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सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान-सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस) के तहत, आपको क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है मेच्योरिटी पर मूलधन और ब्याज मिलता है. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान- मासिक मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. मंथली मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस) के तहत, आपको हर महीने ब्याज का भुगतान मिलेगा और मूलधन का भुगतान मेच्योरिटी पर किया जाएगा. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
आपका पैन या स्थायी खाता संख्या केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की देखरेख में भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 139A के तहत जारी एक 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक पहचान संख्या है। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय पैन कार्ड रखना महत्वपूर्ण है। हालांकि यह एक पहचान उपकरण के रूप में कार्य करता है, लेकिन यह भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है। पैन आवेदकों को अन्य सभी सरकारी प्रमाण-पत्रों की तरह ही पहचान दस्तावेजों का एक विशिष्ट सेट प्रस्तुत करना होगा। पैन आवेदन ऑफलाइन या ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं। उसी के लिए, दो अलग-अलग प्रकार के आवेदन पत्र प्रदान किए क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है जाते हैं। एक फॉर्म 49ए है, जबकि दूसरा विदेशियों के लिए फॉर्म 49एए है। आवेदन जमा करने वाली संस्थाओं के अनुसार, विभिन्न प्रकार के पैन आवेदनों के लिए विभिन्न प्रकार के सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। आइए दस्तावेजों के विभिन्न सेटों की जांच करें जिनकी अलग-अलग संस्थाओं को पैन प्राप्त करने के लिए आवश्यकता होती है।
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भारतीय एनआरआई को भारत में आने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है या नहीं, जानें यहां
भारत में हर देश को लेकर अलग-अलग नियम, इन्हीं पर मिलता है वीजा
Update: Thursday, March 3, 2022 @ 3:57 PM
क्या आप भारत (India) के वीजा नियमों के बारे में जानते हैं कि आखिर भारत में कैसे वीजा दिया जाता है। जिस तरह आप विदेश जाते हैं तो आपको वीजा की आवश्यकता होती है, वैसे ही कोई भारत आता है तो उसे वीजा (Visa) की आवश्कयकता होती है। भारत में भी हर देश को लेकर अलग-अलग नियम (Rules) हैं और उन नियमों के आधार पर लोगों को वीजा दिया जाता है। इसमें भी भारत की ओर से कई देशों के लिए ऑन अराइवल वीजा की व्यवस्था है, जिससे विदेश लोग भारत में आकर वीजा ले सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जो लोग भारत के हैं और कई सालों से विदेश (Foreign) में रह रहे हैं, उनके लिए भारतीय वीजा के क्या नियम है, नहीं पता तो यहां जानें
यह भी पढ़ें:पासपोर्ट धारकों के लिए बड़ी खबर, बिना वीजा के कर सकते हैं 60 देशों की यात्रा
एनआरआई के लिए यह है नियम
अगर मान लीजिए कोई भारत का नागरिक और विदेश में रह रहा है तो उसके लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। अगर कोई इंडियन पासपोर्ट (Indian passport) के साथ विदेश में रह रहा है तो उसे भारत आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है। अगर कोई भारतीय नागरिक किसी दूसरे देश का नागरिक बन जाता है तो उसके लिए अलग नियम है। अगर उसके पास इंडियन पासपोर्ट नहीं है तो उसके लिए उन्हें ओसीआई कार्ड (OCI Card) की आवश्यकता होती है। अगर ओसीआई कार्ड नहीं है तो उन्हें विदेशी नागरिक की तरह वीजा के लिए अप्लाई करना होता है।
अगर ओसीआई कार्ड है तो क्या होगा
अगर किसी भारतीय मूल के व्यक्ति ने दूसरे देश की नागरिकता अपना ली है और उसके पास ओसीआई कार्ड है तो उन्हें वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। वे ओसीआई कार्ड बनवाने के बाद कभी भी भारत आ सकते हैं। इस ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (Overseas Citizenship of India) कहा जाता है। यह सिर्फ विदेश में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को दिया जाता है। यह एक तरह से दोहरी नागरिकता नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ हद तक इसका फायदा वैसे ही मिलता है।
PFRDA ने NPS क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है में प्रवेश की उम्र बढ़ाकर की 70 साल
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority – PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के लिए प्रवेश आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी है। पहले एनपीएस में निवेश करने की पात्र आयु 18-65 वर्ष थी जिसे अब संशोधित कर 18-70 वर्ष कर दिया गया है। संशोधित मानदंडों के अनुसार, 65-70 वर्ष की आयु के बीच कोई भी भारतीय नागरिक, निवासी या अनिवासी और भारत का प्रवासी नागरिक (ओसीआई) एनपीएस में शामिल हो सकता है और 75 वर्ष की आयु तक अपने एनपीएस खाते को जारी या स्थगित कर सकता है।
यदि कोई व्यक्ति 65 वर्ष के बाद एनपीएस में शामिल होता है, तो सामान्य निकास 3 वर्ष के बाद होगा। 3 साल से पहले बाहर निकलने को समयपूर्व निकास माना जाएगा। एनपीएस के 65 साल बाद खुले होने की स्थिति में इक्विटी में निवेश की जा सकने वाली राशि की भी एक सीमा है। ऑटो और एक्टिव चॉइस के तहत अधिकतम इक्विटी एक्सपोजर क्रमशः 15% और 50% है।
पिता पाकिस्तानी, मां हिंदुस्तानी, आतिश तासीर की ‘नागरिकता’ खत्म
विपक्ष के नेताओं ने किया आतिश का समर्थन, पीएम मोदी पर हमला
वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
भारत सरकार की तरफ से लेखक और पत्रकार आतिश अली तासीर का ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड रद्द कर दिया गया है. उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है. जिसके बाद अब विवाद पैदा हो चुका है. बता क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है दें कि आतिश वही पत्रकार हैं, जिन्होंने अमेरिकन न्यूज मैगजीन टाइम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक हेडलाइन दी थी. जिसमें पीएम मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ बताया गया था.
आतिश के ओसीआई कार्ड रद्द किए जाने पर गृह मंत्रालय की तरफ से भी जवाब आया है. गृह मंत्रालय ने बताया है कि पत्रकार आतिश अली तासीर ने सरकार से ये जानकारी छिपाई थी कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के थे. बताया गया कि भारत सरकार किसी ऐसे व्यक्ति को ओसीआई कार्ड जारी नहीं करता है जिसके माता-पिता पाकिस्तानी हों.
आतिश पीएम मोदी को लेकर एक सेंसेशनल आर्टिकल लिखने के बाद चर्चा में आए थे. इस आर्टिकल की हेडलाइन पर काफी विवाद हुआ था. जिसमें पीएम मोदी को महाविभाजनकारी बताया था. अब उनके ओसीआई कार्ड रद्द किए जाने और आर्टिकल को जोड़कर देखा जा रहा है.
इस मामले को पीएम मोदी पर लिखे आर्टिकल के साथ जोड़े जाने पर गृह मंत्रालय की तरफ से सफाई दी गई है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी सभी खबरें सरासर गलत हैं और तथ्य विहीन हैं.
जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त
पहले कहा जा रहा था कि आतिश तासीर को गृह मंत्रालय की तरफ से जवाब देने के लिए 21 क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है दिन का समय दिया गया है. लेकिन बाद में खुद आतिश ने ट्विटर पर बताया कि उन्हें सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया गया है. उन्होंने ट्वीट किया,
"यह झूठ है, यह मेरे जवाब देने को लेकर काउंसिल जनरल का रिप्लाई है. मुझे जवाब देने के लिए 21 दिन नहीं बल्कि 24 घंटे दिए गए हैं. मैंने मंत्रालय की तरफ से इसके अलावा कुछ नहीं सुना है."
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