उल्लेखनीय है कि बीते विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है 29 मई को समाप्त हुए सप्ताह में कुल रिजर्व का सबसे अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा 3.50 अरब डॉलर बढ़कर 455.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.
विदेशी पूंजी की रुखसती रुकेगी!
इसके अलावा इन प्रमोटरों को विदेशी मुद्रा की उधारी के ऐसे भाग के इस्तेमाल की भी मंजूरी मिल सकती है, जो इन्होंने पहले प्रयोग नही किया है। अगर बॉन्ड परिपक्व हो जाता है, तो ऋण प्रतिदान के दबाव को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल फिर से किया जा सकेगा।
मौजूदा निर्देशों के तहत 40 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा ऋण के पुनर्भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से आदेश लेना होता है। लेकिन किसी बॉन्ड को फिर से खरीदने की अनुमति नहीं है। विदेशी मुद्रा उधारी के बिना इस्तेमाल हुए भाग का फिर से उपयोग पुनर्भुगतान या ऋण आपत्ति के आधार पर भुगतान की अनुमति मौजूदा दिशा-निर्देश में शामिल नहीं है।
इस कदम को उठाने से पहले सरकार रिजर्व बैंक से मशविरा कर रही है। अगर ऐसा हो जाता है, तो विदेशी मुद्रा के बाह्य प्रवाह को कम किया जा सकता है। पहले भी ऋण के इस्तेमाल नहीं हुए भाग के उपयोग का मामला उठा था।
Forex Reserves: कम हुआ देश का खजाना, जानें कितना है गोल्ड रिजर्व
- पीटीआई
- Last Updated : December 03, 2021, 21:13 IST
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में कमी आई है. 26 नवंबर, 2021 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.713 अरब डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
19 नवंबर, 2021 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 28.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 640.401 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 12 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 76.3 करोड़ डॉलर घटकर 640.11 अरब डॉलर रह गया था. 5 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.14 अरब डॉलर घटकर 640.87 अरब डॉलर पर आ गया विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है था.
विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है
विदेशी मुद्रा भंडार 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 621.46 अरब डॉलर पर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अगस्त, 2021 को समाप्त हफ्ते में 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 621.464 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर को छू गया।
नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते भी रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अगस्त, 2021 को समाप्त हफ्ते में 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 621.464 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर को छू गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है आरबीआई ने शुक्रवार देर शाम जारी अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी।
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नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या भी तेज गति से बढ़ रही है. ये देखकर गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को समाप्त कर दिया है और उसके स्थान पर अनलॉक करने की व्यवस्था विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है की है. इसका मतलब ये है कि चरणबद्ध तरीके से लोग लॉकडाउन से बाहर आ रहे हैं विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है और सभी व्यवस्थाएं धीरे धीरे विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है सामान्य रूप से चलने लगी हैं. अनलॉक की वजह से कारोबार भी शुरू हो रहा है और बड़े बड़े उद्योगों के नुकसान में कमी आनी शुरू हुई है. बड़ी खबर ये है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है.
देश के विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है विदेशी भंडार में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
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