रेग्युलेटर नहीं है

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राउल पाल ने अपनी इन्वेस्टमेंट का 50% बिटकॉइन में निवेश किया!

ग्लोबल मैक्रो इन्वेस्टर के संस्थापक और सीईओ राउल पाल ने अपने पोर्टफोलियो का 50% डिजिटल करेंसीज में ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रमुख रूप से बिटकॉइन में किया गया है। कुछ दिनों पहले, पाल ने ट्वीट किया था कि उन्होंने बिटकॉइन में अपने इन्वेस्टमेंट का 50% ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है।

इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट (रणनीतिकार) का मानना ​​है, कि बिटकॉइन पैसे का सबसे हार्ड फॉर्म है और यह मौजूदा समय का सबसे अच्छा रिजर्व असेट है। उन्होंने बिटकॉइन कम्युनिटी से यह भी पूछा है, कि बिटकॉइन में उन्हें अधिकतम कितना क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? निवेश करना चाहिए। हालांकि, पाल निवेश से जुड़े हाई रिस्क को अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने सलाह दी है, कि यह ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए हर किसी को तब तक जाना चाहिए जब तक कि वे बाज़ार जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार न हों। वह इस बात को भी स्वीकार करते है कि यह भी संभव है, कि बिटकॉइन किसी समय शून्य पर पहुंच जाए।

पाल ने बताया है कि वह बिटकॉइन को क्यों सबसे बेहतर मानते है

पाल ने स्पष्ट किया कि वह बिटकॉइन के बारे में गैर जिम्मेदार क्यों है। इसका कारण यह है, कि वह लीवरेज का उपयोग नहीं करते है। वह इस बात को पूरी तरह स्वीकार करते है, कि उन्हें अपने इन्वेस्टमेंट में 50% नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। पाल ने दावा किया है कि वह बिटकॉइन के बारे में बहुत कुछ जानते है, जिसे उनके पोर्टफोलियो से आसानी से जाना जा सकता है। उनके अनुसार फिक्स्ड सप्लाई और इसके लेनदेन की वजह से बिटकॉइन दुनिया का सबसे अच्छा ट्रेड है। इसके अलावा बिटकॉइन बेहद सुरक्षित भी हैं। उन्होंने दावा किया कि बिटकॉइन हर पहलू में गोल्ड से बेहतर है, क्योंकि इसका इतिहास 10000 साल पुराना नहीं है।

बिटकॉइन की एक निश्चित सप्लाई है और इसमें एक हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम भी है, जो इसे विश्वसनीय असेट बनाता है। पाल आगे अनुमान लगाते हैं कि बिटकॉइन की कीमत जल्द ही इक्विटी को पार कर देगी। क्रिप्टो की कीमत संपार्श्विक (collateral) की कमी या मंदी के दौरान बढ़ता है जिससे इसे उपयोग करना कठिन हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप केवल सफल और मजबूत इन्वेस्टर्स को सफलता मिलती है। पाल भी बिटकॉइन के साथ एथेरियम होल्ड करते है और उन्होंने आने वाले समय के बारे में बताया है, कि बिटकॉइन में 50 गुना या 100 गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है।

बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को पारंपरिक वित्त की तरह विनियमित किया जाना चाहिए

यूके बिटकॉइन

उद्योग के जोखिम को कम करने और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी को पारंपरिक वित्त की तरह विनियमित करने की आवश्यकता है। ऐसा बैंक ऑफ इंग्लैंड के डिप्टी गवर्नर जॉन कुनलिफ ने व्यक्त किया था।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अधिकारी ने टेरा पारिस्थितिकी तंत्र के पतन को याद किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल संपत्ति अपने क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? मूल्य और स्थिरता को बनाए नहीं रख सकती है, जिससे बाजार में तनाव पैदा हो रहा है। कुनलिफ ने कहा:

मेरे लिए, यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि अब हमें एक नियामक व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता है जो क्रिप्टोक्यूर्यूशंस की दुनिया में इस जोखिम को उसी तरह प्रबंधित करेगी जैसे हम इसे पारंपरिक दुनिया में प्रबंधित करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रही है?

दूसरी मुद्राओं या करेंसीज की तरह क्रिप्टोकरेंसी पुराने बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करती और इसपर अलग-अलग देश की सरकारों का नियंत्रण नहीं होता। यानी कि बिना किसी मीडियेटर बॉडी के नियंत्रण इन्हें इस्तेमाल करने वालों के पास होता है और वे डिजिटल करेंसी से खरीददारी कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की मुद्रा माना जा रहा है और लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते कुछ साल में इसकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है।

क्रिप्टोकरेंसी को आप किसी कंपनी के शेयर्स मान सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए तय रकम देनी होती है। इन शेयर्स की कीमत घट या बढ़ सकती है और जरूरत पड़ने पर आप ये शेयर बेच भी सकते हैं। ठीक इसी तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए अपनी मुद्रा (जैसे- डॉलर या रुपये) में रकम चुकानी होती है। कुछ वक्त बीतने के बाद आपकी ओर से खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम या ज्यादा मिल सकती है।

कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?

जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।

घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?

क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।

भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।

बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

वित्त मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने हाल ही में क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन और बीएसीसी के क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित लोगों से बैठकों के बाद यह प्रस्ताव दिया था कि क्रिप्टो करेंसी को सीधे तौर पर बैन न करके उनका नियमन किया जाना चाहिए।

क्रिप्टोकरेन्सी बिल

बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

केंद्र सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो करेंसी के नियमन और नियंत्रण सम्बंधित बिल लाने वाली है। निजी क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित/बंद करने के आलावा सरकार द्वारा लाए जाने वाले बिल का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रस्तावित आधिकारिक डिजिटल करेंसी के नियमन हेतु एक कानूनी रूपरेखा तैयार करना होगा। इसके साथ ही पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग, उसके इस्तेमाल और उसपर सरकारी नियंत्रण को लेकर व्याप्त संशय दूर किया जा सकेगा।

Cryptocurrency: आप भी कर रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश तो जान लें यह टिप्स, हमेशा होगा फायदा

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नई दिल्ली। दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लोगों में तेजी क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? सा बढ़ रही है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने अभी तक इन करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं दी है। लेकिन फिर भी लोगों का भरोसा इस क्षेत्र में काफी बढ़ रहा है। जिसका नतीजा है कि आज लाखों लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। लोगों के इस क्षेत्र में खिचाव का बड़ा कारण है इसका बंपर रिटर्न। भले ही बिटक्वॉइन में इस समय गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन पिछले साल के मुकाबले अब इस बार लोगों को 400 फीसदी ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। रिसर्च के मुताबिक भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टो में 40 बिलियन डॉलर यानी करीब 3 लाख करोड़ का निवेश किया है।

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