एक मजबूत विदेशी मुद्रा रिज़र्व की स्थिति होने विदेशीमुद्रातरलता के लाभ:
विदेशी मुद्रा भंडार | UPSC CURRENT AFFAIRS
o परिभाषा: विदेशी मुद्रा भंडार एक विदेशी मुद्रा में संपत्तियां हैं जो केंद्रीय बैंक द्वारा आरक्षित रखी जाती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा, बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हो सकती हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार रखने के पीछे उद्देश्य:
- मौद्रिकऔरविनिमयदरप्रबंधनकेलिएनीतियोंमेंसमर्थनऔरविश्वासबनाएरखना
- राष्ट्रीययासंघमुद्राकेसमर्थनमेंहस्तक्षेपकरनेकीक्षमताप्रदानकरताहै।
- संकटकेसमययाजबउधारलेनेकीपहुंचकमहोजातीहै, तो झटके को अवशोषित करने के लिए विदेशी मुद्रा तरलता को बनाए रखते हुए बाहरी भेद्यता को सीमित करता है।
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विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर: कारण और महत्त्व
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 4 सितंबर को जारी आँकड़ों के अनुसार, सप्ताह के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) का भंडार $ 3.883 बिलियन बढ़ कर $ 541.431 बिलियन के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। 5 जून, 2020 को समाप्त सप्ताह में विदेशीमुद्रातरलता पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $ 500 बिलियन को पार कर गया।
विदेशी मुद्रा (फोरेक्स) भंडार-
अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण-
- विदेशीमुद्राभंडारमेंवृद्धिकाप्रमुखकारण भारतीय स्टॉक बाज़ार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि है। विदेशी निवेशकों ने पिछले कई महीनों में कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल की है।
- मार्च महीने में ऋण और इक्विटी के प्रत्येक खण्डों में से 60000 करोड़ रूपए निकालने के पश्चात् इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्थामेंकायापलटकीउम्मीदसेविदेशीपोर्टफोलियोनिवेशकोंनेभारतीयबाज़ारोंमेंवापसीकी है।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के कारण तेल के आयात बिल में कमी आने से विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। इसी तरह विदेशीमुद्रातरलता विदेशीमुद्रातरलता विदेशी प्रेषण और विदेश यात्राएँ बहुत कम हो गई हैं। विदेशीमुद्रातरलता
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 20 सितंबर, 2019 को कॉर्पोरेट कर की दरों में कटौती की घोषणा के साथ ही फोरेक्स रिज़र्व में वृद्धि होना शुरू हो गया था।
- सोनेकीबढ़तीकीमतोंनेकेंद्रीयबैंककोसमग्रविदेशीमुद्राभंडारबढ़ानेमेंमददकी है।
महत्त्व-
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को देश के बाह्य और आंतरिक वित्तीय मुद्दों के प्रबंधन में बहुत आसानी होती है।
- यह आर्थिक मोर्चे पर किसी भी संकट की स्थिति में एक वर्ष के लिये देश के आयात बिल को कवर करने के लिये पर्याप्त है।
- बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार ने डॉलर विदेशीमुद्रातरलता के मुकाबले रूपए को मज़बूत करने में मदद की है। सकलघरेलूउत्पाद(GDP)केअनुपातमेंविदेशीमुद्राभंडारलगभग15प्रतिशतहै।
- यह सरकार को अपनी विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं और बाहरी ऋण दायित्त्वों को पूरा करने में मदद विदेशीमुद्रातरलता कर सकने के साथ ही राष्ट्रीय आपदाओं या आपात स्थितियों के लिये एक रिज़र्व बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
वित्त आयोग द्वारा राजकोषीय घाटे का दायरा निर्धारण के लिये सिफारिश
G.S. Paper-III (Economy)
वित्त आयोग के सलाहकार पैनल के कई सदस्यों ने COVID-19 महामारी के कारण वैश्विक अनिश्चितताओं में वृद्धि को देखते हुए केंद्र और राज्यों के राजकोषीय घाटे का एक सीधा लक्ष्य रखने के बजाय एक सीमा (Range) निर्धारण पर विचार करने का सुझाव दिया है।
विदेशीमुद्रातरलता
रूस को पछाड़कर भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फोरेक्स रिज़र्व बन गया
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा (फोरेक्स) रूस को पछाड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिज़र्व बन गया है। भारत की विदेशी मुद्रा की हिस्सेदारी $ 4.3 बिलियन गिरकर $ 580.3 बिलियन हो गई और रूस की फॉरेक्स होल्डिंग्स $ 580.1 बिलियन थी। मार्च 2021 तक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तालिका विदेशीमुद्रातरलता में चीन का सबसे बड़ा भंडार है, इसके बाद जापान, स्विट्जरलैंड, भारत और रूस हैं।
- विदेशी मुद्रा रिज़र्व विदेशी मुद्रा में एक केंद्रीय बैंक (RBI) द्वारा आरक्षित संपत्ति है, जिसमें विदेशी मुद्रा, बांड, ट्रेजरी बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हो सकती हैं।
- अधिकांश विदेशी मुद्रा रिज़र्व US डॉलर में आयोजित किए जाते हैं, क्योंकि यह दुनिया में सबसे विदेशीमुद्रातरलता अधिक कारोबार वाली मुद्रा है।
विदेशी मुद्रा भंडार | वर्तमान में भारत का विदेशी कोष भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार का उद्देश्य केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में आरक्षित संपत्ति से होता है। जिसमें बांड (Bonds), ट्रेजरी बिल व अन्य सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होती हैं। अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार अमेरिकी डॉलर में आरक्षित किए जाते हैं। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित संपत्तियों को शामिल किया जाता है।
- स्वर्ण,
- विशेष आहरण अधिकार (SDR),
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास रिजर्व ट्रेंच,
- विदेशी मुद्रा परिसम्पत्तियां
विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख उद्देश्य :
- मौद्रिक और विनिमय दर प्रबंधन हेतु निर्मित नीतियों के प्रति समर्थन व विश्वास बनाए रखना।
- संकट के समय या जब उधार लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो संकट के समाधान के लिए विदेशी मुद्रा तरलता को बनाए रखते हुए भारी प्रभाव को सीमित करता है।
- यह राष्ट्रीय या संघ मुद्रा के समर्थन में हस्तक्षेप करने की क्षमता प्रदान करता है।
विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में हो रही बढ़ोतरी भारत के बाहरी और आंतरिक वित्तीय मुद्दों के प्रबंधन में सरकार तथा रिजर्व बैंक को बेहतर स्थिति प्रदान करती है। यह आर्थिक मोर्चे पर भुगतान संतुलन संकट की स्थिति से निपटने में मदद विदेशीमुद्रातरलता करता है। बढ़ते भंडार ने डॉलर के मुकाबले रुपए को विदेशीमुद्रातरलता मजबूत करने में मदद की है। विदेशी मुद्रा भंडार बाजार में भंडार बाजारों और निवेशकों को विश्वास का एक स्तर प्रदान करता है, जिससे एक देश अपने बाहरी दायित्वों को पूरा कर सकता है।
Today 12 December 2022 Daily Current Affairs For All Competition Exams
दैनिक समसामयिकी (Current Affairs) के मुद्दों की महत्त्वपूर्ण जानकारी आज के इस लेख द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी है और हम रोज आपको ऐसे ही gk today current affairs in hindi मैं रोज provide करवाएंगे,और आप Current Affairs In Hindi PDF प्राप्त कर सकतें हो।
1. ऑक्सफैम इंडिया द्वारा जारी की गई ‘इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022:विदेशीमुद्रातरलता
• डिजिटल डिवाइड’एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया द्वारा जारी ‘इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022: डिजिटल डिवाइड’ के अनुसार, भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 फीसदी कम है और पुरुषों की तुलना में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की संभावना 33 फीसदी कम है।
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2. टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ इ ईयर’ 2022 चुने गए
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