क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन? क्रिप्टो बिल सहित ससंद के शीतकालीन सत्र में 26 नए विधेयक पेश करेगी सरकार, जानिए डिटेल
शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 नए बिल को पेश करेगी, जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल है
29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में केंद्र सरकार 26 नए बिल को पेश करेगी, जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल है। मंगलवार शाम को शीतकालीन सत्र के लिए जारी लेजिस्लेटिव एजेंडा से यह जानकारी मिली है।
इसमें सबसे अधिक जिस बिल पर लोगों की नजर टिकी है, वह क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) है। क्या मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगी, या कुछ प्रतिबंधों के साथ इसमें ट्रेडिंग की इजाजत देगी? यह सब कुछ बिल आने के बाद ही पता चल सकेगा। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल का नाम 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' है।
ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो में निवेश करने वालों के लिए नई परेशानी खड़ी कर सकता है। साथ ही इससे होने वाली कमाई पर भी भारी कैपिटल गेन टैक्स लगाने के प्रावधान की भी चर्चा है। बिल में RBI द्वारा जारी किए जाने वाले डिजिटल करेंसी की भी चर्चा हो सकती है।
Cryptocurrency में निवेश करना हुआ और भी आसान, अब ZebPay के जरिए लगाएं पैसा और करें कमाई!
cryptokisamajh-भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं. . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 06, 2021, 18:31 IST
नई दिल्ली: अगर आप बाहरी दुनिया से बेखबर नहीं हैं, तो आपने निश्चित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी, Bitcoin और NFT जैसे शब्द सुने होंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है और हम में से कई लोग इस बारे में जानते हैं. अगर आपको पहले से ही इस बारे में जानकारी है, तो आपको यह भी पता होगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं.
Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. इसे देखते हुए, अब क्रिप्टो की दुनिया में अपना पैर रखने और इस मौके को भुनाने का समय आ गया है.
2010 में खरीदा होगा Bitcoin तो बन गए होंगे करोड़पति
आइए इस सच्चाई को अपनाएं और FOMO की असलियत को स्वीकार करें. साथ ही, यह भी स्वीकार करें कि Bitcoin, पिछले दशक में किसी भी व्यक्ति के द्वारा किए गए बेहतरीन निवेशों में से एक रहा है. अगर आपने 2010 में 10,000 रुपये का Bitcoin खरीदा था, तो आप सिर्फ़ सात साल बाद 2017 में 66 करोड़ रुपये के मालिक बन गए होंगे. इस तरह सिर्फ सात सालों में 66,00,000 फीसदी की वृद्धि हुई. यह जुलाई 2017 का आंकड़ा है जब 1 Bitcoin की कीमत 2779 अमेरिकी डॉलर थी.
इस समय 46,000 डॉलर है बिटकॉइन की कीमत
2017 के बाद से Bitcoin की कीमत और भी बढ़ गई है. इस समय, एक Bitcoin की कीमत 46,000 डॉलर (INR 34.46 लाख) से अधिक है. अगर आप किसी ऐसे एसेट क्लास को दिखा सकें जिसने इतनी वृद्धि की है, तो हम अपने शब्दों को तुरंत वापस ले लेंगे.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
विश्लेषकों का कहना है कि दिसंबर 2025 तक एक Bitcoin की कीमत 3,18,417 अमेरिकी डॉलर (INR 2.36 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है! यह पहली बार निवेश करने की खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छा संकेत है. ऐसे लोग अभी भी Bitcoin की तरक्की की कहानी का हिस्सा बन सकते हैं. आइए शुरू करें.
क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश की शुरुआत?
अब जबकि आपने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का फैसला ले लिया है, तो आपको यह ज़रूर जानना चाहिए कि इस नए एसेट क्लास में आपके लिए क्या अच्छा है. खास तौर पर, जब आपको लगने लगता है कि क्रिप्टो भविष्य के लिए बेहतर है, तो आप अपने-आप उसके लिए तैयार हो जाएंगे.
एक बार अपना मन बना लेने के बाद, आपको यह चुनना होगा कि आप किस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं. Bitcoin और Ethereum जैसे लोकप्रिय विकल्पों को तो देखें ही, लेकिन उन कॉइन पर भी नज़र रखें जो लोकप्रिय हो चुके कॉइन की तुलना में शानदार छलांग लगाने की क्षमता रखते हैं.
पैसे निवेश करने के लिए, सबसे पहले आपको भारत में किसी क्रिप्टो एक्सचेंज सेवा के साथ साइन अप करना होगा और KYC प्रोसेस को पूरा करना होगा. इसके बाद, अपना पहला क्रिप्टो खरीदने के लिए अपने बैंक से उस एक्सचेंज में फंड ट्रांसफर करना होगा. इसके लिए, हम बिटकॉइन एक्सचेंज ऐप ZebPay को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह देश के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक है.
ZebPay ऐप से कर सकते हैं निवेश
ZebPay, सबके लिए आसान और व्यवस्थित ऐप है, इसमें कुछ ऐसी खास विशेषताएं भी हैं जो इसे इस्तेमाल करने का सुझाव देने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती हैं. उदाहरण के लिए ZebPay Earn को ही लें. यह सुविधा क्रिप्टो को होल्ड करने और उसे आसानी से अर्जित करने की अनुमति देती है – लगभग उसी तरह जैसे क्रिप्टो सेविंग पर ब्याज दर प्राप्त करना. आपके पास मौजूद कॉइन के हिसाब से रिटर्न की दर 1% से 7.5% के बीच बदलती है. सचमुच, क्रिप्टो को पाना इतना आसान कभी नहीं रहा.
क्रिप्टो में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानने योग्य बातें
एक अतिरिक्त संसाधन के रूप में, पहली बार निवेश करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें.
1. शुरुआत में अपने पोर्टफोलियो की एक छोटी सी राशि क्रिप्टोकरेंसी में लगाएं. आप उतनी ही राशि लगाएं जिसके नुकसान का जोखिम उठा सकते हैं, उससे अधिक न लगाएं.
2. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करने के लिए आपको हजारों रुपये की ज़रूरत नहीं है. एक्सचेंज आमतौर पर INR 100 जितना कम निवेश शुरू करने का विकल्प प्रदान करते हैं. इस तरह, आप पूरे कॉइन के बजाय बिटकॉइन जैसे किसी भी क्रिप्टो का एक अंश खरीद सकते हैं.
3. सरकार के बदलते नियमों और खबरों पर नजर रखें. हालांकि, भारत में क्रिप्टो पर पाबंदी नहीं है, फिर भी इसके नियमन के संबंध में बहुत सारी परस्पर विरोधी बातें हो सकती हैं. लेटेस्ट जानकारी पाते रहने के लिए सही ग्रुप, फोरम और समाचार स्रोतों को फॉलो करें.
4. इस बात को याद रखें, यह इतना अच्छा कि इस पर यकीन करना मुश्किल है. कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज, एक ओर जहां दिमाग को सुन्न कर देने वाले रिटर्न देते हैं, वहीं अगर क्रिप्टोकरेंसी क्रैश हो जाती है, तो आप एक ही बार में सब कुछ खो देते हैं. ZebPay जैसे जाने-माने क्रिप्टो एक्सचेंज से जुड़े रहें.
हम क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने के लिए आपको शुभकामनाएं देते हैं. हम जल्द ही, एक सफल क्रिप्टोकरेंसी निवेशक बनने से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी शेयर करेंगे. इसलिए, हमारे साथ बने रहें और अपनी नजरें जमाए रखें.
डिसक्लेमर: क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.
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Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में क्यों आ रही लगातार गिरावट, जानें क्या है इसका अमेरिका से कनेक्शन
Cryptocurrency US Connection: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इसका बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है। क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।
यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।
सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटक्वाइन निचले स्तर पर
दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन के दाम इस महीने अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से लगातार गिर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने इसका कारोबार लगातार नीचे की ओर जा रहा है। आंकड़ों को देखें तो जहां बिटक्वाइन आज 45,000 डॉलर के स्तर तक नीचे आ गया है। शुक्रवार को बिटक्वाइन का दाम इस महीने के निचले स्तर तक पहुंच गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, बीते 50 दिनों के उतार-चढ़ाव पर अगर नजर डालें तो बिटक्वाइन में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के दाम भी हो रहे कम
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी शुक्रवार को तीन हफ्ते में अपने सबसे निचले स्तर पर 4,014 डॉलर को छू गई। इसके साथ ही आल्टक्वाइन, बियान्से क्वाइन, पोल्काडॉट, डॉजक्वाइन और शीबा इनु में भी इस महीने गिरावट का जो दौर शुरू हुआ, वो अभी भी जारी है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि जब ट्रेड वॉल्यूम कम होता है, तो कुछ बड़े प्लेयर बाजार को अपनी पसंद के हिसाब से दिशा दे सकते हैं। वहीं जब बियर हावी होता है, तो रिटेल प्लेयर बाजार को और नीचे लाते हुए कवर के लिए दौड़ पड़ते हैं।
डिजिटल करेंसी में आगे भी गिरावट रहने की उम्मीद
क्रिप्टोकरेंसी में आ रही लगातार गिरावट पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री का दबाव काफी स्थिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इसमें गिरावट जारी रहेगी, जब तक टोकन को 53,000 डॉलर के करीब सपोर्ट नहीं मिल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि ग्लोबल मार्केट हाल के दिनों में सावधान रहा है, जिसकी वजह आर्थिक ग्रोथ, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं हैं।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।
यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।
सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटक्वाइन निचले स्तर पर
दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन के दाम इस महीने अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से लगातार गिर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने इसका कारोबार लगातार नीचे की ओर जा रहा है। आंकड़ों को देखें तो जहां बिटक्वाइन आज 45,000 डॉलर के स्तर तक नीचे आ गया है। शुक्रवार को बिटक्वाइन का दाम इस महीने के निचले स्तर तक पहुंच गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, बीते 50 दिनों के उतार-चढ़ाव पर अगर नजर डालें तो बिटक्वाइन में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के दाम भी हो रहे कम
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी शुक्रवार को तीन हफ्ते में अपने सबसे निचले स्तर पर 4,014 डॉलर को छू गई। इसके साथ ही आल्टक्वाइन, बियान्से क्वाइन, पोल्काडॉट, डॉजक्वाइन और शीबा इनु में भी इस महीने गिरावट का जो दौर शुरू हुआ, वो अभी भी जारी है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि जब ट्रेड वॉल्यूम कम होता है, तो कुछ बड़े प्लेयर बाजार को अपनी पसंद के हिसाब से दिशा दे सकते हैं। वहीं जब बियर हावी होता है, तो रिटेल प्लेयर बाजार को और नीचे लाते हुए कवर के लिए दौड़ पड़ते हैं।
डिजिटल करेंसी में आगे भी गिरावट रहने की उम्मीद
क्रिप्टोकरेंसी में आ रही लगातार गिरावट पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री का दबाव काफी स्थिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इसमें गिरावट जारी रहेगी, जब तक टोकन को 53,000 डॉलर के करीब सपोर्ट नहीं मिल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि ग्लोबल मार्केट हाल के दिनों में सावधान रहा है, जिसकी वजह आर्थिक ग्रोथ, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं हैं।
क्रिप्टो ब्लूज़ को हराने के लिए तीन सिक्के: ग्नोक्स (जीएनओएक्स), एपेकोइन (एपीई) और एवे (एएवी)
स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, क्रिप्टो परिसंपत्तियों और विकेंद्रीकृत विनिमय सेवाओं में बढ़ती रुचि के कारण कंपनियों ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीआईएफआई) में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इनमें से कई DeFi परियोजनाओं को कई खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र बार वित्त पोषित किया गया है और एक महत्वपूर्ण उपयोगकर्ता आधार है।
द्वारा Advertiser, in क्रिप्टो · 25 Month5 2022, 12:32 · 0 टिप्पणियाँ
क्रिप्टो ब्लूज़ को हराने के लिए तीन सिक्के: ग्नोक्स (जीएनओएक्स), एपेकोइन (एपीई) और एवे (एएवी)
कई लोग यह भी जानते हैं कि ब्लॉकचेन ब्याज, गैस शुल्क और अन्य ब्लॉकचेन प्रगति से कैसे लाभ होता है। DeFi दुनिया पर एक नज़र डालते हुए, ये ऐसी परियोजनाएँ हैं जिनके 2022 में बढ़ने की उम्मीद है।
जीनोक्स (जीएनओएक्स)
“मेकिंग डेफी ईज़ी” की टैगलाइन के साथ, Gnox उन उपयोगकर्ताओं के लिए है जो DeFi आय के संपर्क में आना चाहते हैं, लेकिन विभिन्न पूलों का प्रबंधन और पुल नहीं करना चाहते हैं।
इसका लक्ष्य बिना किसी अतिरिक्त कदम की आवश्यकता के अपने धारकों को समान स्तर की सेवा प्रदान करना है। वे क्रिप्टोकुरेंसी नवागंतुकों को खरीदने, पकड़ने और लाभ के लिए आमंत्रित करते हैं जबकि ग्नोक्स ग्रंट काम को संभालता है।
Gnox पहला DeFi कमाई प्रोटोकॉल है जो सभी प्रकार के निवेशकों को अपने खजाने के माध्यम से “यील्ड फार्मिंग एज़ ए सर्विस” प्रदान करता है।
Gnox अपने खजाने का उपयोग पुरस्कारों को उधार देने और पुनः प्राप्त करने के लिए करेगा, जिससे मंच स्थायी और लगातार बढ़ते मुनाफे को सुनिश्चित करते हुए निवेशकों को मूल्य प्रदान कर सके।
वे थोड़े से खजाने से शुरू करेंगे, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है उनकी क्रय शक्ति बढ़ती जाएगी। इससे अधिक अनूठी विशेषताओं को विकसित करने और दीर्घकालिक धारकों के लिए अधिक प्रोत्साहन उत्पन्न करने की उनकी क्षमता में सुधार होगा।
एपेकॉइन (APE)
एपेकोइन मार्च 2022 में बोरिंग एप यॉट क्लब द्वारा लॉन्च की गई एक नई क्रिप्टोकरेंसी है, जो एक संपन्न आभासी समुदाय है जिसने संस्कृति, कला, गेमिंग और मनोरंजन में रुचि रखने वाले मशहूर हस्तियों सहित विभिन्न लोगों को आकर्षित किया है।
यह क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रशासन, बहीखाता पद्धति, परियोजना प्रबंधन, और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक अन्य जिम्मेदारियों के प्रभारी होंगे कि डीएओ समुदाय नए वेब 3 अनुप्रयोगों और सेवाओं का निर्माण कर सकता है, जैसे कि एपीई एनएफटी सिक्का।
एपीई सिक्का बाजार में नया है, लेकिन जल्दी ही शीर्ष -100 ट्रेडिंग क्रिप्टो तक पहुंच गया है। इसे कई बड़े एक्सचेंजों में भी जोड़ा गया था, जिससे लॉन्च होने के बाद खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र अगले दिन परिसंपत्ति की कीमत बढ़कर $17 हो गई।
एपेकोइन का मूल्य आसमान छूने का अनुमान है। यदि APE सफलतापूर्वक मेटावर्स और NFT बाजार दोनों में अपनी स्थिति को मजबूत करता है, तो क्रिप्टोक्यूरेंसी 30 की पहली तिमाही तक $2030 तक पहुंच सकती है।
आवे (Aave)
Aave 2017 में अपनी स्थापना के बाद से विकेंद्रीकृत ऐप्स को अनुमति देने में एक स्तंभ रहा है। Aave, पूर्व में ETHLend, Ethereum ब्लॉकचेन तकनीक और DeFi टोकन पर आधारित एक ओपन-सोर्स लिक्विडिटी पूल है।
Aave का कार्यक्रम उपयोगकर्ताओं को DeFi पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर 20 से अधिक विभिन्न क्रिप्टो परिसंपत्तियों का व्यापार करने की अनुमति देता है, जिसमें स्थिर स्टॉक और अन्य डिजिटल मुद्राओं के विविध स्पेक्ट्रम शामिल हैं।
जबकि क्रिप्टो क्षेत्र में अधिक भीड़ बढ़ रही है, Aave एक बाजार निर्माता के रूप में अपनी निरंतर स्थिति के लिए उल्लेखनीय है। शुरू करने के लिए, Aave प्रोटोकॉल लोगों को ब्याज कमाने और विकेंद्रीकृत तरीके से संपत्ति उधार लेने में सक्षम बनाता है। क्योंकि यह ओपन-सोर्स है, इसलिए व्यवसायों और ग्राहकों के लिए क्रिप्टो बाजार में उपज खेती, तरलता पूल और यहां तक कि स्टेकिंग (अपने स्वयं के डेफी सिक्का, एएवीई सिक्का के माध्यम से) जैसी गतिविधियों में शामिल होना सरल है।
निष्कर्ष
विकेंद्रीकृत वित्त क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार को अधिक सुलभ, लोकतांत्रिक और स्थिर बनने में मदद करेगा। व्यापारी, निवेशक, उद्यमी और संस्थान इसका उपयोग कर सकते हैं। इस लेख में उल्लिखित लोगों की तुलना में DeFi के कई अधिक उपयोग हैं, जो उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकता की तकनीक देते हैं।
Cryptocurrency: भारत में कैसे होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
February 8, 2022
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
- डिजिटल लेनदेन बढ़ा
- ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
- क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
- 30 फीसदी लगेगा टैक्स
डिजिटल लेनदेन बढ़ा
डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से बढ़ी है. लोग लगातार डिजिटल लेनदेन में अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं. कई विशेषज्ञ का मानना है कि दुनिया भर में अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का सहारा ले रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विशेषज्ञ बहुत ही आशा लगाए बैठे हैं. चूंकि बिटकॉइन में बिचौलियों जैसी कोई समस्या नहीं है, इसलिए यह मुद्राओं के लिए लेनदेन की लागत को कम कर सकता है, जैसे कि पारंपरिक मुद्राएं, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.
ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
जब भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात आती है, तो सबसे पहला नाम बिटक्वाइन का आता है. दुनिया भर में बिटक्वाइन के अलावा और भी क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं- Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM) और Dogecoin (DOGE).
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी का बाजार अस्थिर होता है. यह पूरी तरह से बाजारी की स्थिति पर निर्भर करता है. दुनिया भर में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी का चलन है. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी क्रिप्टोकरेंसी सभी देश में इस्तेमाल हो. हर देश में अलग-अलग तरीके से लेनदेन की प्रक्रिया होती है.
अब आप शेयर बाजार की तरह मुद्रा को खर्च करने या धारण करने का निर्णय लेते हैं. चाहे आप पोर्टफोलियो बनाएं. ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से खरीदारी के लिए क्रिप्टोकुरेंसी का उपयोग करें या क्रिप्टोकुरेंसी स्वीकार करने वाले स्थानीय व्यापारियों से सामान या सेवाएं खरीदें.
विशेषज्ञ का मानना है कि डिजिटल करेंसी का उपयोग आने वाले भविष्य बहुत तेजी के साथ बढ़ेगा. क्योंकि इसका उपयोग अन्य तरीकों की तरह दिन-प्रतिदिन की भुगतान आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया भर में न्यूनतम लागत पर भुगतान के किसी भी अन्य तरीके की तुलना में बहुत तेजी से सुविधा प्रदान करती है. क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोगकर्ता का मानना है कि अगर सरकार कार्ड और दूसरे डिजिटल वॉलेट की इजाजत दे तो, तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि क्रिप्टोक्यूरेंसी पारंपरिक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगी. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी राष्ट्रीय कानूनी मुद्रा और सोने जैसी पारंपरिक वस्तुओं के विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है.
केंद्रीय बजट 2022-23 के भाषण में वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि डिजिटल या क्रिप्टो से होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा. इस घोषणा ने क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच एक निश्चित डिग्री की आशा जगाई, क्योंकि उनका मानना है कि उन पर कर लगाने का यह कदम स्पष्ट रूप से भविष्य में वैधीकरण का एक स्पष्ट संकेत है.
30 फीसदी लगेगा टैक्स
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाएगी. ऐसे लेन-देन पर नजर रखने के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रावधान है. सेंट्रल बैंक के द्वारा डिजिटल करेंसी (CBDC) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए, डिजिटल मुद्रा पेश करने का प्रस्ताव है.
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