इसके लायक नहीं है।

Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.

Arshad Fahoum

Arshad Fahoum

Arshad is an Options इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.

Angel Broking App Review in Hindi 2022

अभी शेअर मार्केट में काफी क्रेज चल रहा हैं हर कोई अलग अलग ब्रोकर के जरिये अपना डिमेट अकांउट निकाल रहा हैं.
हमने पिछले आर्टिकल में Zerodha Company और UPSTOX Discount Broker क्या हैं? इसके बारे में पुरी तरिके से जानकारी ली हैं आज हम देखेंगे ऐसे ही एक ब्रोकर के बारे में जानकारी जिसका नाम है Angel One Broking. तो चलिये जानते हैं ऐंजल ब्रोकिंग क्या हैं, इसमें कौन-कौन से फिचर्स है.

ऐंजल ब्रोकिंग क्या हैं? ( What is Meaning Of Angle One )

यह Financial Services देनेवाली एक भारतीय स्टाॅक ब्रोकिंग कंपनी हैं, इसकी शुरुवात साल 1987 में हुईं थीं और इसका Head Office मुंबई में स्थीत हैं.
जो कि कुछ दिन पहले ही इसका नाम Angle Broking से बदलकर Angle One कर दिया हैं.
इसका ब्रोकरेज बहुत कम है और ब्रोकर शुल्क के साथ साथ यह Tips, Research जैसी सेवायें भी अपने ग्राहकों को देता हैं जो की बाकीयों कि तुलना में इसे अलग करता हैं.

Angle one app in Hindi

ऐंजल वन का क्या मतलब हैं? ( Angle One Meaning)

Angle One का मतलब होता है One Solution यानी एक मंच जो की हर एक फायनाशियल जरुरतों को पुरा करता हैं. यानी यह स्टाॅक ब्रोकिंग, कमोडिटी सर्विस, डिपोजिटरी सर्विस, म्युचुअल फंड, इन्वेस्टमेंट ऐडवायजरी,लाइफ इंश्योरेंस, आईपीओ, पोर्टफोलियो कि सर्विस देती हैं.

ऐंजल वन के चेयरमैन कौन है ? ( Angel One chairman )

ऐंजल वन मे शुल्क कितना लगता हैं? ( Angel One Charges)

अगर ट्रेडिंग और डिमेट की बात करु तो इसका शुल्क कुछ भी नहीं है यह एकदम मुफ्त हैं. आपको साल के अकाउंट मेटेंनंस के रुप में 450 रुपयें का चार्ज देना पड़ेगा.
इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिये आपको 20 रुपयें प्रती ट्रेंड या 0.25% देना होगा.डिलिवरी के लिये आपसे कोई शुल्क नहीं लेता यह पुरी तरह फ्री हैं.
अगर हम फ्युचर और ऑप्शन कि बात करें तो इन दोनों में आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपये देना पड़ेगा.
अगर हम कमोडिटी कि बात करें तो कमोडिटीज़ में फ्युचर और ऑप्शन में आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपयें ही देना होगा.
करेंसी के लिये भी आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपयें ही देना पड़ेगा.
अगर बात करें Angle One Charges कि तो यह काफी कम हैं.

ऐंजल वन में रजिस्टर्ड कैसे करें ? ( Angel One Sign Up )

यह काफी आसान है आप जिस तरह Zerodha और UPSTOX में अकाउंट निकाल ने प्रक्रिया देखी थी वैसे ही इसमे आप Angle One Login कर सकते हैं.
1. इसके लिये सबसे पहले आपको Angle One के पोर्टल पे जाना होगा.
2. सबसे पहले आपको आपका मोबाईल नंबर पुछेगा वह इंटर करने के बाद आपको एक ओटिपी आयेगा वह सबमिट कर देना हैं.
3. इसके बाद आपको आपका आधार नंबर, पॅन कार्ड नंबर ,ई-मेल एड्रेस, बर्थ डेट यह सब पुछेगा वह फिल कर देना हैं.
3. यह सब जानकारी पुरी हो जाने के बाद आपको फाॅर्म को सबमिट कर देना हैं.
3. इसके बाद 24 से लेकर 48 घंटे के भीतर आपके ई-मेल पर आपके Angle One Login Details आपको मिल जायेंगें उसके इस्तमाल से आप Angle One Signup कर सकते हैं और अपना Demat और Trading Account Use कर सकतें हैं.

ऐंजल ब्रोकिंग का शेअर प्राइस ( Angel Broking Share Price )

इस कंपनी का खुदका शेअर इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? भी Stock Exchange में Listed हैं जो जिसकी NSE पर आज प्राइस चल रही हैं लगभग 1228 रुपयें.

अगर आप शेअर मार्केट में beginner हैं तो हमारा यह आर्टिकल जरुर से पढें शेअर मार्केट का गणित क्या होता हैं.

एंजेल ब्रोकिंग [वन] कस्टमर केयर नंबर( Angel One Customer Care)
अगर आपको ऐप या कोई दुसरी मदत चाहिये तो आप उन्हें support@ anglebroking.com पर ई-मेल अथवा 080-47480048 नंबर पर काॅल करके मदत ले सकते हैं आपकी Query वो जल्द ही सुलझाने का प्रयास करेंगे.
नहीं तो आप इनकी ऑफिशियल वेबसाईट www. angleone.com पर जाकर Contact Us पर जाकर उन्हें भी उन्हें लिख सकते हैं.

ऐंजल वन एप्लिकेशन रिव्हीव ( Angel One Review)

अगर हम Angle One Application के बारे में बात करें तो इसका इंटरफेस काफी आसान हैं, और जबसे यह ऐंजल ब्रोकिंग से ऐंजल वन बन गया इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? हैं तबसे कंपनी ने इनमें काफी बदलाव कर रहीं हैं ताकि इनके ग्राहकों के लिये आसान हो और इस्तमाल में कोई तकलीफ़ ना आयें.
चलिये देखते हैं इस ऐप कि क्या क्या विषेशता हैं?
इस ऐप में आपको पसंद अनुसार शेअर पर नजर रखने के लिये Watchlist का ऑप्शन दिया गया हैं,
Portfolio में आप अपने खरिदे हुयें शेअर को देख सकते हों.
orders में आप अपने Pending और Executive Orders को देख सकते हों.
Funds में आप फंड को ऐंड और Withdraw कर सकते हों और अपना Balance चेक कर सकते हों.
Research में Angel One Team द्वारा कि गई अलग अलग रिसर्च कि मदत से आप Investment या Trading कर सकते हों ताकी आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो.

ऐंजल वन कॅलक्युलेटर क्या हैं? (Angel One Calculator)

अगर आपको जानना है की अगर आप एक शेअर या अधिक शेअर क्वांटिटी लेते हो और एक प्राइस पे बेच देते हो तो इसमें से आपको किसका कितना कितना चार्ज लगेगा यह सब आप ऐंजल वन कैल्क्युलेटर पर देख सकते हैं वो भी आसानी से.
अगर आप Angle One Calculator ऐसे गुगल पे आप सर्च करेंगे तो आपको यह पेज आसानी से मिल‌ जायेगा यहां पर आप Intraday, Equity, Delivery, Future & Option, Currency, Commodity यह सब आराम से पता लगा सकते हों.

आपने क्या सीखा

ऐंजल वन क्या हैं ? इसका मिनींग क्या हैं, चेरमन कौन हैं, इसमें हम रजिस्टर कैसे करें? इसके ऐप में क्या क्या फिचर्स दिये गये हैं, शेअर प्राइस , कैल्क्युलेटर, चार्जेस यह सब देखा.
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने मित्रों से जरुर साझा करें, और आपके कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें जरुर लिखें.

FAQ

Q: इसकी शुरुवात कब हुई?
Ans: साल 1996

Q: Angle One के सीईओ कौन हैं?
Ans: नारायण गंगाधर

Q: Angle Broking और Angle One में क्या अंतर हैं?
Ans: दरसल दोनों एक ही है, 2021 में Angle Broking का नाम बदलकर Angle One कर दिया हैं.

Q: Angle One Head Office कहा हैं?
Ans: यह मुंबई में स्थित हैं.

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.

Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग

जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे

इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग

Swing trading स्विंग ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान

स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके

Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग

जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे

वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे

शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान

अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो

Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग

अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है

लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे

इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है

दोस्तो आशा करता हु आपको यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे

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FAQ

ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है

ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading

नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी

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