अकाउंट होल्डर्स को नॉमिनी की हिस्सेदारी तय करनी होगी
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होल्डर्स बाद में नॉमिनी का नाम अपडेट करा सकते हैं। एक डीमैट अकाउंट में ज्यादा से ज्यादा 3 लोगों को ही नॉमिनी बनाया जा सकता है। नियम के मुताबिक अकाउंट होल्डर की मौत के बाद शेयर नॉमिनी को दे दिए जाएंगे। अगर अकाउंट होल्डर ने 2-3 नॉमिनी बनाए हैं तो अकाउंट होल्डर्स को सभी नॉमिनी की हिस्सेदारी तय करनी होगी। उसकी मौत के बाद नॉमिनी को उसी अनुपात में शेयर मिलेंगे।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? [निवेश करने के प्रक्रिया की जानकारी]
दोस्तों, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है लेकिन बाजार के प्रतिदिन उतर चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते है ? आपके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) एक बेहतर विकल्प है। यह निवेशकों में बहुत लोकप्रिय और सुरक्षित है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को अपने डीमैट खाता में जमा करता है। डीमैट खाता (Demat Account) में निवेशक बिना किसी समय अवधि तक होल्ड करके रख सकता है और फिर इच्छानुसार कभी भी अपने शेयर को बेच सकता है। जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर्स को एक दिन के अंदर ही शेयर खरीदने या बेचने की प्रतिबद्धता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने या बेचने के लिए कोई परिसीमा नहीं है। निवेशक दो दिन के अंदर या दो वर्षो बाद भी अपने शेयर को बेच सकता है।
निवेशक के पास पूर्ण अधिकार होता है की वह अपने इच्छा के अनुसार अपने शेयर को होल्ड या बेच सकता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक में मुनाफा बनाना चाहते हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को शेयर खरीदने से पहले उस कीमत के बराबर पैसे तैयार रखने होते है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम
आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम के बारें में जिसका पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।
- सबसे पहले आपको कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
- भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने wishlist में शामिल करे।
- अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना धन संचित करे।
- सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
- बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
- टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
- आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?
कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।
यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता है।
अब ये नया फॉर्म भरना जरूरी: नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने पर नॉमिनेशन का ऑप्शन मिलेगा, 1 अक्टूबर से बदलेगा नियम
शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी खबर है। 1 अक्टूबर से नए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने के लिए नॉमिनेशन या डिक्लेरेशन फॉर्म भरना जरूरी होगा। साथ ही मौजूदा डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 31 मार्च 2022 तक नॉमिनेशन फॉर्म भरना जरूरी होगा। फॉर्म नहीं भरने पर डीमैट अकाउंट फ्रीज हो सकता है।
नॉमिनेशन का विकल्प मिलेगा
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाने के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। 1 अक्टूबर से नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने वाले को नॉमिनेशन का विकल्प दिया जाएगा। इसके तहत अकाउंट खोलने से पहले एक नॉमिनेशन फॉर्म भरना होगा। जिसके जरिए निवेशक किसी को नॉमिनी बना सकता है।
Trading Ke Important Niyam | ट्रेडिंग के नियम
स्टॉप लॉस को अनदेखा न करें :-
ट्रेडिंग में ऐसी परिस्थितियां भी आती है जहां आपकी ट्रेडिंग रणनीति का अनुसरण नहीं होगा |
इसीलिए आपको अपने घाटे को सुरक्षित करना होगा |
स्टॉप लॉस आपको इसमें मदद करेगा |
नियम नंबर 9 :-
ट्रेडिंग बंद करने की स्थिति को पहचानना :-
यदि ऐसी कोई भी परिस्थिति आती है जो आपको इशारा करती है कि आपको और ट्रेड नहीं करना तो उसी समय ट्रेडिंग बंद कर देनी चाहिए |
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदे |
कुछ समय पश्चात आप घाटे में आ गए तो आप उस समय की प्रतीक्षा ना करें कि आप उससे फिर से पैसे कमाएंगे |
और यदि आपने किसी कंपनी के शेयर ट्रेडिंग को खो दिया है, तो इसका दबाव आपकी मानसिकता पर ना पड़े |
आपको अपने नुकसान की भरपाई बाजार से ही करनी होगी |
नियम नंबर 10 :-
ट्रेडिंग करते समय ध्यान केंद्रित करना :-
अपना ध्यान लक्ष्य से न हटाए |
जब तक आप एक व्यापार में है, तब तक आप का ध्यान केंद्रित रहना बहुत आवश्यक है |
शेयर बाजार में पैसा कमाना कठिन है परंतु नामुमकिन नहीं |
मुझे विश्वास है कि आप सक्रिय होकर बाजार से पैसा कमाएंगे |
आज आपने क्या सीखा ?
Trading Ke Important Niyam / ट्रेडिंग के इंपॉर्टेंट नियम के द्वारा मैंने यह बताने की कोशिश की है कि आप एक सफल ट्रेड कैसे कर सकते हैं |
मुझे यह उम्मीद है कि आप सभी को ट्रेडिंग के नियम समझ में आ गए हैं |
और आप इसे अपने जीवन में अपनाएंगे |
यदि कोई भी बात आपको समझ में नहीं आई तो आप मुझे कांटेक्ट कर सकते हैं | मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं |
आज से बदल गए शेयर बाजार में ट्रेडिंग के नियम, देखिए आप पर क्या पड़ेगा असर
नई दिल्ली: शेयर बाजार में मार्जिन का नया सिस्टम और मार्जिन प्लेज और रीप्लेज की व्यवस्था आज से लागू हो गई है. ब्रोकर्स की मांग थी कि सिस्टम को एक महीने तक के लिए और टाल दिया जाए, क्योंकि तकनीकी तौर पर दिक्कतें आ रही हैं. इसी मामले पर सेबी ने कल सभी पक्षों के साथ बैठक की थी. इसके बाद ये फैसला लिया गया कि अब इसे 1 सितंबर से ही लागू कर दिया जाए. इस खबर का शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालों, और ब्रोकर्स पर किस तरह से असर पड़ेगा. इसी को समझते हैं
आज से लागू हुआ नया मार्जिन सिस्टम
1. कैश सेगमेंट में भी शेयर खरीद-बिक्री पर अपफ्रंट मार्जिन देना होगा. क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकर्स पर पेनाल्टी लगेगी. अगर मार्जिन में 1 लाख रुपए से कम की कमी रहती है तो 0.5% पेनाल्टी लगेगी. 1 लाख रुपये से ज्यादा के शॉर्टफॉल पर 1% पेनल्टी लगेगी. अगर लगातार तीन दिन तक मार्जिन शॉर्टफॉल रहता है या महीने में पांच दिन ट्रेडिंग करने के लिए नियम ट्रेडिंग करने के लिए नियम शॉर्टफॉल रहता है तो पेनल्टी 5% हो जाएगी.
2. मार्जिन प्लेज/री-प्लेज का सिस्टम भी आज से लागू हो गया है. अब क्लाइंट के डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हुए शेयर गिरवी होंगे, डिपॉजिटरी के सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ये शेयर गिरवी रखे जाएंगे. क्लाइंट को ट्रेडिंग मेंबर के पास शेयर को गिरवी रखना होगाा, इसके बाद शेयर ट्रेडिंग मेंबर से क्लीयरिंग मेंबर के पास गिरवी होगा, क्लीयरिंग मेंबर फिर क्लीयरिंग कॉर्प के पास शेयर को गिरवी रखेगा.
सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत म्युचुअल फंड की खरीद, बिक्री में मानदंड में संशोधन किया
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के दायरे में म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री लाने के लिए मानदंडों में संशोधन किया है। वर्तमान में, इनसाइडर ट्रेडिंग नियम सूचीबद्ध कंपनियों की प्रतिभूतियों में व्यवहार करने के लिए लागू होते हैं या अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी (UPSI) के कब्जे में होने पर सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित होते हैं। म्युचुअल फंड की इकाइयों को विशेष रूप से नियमों के तहत प्रतिभूतियों की परिभाषा से बाहर रखा गया है।
सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन प्रकरण के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था कि छह ऋण योजनाओं ट्रेडिंग करने के लिए नियम को भुनाने के लिए बंद करने से पहले योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को भुनाया गया था।
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