किन कारणों से आपको टू व्हीलर लोन पर अधिक ब्याज भरनी पड़ती है
किन कारणों से आपको टू व्हीलर लोन पर अधिक ब्याज भरनी पड़ती है – Reasons why you have to pay more interest on two wheeler loan
टू व्हीलर लोन आपकी बचत में कटौती किए बिना बाइक खरीदने का सबसे सुविधाजनक साधन है। जीरो डाउन पेमेंट वाली बाइक लोन योजनाओं की मदद से बिना एक भी दिए आप अपनी पसंदीदा बाइक के मालिक बन सकते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि बाइक लोन की ब्याज़ दर काफी किफायती होती है और इसे अपनी सुविधानुसार तय अवधि के भीतर चुकाया जा सकता है। हालांकि, अगर आपटू व्हीलर लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आवेदन करने से पहले कुछ बातों पर विचार जरूर करें। यह आपके बाइक लोन की ब्याज़ दर को प्रभावित कर सकती हैं।
बाइक लोन की ब्याज दर निर्धारित करने वाले कारकः
बाइक लोन के लिए आवेदन करते समय, एक वित्तीय संस्थान जो पहली चीज का आकलन करता है, वह है आपका लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है क्रेडिट स्कोर। आपकी बाइक लोन की ब्याज़ दर तय करने में क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, आपको लोन पर ब्याज उतना कम लगेगा।
हालांकि लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है बाइक लोन के लिए कोई सख्त पात्रता मानदंड नहीं हैं। किन्तु आपका रोजगार या कार्य अनुभव आपके टू-व्हीलर लोन की ब्याज दर को प्रभावित करता है। अगर आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं,
जहां हर महीने आपकी सैलरी में देरी होती है, तो लोनदाता आपको लोन देने में झिझक सकता है और अगर लोन अप्रूव भी लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है जाता है, तो आपको उच्च ब्याज दर का भुगतान करना पड़ सकता है।
टू-व्हीलर लोन का लाभ उठाने के लिए आपकी आय बहुत अधिक होने की जरूरत नही है। हालांकि, ध्यान रखें कि आपकी उच्च आय आपको लोन के लिए पात्र बनाती है। सरल शब्दों में कहें तो आपकी आय जितनी अधिक होगी, आपके बाइक लोन की ब्याज दर उतनी ही कम होगी।
किसी भी प्रकार के लोन की ब्याज दर केवल एक सिद्धांत पर काम करती है जो कि लोन देने में जोखिम कितना है। अगर आपकी प्रोफ़ाइल देखकर लोनदाता को जोखिम का अभास होता है तो आपकी ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी।। इसलिए बाइक चुनते समय उसकी कीमत पर जरूर ध्यान दें। अगर बाइक की कीमत अधिक है तो उस ब्याज की दर भी अधिक ही होगी।
टू-व्हीलर लोन में, ब्याज दर बाइक के मॉडल पर भी निर्भर करती है। आपके लोन की ब्याज दर निर्धारित करते समय, लोनदाता बाइक के पुनर्विक्रय मूल्य का मूल्यांकन करता है। पुनर्विक्रय मूल्य जितना अधिक होगा, लोन की ब्याज दर उतनी ही कम होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डिफॉल्ट की स्थिति में, उच्च पुनर्विक्रय मूल्य लोनदाता को बाइक की नीलामी करके संपूर्ण बकाया राशि की वसूली करने की अनुमति देता है।
लोन-से-आय अनुपात मासिक आय को दर्शाता है, जो आपके कुल मासिक खर्चों को चुकाने के बाद आपके पास बचता है। अधिकांश वित्तीय संस्थान 50% से कम डीटीआई वाले उधारकर्ताओं को पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मासिक आय का उपयोग केवल लोन चुकौती के लिए ही नही बल्कि बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी किया जाता है। यदि आप अपनी आय का आधे से अधिक हिस्सा लोन चुकौती के लिए समर्पित कर रहे हैं, तो आपको संभंव है कि आपकी ईएमआई में चुक हो सकती है। इसलिए, डीटीआई जितना अधिक होगा, आपके बाइक लोन की ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी।
आपकी बाइक लोन की अवधि भी लोन की ब्याज दर निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आपके लोन की अवधि जितनी कम होगी, आप उतनी ही तेज़ी से अपने कर्ज का भुगतान कर पाएंगे। इसका तात्पर्य यह है कि जो उधारकर्ता छोटी अवधि के लिए बाइक लोन का विकल्प चुन रहा है, वह कम ब्याज वाला लोन प्राप्त करने में सक्षम हो सकता है। हालांकि, याद रखें, कि छोटी अवधि आप पर वित्तीय बोझ को बढ़ा सकती है। इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले अपने बजट का ठीक से विश्लेषण कर लें।
दस्तावेज़ आपकी प्रोफ़ाइल को उधार देने के जोखिम का मूल्यांकन करने में संस्थान की सहायता करते हैं।इसलिए आवेदन करने से पहले बाइक लोन की स्वीकृति के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की बनाएं। यदि आपके पास अपना आवेदन जमा करते समय सभी उपयुक्त दस्तावेज हैं, तो संस्थान आपको कम ब्याज दर पर बाइक लोन प्रदान करता है।
भले ही वित्तीय संस्थान आपकी बाइक पर 90-95% लोन प्रदान करता है, लेकिन उच्च डाउनपेमेंट देने से आप कम ब्याज पर बाइक लोन लेने के लिए पात्र हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि डाउनपेमेंट जितना अधिक होगा, डिफ़ॉल्ट जोखिम उतना ही कम होगा।
किन कारणों से आपको टू व्हीलर लोन पर अधिक ब्याज भरनी पड़ती है
किन कारणों से आपको टू व्हीलर लोन पर अधिक ब्याज भरनी पड़ती है – Reasons why you have to pay more interest on two wheeler loan
टू व्हीलर लोन आपकी बचत में कटौती किए बिना बाइक खरीदने का सबसे सुविधाजनक साधन है। जीरो डाउन पेमेंट वाली बाइक लोन योजनाओं की मदद से बिना एक भी दिए आप अपनी पसंदीदा बाइक के मालिक बन सकते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि बाइक लोन की ब्याज़ दर काफी किफायती होती है और इसे अपनी सुविधानुसार तय अवधि के भीतर चुकाया जा सकता है। हालांकि, अगर आपटू व्हीलर लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आवेदन करने से पहले कुछ बातों पर विचार जरूर करें। यह आपके बाइक लोन की ब्याज़ दर को प्रभावित कर सकती हैं।
बाइक लोन की ब्याज दर निर्धारित करने वाले कारकः
बाइक लोन के लिए आवेदन करते समय, एक वित्तीय संस्थान जो पहली चीज का आकलन करता है, वह है आपका क्रेडिट स्कोर। आपकी बाइक लोन की ब्याज़ दर तय करने में क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, आपको लोन पर ब्याज उतना कम लगेगा।
हालांकि बाइक लोन के लिए कोई सख्त पात्रता मानदंड नहीं हैं। किन्तु आपका रोजगार या कार्य अनुभव आपके टू-व्हीलर लोन की ब्याज दर को प्रभावित करता है। अगर आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं,
जहां हर महीने आपकी सैलरी में देरी होती है, तो लोनदाता आपको लोन देने में झिझक सकता है और अगर लोन अप्रूव भी जाता है, तो आपको उच्च ब्याज दर का भुगतान करना पड़ सकता है।
टू-व्हीलर लोन का लाभ उठाने के लिए आपकी आय बहुत अधिक होने की जरूरत नही है। हालांकि, ध्यान रखें कि आपकी उच्च आय आपको लोन के लिए पात्र बनाती है। सरल शब्दों में कहें तो आपकी आय जितनी अधिक होगी, आपके बाइक लोन की ब्याज दर उतनी ही कम होगी।
किसी भी प्रकार के लोन की ब्याज दर केवल एक सिद्धांत पर काम करती है जो कि लोन देने में जोखिम कितना है। अगर आपकी प्रोफ़ाइल देखकर लोनदाता को जोखिम का अभास होता है तो आपकी ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी।। इसलिए बाइक चुनते समय उसकी कीमत पर जरूर ध्यान दें। अगर बाइक की कीमत अधिक है तो उस ब्याज की दर भी अधिक ही होगी।
टू-व्हीलर लोन में, ब्याज दर बाइक के मॉडल पर भी निर्भर करती है। आपके लोन की ब्याज दर निर्धारित करते समय, लोनदाता बाइक के पुनर्विक्रय मूल्य का मूल्यांकन करता है। पुनर्विक्रय मूल्य जितना अधिक होगा, लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है लोन की ब्याज दर उतनी ही कम होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डिफॉल्ट की स्थिति में, उच्च पुनर्विक्रय मूल्य लोनदाता को बाइक की नीलामी करके संपूर्ण बकाया राशि की वसूली करने की अनुमति देता है।
लोन-से-आय अनुपात मासिक आय को दर्शाता है, जो आपके कुल मासिक खर्चों को चुकाने के बाद आपके पास बचता है। अधिकांश वित्तीय संस्थान 50% से कम डीटीआई वाले उधारकर्ताओं को पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मासिक आय का उपयोग केवल लोन चुकौती के लिए ही नही बल्कि बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी किया जाता है। यदि आप अपनी आय का आधे से अधिक हिस्सा लोन चुकौती के लिए समर्पित कर रहे हैं, तो आपको संभंव है कि आपकी ईएमआई में चुक हो सकती है। इसलिए, डीटीआई जितना अधिक होगा, आपके बाइक लोन की ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी।
आपकी बाइक लोन की अवधि भी लोन की ब्याज दर निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आपके लोन की अवधि जितनी कम होगी, आप उतनी ही तेज़ी से अपने कर्ज का भुगतान कर पाएंगे। इसका तात्पर्य यह है कि जो उधारकर्ता छोटी अवधि के लिए बाइक लोन का विकल्प चुन रहा है, वह कम ब्याज वाला लोन प्राप्त करने में सक्षम हो सकता है। हालांकि, याद रखें, कि छोटी अवधि आप पर वित्तीय बोझ को बढ़ा सकती है। इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले अपने बजट का ठीक से विश्लेषण कर लें।
दस्तावेज़ आपकी प्रोफ़ाइल को उधार देने के जोखिम का मूल्यांकन करने में संस्थान की सहायता करते हैं।इसलिए आवेदन करने से पहले बाइक लोन की स्वीकृति के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची की बनाएं। यदि आपके पास अपना आवेदन जमा करते समय सभी उपयुक्त दस्तावेज हैं, तो संस्थान आपको कम ब्याज दर पर बाइक लोन प्रदान करता है।
भले ही वित्तीय संस्थान आपकी बाइक पर 90-95% लोन प्रदान करता है, लेकिन उच्च डाउनपेमेंट देने से आप कम ब्याज पर बाइक लोन लेने के लिए पात्र हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि डाउनपेमेंट जितना अधिक होगा, डिफ़ॉल्ट जोखिम उतना ही कम होगा।
IFSC में सोना की कीमत से जुड़े जोखिम से बचाव कर सकेंगी निवासी इकाइयांः आरबीआई
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में स्थित निवासी इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सोना की कीमतों से जुड़े जोखिम से बचाव की मंजूरी दे दी है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए इस फैसले की जानकारी दी। अभी तक भारत में मौजूद निवासी इकाइयों को विदेशी बाजारों में सोने में निवेश को लेकर कीमत जोखिम से बचाव की अनुमति नहीं मिली हुई थी।
दास ने कहा, "इन इकाइयों को सोने में निवेश को लेकर कीमत जोखिम से प्रभावी तरीके से बचाव के लिए अधिक लचीलापन देने के लिए यह तय किया गया है कि निवासी इकाइयों को आईएफएससी में मान्यता-प्राप्त एक्सचेंजों पर अपना स्वर्ण कीमत जोखिम से बचाव की मंजूरी हो।" उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तृत निर्देश आरबीआई की तरफ से अलग से जारी किए जाएंगे। अहमदाबाद से सटे गिफ्ट सिटी में गठित आईएफएससी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के तौर पर काम करता है। इस बीच आरबीआई ने सांविधक तरलता अनुपात (एसएलआर) के अंतर्गत एचटीएम (हेल्ड टू मैच्योरिटी) श्रेणी की परिपक्वता अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 तक करने का फैसला भी किया है।
दास ने कहा कि 23 प्रतिशत की बढ़ी हुई एचटीएम सीमा में एक सितंबर, 2020 से लेकर 31 मार्च, 2024 तक प्रतिभूतियां लेने की अनुमति बैंकों को होगी। एचटीएम निवेश पोर्टफोलियो की श्रेणी है। इस श्रेणी की प्रतिभूतियों को बैंक उसकी परिपक्वता अवधि तक रखते हैं। आरबीआई ने पहले एचटीएम की सीमा को 19.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत करने का फैसला किया था जिसके लिए मार्च, 2023 तक की अवधि तय की गई थी। उन्होंने कहा कि जून 2024 की तिमाही से इस सीमा को चरणबद्ध ढंग से कम करते हुए फिर से 19.5 प्रतिशत पर लाया जाएगा।
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Gold Silver Price: सोना 2600 और चांदी 6300 रुपये महंगी, आज कहां पहुंच गया रेट; चेक करें आज का बाजार
Zee News हिन्दी 6 दिन पहले Zee News हिन्दी
Gold-Silver Price: गुरुवार (1 दिसंबर) सुबह सर्राफा बाजार में सोने का भाव 320 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ 53120 रुपये पर पहुंच गया. इस पर 3 प्रतिशत जीएसटी अलग से देनी होगी. वहीं, चांदी भी 1783 रुपये प्रति किलो की जबरदस्त तेजी के साथ 63683 रुपये पर पहुंच गई.
Gold-Silver Price Today: करीब सवा महीने पहले दिवाली और धनतेरस के मौके पर सोने-चांदी की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी. जानकारों की तरफ से उसी उम्मीद जताई गई थी कि आने वाले शादियों के सीजन में दोनों कीमती धातुओं के रेट फिर से रिकॉर्ड स्तर पर जा सकते हैं. जानकारों का अंदाजा सही साबित हुआ और सोने में करीब 5 प्रतिशत और चांदी में करीब 10 प्रतिशत का उछाल आया है. आने वाले महीनों में सोने के रेट और ऊपर जाने की संभावना है. जानकारों की तरफ से इसका स्पष्ट कारण भी बताया गया है.
एक महीने में चांदी में 10 प्रतिशत की तेजी
पिछले एक महीने के दौरान सोने की कीमत में 2640 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की तेजी आई है. इसी तरह चांदी में 6333 रुपये प्रति किलो की जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. इंडिया बुलियंस एसोसिएशन (https://ibjarates.com) के अनुसार 31 अक्टूबर 2022 को गोल्ड 50480 रुपये प्रति 10 ग्राम था. वहीं, 1 दिसंबर 2022 को सुबह में सोने का रेट बढ़कर 53120 रुपये पर पहुंच गया है. इसी तरह 31 अक्टूबर 2022 को चांदी का रेट 57350 रुपये प्रति किलोग्राम था. लेकिन 1 दिसंबर 2022 को बढ़कर यह 63683 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. इस तरह चांदी में 6333 रुपये की तेजी देखी गई.
सोने-चांदी का आज का भाव
गुरुवार (1 दिसंबर) सुबह सर्राफा बाजार में सोने का भाव 320 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ 53120 रुपये पर पहुंच गया. इस पर 3 प्रतिशत जीएसटी अलग से देनी होगी. वहीं, चांदी भी 1783 रुपये प्रति किलो की जबरदस्त तेजी के साथ 63683 रुपये पर पहुंच गई. मल्टी- कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) बाजार पर गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे गोल्ड फ्यूचर का रेट 439 रुपये चढ़कर 53370 रुपये पर पहुंच गया. इसी तरह चांदी 1109 रुपये की तेजी के साथ 64570 रुपये प्रति किलो के स्तर पर देखी गई.
क्यों ऊपर जाएगा सोना-चांदी?
देश में शादियों का सीजन चल रहा है. पिछले दो साल कोविड-19 महामारी के कारण शादियां हर साल के मुकाबले कम हुई. एक रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक देश में 32 लाख शादियां होनी हैं. इससे बाजार में बिक्री बढ़ेगी और इसका सीधा असर दाम पर पड़ेगा. ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलर्स डोमेस्टिक काउंसिल के वाइस प्रेसीडेंट सैयम मेहरा से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा शादी का 15 से 20 प्रतिशत बजट गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर खर्च होता है. ऐसे में इसमें 10 से 12 प्रतिशत का उछाल बड़ी बात नहीं है.
Weight Loss Diet: किसी भी उम्र में आसानी से कम कर सकते हैं वजन ,जानें क्या है 80/20 फार्मूला
मोटापा खराब जीवन शैली विकल्पों के अलावा कई चिकित्सीय स्थितियों और हार्मोनल असंतुलन का परिणाम हो सकता है। महिलाओं में मोटापे के अधिकांश कारण हार्मोनल होते हैं। इसलिए डिलीवरी या मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। और अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह बढ़ता ही जाता है।
ऐसा ही कुछ डेबी रोज के साथ भी हुआ, जिन्होंने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद अपना वजन दोगुना कर लिया। इसके बाद उन्होंने अपने वजन को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 70 साल की उम्र में दो साल की कड़ी मेहनत के बाद 50 किलो वजन कम किया। डेबी रोज अपने वजन घटाने का श्रेय 80/20 आहार नियम को देती हैं।
एक टीवी साक्षात्कार में, डेबी ने खुलासा किया कि इस आहार ने न केवल मोटापा कम किया बल्कि शरीर के विभिन्न पहलुओं में भी सुधार किया, जिसमें नींद के पैटर्न, मल त्याग, रक्तचाप और उच्च ऊर्जा के स्तर पर नियंत्रण शामिल है। आइए जानें कि वजन घटाने का गोल्डन रूल क्या है 80/20 डाइट।
80/20 आहार नियम क्या है
80/20 आहार को कार्यदिवस आहार के रूप में भी जाना जाता है। वजन कम करने या स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए, यह नियम 80 प्रतिशत स्वस्थ भोजन और 20 प्रतिशत अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देता है। इस आहार का प्रभाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है। इस आहार को आप निम्न अनुपात में तैयार कर सकते हैं।
80% प्लेट- सब्जियों से मिलकर
अपनी थाली में पत्तेदार साग और मौसमी सब्जियां जैसे गाजर, मटर, मशरूम, ब्रोकली आदि शामिल करें। स्वाद बदलने के लिए आप इसे स्टीम, फ्राई या ग्रिल कर सकते हैं। बस अतिरिक्त कैलोरी और तेल और सॉस की नमक सामग्री से अवगत रहें।
थाली में 80% - साबुत अनाज शामिल करें
साबुत अनाज आपको कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन, खनिज और प्रोटीन प्रदान करते हैं। साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, पूरी गेहूं की ब्रेड और पास्ता, ओट्स, क्विनोआ सबसे अच्छे विकल्प हैं।
80% थाली में शामिल करें - डेयरी उत्पाद
डेयरी उत्पादों को मोटापे से जुड़ा माना जाता है। लेकिन यह गलत अवधारणा है। इस आहार और कुछ अध्ययनों के अनुसार, डेयरी उत्पादों का मध्यम मात्रा में सेवन वजन घटाने में सहायक होता है। ऐसे में फैट फ्री दूध, दही, सोया और अखरोट के दूध का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
प्लेट का 80% - प्रोटीन बनाएं
मांसपेशियों का निर्माण करने और आपको लंबे समय तक भरा रखने के लिए, अपने दैनिक आहार में प्रोटीन शामिल करना महत्वपूर्ण है। इसलिए अपने आहार में लीन मीट जैसे चिकन और मछली, कम वसा वाली डेयरी, बीन्स और दालें और सोया शामिल करें।
थाली में 20% शामिल करें - आपका पसंदीदा भोजन
इस आहार के अनुसार, आप सप्ताह के अधिकांश समय में स्वस्थ आहार के साथ अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं। आप दोपहर के भोजन के लिए प्याज के छल्ले, रात के खाने के लिए एक गिलास वाइन या मिठाई या आइसक्रीम ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इसका ज्यादा इस्तेमाल आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है।
क्या 80/20 आहार नियम से वजन घटता है
80-20 आहार नियम आपके आहार में सही मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करने का एक तरीका है। यदि आप इसका उपयोग अपने मोटापे को कम करने के लिए करते हैं, तो आप वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके अपना वजन कम कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप जितनी कैलोरी ले रहे हैं उससे ज्यादा कैलोरी बर्न कर रहे हैं।
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