चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड
Hit enter to search or ESC to close
पीपीएफ पर बड़ा अपडेट, ये लोग नहीं खोल सकते इस स्कीम में खाता
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) भारत में एक दीर्घकालिक निवेश वाहन है। यह आकर्षक ब्याज दरों और निवेशित राशि पर रिटर्न जैसे कई लाभों के साथ आता है। पीपीएफ में निवेश के कई चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड फायदे हैं और इस योजना में लंबे समय तक निवेश किया जा सकता है। वहीं, पीपीएफ में निवेश के लिए कुछ पात्रता मानदंड भी हैं, जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही पीपीएफ में कौन निवेश कर सकता है और कौन नहीं, इस बारे में भी पूरी तरह से अपडेट रहें। दरअसल, पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए व्यक्ति को कुछ योग्यताओं को पूरा करना होता है। चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड खाता खुलवाने पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वहीं पीपीएफ के तहत मिलने वाले ब्याज और रिटर्न पर आयकर के तहत टैक्स नहीं लगता है।
केवल देश में रहने वाले भारतीय नागरिक ही पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति पीपीएफ में खाता खोलने के पात्र हैं। पीपीएफ खाता खोलने के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। वहीं, आप अपने नाम से सिर्फ एक ही पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। यहां तक कि अगर आप पीपीएफ खाते के लिए सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, तो भी आप दूसरा खाता नहीं खोल सकते हैं। एनआरआई और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को पीपीएफ खाते खोलने की अनुमति नहीं है। हालांकि इसके कुछ अपवाद भी हैं। यदि कोई निवासी भारतीय जो अब एनआरआई बन गया है, वह अपने मौजूदा पीपीएफ खाते के साथ उस खाते की अवधि समाप्त होने तक जारी रख सकता है। हालांकि एनआरआई अपना मौजूदा खाता 15 साल की परिपक्वता अवधि तक रख सकते हैं लेकिन 15 साल के बाद वे इसे 5 साल से आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।
अयोध्या: मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने के उद्देश्य से यूपी सरकार के विभाग ने चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड बैंक खाता खोला
उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान प्राप्त करने के उद्देश्य से एक बैंक खाता खोला है. यह कदम संविधान के उस प्रावधान का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि सरकार किसी विशेष धर्म के नाम पर टैक्स या धन एकत्र नहीं कर सकता है.
उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान प्राप्त करने के उद्देश्य से एक बैंक खाता खोला है. यह कदम संविधान के उस प्रावधान का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि सरकार किसी विशेष धर्म के नाम पर टैक्स या धन एकत्र नहीं कर सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य. (इलस्ट्रेशन: द वायर)
लखनऊ: भारत का संविधान न सिर्फ धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है- जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से प्रचार, अभ्यास और प्रसार करने का अधिकार है- बल्कि यह किसी भी धर्म के नाम पर टैक्स वसूलने या धन एकत्र करने से सरकार को रोकता है.
लेकिन उत्तर प्रदेश, जिसके आजकल मजाक में चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड ‘अल्ट्रा प्रदेश’ भी लोग कहते हैं, के अधिकारियों ने इस प्रावधान को बिल्कुल उल्टा कर दिया है. राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक बैंक खाता खोला है.
बीते 19 जनवरी को विभाग के प्रमुख अभियंता (चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड विकास) एवं विभागाध्यक्ष राजपाल सिंह ने लखनऊ में एचडीएफसी बैंक की एमजीरोड शाखा को पत्र लिखकर ‘पीडब्ल्यूडी राम मंदिर वेलफेयर’ नाम से एक खाता खोलने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि इसमें लोक निर्माण विभाग द्वारा अपने सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन ‘स्वेच्छा’ से राम मंदिर निर्माण के लिए दान किया जाएगा.
इसके जवाब में बैंक ने तुरंत एक अकाउंट खोल दिया, जिसका नंबर 50100365009830 है.
लोक निर्माण विभाग द्वारा बैंक को लिखा गया पत्र.
मालूम हो कि संविधान का अनुच्छेद 27 सरकार को किसी धर्म के चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड प्रचार प्रसार के लिए टैक्स इकट्ठा करने से मना करता है तथा सरकारों को धर्म के नाम पर खर्च करने से भी रोकता है.
इसमें कहा गया है, ‘किसी भी व्यक्ति को ऐसा कोई भी कर का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, जिसे किसी विशेष धर्म या धार्मिक संप्रदाय के प्रचार या रखरखाव के लिए खर्च किया जाना है.’
वैसे तो पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों द्वारा ‘स्वैच्छिक’ दान को कानूनी रूप से कर नहीं माना जा सकता है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस धनराशि को एकत्र करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है और यह विशेष धर्म के प्रचार के लिए जबरदस्ती कर वसूली के समान है.
यह स्पष्ट नहीं है कि ये फंड जुटाने का निर्णय चीफ इंजीनियर का खुद का है, ताकि शासन की नजर में वे खुद को वफादार स्थापित कर सकें, या फिर वे ऊपर से आए किसी ‘लिखित या अलिखित आदेख’ का पालन कर रहे हैं.
इसे लेकर द वायर चीफ इंजीनियर ने राजपाल सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उनका जवाब नहीं आया है. कोई भी प्रतिक्रिया आने पर उसे स्टोरी में शामिल कर लिया जाएगा.
पीडब्ल्यूडी विभाग उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अधिकार-क्षेत्र में है, जिनकी जड़ें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) में रही हैं. इस कट्टर हिंदूवादी संगठन के दिवंगत अध्यक्ष अशोक सिंहल न सिर्फ मौर्य के गुरु थे, बल्कि वे बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने की मांग के प्रमुख पैरोकारों में से एक थे.
मौर्य के इसी इतिहास के चलते उन्हें भाजपा में बड़े पद प्रदान किए गए और वे 2017 विधानसभा चुनाव तक यूपी भाजपा अध्यक्ष थे. एक ओबीसी नेता होने के चलते वे मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी थे. हालांकि ये पद योगी आदित्यनाथ को दिया गया और उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा.
इसलिए ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि मौर्य सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए योगी आदित्यनाथ की तुलना में अधिक धन इकट्ठा करना चाहते हैं, जिन्होंने अभी तक सिर्फ दो लाख का दान दिया है.
खास बात ये है कि आदित्यनाथ अभी भी गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख हैं, जो कि अत्यधिक धन रखने के लिए जाना जाता है और इसमें से कुछ राशि जरूर राम मंदिर निर्माण के लिए दी जा सकती है.
मामला चाहे जो भी हो, लेकिन इसकी बहुत कम संभावना है कि एक मुख्यमंत्री जिसकी खुद की राजनीति कट्टर हिंदुत्व चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड है, वह इस असंवैधानिक कदन को रोकने के लिए कोई कदम उठाएगा.
यह स्पष्ट होना चाहिए कि सरकारी विभाग द्वारा कर्मचारियों को मंदिर के लिए एक दिन का वेतन देने और इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए बैंक खाता स्थापित करने के लिए आधिकारिक संसाधनों का उपयोग करने के लिए आग्रह करना अत्यधिक अनुचित है. फिर भी अंतत: यह केशव प्रसाद मौर्य के लिए फायदेमंद स्थिति है- अगर चीफ इंजीनियर द्वारा उठाए गए कदम के पीछे वो ही हैं.
जो सरकारी कर्मचारी दान नहीं देना चाहते हैं, वे चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड इसका विरोध करते हुए पीछे हट सकते हैं. वैसे तो इसमें कहा गया है कि ये दान ‘स्वैच्छिक’ है, हालांकि हर कोई जानता है कि जो दान देने से इनकार करेगा, उस पर ‘मंदिर-विरोधी’ का तमगा लग जाएगा, जिसके काफी खराब परिणाम हो सकते हैं.
District Narsinghpur
नरसिंहपुर जिला मध्यप्रदेश राज्य के लगभग मध्य भाग में स्थित है । इसकी उत्तरी सीमा पर विंध्याचल और दक्षिणी सीमा पर पूरी लंबाई में सतपुड़ा श्रृंखला फैली हुई है । उत्तरी भाग में नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है । अक्षांस 22º.45 उत्तर 23º.15 उत्तर, देशांतर 78º.38 पूर्व 79º.38 पूर्व, क्षेत्रफल 5125.55 स्क्वायर किलोमीटर, 359.8 मीटर समुद्र तल से ऊपर।
नया क्या है
- एनटीपीसी गाडरवारा कोयला परिवहन के लिए रेल लाइन के निर्माण हेतु भूमि अर्जन की अधिसूचना – ग्राम मनकवारा
- संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य-ग्राम – गुरसी
- पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन – ग्राम हीरापुर
- नीलामी हेतु अनुपयोगी शासकीय वाहन निविदा
- संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य-ग्राम – हीरापुर
- एक जिला एक उत्पाद अंतर्गत करेली गुड़ उत्पादक कृषकों के उत्पाद
निविदाएं
- नीलामी हेतु अनुपयोगी शासकीय वाहन निविदा
अधिसूचना
- एनटीपीसी गाडरवारा कोयला परिवहन के लिए रेल लाइन के निर्माण हेतु भूमि अर्जन की अधिसूचना – ग्राम मनकवारा
- संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य-ग्राम – गुरसी
- पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन – ग्राम हीरापुर
- नीलामी हेतु अनुपयोगी शासकीय वाहन निविदा
- संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य-ग्राम – हीरापुर
मानचित्र
सेवाएं खोजें
सार्वजनिक उपयोगिताएँ
तस्वीरें
फोटो गैलरी
शिव धाम, डमरू घाटी, गाडरवारा
टोनघाट ( छोटा धुँआधार )
बरमान घाट, नर्मदा नदी, नरसिंहपुर
सतधरा घाट , नर्मदा नदी
चिन्की घाट, नर्मदा नदी
डमरू घाटी, गाडरवारा
नर्मदा नदी, बरमान घाट
टोनघाट ( छोटा धुँआधार )
UP Scholarship Form : यूपी चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड छात्रवृत्ति योजना में आवेदन शुरू, छात्रों को मिलेंगे सालाना 24 हजार
UP Scholarship Form : हर साल कक्षा 9 से उच्च शिक्षा तक के हजारों योग्य छात्र उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) छात्रवृत्ति से लाभान्वित होते हैं ! इस यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) में विभिन्न योजनाएं शामिल हैं जैसे प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति ( Scholarship ) , आदि जिसके माध्यम से राज्य सरकार राज्य के छात्रों को उनकी प्री-मैट्रिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है !
UP Scholarship Form
UP Scholarship Form
यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme )राज्य की सबसे बड़ी छात्रवृत्ति( Scholarship ) योजनाओं में से एक है ! दिए गए लेख में यूपी छात्रवृत्ति ऑनलाइन फॉर्म और पूर्ण आवेदन पत्र प्रक्रिया के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है ! इसलिए, पात्र छात्र जो इस छात्रवृत्ति के लिए उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) छात्रवृत्ति आवेदन पत्र जमा करना चाहते हैं, वे इस विशेष लेख में उसी के बारे में जानकारी एकत्र कर सकते हैं !
यूपी छात्रवृति फॉर्म ऑनलाइन 2022 के लिए पात्रता मानदंड
इस योजना में, उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के उम्मीदवार को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के! लिए पहले पात्रता मानदंड में फिट होने की आवश्यकता है ! पात्रता मानदंड में फिट होने के बाद केवल उम्मीदवारों को आवेदन चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड पत्र बनाने की आवश्यकता होती है! अन्यथा उनका यूपी छात्रवृत्ति योजना ( Uttar Pradesh Scholarship Yojana ) आवेदन पत्र सरकार द्वारा खारिज कर दिया जा सकता है !
मुफ्त शिक्षा के साथ मिलेगी ये सुविधाएं
यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) विभिन्न स्तरों पर प्रदान की जाती है- प्री-मैट्रिक (कक्षा 9-10) और पोस्ट मैट्रिक ( Scholarship ) जिसे आगे पोस्ट मैट्रिक अन्य इंटर (कक्षा 11-12), इंटर के अलावा पोस्ट मैट्रिक, राज्य के बाहर पोस्ट मैट्रिक में वर्गीकृत किया गया है ! ये यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) राज्य सरकार के तीन विभागों द्वारा प्रदान की जाती हैं जो हैं- समाज कल्याण विभाग, राज्य पिछड़ा कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) और अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग !
उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया 2021-22 : UP Scholarship Form
इच्छुक उम्मीदवार केवल ऑनलाइन मोड में उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं ! इस आवेदन प्रक्रिया में शामिल सभी चरणों के विवरण पर जाने से पहले, उम्मीदवार यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) पंजीकरण से लेकर नीचे साझा किए गए फंड की प्रतिपूर्ति तक की संपूर्ण प्रक्रिया के प्रवाह चार्ट पर एक नज़र डाल सकते हैं-
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) स्कॉलरशिप ( Scholarship ) का लाभ उठाने का पहला कदम ऑनलाइन पंजीकरण से शुरू होता है ! पंजीकरण केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जो नए आवेदन पत्र भर रहे हैं ! संभावित आवेदक नीचे साझा की गई चरण-दर-चरण यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) पंजीकरण प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं-
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- पोर्टल के होमपेज पर, “छात्र” टैब पर क्लिक करें और ड्रॉपडाउन मेनू पर दिए गए “पंजीकरण” लिंक पर क्लिक करें !
- छात्रवृत्ति पंजीकरण पृष्ठ का चयन करें ! सभी स्कॉलरशिप ( Scholarship ) की सूची स्क्रीन पर दिखाई देगी !
- उम्मीदवारों को केवल नई छात्रवृत्ति के लिए छात्रवृत्ति लिंक का चयन करना होगा
- अब, चयनित छात्रवृत्ति के लिए एक पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा, आवेदन पत्र में पूछे गए विवरणों को ध्यान से भरें ! *चिह्न वाले क्षेत्रों को भरना अनिवार्य है ! उम्मीदवारों को ओटीपी के माध्यम से मोबाइल नंबर को सत्यापित करना होगा और एक पासवर्ड जनरेट करना होगा ! पंजीकरण फॉर्म भरने के बाद, “सबमिट” बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें !
- यूपी छात्रवृत्ति पंजीकरण पर्ची प्रिंट करें
यूपी छात्रवृत्ति नवीनीकरण 2022 : UP Scholarship Form
पीएफएमएस स्कॉलरशिप उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) को रिन्यू करने के! लिए उम्मीदवार को यूपी स्कॉलरशिप ( Scholarship ) की ऑफिशियल साइट स्कॉलरशिप .up.gov.in को खोलना होगा और लॉग-इन ऑप्शन पर टैप करना होगा और क्रेडेंशियल आईडी और पासवर्ड एंटर करना होगा, जिसके जरिए नया पेज ओपन होगा, वहां से आपको यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) आवेदन पत्र के नवीनीकरण के विकल्प का चयन करने के लिए ! सभी आवश्यक विवरण दर्ज करें और एप्लिकेशन को अपडेट करने के लिए क्लिक करें, या आपको दस्तावेज़ भी अपलोड करने होंगे और सबमिट विकल्प पर टैप करना होगा, आप भविष्य के संदर्भों के लिए उस पृष्ठ का प्रिंट भी ले सकते हैं !
उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति योजना
यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) के लिए चयन मेरिट सूची के! आधार पर होता है, उस सूची के! माध्यम से हर साल अधिकांश छात्र वित्तीय ( Scholarship ) सहायता का लाभ उठा सकते हैं ! इस लेख में, आप जानेंगे कि आप अपनी छात्रवृत्ति की भुगतान स्थिति की जांच कैसे करते हैं? और उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) छात्रवृत्ति का संक्षिप्त विवरण ! इस छात्रवृत्ति का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना और प्रेरित करना है !
यूपी छात्रवृत्ति ( Uttar Pradesh Scholarship Scheme ) की राशि पीएफएमएस पोर्टल के! माध्यम से डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) पद्धति के माध्यम से लाभार्थी के खाते में जमा की जाएगी ! अब लगभग सभी छात्रवृत्ति ( Scholarship ) राशि का! हस्तांतरण पीएफएमएस के माध्यम से किया जाएगा, और इस पोर्टल के! माध्यम से आप उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) छात्रवृत्ति आवेदन की स्थिति भी देख सकते हैं !
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 796