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Etizola

Etizola डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। यह दवाई खासतौर से चिंता, पैनिक अटैक और विकार के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा Etizola का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है।

Etizola को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

इनके अलावा Etizola के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Etizola के ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इलाज के पूरा होने के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें।

इसके अलावा Etizola का प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए गंभीर है और जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन पर इसका प्रभाव हल्का है। आगे Etizola से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Etizola का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।

अगर आपको पहले से काला मोतियाबिंद, मायस्थीनिया ग्रेविस, रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम जैसी कोई समस्या है, तो Etizola देने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Etizola लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।

इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Etizola कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें।

उपरोक्त सभी जानकारीयों के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि ड्राइविंग करते समय Etizola दवा लेना असुरक्षित है। यह भी ध्यान रखें कि इस दवा की लत नहीं लग सकती है।

MG ZS EV 2021: फीचर्स तो शानदार, लेकिन फुल चार्ज में कितना चलेगी?

एमजी मोटर्स भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री करने वाली चुनिंदा कंपनियों में से एक हैएमजी मोटर्स भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री करने वाली चुनिंदा कंपनियों में समीक्षा 24 विकल्प से एक हैएमजी मोटर्स भारत में

MG ZS EV 2021: फीचर्स तो शानदार, लेकिन फुल चार्ज में कितना चलेगी?

एमजी मोटर्स भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री करने वाली चुनिंदा कंपनियों में से एक है। एमजी हेक्टर एसयूवी के जरिए भारत में एंट्री करने वाली इस कंपनी ने अपने दूसरे मॉडल के रूप में एमजी जेडएस ईवी (MG ZS EV) को उतारा था। कंपनी ने पिछले साल फरवरी में इसे बैड़ी बैटरी और बेहतर ग्राउंड क्लियरेंस के साथ अपडेट भी किया। हमने इस गाड़ी को कुछ दिन अपने पास रखा है और आपसे इसका ड्राइव एक्सपीरियंस शेयर करने जा रहे हैं।

एक्सटीरियर और डिजाइन
लुक्स की बात करें तो यह आपको पूरी तरह SUV जैसी तो नहीं लगेगी। इसका लुक एक क्रॉसओवर जैसा है। इसमें आगे की तरफ क्रोम हाईलाइट्स वाली ग्रिल दी गई, जिसके बीच में MG का लोगो बना है। इसमें LED के साथ स्लीक हेडलैंप्स हैं, जिन्हें कंपनी ने लंदन आए इंस्पायर्ड (London Eye Inspired) कहा है। गाड़ी का ग्राउंड क्लियरेंस 177mm है, जो एक एसयूवी कहे जाने के लिहाज से थोड़ा कम है। हालांकि कंपनी ने एक स्मार्ट मूव यह किया कि बैटरी को ग्राउंड से 205mm ऊपर प्लेस किया है। इसमें 17 इंच का अलॉय व्हील मिलते हैं, जो दिखने में काफी आकर्षक हैं। पीछे भी आकर्षक LED टेललैंप्स मिलते हैं। कार में 470 लीटर का बड़ा बूट स्पेस मिलता है।

इंटीरियर और फीचर्स
MG ZS EV में एक 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट दिया गया है। यह काफी बेसिक इंफोटेनमेंट सिस्टम नजर आता है, लेकिन ढेर सारे इनफॉर्मेशन के साथ आता है। होमपेज पर ही आपको मौसम का हाल, बची हुई बैटरी और रेंज, म्यूजिक और नेविगेशन जैसी जानकारी मिल जाती है। इसमें म्यूजिक के लिए Gaana समीक्षा 24 विकल्प ऐप भी प्री-इंस्टॉल मिलता है। हालांकि म्यूजिक सिस्टम बहुत प्रभावित करने वाला नहीं है। इसकी सीट्स सच में बेहद आरामदायक हैं।

इसमें एक डुअल-पैन पैनोरमिक सनरूफ दिया गया है, जो दिखने में पूरी रूफ समीक्षा 24 विकल्प के बराबर है। इसे कंट्रोल करने के लिए भी एक शानदार बटन मिलता है, जिसे आप रोटेट करके सनरूफ खोल पाते हैं। इसके अलावा, रेन-सेंसिंग वाइपर, क्रूज़ कंट्रोल, पावर्ड ड्राइवर सीट, इनबिल्ट एयर प्योरिफायर और वॉयस कमांड जैसे फीचर्स दिए गए हैं। सेफ्टी के लिए एबीएस, ईबीडी, इलेक्ट्रिक पार्किंग ब्रेक, हिल स्टार्ट/डिसेंट असिस्ट, छह एयरबैग और रियर पार्किंग कैमरा जैसे फीचर्स मिलते हैं।

चार्जिंग और रेंज
पेट्रोल या डीजल गाड़ी के मुकाबले में जो मजा आपको इलेक्ट्रिक में मिलता है, वह MG ZS EV में भी आप महसूस कर सकते हैं। इसमें इसका गियर नॉब सिलेक्टर भी आकर्षक लगा, जिसे रोटेट करके आप रिवर्स (R), नूट्रल (N) और ड्राइव (D) में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। पार्किंग मोड में डालने के लिए आपको इसे प्रेस करना होगा और पार्किंग ब्रेक भी खुद ब खुद लग जाएंगे।

एमजी जेडएस ईवी में 44.5 का बैटरी पैक दिया गया है। पावर फिगर की बात करें तो यह 143PS और 353Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करती है। कंपनी दावा करती है कि यह फुल चार्ज में 419 किलोमीटर तक की रेंज ऑफर करेगी। जाहिर तौर पर रियल वर्ल्ड में यह संभव नहीं है। जब यह गाड़ी हमें मिली तब इसमें 90 फीसदी समीक्षा 24 विकल्प बैटरी बाकी थी। हमने इसे करीब 120 किलोमीटर ड्राइव किया, जिसमें हाईवे और सिटी ट्रैफिक दोनों तरह की परिस्थितियां शामिल थीं।

इसमें 3 ड्राइव मोड- ईको, नॉर्मल और स्पोर्ट्स मिलते हैं। हमने अधिकतर समय नॉर्मल और कुछ समय ईको में चलाया। इससे बैटरी घटकर 50 फीसदी रह गई। यानी 40 फीसदी बैटरी में हम लगभग 120KM चल पाए (बिना AC)। यानी यह फुल बैटरी में हमें कुल 300 किलोमीटर की रेंज दे सकती है। यह रेंज स्पोर्ट्स मोड में और भी घट जाएगी। चार्जिंग की बात करें तो डीसी फास्ट चार्जर से बैटरी को 50 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज किया जा सकता है। सामान्य एसी चार्जर को फुल चार्ज होने करने में लगभग 6-8 घंटे का समय लगता है। जबकि आप ZS EV को थ्री-वे प्लग के जरिए भी चार्ज कर सकते हैं, जिसमें लगभग 18-19 घंटे लगेंगे।

कीमत और मुकाबला
MG ZS EV दो वेरिएंट- Excite और Exclusive में आती है। जिनकी कीमत क्रमश: 21.49 लाख रुपये और 25.18 लाख रुपये (समीक्षा 24 विकल्प एक्स-शोरूम) है। इसका सीधा मुकाबलाहुंडई कोना ईवी के साथ है, जिसकी कीमत 23.79 लाख रुपये से 23.97 लाख रुपये है। एमजी की इलेक्ट्रिक कार पहले Kona से ज्यादा किफायती थी, लेकिन अब टॉप मॉडल अब महंगा हो गया है। इससे कहीं किफायती टाटा नेक्सॉन ईवी भी जेडएस ईवी को इन-डायरेक्ट मुकाबला देती है। हमारी नजर में यह इलेक्ट्रिक कार ऐसे लोगों के लिए बढ़िया रहेगी जो दिल्ली-एनसीआर या ऐसे ही किसी मेट्रो शहर में रहते हैं। साथ ही लॉन्ग ट्रिप पर जाने के लिए उनके पास पहले से कोई वाहन मौजूद है। हालांकि 200-300 KM की रेंज में आप इससे भी पहुंच जाएंगे, लेकिन वापसी के लिए आपको लंबी चार्जिंग करनी होगी।

Avatar-The Way Of Water Review: समुद्र की गहराइयों में दबा मोती जैसे, कहीं और नहीं मिलेगा यह पैसा वसूल अनुभव

James Cameron Movie: 2022 का अंत अगर आप किसी शानदार फिल्म से करना चाहते हैं, तो अवतारः द वे ऑफ वाटर एक शानदार विकल्प है. लंबे समय से अगर आपको कोई पैसा वसूल सिनेमाई अनुभव नहीं हुआ है, तो आपको यह फिल्म देखनी चाहिए. सिनेमा के नए शिखर देखने की चाह हो तब भी इसके अलावा कोई दूसरी फिल्म आस-पास नहीं है.

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New Hollywood Film: किसी फिल्म के सीक्वल का इंतजार तभी होता है, जब लोग उससे दिल से कनेक्ट हों. निर्माता-निर्देशक-लेखक जेम्स कैमरून की अवतार 13 साल पहले आई थी और आज उसका सीक्वल रिलीज हुआ है. फिल्म के बारे में एकदम कम शब्दों में इतना ही कह सकते हैं कि जरूर देखें. दशकों में ऐसी फिल्म बनती है और इस फिल्म को बनाने में एक दशक से ज्यादा लगा है. ऐसे समय जबकि बॉलीवुड के सितारे चार महीने में फिल्म की शूटिंग पूरी कर लेते हैं, निर्देशक छह-आठ महीने में फिल्म बना कर किसी ओटीटी को बेच देते हैं, अवतारः द वे ऑफ वाटर समुद्र की गहराइयों में दबे मोती की तरह है. फिल्म अपने आप में एक अलग अनुभव है, न केवल अनूठे और कल्पनातीत दृश्यों के लिए बल्कि उन नैतिक बातों के लिए भी, जो दुनिया को नियंत्रित करने वालों के विचारों में कम से कमतर होती जा रही हैं. जो पूरी पृथ्वी को अपने स्वार्थ के लिए निचोड़ लेना चाहते हैं. फिल्म ऐसे विचारों को बचाती और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाती है. संभवतः सिनेमा की सार्थकता भी इसी में है.

कहानी अवतार 2 की
अवतार 2 की कहानी हमारी गणना के हिसाब से भविष्य में कहीं पैंडोरा ग्रह पर भी करीब दस साल आगे बढ़ चुकी है. जहां सली दंपति (जैक और नैतिरी) के अब चार बच्चे हैं. जैक के नेतृत्व में पैंडोरा पर रहने वाले नावी जंगलवासियों का जीवन संतुलित ढंग से बढ़ रहा है, लेकिन तभी एक बार फिर पृथ्वी वाले आकाशवासी पैंडोरा पर हमला कर देते हैं. अवतार में मारे गए कर्नल मिल्स क्वात्रिच (स्टीफन लैंग) समीक्षा 24 विकल्प का पुरानी यादों से लैस नया क्लोन हर हाल में जैक सली (सैम वर्थिंगटन) और नैतिरी (जो साल्डाना) से बदला लेने लौटता है. वह जैक को खत्म करना या कैद करना चाहता है क्योंकि जैक ने इंसानों से धोखा किया और पूरी तरह नावी बन गया. जैक हिंसा अथवा युद्ध टालने के लिए जंगलवासियों के बीच से एक नया मुखिया बना कर समुद्री तटों की तरफ निकल जाता है. मगर कर्नल मिल्स हर हाल में सली और उसके परिवार को ढूंढने में लगा है. समुद्री तट पर सैकड़ों द्वीप हैं, और यहां मैटकायिना में सली के परिवार को शरण मिलती है. लेकिन कर्नल मिल्स सली को ढूंढते हुए यहां भी आ पहुंचता है.

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संघर्ष और सत्य
अवतार 2 का पहला हिस्सा जंगलों से शुरू होता है और धीरे-से समुद्र की दुनिया में आ जाता है. यहां समुद्री जीवों से नावी लोगों के संबंधों के साथ पैंडोरा ग्रह की व्हेल, कहानी का अहम हिस्सा बनती हैं. इस कहानी में मानवीय गुणों की इतनी बातें हैं कि आप भूल जाते हैं कि जो संघर्ष चल रहा है वह धरतावासियों और दूसरे ग्रह के लोगों के बीच हैं. आप सहज ही खुद को सत्य की तरफ खड़ा महसूस करते हैं, जो दूसरे ग्रहवासियों की तरफ है. फिल्म बार-बार याद दिलाती है कि कुछ लोगों के लालच ने पृथ्वी को इंसानों के लायक नहीं रहने दिया और अब वे दूसरे ग्रह तथा वहां के शांतिप्रिय निवासियों का जीना हराम कर रहे हैं. अवतार 2 में पृथ्वी से पैंडोरा पहुंचा, व्हेल का शिकार करने वालों का एक समूह है. ये लोग व्हेल की हत्या करते हैं क्योंकि उसके मस्तिष्क में ऐसा रसायन है, जो धरती के इंसानों की उम्र को बढ़ने से रोक देता है. जिसका कारोबार अरबों-खरबों में है.

एक अलग ही दुनिया
अवतार 2 की कहानी भले ही मानवीय हो, लेकिन इसका कैमरावर्क और वीएफएक्स इसे दूसरी ही दुनिया की चीज बना देते हैं. फिल्म भले कहे की तकनीक के विकास के साथ इंसानों ने पृथ्वी को रहने लायक नहीं रखा, लेकिन जेम्स कैमरून सिनेमा की तकनीक के सहारे सिनेमा की कला को नए शिखर प्रदान करते हैं. जिन बॉलीवुड वालों को लगता है कि सिनेमा सिर्फ पैसा कमाने का साधन है और उसका कला से कोई संबंध नहीं रह गया, अवतारः द वे ऑफ वाटर जैसा सिनेमा उन्हें बौना साबित करता है. सिनेमा सिर्फ पैसे से नहीं बनता और सिनेमा सिर्फ पैसा बनाने के लिए नहीं है. जेम्स कैमरून समीक्षा 24 विकल्प अपने सिनेमा से लक्ष्मी और सरस्वती दोनों को सजीव करते हैं. फिल्म के रूप में अवतार जितनी चमत्कृत करती है, कहानी और संवादों के स्तर पर उतनी ही दिल को छूती है. इसके एक्टर सधे हुए हैं. अच्छी कहानी हो तो आपको सितारों की जरूरत नहीं. आप भले ही अवतार के कलाकारों को न पहचानें, परंतु फिल्म शुरू होते ही आप उनसे जुड़ जाते हैं.

कोई और रास्ता नहीं
अवतार 2 में कुछ बातें जरूर खटक सकती है. कुछ दृश्यों की लंबाई तथा थोड़ा दोहराव. फिल्म का तीन घंटे 12 मिनट का होना. निर्णायक लड़ाई में समुद्री तटों वाले मैटकायिना के सारे निवासी जब सली परिवार के साथ कर्नल मिल्स और उसकी फौज के खिलाफ मैदान में उतर आते हैं, तो वे बीच में ही कहां गायब हो जाते हैं. यह फिल्म में बिल्कुल स्पष्ट नहीं होता. कुछ मिनटों बाद सारी जंग सिर्फ सली परिवार और कर्नल मिल्स के बीच सिमट जाती है. फिल्म बताती है कि हिंसा के विरुद्ध हिंसा इस्तेमाल करने से शांति नहीं आती. लेकिन कभी-कभी कोई और रास्ता भी नहीं बचता. अवतार 2 थ्री डी और टू डी में उपलब्ध है. इसके टिकटों की दर सामान्य फिल्मों से अधिक है. लेकिन तब भी यह पैसा वसूल फिल्म है.

निर्देशकः जेम्स कैमरून
सितारेः सैम वर्थिंगटन, जो साल्डाना, स्टीफन लैंग
रेटिंग ***1/2

एक महिला को अपने प्रजनन विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक आयाम है: कर्नाटक हाईकोर्ट

एक महिला को अपने प्रजनन विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक आयाम है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि एक महिला को अपनी प्रजनन विकल्प का उपयोग करने का अधिकार "व्यक्तिगत स्वतंत्रता" का एक आयाम है, जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत समझा जाता है और उसे अपनी शारीरिक अखंडता की रक्षा करने का पवित्र अधिकार है।

जस्टिस एनएस संजय गौड़ा की सिंगल जज बेंच ने कहा, "एक महिला को अपने शरीर पर अवांछित घुसपैठ को सहन करने और उस घुसपैठ के परिणामों को सहन करने के लिए मजबूर करने का कार्य संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत "व्यक्तिगत स्वतंत्रता" के उसके अदृश्य मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन होगा।"

अदालत एक ऐसे मामले से निपट रही थी जहां चिकित्सक ने 16 साल की बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था को समाप्त करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि यह एमटीपी एक्ट, 1971 की की धारा 3 में निर्धारित 24 सप्ताह से अधिक हो गई थी।

याचिकाकर्ता ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर आग्रह किया था कि उसे अपराध का बोझ ढोने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और उसे उस बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है जो उसकी इच्छा के विरुद्ध गर्भ धारण किया गया है।

अदालत ने याचिका की अनुमति देते हुए कहा, "नाबालिग लड़कियों पर किए गए बलात्कार के मामलों में, हालांकि 1971 के अधिनियम के तहत निर्धारित कुछ वैधानिक सीमाएं हैं, वे अनिवार्य रूप से केवल चिकित्सकों पर लागू होंगी। ऐसे मामलों में, गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की आवश्यकता पर संवैधानिक न्यायालयों द्वारा पूरी तरह से अलग रोशनी में विचार और जांच की जानी चाहिए।"

एमटीपी एक्ट की धारा 3 (2) (ए) और 3 (2) (बी) का जिक्र करते हुए कहा, जो 20 सप्ताह से अधिक और 24 सप्ताह से अधिक के मामलों में गर्भावस्था को समाप्त करने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है, अदालत ने कहा, "इस प्रकार यह स्पष्ट है कि कानून गर्भवती महिला के मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चोट का एक वैधानिक अनुमान बनाता है यदि वह आरोप लगाती है कि गर्भावस्था एक कथित बलात्कार के कारण हुई थी।"

यह देखते हुए कि अधिनियम 24 सप्ताह के बाद चिकित्सकों द्वारा गर्भावस्था को समाप्त करने का प्रावधान नहीं करता है, भले ही महिला ने बलात्कार के कारण गर्भवती होने का आरोप लगाया हो अदालत ने कहा, "यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि एक नाबालिग जिसके साथ बलात्कार किया गया है और इसके कारण गर्भवती हो गई है, उसे न केवल अपराध का शिकार होने के लिए मजबूर किया जाएगा, बल्कि उस पर किए गए अपराध का बोझ उठाने के लिए भी मजबूर किया जाएगा। उसे एक बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर करके, जिसका गर्भाधान, उसके प्रजनन विकल्प के अभ्यास के कारण नहीं था।"

अदालत ने कहा, "किसी कानून में लगाई गई वैधानिक सीमाएं उच्च न्यायालयों की संवैधानिक शक्ति के प्रयोग में बाधा या प्रतिबंध नहीं हो सकती हैं। इस संवैधानिक शक्ति का प्रयोग स्पष्ट रूप से शायद ही कभी, कम से कम और असाधारण रूप से किया जाएगा, और परिस्थितियों और स्पष्ट रूप से प्रत्येक मामले के तथ्यों पर निर्भर करेगा।"

अधिनियम की धारा 3 (2बी) का उल्लेख करते हुए, जिसमें चिकित्सक द्वारा गर्भधारण की अवधि के समय की प्रयोज्यता को शामिल नहीं किया गया है, यदि बोर्ड द्वारा निदान की गई किसी भी महत्वपूर्ण भ्रूण संबंधी असामान्यताओं के निदान के लिए समाप्ति की आवश्यकता होती है, तो अदालत ने कहा, "1971 का अधिनियम उन गर्भधारण को समाप्त करने के लिए एक पूर्ण रोक नहीं बनाता है जो अधिनियम की धारा 3 (2) (बी) में निर्धारित 24 सप्ताह की अवधि से भी आगे निकल गए हैं।"

इसके अलावा, इसने अधिनियम की धारा 5 का उल्लेख किया और कहा, "अधिनियम, वास्तव में, गर्भावस्था की अवधि के संदर्भ के बिना या उन्हें संचालित करने के लिए आवश्यक पूर्व शर्तों के संदर्भ के बिना, एक चिकित्सक द्वारा गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देता है, यदि गर्भावस्था को जारी रखना गर्भवती महिला के जीवित रहने के लिए जोखिम का गठन करता है।"

जिसके बाद अदालत ने कहा, "16 साल के बच्चे के भावी जीवन पर गर्भावस्था जारी रखने के परिणाम काफी गंभीर और सम्मानजनक जीवन के लिए हानिकारक होंगे जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत विचार किया गया है।"

कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड द्वारा पेश की गई राय को भी देखा जिसमें गायनोकोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट और अन्य डॉक्टर शामिल थे और कहा, "मेरे विचार में, ऊपर बताई गई परिस्थितियों और मेडिकल बोर्ड द्वारा दी गई विशिष्ट राय को देखते हुए, याचिकाकर्ता ने गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए निर्देश जारी करने का मामला बनाया।"

तदनुसार अदालत ने निर्देश दिया कि, "दूसरा प्रतिवादी (जिला स्वास्थ्य सर्जन, बेलगावी), मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के प्रावधानों और की बोर्ड की राय को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति को तुरंत सुनिश्चित करे। "

केस शीर्षक: कुमारी डी बनाम कर्नाटक राज्य

केस नंबर: WPNo.104344/2021

आदेश की तिथि: 17 नवंबर 2021

उपस्थिति: याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट शरद वी मखदूम; प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता वीएस कालासुरमठ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी त्यौहारों को देखते हुए लोगों से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी त्यौहारों को देखते हुए लोगों से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की
#narendramodi,#PM,#primeministerofindia,#todayindialive,#todayindia24,covid,covidnews,covidupdate

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश में कोविड स्थिति, संक्रमण से निपटने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य बुनियादी ढांचे की तैयारियों और टीकाकरण अभियान की स्थिति के आकलन के लिए कल एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की। कुछ देशों में कोविड संक्रमण में तेज़ी आने के बाद यह बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने आगामी त्‍यौहारों को देखते हुए प्रत्‍येक व्यक्ति से कोविड मानकों का पालन करने का अनुरोध किया है।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से हवाई अड्डों पर निगरानी उपायों पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हुए कहा कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने राज्यों को कोविड समर्पित संस्थानों में बुनियादी ढांचे की तैयारी, ऑक्‍सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन उत्‍पादन संयंत्र, वेंटिलेटर और मानव संसाधन की तैयारियों की जांच करने को कहा और परीक्षण और जिनोम सिक्‍वेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। राज्‍यों को भी प्रतिदिन के आधार पर कोविड जांच नमूने भेजने को कहा।

प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि दवा, टीके और अस्‍पतालों में बिस्‍तरों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता है और आवश्‍यक दवाओं और इनकी कीमतों पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी। नसीम की रिपोर्ट के साथ समाचार कक्ष से विजयलक्ष्मी कासोटिया।

देश में कल समाप्त हुए सप्ताह में कोविड संक्रमण दर शून्‍य दशमलव एक चार प्रतिशत रह गयी है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉक्‍टर मनसुख मांडविया, नागरिक उड्यन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।
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