जोमैटो के लिए इस बीच एक अच्छी खबर आई है वह तिमाही नतीजा है। जून 2022 में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का घाटा घटकर 186 करोड़ रुपये रह गया है। वहीं, एक साल पहले इसी तिमाही के दौरान कंपनी का घाटा 356 करोड़ रुपये क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? का था। कंपनी का रेवन्यू भी पहली तिमाही में 67.44 प्रतिशत बढ़कर 1413.9 रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है। हालांकि, इसके बावजूद बाजार में कंपनी का सेंटीमेंट बहुत अच्छा नहीं दिख रहा है। बता दें, जोमैटो का मार्केट कैप 50 हजार करोड़ रुपये के नीचे आ गया है।
स्टॉक मार्केट में निवेश करने से आपका 20,000 डॉलर 350,000 डॉलर में बदल सकता है। यहाँ है कैसे | द मोटली फ़ूल
क्या आप थोड़े से पैसे को बाद में बहुत सारे पैसे में बदलने का तरीका ढूंढ रहे हैं? यदि आप इसे पढ़ रहे हैं, तो आप शायद हैं। आप ऐसा करने के लिए सही जगह भी देख रहे हैं। शेयर बाजार एक जीवन भर के भीतर महत्वपूर्ण धन के निर्माण के कुछ साधनों में से एक है, भले ही आप अगले कुछ नहीं के साथ शुरुआत कर रहे हों। वास्तव में, यदि आप चीजों को चतुराई से संभालते हैं तो $20,000 की मामूली राशि $ 350,000 (या अधिक) तक हो सकती है। यहां बताया गया है क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? कि इसे कैसे किया जाए।
इतना अच्छा लगता है कि यह सही नहीं हो सकता? यह क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? नहीं है। $350,000 के घोंसले अंडे द्वारा वित्त पोषित एक आरामदायक भविष्य पर $20,000 का एक लौकिक डाउन पेमेंट न केवल संभव है, बल्कि संभावना भी है। हालांकि उसपर पकड़ है।
लेकिन पहले चीजें पहले।
सफलता की दो बड़ी चाबियां
इनमें से एक कैच यह है कि एक बार शुरू में किए जाने के बाद आपका निवेश कैसे प्रबंधित किया जाता है। एक बार जब आप निवेश कर लेते हैं, तो किसी भी लाभ को तुरंत बाजार में फिर से निवेश किया जाना चाहिए। एकत्र किए गए किसी भी लाभांश के लिए डिट्टो।
इसे कंपाउंडिंग कहते हैं। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि आपके पास जितना संभव हो उतना पैसा आपके लिए लंबे समय तक और जितनी बार संभव हो सके काम कर रहा है, क्योंकि आप क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? पूर्व लाभ पर भविष्य के लाभ अर्जित कर रहे हैं, न कि केवल अपने प्रारंभिक सिद्धांत पर। अपने लाभ को पुनर्निवेश किए बिना, एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड पर आपका औसत वार्षिक रिटर्न लगभग आधा हो जाता है।
अन्य (संबंधित) पकड़ यह है कि इस तरह के दीर्घकालिक लाभ को प्राप्त करने के लिए आपको वास्तव में खुद को पूरे 30 साल देने की जरूरत है। कुछ भी कम, और आप लगभग उतना अच्छा नहीं करेंगे।
कुछ भी न करने से कुछ छोटा करना बेहतर है
स्पष्ट होने के लिए, ऊपर दिया गया उदाहरण मानता है कि आप शेयर बाजार में $20,000 का केवल एकमुश्त निवेश करेंगे और कभी भी नई पूंजी नहीं जोड़ेंगे। हालांकि, आप रास्ते में ताजा नकदी का योगदान करने में सक्षम होंगे। यहां तक कि एक छोटा अतिरिक्त वार्षिक निवेश भी 30 वर्षों की अवधि में बड़ा प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, ऊपर दिए गए उदाहरण में, हर साल के अंत में अपनी होल्डिंग्स में सिर्फ एक और 800,000 जोड़ने से आपका अंतिम घोंसला अंडा लगभग $680,000 की राशि तक पहुंच जाएगा।
हालाँकि, दोनों परिदृश्यों में अंतर्निहित सबक समान है। यही है, जितनी जल्दी हो सके शेयर बाजार में प्रवेश करना और पूरे समय जितना संभव हो उतना निवेश करना – भले ही ऐसा करना असहज हो – समय और प्रयास के लायक है। जब आप अपने पिछले लाभ और लाभांश पर अधिक से अधिक पैसा कमाते हैं तो एक अपेक्षाकृत छोटा स्टैश आश्चर्यजनक रूप से बड़ा हो सकता है।
अमेरिकी फंडों में करें निवेश, उठाएं मजबूत डॉलर का फायदा
उन्होंने कहा कि छोटे निवेशक घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों के फीडर फंड के जरिए अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं. ऐसे फंडों में फ्रैंकिलन इंडिया फीडर फ्रैंकिलन यूएस आपर्च्युनिटीज फंड, डीएसपी यूएस फ्लेक्सिबल इक्विटीज फंड और एडलवाइड ग्रेटर चाइना इक्विटी ऑफशोर फंड शामिल हैं. उन्होंने कहा कि निवेशक फीडर फंडों के जरिए दो बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में निवेश कर सकते हैं. ऐसे फंडों में उन्हें अपने इक्विटी पोर्टफोलियो का 10-15 फीसदी क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? हिस्सा लगाना चाहिए.
ज्यादा अनुभवी निवेशक सीधे विदेश शेयर बाजारों में निवेश कर सकते हैं. वे लिबरलाइज्ड रिमेटेंस स्कीम (एलआरएस)
के जरिए एक वित्त वर्ष में विदेश में 2,50,000 डॉलर का निवेश कर सकते हैं. डब्लूजीसी वेल्थ के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर राजेश चेरेवू ने कहा क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? कि निवेशकों को अपने कुल एसेट एलोकेशन में इंटरनेशनल एलोकेशन को भी शामिल करना चाहिए.
डॉलर-रुपये की चाल से कैसे कमाई कर सकते हैं आप?
क्या शेयर खरीदने के लिए खोले गए खाते से फ्यूचर में ट्रेडिंग की जा सकती है?
जी, यह मुमकिन है. शर्त यह है कि ब्रोकर इक्विटी, कमोडिटी और इंटरेस्ट डेरिवेटिव के साथ इस सेगमेंट की पेशकश कर रहा हो.
कॉन्ट्रैक्ट साइज क्या है और कितना निवेश कर सकते हैं?
कॉन्ट्रैक्ट रुपये में होता है. इसका निपटान भी RBI के रेफरेंस रेट के आधार पर रुपये में ही होता है. कॉन्ट्रैक्ट साइज 1,000 डॉलर है. इसमें क्लाइंट अधिकतम एक करोड़ डॉलर या कुल ओपन इंटरेस्ट के 6 फीसदी (जो भी बड़ा हो) तक निवेश कर सकता है.
एक उदाहरण लेते हैं
मान लेते हैं कि डॉलर-रुपी कॉन्ट्रैक्ट 69.55 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. आपको लगता है 29 मई को एक्सपायरी वाले दिन यह मजबूत होकर 70 के स्तर पर पहुंच जाएगा. आप 5 फीसदी मार्जिन या 3,477 रुपये के मार्जिन का भुगतान कर 69.55 के स्तर पर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीद लेते हैं. अगर डॉलर वाकई में 70 रुपये पहुंचता है तो एक कॉन्ट्रैक्ट पर 450 रुपये (0.45×1000) बना लेंगे. एक करोड़ डॉलर की लिमिट पर आपको 45 लाख रुपये का फायदा होगा.
Economy: चीन ने ब्याज दर घटा कर दुनिया की चिंता बढ़ाई, लेकिन फिलहाल डॉलर को फायदा
Atul Sinha
Updated Wed, 17 Aug 2022 05:24 PM IST
चीन में बढ़ रही आर्थिक मुश्किलों का सीधा फायदा फिलहाल अमेरिकी मुद्रा डॉलर को मिल रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था संबंधी आए तमाम नए आंकड़े निराशानजक रहे हैँ। इसे देखते हुए चीन ने अपने यहां ब्याज दर में कटौती की है। विश्लेषकों के मुताबिक चीन के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार के संचालकों को हैरत हुई है। जिस समय पूरी दुनिया में ट्रेंड ब्याज दर में बढ़ोतरी का है, चीन ने उलटा कदम उठाया है।
चीन में औद्योगिक उत्पादन, खुदरा बिक्री, और निश्चित-संपत्ति निवेश (फिक्स्ड-असेट इन्वेस्टमेंट) के नए आंकड़े सोमवार को जारी हुए। ये तमाम आंकड़े अपेक्षा से नीचे रहे। इससे संकेत मिला कि चीनी अर्थव्यवस्था का संकट बढ़ रहा है। इस खबर से दुनिया भर में पहले से मंडरा रही मंदी की आशंका और सघन हो गई है। इसी बीच ही चीन के सेंट्रल बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने ब्याज दर में कटौती की घोषणा की है
।
जानकारों के मुताबिक चीन को जीरो कोविड नीति की महंगी कीमत चुकानी पड़ रही है। देश में अभी भी जगह-जगह कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैँ। उन जगहों पर चीनी अधिकारी सख्त प्रतिबंध लागू कर देते हैं। उसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ता है। इसका साफ असर औद्योगिक उत्पादन, खुदरा बिक्री और पूंजी निवेश पर पड़ा है।
विस्तार
चीन में बढ़ रही आर्थिक मुश्किलों का सीधा फायदा फिलहाल अमेरिकी मुद्रा डॉलर को मिल रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था संबंधी आए तमाम नए आंकड़े निराशानजक रहे हैँ। इसे देखते हुए चीन ने अपने यहां ब्याज दर में कटौती की है। विश्लेषकों के मुताबिक चीन के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार के संचालकों को हैरत हुई है। जिस समय पूरी दुनिया में ट्रेंड ब्याज दर में बढ़ोतरी का है, चीन ने उलटा कदम उठाया है।
चीन में औद्योगिक उत्पादन, खुदरा बिक्री, और निश्चित-संपत्ति निवेश (फिक्स्ड-असेट इन्वेस्टमेंट) के नए आंकड़े सोमवार को जारी हुए। ये तमाम आंकड़े अपेक्षा से नीचे रहे। इससे संकेत मिला कि चीनी अर्थव्यवस्था का संकट बढ़ रहा है। इस खबर से दुनिया भर में पहले से मंडरा रही मंदी की आशंका और सघन हो गई है। इसी बीच ही चीन के सेंट्रल बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने ब्याज दर में कटौती की घोषणा की है
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जानकारों के मुताबिक चीन को जीरो कोविड नीति की महंगी कीमत चुकानी पड़ रही है। देश में अभी भी जगह-जगह कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैँ। उन जगहों पर चीनी अधिकारी सख्त प्रतिबंध लागू कर देते हैं। उसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ता है। इसका साफ असर औद्योगिक उत्पादन, खुदरा बिक्री और पूंजी निवेश पर पड़ा है।
52 वीक के हाई से 65% लुढ़का जोमैटो का शेयर, क्या निवेश करना रहेगा फायदेमंद?
जोमैटो (Zomato) के शेयरों में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। कंपनी के शेयर की कीमत 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर की तुलना में 65 प्रतिशत तक नीचे आ गए हैं। कंपनी के एक शेयर (Share Market) की कीमत बुधवार दोपहर में 58 रुपये थी, क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? जोकि बीएसई (BSE) में 169.10 रुपये (16 नवंबर 2021) की तुलना में 65.70 रुपये कम है। 27 जुलाई 2022 को कंपनी के शेयर की कीमत 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? 40.55 रुपये के लेवल पर आ गए। पहले कोविड-19 (Covid-19) और फिर मंदी की आहट ने जोमैटो (Zoamto Share Price) के निवेशकों की कमर तोड़ दी है। पिछले एक साल की बात करें तो कंपनी के शेयरों की कीमतों 58 प्रतिशत की गिरावट और साल 2022 में अबतक 57.66 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। इस लगातार गिरावट के बाद सवाल यह उठता है कि क्या इस कंपनी पर दांव लगाना फायदेमंद रहेगा या नहीं?
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