एंजेल निवेशक स्वतंत्र रूप से या बड़े सिंडिकेट के रूप में जाना जाता है । देवदूत निवेशकों को तालिका में कितना पैसा ला सकते हैं, इस संदर्भ में, यह सामान्य निवेश के लिए $ 25,000 से $ 100,000 तक नहीं है। कुछ उदाहरणों में, स्वर्गदूत निवेशक स्टार्टअप की सहायता के लिए और भी बड़ी रकम के साथ भाग लेने के लिए तैयार हो सकते हैं।

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स्टार्टअप इंडिया पहल I

स्टार्टअप इंडिया पहल की घोषणा 15 अगस्त, 2015 को भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा की गई थी। इस प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना है जो सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा। इसके अलावा, 16 जनवरी, 2016 को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा स्टार्टअप इंडिया के लिए एक कार्य योजना का शुभारंभ किया गया था। इस कार्य योजना में “सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग”, “निधियन सहायता और प्रोत्साहन” और “उद्योग शैक्षणिक भागीदारी और इन्क्युवेशन” जैसे क्षेत्रों में फैले 19 कार्य मदें शामिल हैं।

भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया पहल के विजन को वास्तव में साकार करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत पर्याप्त प्रगति की गई है, जिसने पूरे देश में उद्यमशीलता की भावना को जगाया है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) का अन्य सरकारी विभागों के साथ स्टार्टअप इंडिया पहल के कार्यान्वयन का समन्वय अनिवार्य है।

स्टार्ट-अप इंडिया स्कीम की पात्रता

भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्टार्ट-अप इंडिया योजना 16 जनवरी 2016 को शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप के लिए आसान फाइनेंसिंग विकल्प प्रदान करना है क्योंकि ये संस्थाएं औपचारिक लोन लेने में कठिनाई का सामना कर सकती हैं. यह स्कीम एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को रु. 10 लाख से रु. 1 करोड़ के बीच फंडिंग प्रदान करती है. हालांकि, सख्त मानदंडों पर विचार करते हुए, यह संभावना है कि कई लोग इस स्कीम के तहत पात्र नहीं होंगे. ऐसे मामलों में, बजाज फिनसर्व प्रॉपर्टी पर लोन का एक और व्यवहार्य विकल्प है.

इस साधन के साथ, उधारकर्ता सभी प्रकार के बिज़नेस खर्चों को फंड करने के लिए 5 करोड़* तक की राशि का लाभ उठा सकते हैं. लोन की कई विशेषताएं हैं, जैसे 18 वर्ष तक की सुविधाजनक अवधि, प्रतिस्पर्धी ब्याज़ दर, न्यूनतम डॉक्यूमेंटेशन आवश्यकता, आसान मानदंड और अप्रूवल के 72 घंटों* के भीतर तुरंत डिस्बर्सल. इस ऑफर के साथ फंड एक्सेस करने के लिए, पात्रता मानदंडों को पूरा करें, डॉक्यूमेंट सबमिट करें और ऑनलाइन अप्लाई करें.

स्टार्टअप के लिए निवेश चाहिए ? तो यह खबर आपके लिए ही है | INVESTMENT FOR STARTUP

भोपाल। दो स्टार्टअप कंपनियों में निवेश के बाद आरपी-संजीव गोयनका समूह (RPSG) की इकाई सीईएससी वेंचर्स (CESC VENTURES) देश के सभी भागों में कई और स्टार्टअप (START-UP) में निवेश (INVETMENT) की संभावना तलाश रही है। सीईएससी मुख्य रूप से FMCG क्षेत्र में संभावनाएं देख रही है।

यहां अपनी पहली सालाना आम बैठक (AGM) के अवसर पर सीईएससी वेंचर्स के निदेशक शाश्वत गोयनका (SHASHWAT GOENKA DIRECTOR CESC VENTURES) ने कहा, 'हम मुख्य रूप से एफएमसीजी वर्टिकल (FMCG VERTICAL) से 10-20 स्टार्टअप में निवेश की संभावना तलाश रहे हैं। मौजूदा समय स्टार्टअप में निवेश कैसे करें में हम एक उद्यम पूंजीपति के तौर पर अपनी हैसियत बनाए रखना चाहते हैं और हमारा इरादा उन कंपनियों के अधिग्रहण का नहीं है जिनमें निवेश कर रहे हैं।'

एंजेल निवेश बनाम क्राउडफंडिंग: अपने स्टार्टअप के लिए पैसे कैसे जुटाएं?

पूंजी जुटाना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, स्टार्टअप में निवेश कैसे करें जो किसी भी स्टार्टअप का सामना कर सकती है, लेकिन सौभाग्य से, उद्यमियों के पास एक से अधिक विकल्प हैं कि वे जिस फंडिंग की जरूरत है उसे प्राप्त कर सकें। एंजेल निवेशकों की तलाश के अपने फायदे हैं, लेकिन क्राउडफंडिंग फिर से परिभाषित कर रही है कि कैसे भागती हुई कंपनियां जमीन से बाहर निकलती हैं । दोनों के पास अपने पेशेवरों और विपक्ष हैं, और यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे गोताखोरी करने से पहले आपके स्टार्टअप के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

सामान्य परी निवेशक एक उच्च-निवल मूल्य वाला व्यक्ति है जिसे नई कंपनियों के विस्तार में मदद करने में रुचि है। ये मान्यता प्राप्त निवेशक कंपनी में एक इक्विटी हिस्सेदारी के बदले में बीज धन के साथ स्टार्टअप प्रदान करते हैं । यहां विचार यह है कि एक बार जब कंपनी लाभदायक हो जाती है, तो परी निवेशक लाभ के लिए अपने शेयर बेच सकते हैं।

क्राउडफंडिंग का उपयोग पूंजी जुटाने के लिए

  • फंडिंग के लिए इक्विटी आधारित होना जरूरी नहीं है। जबकि स्टार्टअप एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इक्विटी का उपयोग कर सकते हैं, पूंजी जुटाने के लिए कंपनी में किसी भी स्वामित्व नियंत्रण को छोड़ना आवश्यक नहीं है। कुछ प्लेटफ़ॉर्म आपको फंडिंग उत्पन्न करने के लिए पुरस्कार-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपका स्टार्टअप किसी विशिष्ट उत्पाद को बनाने पर केंद्रित है, तो आप उस उत्पाद को अपने निवेशकों के लिए उपलब्ध करा सकते हैं, उसे आम जनता से बाहर करने से पहले।
  • निवेशकों को आकर्षित करना आसान हो सकता है। परी निवेशकों को बोर्ड पर लाना एक समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है क्योंकि इसमें आमतौर पर आपके स्टार्टअप की अवधारणा को कई बार पिच करना शामिल होता है। दूसरी ओर, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म, स्टार्टअप को एक स्थान पर अपनी पिच पोस्ट करने की अनुमति देकर प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है जहां इसे निवेशकों की एक विस्तृत श्रृंखला द्वारा देखा जा सकता है। प्रसिद्ध किकस्टार्टर प्लेटफ़ॉर्म के अलावा, अन्य क्राउडफंडिंग वेबसाइटें ऐसी सुविधाएँ पेश करती हैं जो आपके स्टार्टअप को अपने धन उगाहने वाले लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करने के लिए आदर्श हो सकती हैं।
  • Crowdfunding दृश्यता बढ़ा सकती है। मार्केटिंग किसी भी स्टार्टअप के बजट का एक बड़ा हिस्सा खा सकती है, लेकिन फंड जुटाने के लिए क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करना शब्द फैलाने का एक कम लागत वाला तरीका है। जब एक क्राउडफंडिंग अभियान अपेक्षाकृत जल्दी से वित्त पोषित होता है, तो यह संदेश भेजता है कि स्टार्टअप एक देखने के लिए है। यह ब्रांड की दृश्यता को बढ़ा सकता है और बाद के फंडिंग राउंड के लिए अतिरिक्त निवेशकों को आकर्षित करने में मदद कर सकता है।

शेयर बाजार में करना चाहते हैं निवेश तो मुनाफा कमाने के हैं ये 5 सीक्रेट

शेयर बाजार में करना चाहते हैं निवेश तो मुनाफा कमाने के हैं ये 5 सीक्रेट

पहले लोग शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश को जुआ खेलने के सामान मानते थे-अब ये पुरानी बात है. अब जैसे-जैसे लोगों की फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ रही है, लोग फिक्स्ड डिपाजिट के अलावा कई और निवेश के विकल्पों की तरफ ध्यान दे रहे हैं. कई स्टार्टअप आने की वजह से करोड़ो नये लोग मार्केट से जुड़े हैं और बाजार में अपनी भागेदारी लगातार बढ़ा रहे हैं. लेकिन एक आम निवेशक को शेयर बाजार में निवेश से पहले इन बातों पर ध्यान देना चाहिए.

सही सेक्टर चुनना सबसे जरुरी

अगर आप मार्केट में नये हैं, तो आपके लिए सही सेक्टर का चयन सबसे महत्वपूर्ण है. सही सेक्टर चयन करने के लिए पहले ये समझने की कोशिश करें कि अभी या आने वाले दिनों में किस सेक्टर की ग्रोथ सबसे ज्यादा होगी. आप अपने अगल-बगल हो रही चीजों को ध्यान से ऑब्जरव करके पता लगाने की कोशिश कर सकते हैं अभी कौन सा सेक्टर सबसे अधिक डिमांड में है.

उदहारण के लिए अगर आपको लगता है हमलोग डिजिटल दुनिया की तरफ बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और आने वाले दिनों में लगभग सभी चीजें डिजिटल हो जाएगी. ऐसे में आप निवेश के लिए IT सेक्टर के स्टॉक्स पर स्टार्टअप में निवेश कैसे करें रिसर्च करेंगे. वहीं, अगर आपको लगता हैं आने वाले दिनों में देश में कई कारखाने, इमारतों का निर्माण होगा, तो आपको इंफ्रास्ट्रक्चर स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए. मार्केट एनालिस्ट की माने तो अभी के समय के अनुसार भारत में IT, मेटल और इंफ्रास्ट्रक्चर समेत सभी सेक्टर में ग्रोथ की आपार संभावना है.

कंपनी के बिजनेस को अच्छे से समझें

नये रिटेल निवेशक को कभी भी टेलीविजन या कहीं और से मिले टिप पर खरीदारी नहीं करनी चाहिए. किसी भी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले उसके बिजनेस को समझना बहुत जरुरी है. शेयर खरीदने से पहले हमेशा कंपनी के बारे में डिटेल से पढ़े. कंपनी क्या करती है, कंपनी अपने कारोबार से कितना मुनाफा बना रही है, बाकी पियर्स (उसी सेक्टर की दूसरी कंपनियों) की तुलना में ये कंपनी क्यों सबसे अच्छी है, निवेश का डिसिजन लेने से पहले ऐसी तमाम बाते खुद से जरूर पूछे.

कंपनी के फाइनेंशियल को देखकर आप कंपनी के बारे में बहुत चीज चीजें पता कर सकते हैं. हर कंपनी साल में 4 बार (तीन-तीन महीनों पर) अपने तिमाही नतीजे की घोषणा करती है. कंपनी अपने क्वार्टरली रिजल्ट के माध्यम से अपने शेयरहोल्डर्स को अपने प्रॉफिट-लॉस और सारे पैसे का लेखा-जोखा देती है. किसी भी कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट आपको उस कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट पर आसानी से मिल जायेगा. कंपनी के भविष्य के लक्ष्य के बारे में जानने के लिए आपको कंपनी के इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन को देखना चाहिए.

क्योंकि कंपनी के फायदे में है आपका फायदा

सही स्टॉक चुनना का सबसे बेसिक तरीका है कि आप उन स्टॉक्स में निवेश करने की सोचे जो कंपनी अपने करोबार से लगातार अच्छा प्रॉफिट बना रही है और उम्मीद है कि आगे भी अच्छा मुनाफा बनाने में कामयाब रहेगी. चूंकि आप उस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, आप उस कंपनी के मालिक है -भले ही बहुत छोटे हिस्से के ही क्यों ना हो. इसलिए कंपनी के प्रॉफिट में आपका भी हिस्सा है. कई कंपनियों अपने शेयरहोल्डर्स को प्रॉफिट में हिस्सेदारी देने के लिए समय- समय पर डिवीडेंड (Dividend) देती हैं.

जो कंपनियां डिवीडेंड नहीं देती, लेकिन लगातार अपने बिजनेस से अच्छा मुनाफा बना रही हैं, सामान्य तौर पर आपको वैसी कंपनी काफी अच्छा रिटर्न देते दिखेगी.

5.रिस्क मैनेजमेंट भी जरुरी

आपने शायद बहुत बार पढ़ा होगा मार्केट में होने वाले फायदे से ज्यादा आपको अपने हो सकने वाले नुकसान पर ध्यान रखना चाहिए. कोई भी ट्रेड लेने से पहले उस ट्रेड के रिस्क टू रिवॉर्ड रेश्यो (Risk to Reward Ratio) को जरूर देखें.

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