Updated Sun, 20 Nov 2022 11:54 PM IST
जीएसटी दरों में बदलाव से पहले व्यापारियों से सलाह करें जीएसटी काउन्सिल
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) ने जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह द्वारा दी गई सिफ़ारिशों को लागू करने से पहले व्यापारियों से सलाह मशवरा करने की मांग की है। कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह करते हुए पुरज़ोर शब्दों में कहा है कि बिना ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर से मुक्त रखा जाए और किसी भी सूरत में इसको 5% प्रतिशत के कर दायरे में न लाया जाए जिसकी सिफ़ारिश समिति ने की है । कैट ने यह भी कहा की टेक्सटाइल तथा फ़ुटवियर को 5% प्रतिशत के कर स्लैब में ही रखा जाए ।
कैट ने कहा है की रोटी , कपड़ा और मकान आम लोगों की ज़रूरतों की वस्तुएँ हैं और यदि इन पर टैक्स लगाया गया तो इसका सीधा भार व्यापारियों की सलाह व्यापारियों की सलाह देश के 130 करोड़ लोगों पर पड़ेगा जो पहले ही महंगाई की मार ख़ास रहे हैं । आम आदमी की आमदनी कम हो रही है जबकि खर्चा दिन प्रतिदिन बड़ता ही जा रहा है । बिना ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर से मुक्त रखा जाए और किसी भी सूरत में इसको 5% प्रतिशत के कर दायरे में न लाया जाए जिसकी सिफ़ारिश समिति ने की है ।
कैट ने यह भी कहा की टेक्सटाइल तथा फ़ुटवियर को 5% प्रतिशत के कर स्लैब में ही रखा जाए । कैट ने कहा है की रोटी , कपड़ा और मकान आम लोगों की ज़रूरतों की वस्तुएँ हैं और यदि इन पर टैक्स लगाया गया तो इसका सीधा भार देश के 130 करोड़ लोगों पर पड़ेगा जो पहले ही महंगाई की मार ख़ास रहे हैं । आम आदमी की आमदनी कम हो रही है जबकि खर्चा दिन प्रतिदिन बड़ता ही जा रहा है ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की जब प्रतिमाह जीएसटी राजस्व का आँकड़े में वृद्धि हो रही है ऐसे में किसी भी वस्तु कर अधिक जीएसटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है । उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह आवश्यक है की जीएसटी कर क़ानूनों एवं नियमों की नए सिरे से दोबारा समीक्षा हो और जहां क़ानून एवं नियमों में बदलाव हो वहीं कर दरो में विसंगतियों को समाप्त किया जाए । उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है की मंत्रियों के समूह ने अनेक वस्तुओं को जीएसटी में प्राप्त छूटों की समाप्त करने तथाअनेक वस्तुओं व्यापारियों की सलाह की कर की दरों में वृद्धि करने की सिफ़ारिश एकतरफ़ा हैं क्योंकि उन्होंने केवल राज्य सरकारों का पक्ष ही जाना है और व्यापारियों से इस मामले पर कोई चर्चा तक नहीं की गई है । कोई भी एकतरफ़ा निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस तथा पार्टीसीपेटरी गवर्नेस के विरुद्ध होगा ।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की ज़रूरत इस बात की है कि जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता को दूर किया जाए जबकि यदि समिति की सिफ़ारिशों को माना गया तो यह कर प्रणाली और अधिक जटिल हो जाएगी । उन्होंने कहा कि जो सिफ़ारिशें समिति ने की हैं उनके लागू करने से कर ढाँचा अधिक विकृत एवं असमान्य हो जाएगा जो जीएसटी कर प्रणाली के मुख्य उद्देश्य से भिन्न होगा । उन्होंने कहा कि जीएसटी की कर दरों में संशोधन के जीएसटी काउन्सिल के विचार से देश भर के व्यापारी सहमत हैं किंतु फिर एक साथ जीएसटी के सभी कर स्लैबो में एक साथ आमूल चूल परिवर्तन आवश्यक है ।
बड़ी मात्रा में अनेक वस्तुएँ ऐसी हैं जो उचित कर दर के स्लैब में नहीं है । कुछ ज़्यादा कर दरों में हैं तो कुछ वस्तुओं पर विभिन्न राज्यों में कर दर अलग अलग है जो जीएसटी के एक देश - एक कर के मूल सिद्धांत के विपरीत व्यापारियों की सलाह व्यापारियों की सलाह हैं । इस दृष्टि से यदि व्यापारियों से बात चीत कर कर दर तय की जाएँगी तो जहां कर का दायरा विकसित होगा वहीं केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में और अधिक वृद्धि होगी जिसको करने के लिए देश भर के व्यापारी व्यापारियों की सलाह संगठन केंद्र एवं राज्य सरकारों में साथ हाथ मिलाकर काम करने को तैयार हैं ।
दो-तीन दिन खुल रही दुकानें, व्यापारियों को सलाह, सप्ताहिक बंदी वाले दिन खोलें बाजार
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली में एक तरफ कोरेाना के मामले जहां बढ़ रहे हैं वहीं काम धंधे को लेकर व्यापारियों की चिंता भी बढऩे लगी है। सम-विषम और वीकेंड लॉकडाउन के बाद कई जगह दुकानें सिर्फ दो दिन ही खुल पा रही हैं जिससे इन व्यापारियों ने यह मांग शुरू कर दी है कि उन्हें कम से कम चार दिन दुकान खोलने की अनुमति दी जाए।
सोमवार को डीडीएमए की बैठक से पहले चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने पत्र लिखकर मांग कि है कि दिल्ली में अभी लॉकडाउन, ऑरेन्ज अलर्ट न लगे। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में जिस तरह कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उससे व्यापारियों को लॉकडाउन या ऑरेन्ज अलर्ट का डर सता रहा है। डीडीएमए की बैठक में सिर्फ संक्रमण के आधार पर फैसला नहीं होना चाहिए। ग्रेप की पाबंदियां डेल्टा की खतरनाक स्थिति तो देखते हुए बनी थी जबकि ओमिक्रॉन उतना खतरनाक नहीं है। अगर ऑरेन्ज अलर्ट लगा तो बाजारों, व्यापारियों की सलाह फैक्ट्रियों समेत 90 फीसदी चीजें बंद हो जाएंगी।
करोलबाग टैंक रोड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश अहूजा ने कहा कि बाजार को लेकर तार्किक रूख अपनाना होगा और ग्राहक, व्यापारी के हित को ध्यान में रखते हुए बाजार खोलने के नियम बनें। सीटीआई महासचिव रमेश आहूजा ने कहा कि दिल्ली में बड़े होलसेल बाजार रविवार को बंद होते हैं जबकि करोल बाग, कमला नगर, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, गांधी नगर जैसे बाजारों में सोमवार को सप्ताहिक बंदी होती है। इन बाजारों के व्यापारियों की शिकायत थी कि शनिवारए रविवार का वीकेंड कफ्र्यू लगने से उनके बाजार लगातार तीन दिन बंद हो रहे हैं इसलिए सीटीआई की ओर से इन्हें सलाह दी है कि वे सोमवार को वीकली ऑफ खत्म कर दें और जब तक ऑड ईवन और वीकेंड कफ्र्यू है तब तक सोमवार को भी खोलें।
व्यापारियों को दुकान में सीसीटीवी लगवाने का निर्देश
वाराणसी ब्यूरो
Updated Sun, 20 Nov 2022 11:54 PM IST
पुलिस लाइन सभागार में रविवार को नवागत पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों संग बैठक किया। उन्होंने व्यापारी बंधुओं से अपनी-अपनी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने और अन्य सुरक्षा के उपाय करने के लिए सलाह दी। साथ ही दुकानदारों से उनकी विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने व्यापारियों को सुरक्षा व शांति का एहसास कराया।
एसपी ने व्यापारी बंधुओं से सुरक्षा से संबंधित सुझाव भी लिए और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पुलिस को सूचना देने के लिए आग्रह किया। उन्हें यह आश्वासन दिया गया कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। व्यापारियों की सुरक्षा व शांति व्यवस्था का आश्वासन देते हुए उन्होंने संबंधित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर, ग्रामीण, सभी सर्किलों के सीओ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
पुलिस लाइन सभागार में रविवार को नवागत पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों संग बैठक किया। उन्होंने व्यापारी बंधुओं से अपनी-अपनी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने और अन्य सुरक्षा के उपाय करने के लिए सलाह दी। साथ ही दुकानदारों से उनकी विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने व्यापारियों को सुरक्षा व शांति का एहसास कराया।
एसपी ने व्यापारी बंधुओं से सुरक्षा से संबंधित सुझाव भी लिए और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पुलिस को सूचना देने के लिए आग्रह किया। उन्हें यह आश्वासन दिया गया कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। व्यापारियों की सुरक्षा व शांति व्यवस्था का आश्वासन देते हुए उन्होंने संबंधित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर, ग्रामीण, सभी सर्किलों के सीओ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने बाजार में घुमकर व्यापारियों को दी सुरक्षित दूरी रखने की सलाह
निवाड़ी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने शनिवार दोपहर में सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाने के निर्देश दिए है। बाजार में व्यापारियों को सख्त हिदायत दी कि अभी भी सतर्क हो जाएं और अपनी सुरक्षा और दूसरे की सुरक्षा करना आदत में डालें। दुकानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाकर मास्क लगाकर ही सामान का विक्रय करें। जो उपभोक्ता मास्क लगाकर नहीं आता है तो ग्राहक
निवाड़ी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने शनिवार दोपहर में सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाने के निर्देश दिए है। बाजार में व्यापारियों को सख्त हिदायत दी कि अभी भी सतर्क हो जाएं और अपनी सुरक्षा और दूसरे की सुरक्षा करना आदत में डालें। दुकानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाकर मास्क व्यापारियों की सलाह लगाकर ही सामान का विक्रय करें। जो उपभोक्ता मास्क लगाकर नहीं आता है तो ग्राहक को सामान विक्रय न करें। बार-बार अपने अपने हाथों को सैनिटाइज कर स्वच्छता का संदेश दे। वहीं कलेक्टर ने टैक्सी स्टैंड व पुरानी तहसील के मैदान में लगे चाट, फलों के ठेले संचालकों को जमकर फटकार लगाई। उन्हें निर्देशित किया कि ठेलों पर कोई भी खानपान नहीं कराया जाएगा सिर्फ खाद्य वस्तुएं पैक करके दी जाएंगे वहीं फल के ठेले वालों को मास्क गल्ब्स पहनकर ही सामान का विक्रय करें अन्यथा लॉकडाउन उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य बाजार में बालाजी ज्वेलर्स के शोरूम पर ग्राहकों की भीड़ देखकर शोरूम के अंदर कलेक्टर पहुंचे और उन्होंने संचालक को जमकर फटकार लगाई। संचालक ने कहा कि ग्राहकों से मास्क लगाने को बार.बार कहते हैं और नहीं लगाते हैं उन्होंने ग्राहकों बाहर किया दुकानदार को फटकार लगाते हुए शोरूम बंद करवाया
चीन की अपने व्यापारियों को सलाह- बिना समय गंवाए रूस-यूक्रेन युद्ध का उठाएं लाभ
इंटरनेशनल डेस्कः रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज 30वां दिन है। एक महीने पूरे होने के बाद भी इस युद्ध को रोकने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच चीन का एक अजीब बयान सामने आया है। चीनी राजदूत झांग हनहुई ने मास्को में चीनी व्यापारियों से मुलाकात के दौरान वर्तमान रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदे उठाने की सलाह दी है। वह इस सप्ताह के शुरू में अपने चीनी प्रतिनिधियों से मिले थे। रूसी कन्फ्यूशियस कल्चर प्रमोशन एसोसिएशन द्वारा 21 मार्च के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार राजदूत ने अपने व्यापार प्रमुखों को बिना समय बर्बाद किए इस मौके का लाभ उठाने का आग्रह किया है ।
रूस में चीन के राजदूत ने मास्को में चीनी व्यापारियों से यूक्रेन संकट का लाभ उठाने के लिए अपने उद्यमों का विस्तार करने का आह्वान किया है। दरअसल यूक्रेन हमले के मद्देनजर गंभीर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है और चीन इसी मौके का लाभ उठा कर अपने व्यापार को रूसी बाजार में विस्तार की सलाह दे रहा है। प्रतिनिधियों से मुलाकात दौरान चीनी राजदूत झांग हनहुई ने कहा कि “मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थिति जटिल है। बड़े उद्यमों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भुगतान और आपूर्ति श्रृंखला में रूकावट भी आ रही है ।
हालांकि सम्मेलन के सारांश में पश्चिमी प्रतिबंधों का कोई उल्लेख नहीं किया गया, फिर भी झांग ने कहा कि यह निजी, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के लिए रूस में व्यापार आगे बढ़ाने का सही समय है। राजदूत की टिप्पणी के बारे में एक सवाल के जवाब में, मास्को में बैठक का उल्लेख किए बिना चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दोनों पक्ष लंबे समय से "सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग" में हैं ।
दरअसल, यूक्रेन संकट को समाप्त करने के लिए पश्चिम देश रूस को वैश्विक आर्थिक और वित्तीय प्रणाली से अलग करने पर जोर दे रहे हैं । इसी के तहत मुख्य अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली स्विफ्ट से कई रूसी बैंकों को अलग कर दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन प्रतिबंधित रूसी अर्थव्यवस्था की सहायता करेगा। बता दें कि रूस और पश्चिमी देशों के मध्य संघर्ष के बीच एक तटस्थ रुख को चित्रित करने की मांग के बावजूद बीजिंग को व्यापक रूप से मास्को का समर्थन करने के रूप में देखा जाता है। जंग के बीच ही चीन कई बार रूस के साथ सामान्य रूप से व्यापार करने की की प्रतिबद्धता भी जाहिर कर चुका है।
मार्च की शुरुआत में रूसी बैंकों को क्रेडिट कार्ड सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा के बाद रूसी बैंकों ने वीज़ा और मास्टरकार्ड के विकल्प के व्यापारियों की सलाह रूप में चीन के सरकारी स्वामित्व वाले यूनियनपे पर जोर देना शुरू कर दिया । हालांकि रिसर्च फर्म गावेकल ड्रैगनोमिक्स के विश्लेषकों ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चीन रूस के बचाव में नहीं आएगा। वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के रिसर्च फेलो मार्टिन चोरज़ेम्पा ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, "चीन में अधिकांश बड़े संस्थान अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं।" मॉस्को में चीनी दूतावास और रूस कन्फ्यूशियस कल्चर प्रमोशन एसोसिएशन के अधिकारियों ने फिलहाल इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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