इंटरनेट का आविष्कार किसने किया हैं?

नमस्कार दोस्तो, इंटरनेट आज के समय एक आम व्यक्ति के जीवन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, आज की समय बिना इंटरनेट के 1 दिन की कल्पना करना भी बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। आप एक बार इसके बारे में सोच कर देखिए कि यदि 1 दिन दुनिया में इंटरनेट ना चले तो क्या होगा। यदि ऐसा होता है, तो पूरी दुनिया का सिस्टम ही खराब हो जाएगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि इंटरनेट का आविष्कार किसने किया था, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो तो आप इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह सभी जानकारी देने वाले हैं।

आज किस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि इंटरनेट का आविष्कार किसने किया था, इसके अलावा इंटरनेट का आविष्कार से जुड़ी हर जानकारी हम आपको इस पोस्ट के माध्यम क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया से शेयर करने वाले है।

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया

दोस्तों इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय अमेरिका की डिफेंस डिपार्टमेंट को बोल दिया जाता है, अनेक जगह पर यह कहा गया है कि इंटरनेट की शुरुआत अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के द्वारा ही की गई थी। इसके अलावा इंटरनेट की खोज या शुरुआत के पीछे जिन लोगों का हाथ था उनकी सूची में वैज्ञानिक Vinton cerf & Bob Kahn का नाम शामिल है।

Vinton cerf & Bob Kahn के क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया द्वारा ही दुनिया के अंतर्गत सबसे पहली बार इंटरनेट का आविष्कार किया गया था, और इसीलिए इन्हें इंटरनेट का खोजकर्ता भी कहा जाता है। Vinton cerf & Bob Kahn के द्वारा किया गया इसका इस दुनिया के लिए काफी बड़ा आविष्कार था, क्योंकि आज के समय आप इंटरनेट के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, इंटरनेट आज के समय प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक काफी अहम हिस्सा बन गया है। यदि आपको कोई कोई भी शॉपिंग करनी है, कोई भी सामान ऑर्डर करना है, कोई भी फ्लाइट बुक करनी है या फिर आप कुछ भी करना चाहते हैं, तो वह आप इंटरनेट के माध्यम से दुनिया के अंतर्गत किसी भी कोने से कर सकते हैं।

तो अंत में मैं यही कहना चाहता हूं कि Vinton cerf & Bob Kahn के द्वारा किए गए इस इंटरनेट के आविष्कार ने पूरी दुनिया के नक्शे को ही बदल कर रख दिया है। अगर इंटरनेट के बिना की दुनिया तथा इंटरनेट के साथ की दुनिया की कल्पना की जाए तो इन दोनों में बहुत ज्यादा अंतर होता है।

इंटरनेट से जुड़ी कुछ खास बातें

1. अगर आज के समय दुनिया के अंतर्गत मौजूदा इंटरनेट यूज़र की बात की जाए, तो एक रिपोर्ट के मुताबिक आज के समय दुनिया में 4 अरब से भी अधिक इंटरनेट यूजर मौजूद है।

2. अगर भारत के अंतर्गत इंटरनेट यूजर की बात की जाए तो आज के समय भारत में भी 56 करोड लोगों के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है, यानी कि भारत में भी 56 करोड इंटरनेट यूजर है।

तो इन आंकड़ों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में भी इंटरनेट को आज कितनी ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, तथा कितने लोगों द्वारा हमेशा यूज किया जाता है।

आज आपने क्या सीखा

तो आज के इस आर्टिकल के अंतर्गत आपने जाना की इंटरनेट का आविष्कार किसने किया, इंटरनेट के आविष्कार से जुड़े सभी जानकारी हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है, तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिला है। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई, तो इसे सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें। इसके अलावा इस विषय के बारे में आप अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।

WHAT IS CRYPTOCURRENCY | क्रिप्टोकरंसी क्या है?

Cryptocurrency or Crypto आमतौर पर एक डिजिटल money है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है इसे क्रिप्टोग्राफी (BLOCK CHAIN) द्वारा सुरक्षित किया जाता है, इसकी वजह से इसका नकल करना लगभग असंभव है। यह एक ऐसी मनी है जिसे बनाने और उपयोग करने के लिए किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण, जैसे सरकार या बैंक पर निर्भर नहीं है।

Cryptocurrency की शुरुआत कैसे हुई

cryptocurrency or crypto का आविष्कार 2008 में एक अज्ञात व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा किया गया था। मुद्रा का उपयोग 2009 में शुरू हुआ जब इसका कार्य ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर के रूप में किया गया था

cryptocurrency की खोज किसने की

आविष्कार का 2008 में एक अज्ञात व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा सतोशी नाकामोतो नाम का उपयोग करके किया गया था।

crypto शब्द का मतलब क्या होता है

crypto शब्द एक अपेक्षाकृत नया शब्द है, जो केवल 21 वीं सदी की शुरुआत में है। यह ग्रीक word ‘क्रिप्टोस’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘छिपा हुआ या गुप्त’

दुनिया का पहला cryptocurrency कौन है

Bitcoin दुनिया का पहला cryptocurrency है

DIGITAL CURRENCY क्या होता है?

डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसे का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग संपर्क रहित लेनदेन में किया जा सकता है

Cryptocurrency और Digital currency में क्या अंतर है

Digital currency अनिवार्य रूप से ई-कैश हैं जिन्हें एन्क्रिप्ट करने के लिए किसी विशेष स्वदेशी तरीकों की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी को एक ब्लॉकचेन पर संग्रहीत किया जाता है और सिक्के स्वयं ‘वॉलेट’ में संग्रहीत किए जाते हैं जो साइबर सुरक्षा की एक उच्च डिग्री प्रदान करते हैं।

Cryptocurrency or crypto कैसे बनाई जाती है

क्रिप्टोकरेंसी ‘खनन’ ( कोयला खनन की तरह मैनुअल द्वारा नहीं बल्कि शक्तिशाली हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर द्वारा कंप्यूटर द्वारा) बनाई जाती है, इसकी बेहतर समझ के लिए, हम बिटकॉइन का उल्लेख क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया कर सकते हैं, जो ‘खनन’ की प्रक्रिया द्वारा बनाया गया है। ‘माइनिंग’ प्रक्रिया में भारी मात्रा में शक्तिशाली कंप्यूटर हार्डवेयर और लचीला सॉफ्टवेयर शामिल है। खनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन सत्यापित किए जाते हैं और क्रिप्टोक्यूरेंसी की नई इकाइयाँ बनाई जाती हैं।

Monero मूल्य ( XMR )

लाइव Monero की कीमत आज $143.76 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $49,004,247 USD हम रियल टाइम में हमारे XMR से USD के भाव को अपडेट करते हैं। पिछले 24 घंटों में Monero,1.12% ऊपर है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #23, जिसका लाइव मार्केट कैप $2,618,617,556 USD है। 18,215,127 XMR सिक्कों की परिसंचारी आपूर्ति है और अधिकतम आपूर्ति उपलब्ध नहीं है।

Moneroमें ट्रेडिंग के लिए शीर्ष एक्सचेंज वर्तमान में Binance, OKX, CoinW, Bitrue, और । आप अन्य को हमारे पर सूचीबद्ध पा सकते हैं।

मोनेरो (XMR) क्या है?

मोनेरो को 2014 में लॉन्च किया गया था, और इसका लक्ष्य सरल है: लेनदेन को निजी और गुमनाम तरीके से होने देना। हालांकि यह आमतौर पर माना जाता है कि BTC किसी व्यक्ति की पहचान छुपा सकता है, भुगतान को उनके मूल स्रोत पर वापस ट्रेस करना अक्सर आसान होता है क्योंकि ब्लॉकचैन पारदर्शी होते हैं। दूसरी ओर, XMR को उन्नत क्रिप्टोग्राफी के उपयोग के माध्यम से प्रेषकों और प्राप्तकर्ताओं को समान रूप से अस्पष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

मोनेरो के पीछे की टीम का कहना है कि गोपनीयता और सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, उपयोग में आसानी और दक्षता दूसरे स्थान पर आती है। इसका उद्देश्य सभी उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है — चाहे वे तकनीकी रूप से कितने भी सक्षम क्यूँ न हो।

कुल मिलाकर, XMR का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को त्वरित और सस्ती भुगतान करने की क्षमता प्रदान करना है और जिसे करते हुए उन्हें सेंसर व्यवस्था का कोई भय न रहे।

मोनेरो के संस्थापक कौन हैं?

मोनेरो बनाने में शुरू में सात डेवलपर्स शामिल थे — जिनमें से पांच ने गुमनाम रहने का फैसला किया। ऐसी अफवाहें हैं कि XMR का आविष्कार भी बिटकॉइन के आविष्कारक सतोशी नाकामोटो ने किया था।

XMR की उत्पत्ति का पता बाइटकोइन से लगाया जा सकता है, जो एक गोपनीयता-केंद्रित और विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी है जिसे 2012 में लॉन्च किया गया था। दो साल बाद, बिटकॉइनटॉक फोरम के एक सदस्य — जिन्हें केवल thankfulfortoday के रूप में जाना जाता है — ने BCN के कोडबेस को फोर्क किया, और मोनेरो का जन्म हुआ। उन्होंने बाइटकोइन में "विवादास्पद परिवर्तन" करने के सुझाव दिये थे जिससे समुदाय के अन्य लोग असहमत थे और उन्होंने मामलों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया।

ऐसा माना जाता है कि सैकड़ों डेवलपर्स ने बीते कुछ वर्षों में XMR में योगदान दिया है।

वह क्या है जो मोनेरो को अद्वितीय बनाता है?

ऐसी कई चीजें है जो मोनेरो को अद्वितीय बनाती हैं। परियोजना के सबसे बड़े उद्देश्यों में से एक संभव विकेंद्रीकरण के उच्चतम स्तर को प्राप्त करना है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता को नेटवर्क पर किसी और पर भरोसा करने की आवश्यकता नहीं है।

गोपनीयता कुछ विशिष्ट विशेषताओं के माध्यम से प्राप्त की जाती है। जबकि प्रचलन में प्रत्येक बिटकॉइन का अपना सीरियल नंबर होता है, जिसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी उपयोग की निगरानी की जा सकती है, XMR पूरी तरह से प्रतिमोच्य है। डिफ़ॉल्ट रूप से, प्रेषकों, प्राप्तकर्ताओं और स्थानांतरित किए जा रहे क्रिप्टो की मात्रा की विस्तृत सूचना अस्पष्ट रहती हैं – और मोनेरो अधिवक्ताओं का कहना है कि यह प्रतिद्वंद्वी गोपनीयता सिक्कों जैसे कि Zcash पर बढ़त प्रदान करता है, जो "चुनिंदा रूप से पारदर्शी" हैं।

रिंग सिग्नेचर के माध्यम से अंधकार व्याप्ति हासिल की जाती है। यहां, पिछले लेन-देन के आउटपुट को ब्लॉकचैन से चुना जाता है जो कि एक झांसे के रूप में कार्य करता है, जिसका अर्थ है कि बाहरी पर्यवेक्षक यह नहीं बता सकते कि सिग्नेचर किसने किए। यदि इयन सुज़न को 200 XMR भेज रहा था, तो इसमें कठिनाई अतिरिक्त स्तर को जोड़ने के लिए इस राशि को रैंडम विखंडों में विभाजित किया जा सकता है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि लेनदेन को एक दूसरे से नहीं जोड़ा जा सकता है, हर एक लेनदेन के लिए छिपे हुए पते बनाए जाते हैं जो केवल एक बार उपयोग किए जाते हैं।

इन सभी विशिष्ट विशेषताओं के कारण बिटकॉइन के बजाय अवैध लेनदेन के लिए XMR का तेजी से उपयोग किया जा रहा है — विशेष रूप से डार्कनेट बाजारों पर। दुनिया भर की सरकारें, विशेष रूप से अमेरिका ने भी मोनेरो के कोड को क्रैक करने वाले किसी भी व्यक्ति को सैकड़ों-हजारों डॉलर देने की पेशकश की है।

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मोनेरो (XMR) के कितने सिक्के प्रचलन में है?

मोनेरो थोड़ा असामान्य है क्योंकि XMR के लिए कोई टोकन बिक्री आयोजित नहीं की गई थी — और किसी भी टोकन का पूर्व खनन भी नहीं हुआ था। इस लेखन के समय, XMR की प्रचलन आपूर्ति 17,703,471 है।

यह क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन-विशिष्ट एकीकृत सर्किटों के प्रति प्रतिरोधी होने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो आमतौर पर नए बिटकॉइन खनन के लिए उपयोग की जाती हैं। सैद्धान्तिक रूप से, इसका मतलब है कि हर रोज कंप्यूटिंग उपकरण का उपयोग करके XMR का खनन करना संभव हो सकता है।

कुल मिलाकर, अंतत: प्रचलन में कुल 18.4 मिलियन XMR होंगे — और इस सीमा तक 31 मई, 2022 तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। इसके बाद, खनिकों को "टेल एमिशन्स" का उपयोग करके प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें हर 60 सेकंड में एक इनाम के रूप में सिस्टम में थोड़ी मात्रा में XMR डाला जाएगा। यह माना जाता है कि लेनदेन शुल्क पर निर्भर होने की तुलना में यह दृष्टिकोण अधिक प्रभावी है।

मोनेरो नेटवर्क कैसे सुरक्षित है?

मोनरो के मुख्य लक्ष्यों में से एक केंद्रीकरण को रोकना है — और यह नेटवर्क क्रिप्टोनाइट नामक एक आम सर्वसम्मति तंत्र का उपयोग करता है, जो प्रूफ़-ऑफ़-वर्क पर आधारित है। यह बड़े खनन फार्मों को एक प्रमुख शक्ति बनने से रोकता है।

आप मोनेरो (XMR) कहां से खरीद सकते हैं?

गोपनीयता टोकन के रूप में इसकी प्रकृति के कारण, XMR कुछ प्रमुख एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध नहीं है। उदाहरण के लिए, हालांकि आप बाइनेंस पर XMR खरीद सकते हैं, यह कॉइनबेस द्वारा समर्थित नहीं है। नतीजतन, आपको अपने फिएट मुद्रा को बिटकॉइन में बदलने और एक छोटे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जाने की आवश्यकता हो सकती है। यह मार्गदर्शिका यह समझाने में मदद करती है कि आप फिएट मुद्राओं को क्रिप्टो में आसानी से कैसे परिवर्तित कर सकते हैं।

सिम को हिंदी में क्या कहते है? | SIM Full Form In Hindi

SIM Full Form In Hindi :- आज लगभग देश का हर नागरिक मोबाइल का यूज़ करता है चाहे वह एंड्रोइड हो, ISO हो या कोई बिना मल्टीमीडिया मोबाइल हो। लेकिन हर Mobile में SIM का Use किया जाता है। क्योंकि जिस प्रकार बिना पानी के मनुष्य का जीवन अधूरा है उसी प्रकार बिना SIM के मोबाइल भी अधूरा है क्योंकि मोबाइल का विशेष रूप से उपयोग किसी व्यक्ति से बात करने या इंटरनेट चलाने में किया जाता है और बिना SIM ये बिल्कुल भी अनिश्चित है।

लेकिन क्या आप जानते है कि SIM की Full Form क्या होती है या SIM का अविष्कार किसने किया। अगर नहीं! तो आर्टिकल में अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े। क्योंकि हम आपके साथ इस लेख के माध्यम से SIM से जुड़ी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करेंगे। तो चलिए शुरू करते है –

SIM क्या होती है? | What Is Sim

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SIM (Subscribe Identity Module) एक प्लास्टिक चिप होती है। जिसका Use Mobile Phones, Wifi आदि में किया जाता है जिसकी मदद से हम Internet चला सकते है और किसी व्यक्ति से बात कर सकते है तथा हर SIM User के लिए कंपनी द्वारा एक Unique Nunber प्रदान किया जाता है।

जिसको डाइल करके कोई भी व्यक्ति आपसे कॉन्टेक्ट कर सकता है इसलिए अलावा आपको बता दें कि SIM में थोड़ी मेमोरी भी उपलब्ध होती है जिसमें आप ऑलमोस्ट 250 Numbers को Save कर सकते है।

सिम को हिंदी में क्या कहते है? | Meaning Of Sim In Hindi

सिम को हिंदी में क्या कहते है? यह आज हर उस यूजर का सवाल बन चुका है जो मोबाइल का इस्तेमाल करता है। अक्सर इस बारे में कई जगह एक दूसरे से प्रश्न भी पूछे जाते है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको नीचे Sim का पूरा नाम और सिम को हिंदी के क्या कहते है इसके बारे में बताने जा रहे है।

SIM Full Form In Hindi

सिम (सब्सक्राइब आइडेंटिटी मॉड्यूल)

SIM Full Form In Hindi

SIM (Subscribe Identity Module)

सिम को हिंदी में क्या कहते है?

सिम को हिंदी में उपभोक्ता इकाई पहचान पत्र

SIM का अविष्कार किसने किया

हर व्यक्ति SIM का Use करता है लेकिन क्या आप जानते है कि SIM का अविष्कार किसने किया। अगर नहीं! तो बता दें कि SIM का अविष्कार सबसे पहले 1991 में Giesecke & Devrient द्वारा किया गया था। जिनके द्वारा सर्वप्रथम केवल 300 SIM Card बनाया था जिसके बाद सिम कार्ड को उन्होंने फ़िनलैंड की वायरलेस नेटवर्क ऑपरेटिंग कंपनी रेडिओलिंजा को बेच दिया था।

SIM कितने प्रकार की होती है?

अगर आप SIM के बारे में पड़ रहे है तो आपको बता दें कि SIM के भी प्रकार होते है और ये मुख्य रूप से दो होते है। जिनके बारे में हमारे द्वारा नीचे एक – एक करके बताया गया है जो कि निम्नवत है –

1. GSM (Global System For Mobile Networks)

आज के समय में अधिकर Mobile User द्वारा GSM SIM क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया कार्ड का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि अन्य SIM Card की अपेक्षा ज्यादा उपयोगी है क्योंकि अगर कहीं आपका मोबाइल डेथ हो जाता है या अन्य खराब हो जाता है और आप किसी विशेष व्यक्ति से काल करके बात करना चाहते है।

लेकिन उसका मोबाइल नंबर भी आपको याद नहीं है तो ऐसी स्थिति में GSM SIM कार्ड को अपने मोबाइल से निकालकर अन्य मोबाइल में डाल सकते है तथा Number को निकालर उससे कांटेक्ट निकाल सकते है।

2. CDMA

CDMA SIM Card का Use GSM SIM Card की अपेक्षा कम किया जाता है क्योंकि इस प्रकार की SIM का केवल एक विशेष प्रकार की डिवाइसों में किया जाता है। जैसे – आज से कुछ Jio Phone बहुत चर्चे में रहा था।

जिसकी कीमत मात्र 1500 रुपये तथा ये Fully Smart Phone था। लेकिन इसमें केवल CDMA का use होता है जो Jio Phone के साथ आती थी। इसके अलावा अगर आप किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया जैसे – आईडिया, वोडाफोन, एयरटेल आदि का उपयोग इसमें नहीं कर सकते है।

सिम कहाँ से लें?

SIM की खरीददारी आप आपने नज़दीकी किसी भी Mobile Shop से कर सकते है जिसके लिए दुकानदार आपसे ID Proof मांगे तथा उस Id में कई age 18 वर्ष होनी चाहिए। तभी दुकानदार द्वारा आपको SIM प्रदान की जाएगी।

SIM बहुत सी कंपनी जैसे – आइडिया, एयरटेल, वोडाफोन, BSNL, Jio आदि की मार्किट में उपलब्ध है इसलिए आप उसी सिम को लें जो आपके क्षेत्र में बेहतर Network प्रदान करती है।

SIM Releted FAQ

वैसे हमारे द्वारा SIM से रिलेटेड अधिक से अधिक सवालों के जबाबों को इस आर्टिकल में देने की कोशिश की। लेकिन अभी भी SIM से संबधित बहुत क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया से ऐसे सवाल है, जो रीडर्स द्वारा हमसे Comment Box में पूछे जाते है।

इसलिए उचित जानकारी हेतु हमने सिम से संबधित कुछ सवाल तथा उनके जबाबों को नीचे साझा किया है। जो कि निम्न है –

मोबाइल का आविष्कार किसने किया। Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya

क्या आपके दिन की शुरुआत और अंत मोबाइल फोन से होता है। अगर हां तो क्या आप जानते हैं कि Mobile Ka Avishkar kisne Kiya था। इसके अलावा मोबाइल फोन का आविष्कार किसने और कब किया था। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं मोबाइल के आविष्कार से जुड़ी कुछ बातें और अन्य जानकारियां।

मोबाइल फोन आज के समय की जरूरत ही नहीं है। बल्कि लोगों के लिए यह मजबूरी भी बनकर रह गई है। यही कारण भी है जिसकी वजह से एक व्यक्ति कुछ घंटे भी बिना मोबाइल फोन के नहीं रह पाता। हमें कहीं जाना हो और रास्ता न पता हो तो मोबाइल पर मौजूद मैप का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा बोरियत होने पर म्यूजिक से लेकर वीडियो गेम खेलने तक के लिए हम सभी लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।

इसके अलावा सोशल मीडिया और दुनिया भर की ऐप्स हैं जो हमारे जीवन को आसान बना देते हैं। अगर आपको भूख लगी हो तो इन ऐप्स से खाना ऑर्डर हो सकता है। इसके अलावा हमारे सभी स्पेशल मोमेंट्स भी फोन के कैमरे के जरिए न केवल कैद हो जाते हैं। बल्कि हम उन्हें कभी भी देख सकते हैं। इसके अलावा भी ढेरों ऐसे काम हैं जो मोबाइल के जरिए किए जा सकते हैं। या फिर अगर यूं कहें कि शायद ही ऐसे कुछ काम होंगे जो मोबाइल के जरिए नहीं किए जा सकते हैं। ऐसे में आपके जेहन में भी यह सवाल जरूर उठता होगा कि Mobile Ka Avishkar kisne Kiya था। आइए विस्तार से जानते हैं कि मोबाइल का आविष्कार किसने और कब किया था।

मोबाइल का आविष्कार किसने किया। Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya

मोबाइल का आविष्कार किसने किया। Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya

आप में से ज्यादातर लोगों को यह लगता होगा कि मोबाइल का आविष्कार 1983 में हुआ था। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बल्कि मोबाइल का आविष्कार इससे ठीक 10 साल पहले 3 अप्रैल 1973 में हुआ था। इस मोबाइल के जन्मदाता का नाम मार्टिन कूपर था जो उस समय मोटरोला कंपनी में काम किया करते थे। इस मोबाइल का नाम Motorola DynaTac रखा गया था।

ऐसा कहा जाता है कि मोबाइल का आविष्कार करने वाले मार्टिन कूपर ने फोन का आविष्कार करने के बाद सबसे पहले अपने प्रतिद्वंदी बैल लेबोरेटरी के इंजीनियर डॉक्टर Joel S. Engel को ही फोन किया था।

बताया जाता है कि विश्व का यह सबसे पहला फोन वजन में काफी भारी और दिखने में बेहद मोटा था। मोटोरोला के इस फोन की लंबाई किसी ईट जितनी यानी करीब 9 इंच थी। इसके अलावा इस फोन का वजन करीब 1.1 किलोग्राम हुआ करता था। यह फोन सेलुलर नेटवर्क की तकनीक पर ही काम किया करता था। एक बार इस फोन को चार्ज करने में करीब 10 घंटे का समय लग जाता था। वहीं एक बार चार्ज होने पर इससे केवल 30 मिनट ही बात की जा सकती थी।

मोबाइल का आविष्कार तो 1973 में हो गया था। लेकिन मोबाइल के अंदर मौजूद खामियों को दूर करने और इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस पर और ज्यादा काम किया गया था। जिसमें करीब 10 साल का समय लग गया था। यही कारण रहा कि मोटोरोला के इस फोन को 1983 में लॉन्च किया गया। इस मोबाइल की कीमत बेहद ज्यादा रखी गई थी। फोन की कीमत करीब 2.80 रुपए के आसपास थी। इस मोबाइल की बैटरी करीब 6 घंटे तक चला करती थी। लेकिन अगर फोन पर किसी से बात की जा रही तो बैटरी केवल 30 मिनट तक ही चलती थी। इसके अलावा उस समय में भी इस फोन के अंदर 30 लोगों के फोन नंबर को स्टोर किया जा सकता था।

भारत में मोबाइल कब आया। When Mobile Launch in India

भारत में मोबाइल कब आया। When Mobile Launch in India

आपको बता दें कि भले ही मोबाइल फोन को बाजार में 1983 में लॉन्च कर दिया गया था। लेकिन तब यह केवल अमेरिका के बाजार में ही लॉन्च किया गया था। भारत में इसे एक और दशक लग गया था। भारत में यह मोबाइल सेवा 1995 में शुरू की गई थी। उस समय के केंद्रीय दूरसंचार मंत्री श्री सुखराम ने 31 जुलाई 1995 को वेस्ट बंगाल के मुख्यमंत्री श्री ज्योति बासु से मोबाइल पर बात की थी। हमारे देश की यह पहली मोबाइल कॉल थी। इसके बाद से ही कोलकाता में मोबाइल सेवा को आरंभ कर दिया गया था।

भारत की पहली मोबाइल सर्विस कंपनी

भारत में पहली मोबाइल सर्विस मोटी टेलस्ट्रा मोबाइल नेट द्वारा शुरू की गई थी। यह एक भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई टेलीकॉम दिग्गज कंपनी का ज्वाइंट वेंचर था। भारत के मोदी ग्रुप और ऑस्ट्रेलियाई कंपनी टेल्स्ट्रा ने यह वेंचर मिलकर शुरू किया था। उस समय भारत में केवल आंठ ही कंपनियों को सेलुलर सेवाएं प्रदान करने का लाइसेंस मिला था। जिसमें टेल्स्ट्रा कंपनी भी एक थी।

विश्व में कितने मोबाइल यूजर

आज के समय में मोबाइल यूजर कितने हैं इसका अनुमान लगाना भी बेहद मुश्किल है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि हर रोज न जाने कितने ही लोग अपना पहला फोन खरीद रहे हैं। फिर भी एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 519 करोड़ मोबाइल यूजर मौजूद हैं।

भारत में कितने मोबाइल यूजर

भारत में अगर मोबाइल फोन यूजर की बात करें तो आंकड़े बेहद हैरान कर देने वाले हैं। भारत में कुल 121 करोड़ लोग मोबाइल फोन यूज किया करते हैं। वहीं इनमें से स्मार्ट फोन यूजर की संख्या करीब 44 करोड़ है।

दुनिया में कितने तरह के फोन हैं

दुनिया में कितने तरह के फोन हैं

दुनिया भर में कुल तीन तरह के मोबाइल फोन इस्तेमाल किए जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

सेल फोन – यह एक ऐसा मोबाइल फोन है जो कुछ गिने चुने ही काम करता है। इस फोन के जरिए आप केवल किसी को कॉल और मैसेज कर सकते हैं। इसके अलावा इस फोन में नंबर स्टोर करने का विकल्प होता है और इसमें कुछ गेम भी होते हैं जिसे आप खेल सकते हैं।

फीचर फोन – यह फोन सेल फोन से कुछ ज्यादा फीचर्स देता है। इसके जरिए आप कॉल मैसेज के अलावा फोटो भी क्लिक कर सकते हैं। हालांकि इस फोन में किसी तरह की ऐप्स रन नहीं हो पाती।

स्मार्टफोन – आज भारत में ज्यादातर युवाओं और बच्चों के पास आपको यही मोबाइल फोन मिल जाएंगे। इन स्मार्ट फोन के जरिए आप अपने सभी काम कर सकते हैं। इसके जरिए आप अपने बिलों का भुगतान, टिकट बुक करना वीडियो कॉल, ईमेल आदि भी भेज सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको बता दिया है कि Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya था। इसके अलावा मोबाइल फोन से जुड़ी हुई कुछ अन्य जानकारियां भी आपके साथ साझा कर दी हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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