Reported By: |स्वतंत्र मिश्र | Updated: Jan 28, 2022, 04:25 PM IST

4,000 रुपए को दो भागों में इस तरह से विभाजित किया जाता है कि पहले भाग को 3% और दूसरे को 5% प्रतिवर्ष की दर से निवेश किया जाता है। यदि एक वर्ष के लिए दोनों निवेशों से संपूर्ण साधारण ब्याज 144 रुपए है। तो पहले भाग की राशि है -

The RRB Group D Results & Cut-Off declared on 22nd & 23rd December 2022! The exam was conducted from 17th August to 11th October 2022. The RRB (Railway Recruitment Board) is conducting the RRB Group D exam to recruit various posts of Track Maintainer, Helper/Assistant in various technical departments like Electrical, Mechanical, S&T, etc. The selection process for these posts includes 4 phases- Computer Based Test Physical Efficiency Test, Document Verification, and Medical Test.

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Stock Market: इस तरह के पेनी स्‍टॉक में कभी न करें निवेश, कर देगा कंगाल; ऐसे रहें सतर्क

शेयर बाजार के जानकार और वैल्‍यू रिसर्च सीईओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि फर्जी शेयर बाजार के सलाहकार लोगों को बड़े लालच देते हैं कि 1 रुपए या 50 पैसे वाले शेयर तेजी से छलांग लगाने वाले हैं और एक से दो महीने में तगड़े रिटर्न देगा।

Stock Market: इस तरह के पेनी स्‍टॉक में कभी न करें निवेश, कर देगा कंगाल; ऐसे रहें सतर्क

Stock Market इस तरह के शेयर कर सकते हैं कंगाल (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

शेयर मार्केट में अगर आप भी निवेश करते हैं तो आपको सतर्क हो जाने की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि कई ऐसे स्‍टॉक हैं, जिसमें पैसा लगाने पर आप कंगाल हो सकते हैं या फिर यूं कहें कि इसमें पैसों का निवेश करने से आप अत्‍यधिक घाटे में जा सकते हैं। इस तरह के स्‍टॉक में निवेश करने को लेकर सेबी ने भी निवेशकों को सतर्क किया है।

शेयर बाजार के जानकार और वैल्‍यू रिसर्च सीईओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि फर्जी शेयर बाजार के सलाहकार लोगों को बड़े लालच देते हैं कि 1 रुपए या 50 पैसे वाले शेयर तेजी से छलांग लगाने वाले हैं और एक से दो महीने में तगड़े रिटर्न देगा। जबकि इन स्‍टॉक का शेयर बाजार में बढ़ने का कोई चांस नहीं होता है, क्‍योंकि उस कंपनी का कभी शेयर आया था और अब उसका कारोबार खत्‍म हो चुका है।

इस तरह के शेयरों में कभी न करें निवेश
धीरेंद्र बताते हैं कि फर्जी सलाहकारों के पास पुराने शेयर पड़े हुए होते हैं, जिनका कारोबार ठप हो चुका है और वे शेयर बाजार में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। ऐसे में फर्जी सलाहकार इस तरह के स्‍टॉक खरीदने के लिए लोगों से कहते हैं। साथ ही वे उनको लालच देते हैं कि उन्‍हें सिर्फ कुछ ही महीने में लाखों करोड़ों रुपए मिल जाएंगे। हालाकि इस तरह के शेयर खरीदने के बाद निवेशकों का पैसा डूब जाता है। फर्जी सलाहकार सोशल मीडिया, फोन या एसएमएस से निवेश की सलाह देते हैं।

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इसके पीछे इनका क्‍या लाभ
कम पैसे पर फर्जी सलाहकार ऐसे स्‍टॉक को खरीद चुके होते हैं और बेचने के लिए इसका दो तरह के निवेशक गलत प्रचार करते हैं और जब लोग इसे खरीदना शुरू करते हैं तो इस स्‍टॉक का भाव चढ़ता है, लेकिन जब यह इन सलाहकारों के पास से बिक जाता है तो इसके भाव तेजी से गिर जाते हैं।

ये कुछ उदाहरण
इसी तरह का एक उदाहरण इनवेंचर ग्रोथ एंड सिक्‍योरिटी का है, जिसमें निवेश के लिए कुछ सलाहकारों ने दिसंबर में कहा था, जिसके बाद अगले महीने में यह तीन गुना बढ़ा, लेकिन फरवरी में इसका वैल्‍यु आधे से भी कम पर आ गया। इसी प्रकार, लासा सुपरजेनेरिक्‍स के शेयर का भी इतिहास रहा है। ऐसे ही सैकड़ों मामले सेबी के नजर में आ चुके हैं, जिसे लेकर सेबी कड़े कदम उठा रही है।

सेबी का कड़ा कदम
सेबी ऐसे फर्जी सलाहकारों को लेकर सर्च और सीज ऑपरेशन चला रहा है। इसके अलावा प्रेस के माध्‍यम से लोगों के बीच जागरूकता फैला रहा है। साथ ही डेटा लीक के जरिए दो तरह के निवेशक धोखेबाजों पर नजर रखे हुए है।

Sahara Pariwar : सहारा इंडिया में निवेशकों को लेकर अभी अभी आई राहत भरी खबर इस तरह निकाले पैसा ।

जो भी दो तरह के निवेशक लोगों को सहारा इंडिया में फंसा हुआ है पैसा उन सभी लोगों के लिए राहत भरी खबर निकल के आ रही है सूत्रों से मिली खबर के अनुसार निवेशकों का भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है लेकिन कई चरणों के माध्यम से निवेशकों को भुगतान किया जाएगा कई राज्यों में निवेशकों को अलग-अलग चरणों के माध्यम से पैसा भी निकाले हैं तो अगर आप लोग भी अपने पैसों को लेकर परेशान हैं तो नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर अपने पैसे को निकलवा सकते हैं ।

Sahara India Refund

सभी निवेशक की राशि है जो रिफंड की जाएगी यहां पर सभी निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी निकल कर आ रही है भारतीय प्रति भूमि एवं विनियम बोर्ड से बीज के द्वारा यह जानकारी दी गई है कि 138 करोड रुपए सहारा के जितने भी निवेशक हैं उनको रिफंड किए जाएंगे।

सहारा इंडिया निवेशकों का लिस्ट अपना नाम देखें Click Here

Sahara Pariwar

सहारा के द्वारा यहां पर एक आरोप लगाया गया है कि भारतीय प्रति भूमि नियम विनियम बोर्ड के द्वारा दो अकाउंट बनाए गए हैं जिसके माध्यम से सहारा का पैसा हुआ रिफंड की जाने वाली राशियों का अकाउंट में इकट्ठा किया जा रहा है। और इन्हीं अकाउंट में कुल 24000 करोड रूपए की राशि चुकी होगी सेबी के द्वारा एक रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि जो सहारा के द्वारा 24000 करोड रुपए की राशि का भुगतान करना है और जो हाई कोर्ट के द्वारा निर्देश दिए थे दो तरह के निवेशक सहारा ने जो निवेश की गई राशि है निवेशकों के कुल ₹30000000 रिफंड करने का वादा किया था लेकिन यह वादा नि सफल रहा।

Sahara India Refund बड़ी खबर

आप सभी उम्मीदवारों के लिए उच्च न्यायालय कोर्ट के द्वारा सन् 2012 में बताया गया था कि सहारा ग्रुप की दो कंपनियां है जहां पर पुलिस के शिकंजे पुलिस के अंडर में ले लिया गया था। जिसके बाद सुब्रत राय की तरफ से यहां पर सब कहा गया था कि उम्मीदवारों को जो 25000 करोड़ से अधिक पैसे हैं वह सभी ब्याज सहित वापस लौट आए जाएंगे।

सहारा इंडिया के खिलाफ हो रही है जांच

सहारा के द्वारा जो भी कंपनियां संचालित है हमारे देश के निवेशक खूब समझ बूझ कर इसमें पैसे लगाए थे अब कई साल बीत जाने के बाद भी निवेशकों के पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। वही बता दे कि सहारा ग्रुप को पिछले वर्ष 2009 और 4 जनवरी 2010 को दो शिकायतें यहां पर दर्ज मिली थी। यहां पर शिकायतों के अनुसार आपको बता दें कि सहारा ग्रुप के सवार आ संचालित की जाने वाली जो भी कंपनियां हैं वह कल की पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर द्वारा जारी कर रहे हैं। और गलत तरीके से सभी धन जुटा रहे थे।

अब इन शिकायतों के बाद सहारा ग्रुप के द्वारा कंपनी में संचालित की जा रही थी। वह बात सही निकली दो तरह के निवेशक जांच में यह भी पता चला कि यह भी धोखा दे रहा था सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉपी के द्वारा दो से ढाई करोड़ निवेशकों से लगभग 24000 करोड़ों के जुटाए गए थे। अब इसके बाद निवेशक की की गई राशि में 15% के ब्याज के साथ वापस करने का फैसला लिया गया था।

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Sahara India Refund : सहारा इंडिया रिफंड की राशि प्राप्त करने के लिए क्या करें?

सहारा इंडिया का जितनी भी निवेशक हैं वह अपना पैसा निकालने के लिए दर-दर भटक रहे हैं ऐसे में सरकार के द्वारा एक ऑप्शन निकाला गया है जिसके माध्यम से आप सहारा से पैसा वापस प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए आपको सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट consumerhelpline.government.in पर जाना होगा। जिसके बाद आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। सहारा इंडिया के द्वारा अभी तक कुल निवेशकों को 138 करोड़ों रुपए की राशि रिफंड कर दी गई है बाकी निवेशकों का भी राशि जल्द से जल्द फंड किया जाएगा।

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IPO क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या है इसका उद्देश्य?

स्वतंत्र मिश्र

Reported By: |स्वतंत्र मिश्र | Updated: Jan 28, 2022, 04:25 PM IST

IPO क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या है इसका उद्देश्य?

डीएनए हिंदी: आइपीओ (IPO) का फुल फॉर्म होता है- इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering). एक कंपनी जब अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ कहते हैं. लिमिटेड कंपनियों द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके. शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो पाती है. कंपनी निवेश या विस्तार करने की हालत में फंडिंग इकट्ठा करने के लिए आईपीओ जारी करती है.

आईपीओ में जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है. एक फर्म (Firm) के IPO शुरू करने के दो मुख्य कारण पूंजी जुटाना और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना है.

आईपीओ दो तरह के होते हैं:—

फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)

फिक्स्ड प्राइस IPO को इश्यू प्राइस के रूप में संदर्भित किया जा सकता है जो कुछ कंपनियां अपने शेयरों की प्रारंभिक बिक्री के लिए निर्धारित करती हैं. निवेशकों को उन शेयरों की कीमत के बारे में पता चलता है जिन्हें कंपनी सार्वजनिक करने का फैसला करती है. इश्यू बंद होने के बाद बाजार में शेयरों की मांग का पता लगाया जा सकता है. यदि निवेशक इस IPO में हिस्सा लेते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आवेदन करते समय शेयरों की पूरी कीमत का भुगतान करें.

बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)

बुक बिल्डिंग के मामले में IPO शुरू करने वाली कंपनी निवेशकों को शेयरों पर 20% मूल्य बैंड प्रदान करती है. इच्छुक निवेशक अंतिम कीमत तय होने से पहले शेयरों पर बोली लगाते हैं. यहां निवेशकों को उन शेयरों की संख्या निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है जिन्हें वे खरीदना दो तरह के निवेशक चाहते हैं और वह राशि जो वे प्रति शेयर भुगतान करने को तैयार हैं.

सबसे कम शेयर की कीमत को फ्लोर प्राइस के रूप में जाना जाता है और उच्चतम स्टॉक मूल्य को कैप प्राइस के रूप में जाना जाता है. शेयरों की कीमत के संबंध में अंतिम निर्णय निवेशकों की बोलियों द्वारा निर्धारित किया जाता है.

भगवंत मान निवेशकों को ढूंढ रहे हैं, निवेशक योगी को चुन रहे हैं

पंजाब के उद्योगपति उत्तर प्रदेश दो तरह के निवेशक को व्यापार के लिए एक सुरक्षित स्थान समझते हैं और इसी सोच के साथ यूपी में निवेश करने की योजना भी बना रहे हैं।

Investment Uttar Pradesh

Investment in Uttar Pradesh: आम आदमी पार्टी के शासन काल में पंजाब की स्थिति डावांडोल हो चुकी है, राज्य में कानून व्यवस्था बेहाल है, यह राज्य नशे के मकड़जाल में फंस चुका है। किसी भी राज्य सरकार की मूल जिम्मेदारी वहां के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है लेकिन भगवंत मान सरकार है कि इस मामले में पूरी तरह से असफल साबित हुई है। ऐसे में अब वहां के उद्योगपति पंजाब छोड़-छोड़कर भाग रहे हैं, ये लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की शरण में आना चाहते हैं।

व्यापार के लिए एक सुरक्षित स्थान

दरअसल, पंजाब के उद्योगपति उत्तर प्रदेश को व्यापार के लिए एक सुरक्षित स्थान समझते हैं और इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश (Investment in Uttar Pradesh) करने की योजना भी बना रहे हैं। देखिए कैसी विचित्र स्थिति है कि एक तरफ तो पंजाब के उद्योगपति पंजाब छोड़कर यूपी की तरफ भाग रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब के सीएम भगवंत मान पंजाब में निवेश करने के लिए हैदराबाद और चेन्नई में निवेशकों को खोजते फिर रहे हैं। दर-दर जाकर भगवंत मान दूसरे राज्यों के उद्योगपतियों को पंजाब में उद्योग करने की संभावनाओं को बता रहे हैं।

दरअसल, करीब 50 उद्योगपतियों ने हाल ही में सीएम योगी आदित्यानाथ से लखनऊ आकर मुलाकात की है और Uttar Pradesh में कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये के Investment का वादा भी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ से मुलाकात करने वाले उद्योगपतियों में पंजाब के उद्योगपतियों की अच्छी संख्या थी। जानकारी के अनुसार, पंजाब के उद्योगपतियों के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव दिए गए और पंजाब के साइकिल, ऑटो पार्ट्स, रंगाई और बॉयलर उद्योग ने भी Uttar Pradesh में Investment करने में रुचि दिखाई।

अपराध के दल-दल में फंसा पंजाब

उद्योगपतियों की पंजाब छोड़कर यूपी में व्यापार (Investment in Uttar Pradesh) करने की रुचि बताती है कि पंजाब भगवंत मान सरकार के नेतृत्व में आर्थिक रूप से गर्त में पहुंचने के लिए तैयार है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पहले से और अधिक अच्छी हुई है। जिसके बाद राज्य से बाहर के लोग भी यहां स्वयं को सुरक्षित दो तरह के निवेशक महसूस कर रहे हैं। व्यापारी तो अपराध के दल-दल में फंसे पंजाब से अपना व्यापार उत्तर प्रदेश में शिफ्ट तक करने की योजना बना रहे हैं। पंजाब की भगवंत मान सरकार के लिए इससे बड़ा झटका और क्या हो सकता है।

एक समय ऐसा था जब बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण, निवेशक और कंपनियां Uttar Pradesh में Investment करने से बचती थीं। दंगे, लूट और हिंसा के कारण एक समय में चर्चा में रहे इस राज्य में कंपनियां निवेश करने से कतराती थीं लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद, कानून और व्यवस्था में आए सुधार ने यहां दो तरह के निवेशक के युवाओं के लिए रोजगार और अन्य अवसर पैदा करने में बहुत मदद की है। उत्तर प्रदेश आज सीएम योगी आदित्यानाथ के नेतृत्व में व्यापार के लिए बेहतर माहौल तैयार करने में लगा है।

युवाओं के लिए व्यापार के अवसर

जिस उत्तर प्रदेश में कभी सैफई महोत्सव में बॉलीवुड की डांस पार्टियों का आयोजन किया जाता था, अब उसी उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस जैसे नये प्रोजेक्ट्स लाकर युवाओं को बेहतर व्यापार के अवसर प्रदान करवाने में लगे हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कुछ तो सीख लेनी ही चाहिए ताकि पंजाब के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके। लेकिन वहां तो युवाओं को अवसर प्रदान करने की जगह खालिस्तानी विचारधारा को फलने फूलने का अवसर दिया जा रहा है। अब तो ऐसा लगने लगा है कि हर मूलभूत मोर्चे पर असफल हो रही मान सरकार पंजाब के सर्वनाश के बाद ही चैन की सांस दो तरह के निवेशक लेगी।

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