मुद्रा बैंकः लघु उद्यमों का वित्तपोषण
- मुद्रा बैंक का उद्देश्य छोटे उद्यमों को आसान दरों पर 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाना तथा सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं पर नियंत्रण एवं उनका विकास है , जिससे अंतत: देश की उत्पादकता में वृद्धि होगी और रोजगार के अधिक अवसरों का सृजन होगा।
- वित्त वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 20,000 करोड़ रुपये की राशि तथा 3,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी राशि के साथ एक सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्त एजेंसी (मुद्रा) बैंक ( The Micro Units Development and Refinance Agency, known as the MUDRA Bank) के सृजन का प्रस्ताव रखा था।
- मुद्रा बैंक की स्थापना वैधानिक संस्था के तौर पर हुई है। मुद्रा बैंक को संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया जाना है पर इस संबंध में कानून बनने तक इसे भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की इकाई के रूप में चलाया जाएगा। यह एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ( NBFC) के तौर पर काम करेगी।
-> आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास के तहत युवाओं , शिक्षितों या कुशल श्रमिकों और महिला उद्यमियों समेत सभी छोटे उद्यमियों को दस लाख रुपये तक का कर्ज प्रदान करना। 2013 के एनएसएसओ सर्वे के अनुसार , 5.77 करोड़ लघु व्यवसाय इकाइयां हैं जो विनिर्माण , व्यापार या सेवा गतिविधियों का संचालन करती हैं और लगभग 12 करोङ लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। इन इकाइयों की सबसे बड़ी बाधा वित्तीय सहयोग की कमी है। इन लघु इकाइयों को संस्थागत वित्त की सुविधाएं मुहैया कराने से न केवल इन उद्यमियों का जीवन स्तर छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना बेहतर होगा , बल्कि जीडीपी में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार का सृजन भी होगा।
-> प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आसानी से ऋण मुहैया कराने के लिए जिन मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है , वे हैं- ट्रांसपोर्ट सेवा , सामुदायिक , सामाजिक और वैयक्तिक सेवाएं , खाद्य उत्पाद और टेक्सटाइल उत्पाद तथा सूक्ष्म ऋण योजनाएं।
-> मुद्रा का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्म व्यवसायों एवं इकाइयों को ऋण देने के लिए पुनर्वित्तीयकरण है। इसके अन्तर्गत तीन ऋण योजनाओं ‘ शिशु ’, ‘ किशोर ’ और ‘ तरुण ’ की शुरुआत की गई है।
1. शिशु : 50,000 रुपये तक का ऋण शामिल
2. किशोर : 50,000 रुपये से ऊपर तथा 5 लाख रुपये तक का ऋण शामिल
3. तरुण : 5 लाख रुपये से ऊपर तथा 10 लाख रुपये तक का ऋण शामिल
-> विनिर्माण , व्यापार एवं सेवा गतिविधियों से जुड़े सूक्ष्म/ लघु व्यवसाय इकाइयों को ऋण प्रदान करने वाले सूक्ष्म वित्त संस्थानों ( MFI) के जरिये विकास एवं पुनर्वित्त के लिए मुद्रा जबावदेह होगा।
-> मुद्रा लघु/सूक्ष्म व्यवसाय उपक्रमों के स्थानीय वित्तदाताओं को वित्त मुहैया कराने के लिए राज्य/ क्षेत्रीय स्तर के समन्वयकों के साथ साझीदारी भी करेगा।
-> मुद्रा का गठन न केवल बैंक सुविधा विहिन लोगों को वित्त की सुविधाएं बढ़ाने में मददगार होगा बल्कि यह अनौपचारिक , सूक्ष्म/ लघु उद्यम क्षेत्र को स्थानीय वित्तदाताओं के वित्त की लागत को कम करने में भी सहायक साबित होगा। इसका उद्देश्य केवल ऋण के दृष्टिकोण से आगे बढ़कर देशभर में फैले इन उपक्रमों के लिए ऋण जमा समाधान तथा एक पूर्ण वित्तीय प्रणाली प्रस्तुत करना है।
-> मुद्रा बैंक की ब्याज दर वाणिज्यिक बैंक से कम होगी।
=> मुद्रा का कार्यक्षेत्र :-
✓ सूक्ष्म उपक्रम वित्तपोषण व्यवसायों के लिए नीतिगत दिशानिर्देश निर्धारित करना।
✓ एमएफआई इकाइयों का पंजीकरण।
✓ एमएफआई इकाइयों का प्रमाणन/ मूल्यांकन।
✓ कर्जधारिता से मुक्ति पाने के लिए जिम्मेदार वित्तपोषण प्रचलनों का निर्धारण तथा उचित ग्राहक सुरक्षा सिद्धांतों और वसूली की पद्धतियां सुनिश्चित करना।
✓ छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना सूक्ष्म उपक्रमों को ऋण देने वाले स्थानीय वित्तदाताओं को प्रशासित करने के लिए एक मानक नियम पत्रों के समूह का विकास।
✓ सभी के लिए सही प्रौद्योगिकी समाधानों को बढ़ावा देना।
✓ सूक्ष्म उपक्रमों को कर्ज देने वाले ऋणों/विभागों को गारंटी मुहैया करने के लिए एक ऋण गारंटी योजना का निर्माण एवं संचालन।
✓ क्षेत्र में विकास एवं प्रवर्तन गतिविधियों का समर्थन।
✓ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्म व्यवसायों को स्थानीय ऋण आपूर्ति की एक अच्छी संरचना का सृजन।
=> प्रस्तावित पेशकश:-
✓ ✓ वित्तीय साक्षरता को समर्थन
✓ ✓ जमीनी स्तर के संस्थानों को समर्थन एवं संवर्द्धन
✓ ✓ ‘ लघु व्यवसाय वित्त इकाइयों ’ के लिए संरचना का सृजन
✓ ✓ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ समन्वय
✓ ✓ राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ समन्वय
✓ ✓ ऋण ब्यूरो के साथ काम करना
✓ ✓ साख निर्धारण एजेंसियों के साथ काम करना
भविष्य के लिए इन पेशकशों की परिकल्पना की गई है:
- मुद्रा कार्ड
- पोर्टफोलियो ऋण गारंटी
- ऋण बढोत्तरी
किसका हित साधेगा मोदी सरकार का आम बजट
वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम और अपना पांचवा आम बजट पेश करने वाले हैं। ये 2019 में होने वाले चुनाव से पहले का अंतिम आम बजट है। लिहाजा ये कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के मद्देनज़र आम आदमी, खासकर गरीबों और किसानों, को राहत दी जाएगी और उन्हें केंद्र में रख कर नयी योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
साथ ही नोटबंदी की मार से त्रस्त हुए निम्न मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को राहत पहुँचाने की कोशिश की जा सकती है।
चुनावी वर्ष का बजट होने के नाते इस तरह की अपेक्षाएं लाजिमी हैं, हांलाकि लोक लुभावन बजट देना मोदी सरकार की मजबूरी कभी नहीं रही है। चुनाव जीतने के लिए उसके पास सफलतापूर्वक आजमाया गया नुस्खा तो है ही। यानी अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना, उन्हें देशद्रोही कहना, हिन्दू बनाम मुस्लिम का राग अलापना और अंत में प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर-मंदिर मत्था टेकना।
फिर भी लोकतंत्र में आम आदमी को यह सन्देश देना सरकारों के लिए लाजिमी हो जाता है कि वे गरीबों के कल्याण के लिए प्रयासरत हैं। इसी मजबूरी के चलते मोदी सरकार गरीबों और किसानों को कुछ राहत दे सकती है।
गुजरात चुनाव में ग्रामीण इलाकों में हुयी फजीहत के चलते किसानों और कृषि मजदूरों को आर्थिक फ़ायदा पहुँचाने वाली नयी ग्रामीण योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। साथ ही वर्तमान में चालू मनरेगा, ग्रामीण आवास योजना, सिंचाई योजनाए और फ़सल बीमा योजना जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों को आबंटित की जाने वाली राशि में इजाफ़ा किया जा सकता है।
चूंकि आगामी आम चुनाव में ग्रामीण भारत में व्याप्त असंतोष निर्णायक असर छोड़ सकता है इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि वित्त मंत्री के बजटीय भाषण का एक बड़ा हिस्सा कृषि अर्थव्यवस्था पर केंद्रित हो सकता है और कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने, उन्हें बाज़ार मुहैय्या कराने सम्बन्धी योजनाओं व उनके मद में बड़ी राशि के आवंटन की घोषणा भी हो सकती है। साथ ही फसल के न्यूनतम मूल्य में इजाफा और अनाज के रख-रखाव सम्बन्धी सुविधाओं के बढ़ोत्तरी को लेकर भी घोषणाएं हो सकती हैं।
देखना ये होगा कि क्या ये बजट जीएसटी की मार झेल रहे छोटे और मझोले व्यापारियों को राहत पहुँचाने के लिए कोई घोषणा करता है? उम्मीद तो कम लगती है क्योंकि मोदी सरकार पहले ही खुदरा में सौ फ़ीसदी विदेशी निवेश की घोषणा कर इन व्यापारियों के जले में नमक छिड़क चुकी है।
जीएसटी लागू होने के बाद अब अप्रत्यक्ष करों की दर में बढ़त-घटत का अनुमान लगाना व्यर्थ है। हाँ, आयात-निर्यात की स्थिति को देखते हुए कस्टम ड्यूटी के फेर बदल से इंकार नहीं किया जा सकता है। 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' की अवधारणा को फ़लीभूत करने के उद्देश्य से आयात होने वाली कुछ चीजों पर कस्टम ड्यूटी में राहत की संभावना देखी जा सकती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर वापस आने को देखते हुए कुछ वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दी जा सकती है।
जहां तक आय कर की सीमा में छूट की बात है तो इसकी उम्मीद कम ही नज़र आती है। पिछले चार वर्षों से मोदी सरकार मध्य वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरती रही है और इस बजट में भी ऐसा ही हो सकता है।
इसका कारण भी है। वित्तीय घाटे से परेशान मोदी सरकार नोटबंदी के अप्रत्यक्ष परिणाम स्वरुप बढे करदाता बेस को दुहने के लोभ से खुद को बचा नहीं सकती है। वहीं कॉरपोरेट के प्रति भक्त ये सरकार कॉरपोरेट कर की दर 30 फीसदी से घटा कर 25 फीसदी कर सकती है। हाँ, शेयर बाज़ार से होने वाली आमदनी को कर के दायरे में लाने की उम्मीद की जा सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी ढांचागत निवेश और निर्माण क्षेत्र में पूंजीगत निवेश की ताकि नौकरियों का सर्जन हो सके और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान का जा सके। बड़ी चुनौती वित्तीय घाटे को जीडीपी के 3.2 फीसद तक सीमित रखने की भी है, लेकिन साथ ही चुनौती सरकारी पूंजी निवेश को बढ़ाकर विकास दर को गति देने की भी है।
देखना है कि वित्त मंत्री अपने बजट में इन सभी चुनौतियों का सामना कर पाते हैं या नहीं?
PM’s reaction on Union General Budget 2015
हमारे देश के छोटे-छोटे व्यापारी – रेकड़ी चलाते होंगे, सब्जी बेचते छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना होंगे, कपड़े की फेरी करते होंगे – उनको धन प्राप्त करने के लिए – बैंक हाथ ऊपर कर देती है – उनको पैसा मिलता नहीं है। उनके लिए, धन-राशि सरलता से मिले, जितनी चाहिए उतनी मिले, उसके लिए “मुद्रा” की एक अलग योजना हमने प्रस्तुत की है, जो आने वाले दिनों में उनको काम आने वाली है।
इस बजट में, काले धन के संबंध में हमारी क्या सोच है, हमारा क्या commitment है, इसको पूरी तरह हमने देश के सामने रखा है। अब काले धन वालों की खैर नहीं है। सिवाए जेल, अब उनके नसीब में कुछ नहीं है। नया कानून हम ला रहे हैं, और आज बहुत विस्तार से कालेधन के खिलाफ हमने कड़ी कार्रवाई करने की एक रूपरेखा प्रस्तुत की है। साथ-साथ अब काला धन नया तैयार न हो। उसके लिए भी, बेनामी transaction का जो कारोबार चलता है, उसके खिलाफ भी कानून ला रहे हैं।
बजट निवेश बढ़ाने वाला भी होना चाहिए। हमारी आर्थिक क्षमताओं को मजबूत बनाने वाला होना चाहिए। इस बजट की सारी योजनाएं, निवेश को बढ़ावा देने वाली हैं, Infrastructure को आगे बढ़ाने वाली है और सामान्य मानव के सपनों को पूरा करने वाली है, और मैं कह सकता हूं, सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर जुटाने वाला, यह बजट है।
इस बजट में, सामान्य मानव के लिए इतनी सारी योजनाएं लगाई है। चाहे वो आकस्मिक बीमा की बात हो, जीवन बीमा की बात हो, पेंशन की बात हो, हमारे नौजवानों को पढ़ने के लिए कॉलेज में जो खर्च होता है, उसके लिए बैंक में easily loan की व्यवस्था हो। एक के बाद एक सुचारू रूप से व्यवस्थाएं विकसित की हैं।
और सबसे बड़ी बात, खासकर के मेरे किसान भाई-बहन, खासकर के मेरे गरीब भाई-बहन, जिनको अपने बुढ़ापे की चिंता है, हिंदुस्तान के हर गरीब से गरीब को भी, किसान को भी, खेत-मजदूर को भी, बुढ़ापे में जब काम करने की स्थिति न रहे, उसको पेंशन मिले, ऐसी योजना हमने रखी है। पहली बार इस देश में हर नागरिक, पेंशन के अंदर कोई न कोई लाभ लेगा। ऐसा एक बहुत बड़ा भगीरथ काम इस बजट के माध्यम से हम करने जा रहे हैं।
‘सबका साथ सबका विकास’ इस मंत्र को लेकर के आगे बढ़ रहे हैं।
मैं, मेरे मित्र और साथी, वित्त मंत्री श्रीमान अरूण जेटली जी को गरीबों के लिए, growth के लिए, विकास के लिए, रोजगार के लिए, सामान्य से सामान्य मानव को नये उमंग और उत्साह के साथ नई चीजें करने के लिए प्रेरित करने वाला बजट देने के लिए, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मुझे विश्वास है यह बजट आने वाले दिनों में हमें, और नई ऊंचाईयों पर ले जाने का एक अवसर प्रदान करेगा।
PM welcomes Union Budget; terms it positive and pragmatic
The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the Union Budget.
”Union Budget 2015 is a Budget with a clear vision. It is a Budget that is progressive, positive, practical, pragmatic and prudent.
Budget 2015 has a distinct focus on farmers, youth, poor, neo-middle class and the Aam Nagrik. It delivers on growth, equity and job creation.
Budget छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना is investment friendly and removes all doubts on tax issues. It assures investors that we have a stable, predictable and fair tax system.
From housing for all, jobs, health, education and total electrification, FM laid down goals to be achieved by 2022, India`s Amrut Mahotsav.
I congratulate FM for doing an excellent job in respecting aspirations of the States and at the same time delivering on National priorities.
Budget indicates our commitment to ensure that development of Eastern and North-Eastern parts of India gets an impetus and drives future growth.
Details of the Black Money law being introduced demonstrates our firm commitment to bring back every Rupee of Black Money stashed abroad.
Success of Jan Dhan Yojana is gladdening. Building on that, key schemes are announced that will comprehensively transform lives of the poor.
Suraksha Bima Yojana, Atal Pension Yojana, Jeevan Jyoti Bima Yojana, Vidya Lakshmi Karyakram mark a shift from Jan Dhan to Jan Kalyan.
Atal Innovation Mission and SETU underline our commitment to enable innovation, entrepreneurship and start-ups to grow and shine in India.
FM @arunjaitley must be congratulated for this pro-poor, pro-growth, pro-middle class, pro-youth and paradigm shifting Budget.
2015 Budget will further reignite our growth engine, signalling the dawn of a prosperous future.#SabkaBudget”, the Prime Minister said. (Source- PIB-Press Released Dated- 28.02.2015)
GST में बदलाव 27 वस्तुओं पर टैक्स की दरों में हुई कटौती
नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई 22वीं बैठक में आम उपयोग वाले 27 वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती का फैसला किया गया । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि परिषद ने जीएसटी दर में कटौती होने के बाद इन आइटम्स के दाम घटेंगे और जनता को थोड़ी राहत मिलेगी।
वहीँ उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी परिषद की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददातों से कहा कि जीएसटी को और सरल किया जा रहा है और अभी भी इसमें सुधार की गुंजाईश है । उन्होंने कहा परिषद जनता को होने वाली दिक्कतों से वाकिफ है और जनता और व्यापारियों के सुझावों पर चर्चा के बाद ही जनहितकारी निर्णय लिए जा रहे हैं इन्ही निर्णयों में आज जिन 27 वस्तुओं पर से जीएसटी दरों में कटौती की गयी उससे जनता को लाभ होगा।
इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी में जो बड़े खिलाड़ी है, उनसे सबसे ज्यादा कर आता है, जबकि छोटे और मझोले करदाताओं से मामूली टैक्स आता है। हमने यह अनुभव किया कि छोटे व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम है, लेकिन अनुपालन का दबाव ज्यादा है, लिहाजा उन्हें राहत देने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक नरमी के कारण परेशान निर्यातकों को जुलाई और अगस्त के दौरान किये गये कर भुगतान की वापसी 18 अक्तूबर तक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में वे छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना नाममात्र 0.1 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर छूट वाली श्रेणी में काम करेंगे। एक अप्रैल से निर्यातकों को नकदी उपलब्ध कराने के लिये ई-वॉलेट सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुल कर में 94 से 95 प्रतिशत का योगदान देने वाले बड़े करदाताओं को मासिक रिटर्न भरते रहना है और मासिक आधार पर ही कर का भुगतान करना होगा।
जीएसटी परिषद ने रेस्तरां के लिये जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के साथ एक राज्य से दूसरे राज्य में बिक्री करने वालों को कंपोजिशन योजना के दायरे में लाने के लिये विचार को लेकर मंत्री समूह का भी गठन किया है।
उन्होंने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये तिमाही कर रिटर्न भरने की व्यवस्था एक अक्तूबर से लागू होगी और उन्हें तीन महीने का मासिक रिटर्न एक साथ देना होगा।
छोटी इकाइयों और कारोबारियों की जीएसटी व्यवस्था में अनुपालन बोझ को लेकर शिकायत थी। परिषद ने उन करदाताओं को कपोजिशन स्कीम का विकल्प देने का फैसला किया है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रपये या उससे कम है। अब तक यह सीमा 20 लाख से 75 लाख रुपये तक थी। कुल 90 लाख पंजीकत इकाइयों में से अब तक 15 लाख ने कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है।
जीएसटी परिषद द्वारा जिन वस्तुओं पर दरों को घटाया गया उनमें …..
छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना
Search Result : "black money in swiss accounts"
नोटबंदी पर विरोधी दलों का रुख आश्चर्यजनक : अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पांच सौ और हजार के नोट बंद होने फैसले का विरोधी पार्टियों क्यों विरोध कर रही है। यह फैसला आतंकियों, नक्सलियों, काला.
जेटली का चिदंबरम पर निशाना, कहा राजनेता अब स्तंभकार हो गए हैं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कालेधन पर कोई कार्रवाई न करने वाले.
नए सुरक्षा फीचर्स के साथ लौटेगा एक हजार रुपए का नोट
मोदी सरकार ने वर्तमान के एक हजार रुपए के नोट को अवैध कर कालाधन को खतम करनेे की कोशिश की है। इसकी सराहना की जा रही है। इसी बीच सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी.
पीएम मोदी का बड़ा एलान, आज रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद
कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत केंद्र सरकार ने आज आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के.
काले धन को लेकर है सपा परिवार में लड़ाई : नसीमुद्दीन
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सपा में रार को पारिवारिक नाटक करार देते हुए कहा कि सपा परिवार के नेता काले धन को लेकर आपस में लड़ रहे.
झारखंड में केंद्रीय योजनाओं के पैसे का धर्मांतरण में हो रहा इस्तेमाल
फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत मिलने वाले विदेशी फंड का बड़ा हिस्सा झारखंड में धर्मांतरण कराने में उपयोग किया जा रहा है। पिछले तीन.
हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया मीट कारोबारी कुरैशी, पूछताछ के बाद छोड़ा
विवादों के लिए चर्चित दिल्ली के मांस निर्यातक मोइन कुरैशी को आज अधिकारियों ने थोड़े समय के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर.
आय घोषणा योजना का ऑडिट कर सकता है कैग, व्यक्तिगत घोषणाओं का नहीं
भारतीय नियंत्राण एवं महालेखा परीक्षक :कैग: हाल में समाप्त हुई कालाधन खुलासा योजना आय घोषणा योजना :आईडीएस: का ऑडिट कर सकता है, लेकिन वह योजना के तहत की गई.
काले धन के लिए छोटे व्यापारियों पर निशाना साध रही है मोदी सरकार: दिग्विजय
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार काला धन बाहर निकालने के नाम पर छोटे व्यापारियों और.
भाजपा शासित मप्र-छग में कालाधन घोषित करने वाले 193 फीसदी बढ़े
भाजपा शासित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आय घोषणा योजना आईडीएस के बाद कालाधन घोषित करने वालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों राज्यों में 20.
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